वनबसा : शारदा नदी के तट पर बसा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर उत्तराखंड के चम्पावत जिले में वनबसा, एक ऐसा कस्बा है जो भारत-नेपाल सीमा पर बसा है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। टनकपुर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह ग्राम पंचायत, जनपद की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है, जहाँ लगभग 10,000+ लोग निवास करते हैं। यहाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण देखने को मिलता है, जो इस क्षेत्र को एक जीवंत सामाजिक ताने-बाने से जोड़ता है। प्रकृति और इतिहास का संगम शारदा नदी के तट पर बसा वनबसा, मैदानी और पर्वतीय संस्कृतियों का एक अनूठा मेल है। यह स्थान सदियों से पर्वतीय लोगों का प्रिय ठिकाना रहा है। पुराने समय में, जब लोग माल भावर की यात्रा करते थे, वनबसा उनका प्रमुख विश्राम स्थल था। सर्दियों में पहाड़ी लोग यहाँ अपनी गाय-भैंस चराने आते और दिनभर धूप में समय बिताकर लौट जाते। घने जंगलों के बीच बसे होने के कारण, संभवतः इस क्षेत्र का नाम "वनबसा" पड़ा। यहाँ की मूल निवासी थारू और बोक्सा जनजातियाँ इस क्ष...
मेहरबानी : काव्य संग्रह
प्रिय मित्रोंमुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कड़ी मेहनत के बाद मेरी वेबसाइट देवभूमिउत्तराखंड.com में earning शुरू हो गई है। तो इस उपलक्ष्य में एक स्पेशल थैंक्स तो आप सबके लिए बनता है। आप सभी का दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने मेरे द्वारा लिखी गई कविताएं ध्यानपूर्वक पढा और लोगों तक भी पहुंचाया। उम्मीद है यदि आप सभी का सहयोग रहा तो -3 महीनों में यूट्यूब चैनल से भी earning शुरू हो सकती हैै। तो जिसने भी मेरा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है तो सब्सक्राइब कर लें। आप सभी के सहयोग के उपलक्ष्य में इन्हीं शब्दों से प्रेरित आप सभी दोस्तों के धन्यवाद लिए मैंने एक कविता लिखी है।
जरा गौर फरमाना........।
मेहरबानी
दोस्तों,
आप सभी की मेहरबानी है,
आप लोगों से जुड़ी जिंदगानी है,
आपके प्यार और सहयोग से ,
मेरे अरमानों में तूफानी है ,
थोड़े से शब्द है, थोड़ी-सी जुबानी है
थोड़ी हकीकत है , छोटी-सी कहानी है
चुरा सकूं मैं ! वो लम्हे दुनिया से,
जो बच्चों को सुनानी है ,
दिन भी गजब के है, रातें भी सुहानी है।
कोई इंतजार करें ना करें, मेरे आंखों में रवानी है।
मंजिल मुझे मिले या आपको,
दोस्ती तो हर हाल में निभानी है ।
स्वार्थ का भावना ना रखो - मेरे यारों,
हर शख्स ! देवभूमि की रूहानी है।
दिल से शुक्रिया............. Sunil
नया साल मुबारक हो
दोस्तों देर से ही सही पर नए साल बधाई तो बनती ही है। दरअसल कविता तो मैंने पहले ही लिख दी थी लेकिन किसी कारणवश पोस्ट नहीं कर पाया तो वह नए साल की कविता कुछ इस प्रकार थी।
सफर ए जिंदगी
बीस था, बीत गया,
बीस को जाने दो,
सफर ए जिंदगी
मुबारक हो ,
कोई दोस्ती के लिए जिए,
कोई मोहब्बत के लिए जिए,
कोई ठहर गया है , कोई चल रहा है ,
गमों का सफर, फिर भी बढ़ रहा है।
सफ़र-ऐ-जिंदगी, मुबारक हो सबको।
2021 का नया साल प्यारा हो सबको।
कोई उम्मीद से हारा ,
कोई जज्बातों से हारा ,
जैसे - तैसे 2020 बीत गया,
ना कोई हमारा , ना कोई तुम्हारा।
कोई गरीबी से हारा ,
कोई नीति से हारा ,
सरकार के नुमाइंदे खुश रहे हैं,
क्योंकि 2021 है हमारा।
By : sunil
दोस्तों ! यहां पर मैं एक बात कहना चाहूंगा। आपका 2020 कैसा भी रहा हो। बीस था बीत गया तो उसे जाने दो। मैंने भी अभी शुरू किया है। आप भी कर सकते हैं , अपने लक्ष्य तक बढ़ सकते हैं। अब 2021 में नयी सांस भरो, नए इरादे करो और अपने लक्ष्य तक पहुंचने तक तब तक मत रुको । जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए । विवेकानंद जयंती पर सभी दोस्तों को हार्दिक बधाइयां।
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Awesome
जवाब देंहटाएंAwesome
जवाब देंहटाएंBahut sundarr
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