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महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (बागेश्वर) कस्तूरी मृग - उत्तराखंड का राज्य पशु  कस्तूरी मृग के महत्व को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए 2001 में राज्य पशु घोषित किया। वर्ष 1972 में कस्तूरी मृग संरक्षण के लिए केदारनाथ वन्य जीव विहार के अंतर्गत कस्तूरी मृग विहार की स्थापना की गई । और वर्ष 1974 में बागेश्वर जनपद में महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान की स्थापना की।                    महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  यह केंद्र कस्तूरी मृग संरक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित है जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है, बागेश्वर जनपद गठन से पूर्व महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना वर्ष 1974 में पिथौरागढ़ जनपद में की गई थी। किन्तु 15 सितंबर 1997 में बागेश्वर जनपद के गठन के पश्चात् वर्तमान में यह केंद्र उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में महरूढ़ी धरमघर नामक स्थान पर स्थित है।                  महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  *कुछ पुस्तकों में इसकी स्थापना का समय 1977 दिया गया है। और आयोग ने परीक्षा में यह प्रश्न अनेक बार पूछा है और आयोग द्वारा स्थापना व

Mutual fund in hindi

 म्यूचल फंड क्या है ? यदि आपके पास पैसा है तो  "पैसा निवेश करने का सर्वोत्तम विकल्प - म्यूच्यूअल फंड"। म्यूच्यूअल फंड शब्द आप सब ने सुना होगा। जिसका टीवी पर बार-बार ads आता है। पैसा निवेश करना है तो म्यूच्यूअल फंड पर करो। शायद ही कोई आम नागरिक इस पर गौर करता है। और ना तो जानने की इच्छा रखता है। लेकिन यदि आप एक समझदार और सुशिक्षित व्यक्ति हैं। तो मेरे ख्याल से आपको Mutual fund  के बारे में अवश्य ही जानना चाहिए।               मैंने अक्सर देखा है- पैसा कमाकर लोग जल्दी और ज्यादा पैसा कमाने के इरादे  से फर्जी लोगों की स्कीम में पैसा लगा देते हैं । पैसा डूब देते हैं।  और ठगी का शिकार हो जाते हैं। या फिर बैंक में फिक्स डिपॉजिट जमा करके पैसो को डबल करते हैं। जिसमें कम से कम 20 साल लग जाते हैं। और मैं यहीं पर कहूं कि केवल 5 से 10 सालों में पूरी सुरक्षा के साथ इससे अधिक पैसा कमाया जा सकता है तो कैसे? ज्यादा जानकारी के लिए पूरा  आर्टिकल पढ़ें।  वर्तमान समय में मार्केटिंग कंपनियां आसमान छू रही है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक इंसान मार्केटिंग कर सकें। मार्केटिंग मतलब product selling औ

Basic math in hindi part -3

Basic Maths in hindi part -3 नमस्कार मित्रों बेसिक मैथ के सिलसिले को बढ़ाते हुए। आज बेसिक मैथ की महत्वपूर्ण शब्दावली के बारे में जानेंगे। जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष महत्व रखती हैं। इससे पहले दो 2 क्लास आ चुकी हैं । यदि आप बेसिक मैथ के जीरो लेवल से पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें भी देख लें । और यूट्यूब वीडियो देखना चाहते हैं तो आपका अपना यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें।  IMI 2021 और शेयर भी करें। आज हम भाज्य , अभाज्य , सम, विषम  तथा सह-अभाज्य संख्याओं के साथ ही विभाजित करने के नियमों के बारे में पढेंगें। सम संख्या सम संख्या वे संख्याएं होती हैं जो 2 से पूरी तरह विभाजित हो जाती हैं जैसे - 2, 4, 6, 8 .............etc. विषम संख्या विषम संख्या वे संख्याएं होती है जो 2 से पूर्ण से विभाजित नहीं होती हैं । जैसे- 1, 3, 5, 7..…....etc भाज्य संख्या भाज्य संख्याएं वे संख्याएं होती हैं जो १ और अन्य सभी संख्याओं से भी विभाजित हो जाती है । जैसे - 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15 .............। अभाज्य संख्या  अभाज्य संख्या वे संख्याएं होती हैं जिनमें 1 के अलावा अन्य किसी संख्या से भाग नहीं जाता है। जैसे -

परिमेय संख्या । Basic math part -2

परिमेय संख्या क्या है ? Rational Number नमस्कार मित्रों बेसिक मैथ्स का पहला टॉपिक हो चुका है। जिसमें प्राकृत , पूर्ण और पूर्णांक के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। अब जिसने भी वह आर्टिकल नहीं देखा है तो वह उसे अच्छी तरह से पढ़ लें। आज का टॉपिक है - परिमेय संख्या क्या है ?  अपरिमेय संख्या क्या है ? वास्तविक संख्या क्या है ? जानेंगे। परिमेय संख्या क्या है? गणित की कक्षा 9th की किताब में पहला अध्याय परिमेय संख्या ही है । इसमें परिमेय संख्या की परिभाषा दी गई है । जिन संख्याओं को p/q   के रूप में लिख सकते हैं जहां q बराबर 0 नहीं है। तथा और q पूर्णांक हो तो वह परिमेय संख्या कहलाती हैं। जैसे - 1, 0, 1/2, 2/3, 3/4 ........... आदि।  यदि आपको पूर्णांक का अर्थ समझ आता है तो आसानी से समझ सकते हैं। कि परिमेय संख्या क्या है? परिभाषा को और सरल बनाया जाए तो हम कह सकते हैं कि जिन संख्याओं को भिन्न के रूप में लिख सकते हैं। अर्थात अंश और हर । जहां हर का मान 0 नहीं होना चाहिए। अब आपके मन में सीधा सा सवाल उठना चाहिए तो कौन सी संख्याएं हैं जिन्हें p/q के रूप  में नहीं लिख सकते हैं? तो सामान्यतः  महसूस

Basic Maths in hindi

बेसिक मैथ्स (Basic Maths) देवभूमिउत्तराखंड.com मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत है। यहां हम जीरो लेवल से मैथ सीखेंगे। ऐसा कोई परीक्षार्थी जिसने कभी मैथ नहीं पढ़ी है या जिसकी मैथ्स कमजोर है और जो प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए मैथ्स पढ़ना चाहता है । वह जीरो लेवल से यहां सीख सकता है। यहां यूट्यूब चैनल द्वारा और कहानियों के द्वारा मैथ्स सिखाई जाएगी रोचक पूर्ण तरीके से। जीरो लेवल से मैथ सीखने के लिए हमें चाहिए 1 से 100 तक गिनती और कम से कम शुरू में 10 तक पहाड़े । उम्मीद है आप सभी को इतना आता होगा यदि आपको  पहाडे नहीं आते हैं तो उनको याद करें। मैं पहले ही बता दूं पहाड़े याद करने की कोई ट्रिक नहीं होती है । जिस प्रकार आप 100 तक गिनती याद करते हैं ठीक उसी प्रकार पहाड़े भी याद कर सकते हैं इतना जरूर है कि यदि पूरा पहाड़ा याद ना हो तो आधे आधे मतलब पंजे तक याद कर सकते हैं । जैसे 9 का पहाड़ा याद करना है तो 9, 18, 27,36 ,45 तक याद करें । फिर उसके बाद शेष बचा हुआ याद करें । 1 घंटे में ही सारे पहाड़ी याद हो जाएंगे । बेहद जरूरी है पहाड़ों को याद करना । वरना मैथ आए कल्पना भी नहीं की जा सकती । अब उसके बा

सपने अधूरे हैं अभी

काव्य संग्रह  सपने अधूरे हैं अभी किताबों के साए में,  रातों के उजाले में,  जगा हूं कभी , नींद कैसे आएगी साहिब  सपने अधूरे हैं अभी। पापा के कंधों में , ममता के आंचल में  सर रखकर रोया था कभी,  कर्ज कैसे अदा करूं साहिब , सपने अधूरे हैं अभी,  बहुत-से-राही  मिले थे सफर में,  सिर्फ तुम बसे हो मेरे मन में,  सजदे सर झुकाया है तभी । कैसे बयां करूं मैं  प्रिये सपने अधूरे हैं अभी। काव्य संग्रह तुम भी कुछ लिखते हो अनसुलझे से हो तुम,  पर इतने भी कठिन नहीं । हम समझ ना सके !  बस बहके हुए हो , दुनिया के रंगों से,  बंधे हुए हो एक डोरी से,  वरना ! उड़ने की चाह,  तुम भी रखते हो । ख्याबों की डायरी में,  तुम भी कुछ लिखते हो। धैर्य से परिपूर्ण हो तुम, सादगी से जीते हो, खुश-मिजाजी अंदाज है। बातें मिठी करते हो। हमें मालूम है , तनहा जब भी होते हो, आंसुओं की स्याही से, तुम भी कुछ लिखते हो। सदियों का इंतजार, आंखों में उतर आया है, एक और साल बीत गया।  फिर नया साल आया है। जानें क्यों ऐसा होता है ढूंढता मैं सासों को, हर बार तू ही टकराया है।                                 By : sunil देवभूमिउत्तराखंड.com  आप सभी का ह

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग क्या है

 कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग  अनुबंध खेती   किसानों को डर है कि अनुबंध खेती की वजह से खेती में निजीकरण हो जाएगा । तो मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत यह सावधान है कि किसी भी हाल में कंपनी किसान की जमीन न तो खरीद-बिक्री कर सकती है और न ही गिरवी रख सकती है । इसका अर्थ यह हुआ कि किसानों के हित यहां पर संरक्षित हैं। अतः जो लोग कह रहे हैं कि  निजी कंपनियां किसानों की जमीन हथिया लेंगी।  वह बस लोगों को गुमराह कर रहे हैं, इसके अलावा और कुछ नहीं। अतः बेहद जरूरी है यह जानना की "कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग क्या है? यह कैसे काम करता है? कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के क्या लाभ है ? और इसके क्या नुकसान है? यदि दिए गए आर्टिकल को आप ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं तो स्वयं ही निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि किसानों के लिए क्या उचित है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का अर्थ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का हिंदी में अनुवाद करें तो इसका अर्थ अनुबंध या संविदा है। दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच हस्ताक्षर द्वारा किया गया समझौता अनुबंध कहलाता है। और फार्मिंग का संबंध खेती से है । अर्थात प्राथमिक क्षेत्र में आने वाली सभी क्रि

ब्रजभाषा : काव्य रचना

    ब्रजभाषा का इतिहास                             गद्य पद धीरज नहीं तो क्या कीजे?  करत कार्य सब सोए।  देर उठत आंखिन में सूजन । भोर भी दुपहर में होए। मन व्याकुल, विचलित होए चैन  लुटाए, तन  भी जलाए। मंजिल फिर भी आंख चुराए।  करत-करत प्रयास बहुतेरे  हाथ कभी - कुछ ना आए।  धीरज नहीं तो क्या कीजे?  बैरागी मन , सोचत जाए  मेरो मन  कहां सुख पाए। बार-बार ताने देत घरबारे । सजनी ! जब तुम्हारे द्वार पधारे, बदलेंगे तब दिन रैन तुम्हारे।                                                               By : sunil पद्य के बारे में प्रस्तुत सभी पंक्तियां मेरे द्वारा स्वयं लिखी गई है । जैसा कि आप सभी को पता है ।  मेरी जितनी रचनाएं होती हैं उन्हें प्रेरणा , उत्साह और जानकारी छुपी होती है । जिसके द्वारा आप को प्रेरणा भी मिलती है, उत्साह भी मिलता है ,और थोड़ी सी जानकारी भी मिलती है । जैसा कि ऊपर वर्णित कविता के सभी पद ब्रज भाषा में लिखे गए हैं। ब्रजभाषा उस समय में गद्य और पद्य की मुख्य भाषा थी । जिसका समय तेरहवीं सदी से 18 वीं सदी तक बताया जाता है। मध्यकालीन युग की सबसे विख्यात भाषा ब्रजभाषा ही थी जो कृष्ण भक्त

इंटरनेट से पैसे कैसे कमाएं ?

 वेबसाइट कैसे बनाये ?           यह कहानी एक वर्तमान समय के लालची लड़के से प्रेरित है जो इंटरनेट की दुनिया से पैसा कमाना चाहता है । यह एक सच्ची घटना पर आधारित है ।  जो भी इंटरनेट में वेबसाइट यूट्यूब अन्य सोशल मीडिया द्वारा पैसा कमाना चाहते हैं , तो उसके पास धैर्य होना जरूरी है। साथ ही विषय की पूर्ण जानकारी । तभी संभव होगा, जो कार्य आपने  प्रारंभ किया है । उस कार्य में सफलता मिल सके। लेकिन इस कहानी का मुख्य पात्र इंटरनेट पर कार्य प्रारंभ  तो कर देता है, लेकिन धीरज खो बैठता है । और जल्दी पैसा कमाने के उद्देश्य से   गलती कर बैठता है। अतः जिन व्यक्तियों में धीरज की कमी है या इंटरनेट के माध्यम से पैसा कमाना चाहते हैं , उन से विशेष अनुरोध है की कहानी पूरी पढ़ें । साथ ही इंटरनेट पर लोग पैसा कैसे कमाते हैं ? क्या करना पड़ता है? सारी प्रक्रिया को एक कहानी के माध्यम से समझ सकते हैं । भूमिका  यह कहानी एक ऐसे लड़के की है जो किशनपुर नाम के छोटे से गांव में रहता है । जिसके पिता एक साधारण किसान हैं।  बचपन से ही वह लड़का बड़े सपने, बड़ा स्कूल, बड़ा घर और बड़ी कामयाबी के बारे में सोचता रहता है।  खास बात

90's का जमाना

   काव्य संग्रह  90's का जमाना मेरी पहली कोशिश_ महसूस कर सकता हूं।  मैं वो जमाना , जहां मोहब्बत,  कागजों से शुरू हुआ करती थी,  स्याही की बूंदों से,  भीगे होते थे, अल्फाज ! मन तरंगित, हो पल्लवित  भाव-विभोर मन चंचलित हो जाता था।  चोरी-चोरी खत को लिखना।  एहसासों की एक नाव बनाकर  नव श्वेत विहग संचार करना । मैं महसूस कर सकता हूं , मैं वो जमाना  जब प्रेम पत्र आता था । मैं महसूस कर सकता हूं ,  मैं वो जमाना  जहां पैगाम,  भावों से लिखा करते था । महीनों-महीनों की बातें । शब्दों में पिरोया करते था।  नाम जब आता पिया का,  भाव विभोर मन  द्रवित हो जाता था।  मुस्कानों क बारिश आती,  जब प्रेम पत्र आता था,  बंद दरवाजा, दीप तले  खट-खट की आवाज पर,  दिल सहम-सा जाता था।  महसूस कर सकता हूं,  मैं वो जमाना ! जब प्रेम-पत्र आता था। A creative  mind : poetry book A creative mind always create better. It's doesn't matter , what can be greater. That is working every time something. Who's also know that what is creating in future .               विचार ही कविता है विचार ही कविता है,विचार ही पत्र हैै।  

कृषि ही भारत की पहचान है।

 कृषि विधेयक 2020  किसान : काव्य संग्रह कितने भोले-भाले , यह इंसान हैं ?  जो दूसरों का पेट भरे ,  ये वो किसान हैं।  धरती को यह पूजते,  करते महादान है । अक्सर सुना है मैंने,  कण-कण में भगवान है।  गरीबी में काट दिया है, जीवन  फिर भी कृषक, होने का अभिमान है । पिस रहे हैं सरकार की , अनसुलझी पहेली में , कभी सोचा है ?  इनके बिना भी कोई जहान है?  सैकड़ों वर्ष बीत गए, शासकों के शासन में,  ना अभी तक  कोई ऐसा फरमान है।  दिला सके जो,  कृषकों का  सम्मान है।  कहते तो बहुत सुना होगा ! किसान तो देश की आन है । किसान तो देश की शान है।  ए-महलों में रहने वालों  क्या आपको मालूम है?   कृषि ही भारत की पहचान है । फिर क्यों नहीं मिलता, इनको सम्मान है??? नमस्कार मित्रों इन्हीं पंक्तियों के साथ मैं सुनील सिंह राणा ।आपके समक्ष वर्तमान समय में किसानों के लिए लाए गए ।किसान बिल 2020 की चर्चा आसान भाषा में करूंगा। ताकि मेरे सभी किसान भाई  किसानों के लिए लाए गए बिल को समझने में मदद मिल सके । कृषि विधेयक 2020 के बारे में, 5 जून 2020 को एक अध्यादेश के माध्यम से दोनों सदनों में प्रस्तुत करने के बाद बिल पारित किया गया ।

सोने की चिड़िया- भारत

 मेरा देश बदल रहा है। जो-जो होना था,  वो वो हो रहा है । मानो पहले से,  लिख दिया हो । विधि के विद्वानों ने,  एक बयार चली है,  सपनों को सजाने में,  तुम स्वीकार नहीं करोगे । पर देश बदल रहा है , मोदी के दरमियानों,   बरसों की अटकलें , यूं ही हल हो गई है , मंदिर हो या मस्जिद,  या हो  देश का बॉर्डर,  बिना झगड़े के खत्म हो गई है,  एक राही पथ दो पथ  चला , रहा ना रोको परवाने की , सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत,  विश्व गुरु बनने चला । ज्यादा कुछ ना करो,  देश के होशियारों  सहयोग की भावना,  दिल में रखो । तुम स्वीकार तो , करो देश बदल रहा है। प्रस्तुत कविता देश के बदलाव का संक्षिप्त विवरण करती है ।मित्रों आप यकीन तो नहीं करोगे " देश बदल रहा है" । क्यों बदल रहा है ? तो इतिहास गवाह है जब - जब किसी देश पर ताकतवर समूह या सम्राट ने शासन किया है तब तब देश ने स्वर्णिम काल की ऊंचाइयों को छुआ है । इतिहास उठाकर देख लीजिए जब देश में मौर्य वंश(322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक ) का शासन था तो सम्राट अशोक के समय देश ने दुनिया में अपना परचम लहराया था। फिर मौर्य साम्राज्य के बाद देश में कुशल शासकों की क

काव्य रचना by sunil

   काव्य रचना                        पार्ट - 1 कभी तेरे कभी मेरे,  शब्दों के लम्हे पिरोने हैं,  बनी ऐसी काव्य रचना,  जो सभी के जीने में है,  पत्थर दिल हो गए हैं जिनके  उनके भी हृदय में , प्रेम के बीज बोने हैं।  रूठ गए हैं जो अपनों से,  टूट चुके हैं जो सपनों से । आशा की एक किरण,  जीवन में उनके सिरोने हैं। बने ऐसी काव्य रचना , जो सभी के जीने में है । एक पंक्ति तेरी हो , एक पंक्ति मेरी हो,  भावनाओं का समंदर हो , उमंगों की बारिश हो , पढ़े जो हमारी काव्य रचना,  दिल उसका भी आभारी हो।।  इश्क की गलियां                           पार्ट - 2 आसान नहीं है "इश्क की गलियां"!  यहां सजदा करना पड़ता है,  वक्त - वक्त की बात है - यारा  वक्त के आगे झुकना पड़ता है।  पहचानना उनको आसान नहीं , जिनके दिलों के राज बहुत हैं,  मिले रहा में, राही - अकेला  साथ चलने की कोशिश करना।  शायद सफर हम सफर बन जाए । मोहब्बत का कब कोई सिकंदर बन जाए।  आसान नहीं है इश्क की गलियां यहां धैर्य रखना पड़ता है । जीवन कोई गुड़िया - गुड्डे का खेल नहीं , यहां सारा गम सहना पड़ता है।  बहुत खूब होते हैं वह लोग।  जिनका खुद पर बस चलत

मेरे सपनों का भारत

       मेरे सपनों का भारत सकारात्मक सोच का नजरिया "भारत की खोज पुस्तक" सबने पड़ी होगी। उस पुस्तक के लेखक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी हैं। उन्होंने आजादी के बाद मेरे सपनों का भारत की कल्पना की थी और अपनी इच्छा अनुसार रखने की कोशिश भी की थी , इसलिए तो  और पाकिस्तान दो भागों में बंट गए । उस समय की परिस्थितियों के अनुसार उनको जैसा ठीक लगा  ।  उन्होंने किए जिनके कुछ परिणाम काफी महत्वपूर्ण साबित हुए। वहीं कुछ कदमों के चलते जम्मू-कश्मीर हाथों से आधा निकल गया। लेकिन फिर भी सब कुछ ठीक रहा उसके बाद मिसाइल मैन के नाम से कुख्यात डॉ एपीजे अब्दुल कलाम । उन्होंने भी अपनी खुली आंखों से भारत को सजाया । अब्दुल कलाम जी 2002 से 2007 के बीच भारत के राष्ट्रपति रहे और उन्होंने 2020 तक एक सक्षम भारत होने की कल्पना की थी। यूं तो सभी आज़ादी के परवानोंं- क्या महात्मा गांधी, क्या वल्लभभई पटेल और क्या विवेकानंद जी सभी ने एक महान भारत की कल्पना की और अनेकों कदम उठाएं। भारत की विकास प्रक्रिया भारत को विदेशी शक्तियों ने इतना अधिक कमजोर कर दिया था। कि 70 साल लग गए भारत को बनाते - बनाते। मै

RCEP : मेगा मुक्त व्यापार समझौता

  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी(RCEP)  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी से भारत के बाहर रहने के कारण और निहितार्थ का विश्लेषण कीजिए.  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी वैश्विक स्तर पर मेगा मुक्त व्यापार समझौता है। जिसका प्रारंभ 21 वें आसियान शिखर सम्मेलन में कंबोडिया की राजधानी नोमपेन्ह   में 2012 में हुआ था। वैश्विक स्तर में कुल जीडीपी का 30 % का योगदान करता है। एक प्रकार से यह कहा जा सकता है कि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार समझौता है। अगर इसके सदस्य देशों की बात करें तो 10 आसियान देशों तथा 5 देशों का समूह है। आस्ट्रेलिया, चीन, जापान,दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड इन सभी देशों का मानना था कि वस्तुओं एवं सेवाओं बौद्धिक संपदा ई-कॉमर्स और कम्युनिकेशन के साथ-साथ छोटे और मध्य व्यापार को बढ़ावा मिले। जिससे सभी देश आपस में एक दूसरे के बाजार में सरलता से प्रवेश कर सकें। इसीलिए प्रत्येक वर्ष सभी सदस्य दे  देश और आरसीएपी में हस्ताक्षर करते हैं।  वर्तमान समय में 15 नवंबर को 15 देशों ने वियतनाम के हनोई शहर में RCEP में हस्ताक्षर किए हैं । लेकिन भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया

What is inflation in hindi?

 मुद्रा स्फीति (Inflation)  मुद्रा स्फीति या मंहगाई क्या है? सरकार कैसे महंगाई को नियंत्रण करती है ?   What is inflation in hindi ? मंहगाई अर्थात मुद्रा स्फीति  का आशय कीमतों में वृद्धि होने के कारण मुद्रा के मूल्य में होने वाली गिरावट से है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वस्तुओं व सेवाओं के स्टॉक या उत्पादन में कमी के कारण महंगी हो जाना । मुद्रा स्फीति या महंगाई कहलाता है। जैसे - वर्तमान समय में पेट्रोल व डीजल के दाम निरंतर बढ़ते जा रहे हैं, पेट्रोल ने भारत में ₹100 का आंकड़ा छू लिया है। इससे आशा की जा रही है कि समस्त क्षेत्रों में महंगाई बढ़ने की आशंका है। यदि जल्दी से  पेट्रोल के दाम को नियंत्रण करने के लिए उपाय नहीं किये जाते है। तो देश में दौड़ती हुई मुद्रा स्थिति   आ जाएगी। जिसमें गरीबी और महंगाई को ठीक करने में एक लंबा समय लग सकता है। तो आइए जानते हैं । सरकार बढ़ते पेट्रोल के दाम को कम करने के लिए किस प्रकार कदम उठा सकती है। लेकिन उससे पहले हमें यह जानना अति आवश्यक है कि महंगाई या मुद्रास्फीति क्या है? और उसके प्रकार क्या है। प्रोफेसर हिक्स के अनुसार,  "कीमतों में निरं