वारेन हेस्टिंग्स - प्रथम गवर्नर जनरल
2016 प्रश्न पत्र -2 (इतिहास)
प्रश्न 2 (a) यह कहना कहां तक सही होगा कि भारत में क्लाइव यद्यपि अंग्रेजी साम्राज्य के संस्थापक थे । तो वारेन हेस्टिंग्स इसके प्रशासनिक आयोजक थे? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
रॉबर्ट क्लाइव के कार्य
- रॉबर्ट क्लाइव ने द्वैध शासन को जन्म दिया। बक्सर के युद्ध के बाद नजमुद्दौला को शांति व्वस्था स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी । वहीं सैन्य व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, वित्तीय व्यवस्था, यहां तक की न्याय व्यवस्था भी अपने हाथों में ले ली।
- क्लाइव द्वारा दूसरा महत्वपूर्ण कार्य व्यवस्था ठीक करने के लिए नियम बनाना था। जिसके अंतर्गत यह नियम बनाया गया। कि कोई भी सरकारी कर्मचारी उपहार नहीं लेगा अर्थात रिश्वत लेना बंद करा दिया।
- कंपनी के कर्मचारियों पर निजी व्यापार पर रोक लगा दी।
- मद्रास और बंगाल के कर्मचारियों का स्थानांतरण करने की व्यवस्था की। ताकि कोई भी अधिकारी अपना जाल ना बना सके।
- क्लाइव ने सैनिकों का दोहरा भत्ता सीमित कर दिया परिणाम स्वरूप कंपनी की आय में वृद्धि हुई। लेकिन कर्मचारियों ने विद्रोह कर दिया। 1766 में अंग्रेज कर्मचारियों के विद्रोह को श्वेत विद्रोह के नाम से जाना गया। (दोहरा भत्ता का आशय - युद्ध काल के समय सैनिक- असैनिक दोनों को अधिक धनराशि दी जाती थी)
- क्लाइव ने युद्ध के दौरान हुए अपंग और दिव्यांग सैनिकों के लिए कि क्लाइव कोष की स्थापना की।
- क्लाइव ने राजस्व संग्रह के लिए जमीदारी प्रथा को नीलामी में परिवर्तित कर दिया जिसके कारण किसानों पर शोषण बढ़ गया।
वारेन हेस्टिंग्स - प्रथम गवर्नर जनरल
1767 में क्लाइव वापस इंग्लैंड चला गया । उसके 5 साल बाद वारेन हेस्टिंग्स को बंगाल का गवर्नर बनाकर भेजा । 1773 रेगुलेटिंग एक्ट के तहत संपूर्ण बंगाल पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन हो गया। और नए पद गवर्नर जनरल की उत्पत्ति हुई। वारेन हेस्टिंग्स भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कहलाए । वारेन हेस्टिंग्स ने अनेकों प्रशासनिक सुधार किए।
वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासनिक सुधार
- 1765 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित बंगाल में सरकार की दोहरी प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
- राजस्व एकत्र करने के लिए स्वयं के सेवकों को नियुक्त किया । प्रशासन के लिए कलेक्टर नियुक्त किए।
- मोहम्मद रजा खान और राजा शितबराय जैसे नयाब सूबेदार का पद समाप्त कर दिया । इन्हें प्रशासन से बाहर कर दिया।
- कंपनी के नौकरों पर क्लाइव की तरह हेस्टिंग्स ने प्रतिबंध लगाया । बड़ी संख्या में कस्टम हाउस या चौकी देश के व्यापार के विकास में बाधा डाल रहे थे उन्हें समाप्त कर दिया।
- भू-राजस्व सुधार के लिए 1772 में 5 वर्षों वाली भूमि बंदोबस्ती व्यवस्था लागू की लेकिन वह असफल रही। इसके बाद उसने 1 साल वाली भू-राजस्व व्यवस्था लागू की।
- कोलकाता में मुद्रा छापने का टकसाल स्थापित किया।
- 1773 में बंगाल में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की। जिनकी मुख्य न्यायाधीश एलिजा इम्पे को बनाया गया अर्थात न्याय व्यवस्था में भी सुधार किया।
- 1773 में बनारस की संधि और 1775 में फैजाबाद की संधि से साम्राज्य विस्तार भी किया।
निष्कर्ष
उपयुक्त कथनों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि क्लाइव का उद्देश्य भारत में शासन करने का था। जिसे उसने बलपूर्वक और सैन्य ताकत से 1757 में प्लासी की जंग जीतकर प्राप्त कर लिया था। जरूरत थी प्रशासनिक सुधार की क्योंकि रॉबर्ट क्लाइव स्वार्थी और अनैतिक व्यक्ति था। देश में शासन व्यवस्था लागू करने के लिए हर संभव है प्रयास किए ।लेकिन उसे उचित और अनुचित का ज्ञान नहीं था । हालांकि रॉबर्ट क्लाइव ने 1765 से 1767 में प्रशासनिक सुधार करने की कोशिश की । जब 1772 में वारेन हेस्टिंग्स आए तो अनेक बदलाव हुए इसलिए प्रशासनिक आयोजक का श्रेय वारेन हेस्टिंग्स को जाता है।
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इन्हें भी जानें
प्लासी का युद्ध -1757 ( उत्तर लेखन)
Achhi kosis h
जवाब देंहटाएंWell done
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