उत्तराखंड का भू-कानून चर्चा में क्यों? हाल ही में प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी। क्या है उत्तराखंड का वर्तमान भू-कानून ? वर्तमान में लागू भू-कानून के तहत एक व्यक्ति को 250 वर्गमीटर जमीन ही खरीद सकता है। लेकिन व्यक्ति के अपने नाम से 250 वर्गमीटर जमीन खरीदने के बाद पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो ऐसे लोगों को मुश्किल आ सकती है। तय सीमा से ज्यादा खरीदी गई जमीन को सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगी। यह कानून केवल बाहरी राज्यों के लोगाें पर लागू है। उत्तराखंड के स्थायी निवासी कितनी भी जमीन खरीद सकते हैं। भू-कानून का इतिहास राज्य में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद सीमित करने के लिए वर्ष 2003 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन किया और राज्य का अपना भूमि कानून अस्तित्व में आया। इस संशोध
Uksssc secretarial Guard 2021 प्रश्न पत्र हल - समूह-ग 2021 ( सचिवालय रक्षक सुरक्षा संवर्ग) वर्ग अ (हिन्दी ) - (कुल प्रश्न -20) आज 26 सितंबर 2021 को Uksssc 2021 सचिवालय रक्षक सुरक्षा संवर्ग की परीक्षा आयोजित की गई । जिसमें 20 प्रश्न हिंदी, 40 प्रश्न उत्तराखंड , व सामान्य ज्ञान से 40 प्रश्न से पूछे गए हैं। प्रथम पृष्ठ में हिंदी के 20 प्रश्नों का उल्लेख उत्तर सहित किया गया है और सभी प्रश्नों के उत्तर की व्याख्या की गई है। Part - 1 (हिंदी) (1) शुद्ध वर्तनी है- (a) संश्लिस्ट (b) संश्लिष्ट (c) संस्लिष्ट (d) संष्लिष्ठ Answer - b (2) निम्न में से घोष वर्ण हैं - (a) ख (b) च (c) म (d) ठ Answer - (c) व्याख्या - कंपन के आधार पर हिंदी वर्णमाला के दो भेद होते हैं। घोष (सघोष) और अघोष । अघोष - जिन वर्णों के उच्चारण में आवाज की जगह केवल सांस का उपयोग होता है उन्हें अघोष वर्ण कहते हैं। जैसे - क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, श, ष, से। इन वर्गो की कुल संख्या 13 होती है। घोष - जिन वर्णों के उच्चारण में केवल आवाज उपयोग होता है उन्हें घोष या सघोष वर्ण कहते हैं । जैसे - ग, घ, ड़, ज, झ, ड, ढ, ण, द, ध, न,