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मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

देवभूमि उत्तराखंड स्थापना दिवस पर स्लोगन

उत्तराखंड स्थापना दिवस पर स्लोगन  उत्तराखंड, देवभूमि की यह पावन धरती, 9 नवंबर 2000 को अपने स्वतंत्र अस्तित्व में आई। इस अवसर पर, उत्तराखंड के समृद्ध विकास और जीवंत संस्कृति को समर्पित 30 स्लोगन और कविताएं प्रस्तुत हैं। ये रचनाएं राज्य की प्रगति, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की आशाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। 30 स्लोगन (उत्तराखंड के विकास और संस्कृति पर) “जहाँ हर पर्वत बोल उठे — पहाड़ हमारी पहचान, संस्कृति हमारा अभियान” 🌿‌ देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति से प्रेरित स्लोगन उत्तराखंड स्थापना दिवस (रजत जयंती – 25 वर्ष) विशेष स्लोगन “25 वर्षों की गौरवगाथा – देवभूमि की अद्भुत परिभाषा!” (राज्य की उपलब्धियों और पहचान का गौरव) “पर्वतों से ऊँचा हमारा मान – यही है उत्तराखंड की पहचान!” (गौरव और आत्मसम्मान का संदेश) “संघर्ष से सफलता तक का सफर – जय जय उत्तराखंड अमर!” (संघर्षशील भावना का सम्मान) “रजत जयंती का ये उत्सव महान – आओ मिलकर करें देवभूमि का सम्मान!” (सामूहिक उत्सव का आह्वान) “हर घाटी, हर गाँव में गूँजे स्वर – उत्तराखंड जिंदाबाद सदा अमर!” (लोकएकता और प्रद...

पौरव वंश का इतिहास (उत्तराखंड का इतिहास)

 उत्तराखंड का इतिहास पौरव राजवंश अल्मोड़ा जनपद के तालेश्वर नामक (वर्तमान पिथौरागढ़) स्थान से तांबे एवं अष्टधातु के अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें यह उल्लेख मिलता है कि छठी शताब्दी में ब्रह्मपुर में पौरवों का शासन था। इस वंश के प्रमुख शासकों में विष्णुवर्मन प्रथम, वृषवर्मन, अग्निवर्मन, धुतिवर्मन तथा विष्णुवर्मन द्वितीय का नाम आता है। इसके अतिरिक्त मार्कंडेय पुराण में भी पौरवों का उल्लेख मिलता है। तालेश्वर ताम्रपत्रों में कत्यूरियों की राजधानी कार्तिकेयपुर का उल्लेख एक ग्राम के रूप में हुआ है। पौरव वंश की पृष्ठभूमि  उम्मीद है आपने उत्तराखंड के इतिहास की अध्ययन सीरीज में कुणिंद वंश का इतिहास विस्तार पूर्वक पढ़ लिया होगा। जैसा कि आप जानते हैं कि उत्तराखंड में शासन करने वाली पहली राजनीतिक शक्ति कुणिंद थी जिसका सबसे शक्तिशाली शासक  अमोघभूति था। अमोघभूति की मृत्यु के पश्चात कुणिंद शासकों का विघटन प्रारंभ हो गया। जहां एक तरफ कुणिंद शासकों का साम्राज्य सिकुड़ता जा रहा था। वहीं दूसरी तरफ बाहरी शक्तियों का आक्रमण बढ़ता जा रहा था। उत्तरवर्ती कुणिंदो के समकालीन कुणिंदों के आधे भाग पर ...

Most important current affairs in Hindi 2022

       करेंट अफेयर्स 2022 May current affairs देवभूमि उत्तराखंड द्वारा most important affairs हिंदी में तैयार किए जाते हैं। जिनकी भविष्य में होने वाली आगामी परीक्षाओं ukpcs, uppcs , uksssc , upsssc , ssc chsl, CGL में शत-प्रतिशत आने की संभावना होती है। यहां से आप यहां प्रत्येक सप्ताह के माह करेंट अफेयर पढ़ सकते हैं। आज की प्रश्नोत्तरी में मई माह के करंट अफेयर दिए गए हैं। जिनका विस्तृत वर्णन भी किया गया है। Most important current affairs in Hindi  (1) भारतीय बैडमिंटन संघ का नया अध्यक्ष किन्हें नियुक्त किया गया है ? (a) एस. राजू (b) हिमंत बिस्वा सरमा (c) रेणु सिंह (d) मनोज सोनी व्याख्या :- हिमंत बिस्वा सरमा एक भारतीय राजनीतिज्ञ है । जो वर्तमान समय में असम के मुख्यमंत्री हैं इसके अलावा हाल ही में उन्हें बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मौजूदा 2022 से 2026 तक निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है । बैडमिंटन संघ की स्थापना 1934 में हुई थी व इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है Answer - (b) (2) राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस कब मनाया जाता है (a) 1 अक्टूबर (b) 5 अक्टूबर (c) 5 नवंबर (d) 1 दिसं...

थारू संस्कृति , थारू परंपराऐं, थारू रीति रिवाज

          थारू संस्कृति क्या आप जानते हैं शादी से पहले भुईयां अर्थात भूमिसेन देवता की पूजा क्यों की जाती है ?  क्या आप जानते हैं भुईयां (भूमिसेन देवता) को गांव से ही बाहर क्यों स्थापित किया जाता है? क्या आप जानते हैं भुईयां में ही सात ही देवता क्यों पूजे जाते हैं ? थारू जनजाति और उनकी परंपराऐं आइए दोस्तों इन्ही सब सवालों की आज हम विचार करेंगे जो थारू जनजाति की परंपराओं और रीति-रिवाजों से संबंधित है यूं तो भारत में अनेक जातियों भूमिसेन देवता की पूजा करती हैं । भूमिसेन देवताओं को विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। ऐसे ही एक प्राचीन जनजाति थारू जनजाति जिन्हें प्रकृति का रक्षक भी कहा जाता है । वह भूमिसेन देवता को भुईयां के नाम से सम्बोधित करती है। थारू जनजाति मुख्यत: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में निवास करती है। इसके अलावा बिहार उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी निवास करती है लेकिन यहां चर्चा उत्तराखंड की थारू जनजाति की जा रही है जो महाराणा प्रताप को अपना वंशज मानती है। यदि आपने उधम सिंह नगर के खटीमा और सितारगंज क्षेत्र में भ्रमण किया है। ...