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Uksssc Mock Test - 214

  Uksssc Mock Test -214 Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test -214 1) स्थानीय भाषा में अदरक को क्या कहा जाता है (A) आद् (B) अदरक (C) अदरख (D) सभी (2) 'बाँधो न नाव इस ठाँव' के लेखक हैं- (a) मुक्तिबोध (b) जयशंकर प्रसाद (c) निराला (d) महादेवी वर्मा  (3) सरसों मुस्काई खेतों में, आमों ने पहने बौर।’ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? a) रूपक b) उपमा c) मानवीकरण d) अनुप्रास (4) सही पर्यायवाची शब्द युग्म चुनिए: a) पुस्तक – पुस्तकालय b) बालक – बालिका c) वन – जंगल d) सर्दी – गर्म (5) “लंबा आदमी' वाक्य में 'लंबा' कौन-सा पद है? a) क्रिया b) विशेषण c) संज्ञा d) सर्वनाम (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।         सूची-I।                सूची-II      अलंकार।        उदाहरण a. उपमा 1. वह फूल-सी कोमल है। b. रूपक           2. वह तो शेर है। c. अनुप्रास 3. चंचल चपल चारु चितवन चुराए मन d. यमक 4. राम...

90's का जमाना

   काव्य संग्रह

 90's का जमाना

मेरी पहली कोशिश_

महसूस कर सकता हूं।
 मैं वो जमाना ,
जहां मोहब्बत,
 कागजों से शुरू हुआ करती थी,
 स्याही की बूंदों से,
 भीगे होते थे, अल्फाज !
मन तरंगित, हो पल्लवित 
भाव-विभोर मन चंचलित हो जाता था।
 चोरी-चोरी खत को लिखना।
 एहसासों की एक नाव बनाकर
 नव श्वेत विहग संचार करना ।
मैं महसूस कर सकता हूं , मैं वो जमाना
 जब प्रेम पत्र आता था ।

मैं महसूस कर सकता हूं , 
मैं वो जमाना
 जहां पैगाम,
 भावों से लिखा करते था ।
महीनों-महीनों की बातें ।
शब्दों में पिरोया करते था।
 नाम जब आता पिया का,
 भाव विभोर मन
 द्रवित हो जाता था। 
मुस्कानों क बारिश आती,
 जब प्रेम पत्र आता था,
 बंद दरवाजा, दीप तले 
खट-खट की आवाज पर,
 दिल सहम-सा जाता था।
 महसूस कर सकता हूं, 
मैं वो जमाना !
जब प्रेम-पत्र आता था।

A creative mind : poetry book


A creative mind always create better.
It's doesn't matter , what can be greater.
That is working every time something.
Who's also know that what is creating in future .
             

विचार ही कविता है

विचार ही कविता है,विचार ही पत्र हैै।
 विचार ही संगीत है ,विचार ही कहानी है ।
विचारों से बनी दुनिया है,विचारों से बनी जुबानी है 
तुम विचार तो करो ,
बाधाओं का बेड़ा पार तो करो 
मेरा करो दुनिया कदमों में झुक आनी है।

कविता के बारे में,

नमस्कार मित्रों प्रस्तुत पंक्तियां "19's का जमाना" के पत्र लेखन के भावों को प्रस्तुत करती हैंं। एक दौर था जब रोमांस से तरंगित हो जाता था । एक समय ऐसा था। जब दिलबर का नाम सुनकर दिल सहम जाता था । अब वो दौर शायद खत्म हो चुका है। केवल चंद शायर और कवि ही बचे हैं जो उस जमाने को याद करते हैं। वह दौर 90's  का जहां प्यार के पैगाम भेजा करते थे। अपने परिवार के सदस्यों से छुपकर चिट्टियां पढ़ा करते थे । खासतौर पर भाइयों और बहनों से बचा करते थे। कमाल के दिन थे, जिन्हें मोहब्बत करनी होती थी। वह अल्फाज लिखा करते थे । जीवन के सुनहरे पलों को एक कागज के टुकड़ों में संजोया करते थेे। यहां वह दिल से सोचा करते थे। एक आज का समय है जो बिना   भावों के बाबू-सोना करते हैं , खाने की जगह थाना खिलाते हैं । आज के आशिक बेचारे क्या करेंं? जब सब कुछ शेयर कर दे रहे हैं महान कवि ।  स्टेटस उनके पास है तो बेवजह के क्यों विचार करें? आज के दौर में नव युवकों ने तकनीकी तो अपना ली है लेकिन विचारशिलता पर खतरा मंडराता जा रहा है यदि मनुष्य विचारशील नहीं बनेगा। तो एक दिन प्यार का पन्ना सभी की डायरी से गायब हो जाएगा। केवल चंद शायद ही शायरी करते मिलेंगे । आज के तकनीकी युग में मोहब्बत भी तकनीकी हो गई है जो एक समय टूट ही जानी है । क्योंकि यह मोहब्बतें दिलों से नहीं दूसरों के लफ्जों और झूठी दिखावटी पर होती है। वह कॉलेज वाला प्यार मांगी , हुई कॉपी और फिर कर लिया - पत्र व्यवहार । ऐसा नजारा कहां देखने मिलता है ? गजब के दिन थे।  सभी प्यार को  महसूस कर सकते थे । ऐसा नहीं है कि धोखा नहीं होता था । पर बड़ा ही प्यारा होता था । लेकिन अब 8 घंटे सुबह शाम बातें फोन पर कर ली । ना घर की फिक्र और ना जिंदगी की। खुशनसीब है वह जिनके माता-पिता खर्च उठाते हैं । जरा उनसे पूछो मोहब्बत का पता जो खुद  बोझ उठाते हैं । मुमकिन नहीं होता बेहतर जिंदगी के लिए मोहब्बत के रास्तों पर चलना।  पंरतु प्यार जरूरी है जिंदगी जीने के लिए  अच्छा था । प्रेम पत्र  द्वारा प्यार का संदेश पहुंचाना कितना अच्छा होता था । एक पत्र में ही कई दिनों की बात पता चल जाती थी और मत पूछो वह पल भी आज के 2 सालों के मोहब्बत से भी भारी था।

विचारों का महत्व

वास्तव में आज के दौर में प्रेमी, पत्र की महत्वता भूल चुके हैं मेरे विचार से पत्र लेखन आपको केवल प्रेमी नहीं बनाता है बल्कि आपके मन में विचार भी उत्पन्न करता है । अर्थात विचारशील बनाता है। और जो इंसान विचारशील है वही जिंदगी सही मायने में जी रहा है । यूं तो मोहब्बत एक अंश है जिंदगी ।  जीने के लिए तो रोजगार जरूरी है। 4 घंटे बातें करने वालों 40 साल की उम्र के बाद पता चलेगा "क्या होता है प्यार?"

आशा करता हूं कि मेरे द्वारा लिखी गई कविता आप सभी को बहुत पसंद आई होगी। मेरी कोशिश है समाज में इंसानियत बनाए रखना , जो लोग भटक चुके हैं । उन्हें सही मायने में जिंदगी के उद्देश्य को प्रेरित करना। ऐसे ही कविताएं पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।


सोने की चिड़िया भारत

मेरी पहली मोहब्बत

हमसफ़र (काव्य संग्रह)

सपने अधूरे हैं अभी...


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