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अप्रैल, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

उत्तराखंड बजट 2025-26

उत्तराखंड बजट 2025-26 उत्तराखंड के वित्त मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल राज्य की रजत जयंती वर्ष में 20 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 2025-26 के लिए उत्तराखंड का राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 4,29,308 करोड रुपए (वर्तमान मूल्यों पर) होने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। उत्तराखंड बजट 2025-26 उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹1,01,175.33 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है, जो राज्य का अब तक सबसे बड़ा बजट होने के साथ साथ ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट है। यह बजट पिछले वर्ष (2024-25) के बजट (₹89,230.07 करोड़) की तुलना में 4% अधिक है। बजट 2025-26 में महिला सशक्तिकरण के लिए जेंडर बजट में 16.66 प्रतिशत की वृद्धि जेंडर बजट के लिए ₹16,911 करोड़ का प्रावधान किया गया है । इस बजट में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन हेतु - ₹30 करोड़ का प्रावधान है। कुल प्राप्तियां: ₹1,01,034.75 करोड़। (इसमें कर राजस्व ₹39,917 करोड़, और गैर-कर राजस्व ₹22,622 करोड़ शामिल हैं।) राजस्व  प्राप्तियां : 62,540.54  करोड़ पूंजीगत प्राप्तियां...

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (बागेश्वर) कस्तूरी मृग - उत्तराखंड का राज्य पशु  कस्तूरी मृग के महत्व को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए 2001 में राज्य पशु घोषित किया। वर्ष 1972 में कस्तूरी मृग संरक्षण के लिए केदारनाथ वन्य जीव विहार के अंतर्गत कस्तूरी मृग विहार की स्थापना की गई । और वर्ष 1974 में बागेश्वर जनपद में महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान की स्थापना की।                    महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  यह केंद्र कस्तूरी मृग संरक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित है जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है, बागेश्वर जनपद गठन से पूर्व महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना वर्ष 1974 में पिथौरागढ़ जनपद में की गई थी। किन्तु 15 सितंबर 1997 में बागेश्वर जनपद के गठन के पश्चात् वर्तमान में यह केंद्र उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में महरूढ़ी धरमघर नामक स्थान पर स्थित है।                  महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  *कुछ पुस्तकों में इसक...

6 month Current affairs 2023-24

Current affairs 2023-24 (part - 01) नमस्कार मित्रों, जैसा कि आप सभी को ज्ञात है देवभूमि उत्तराखंड बेवसाइट के माध्यम प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रत्येक माह के महत्कवपूर्ण करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराता है। जो परीक्षाओं में शत् प्रतिशत आने की संभावना रखते हैं। और यह करेंट अफेयर्स उनके लिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं जो किसी विशेष परिस्थितियों के कारण प्रतिदिन करेंट अफेयर्स नहीं पढ़ पाते हैं। कुछ व्यक्तिगत कारणों के कारण करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराने में देर अवश्य हुई है। किन्तु गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए 6 माह के करेंट अफेयर्स 2 पार्ट में तैयार किए गए हैं। पहला पार्ट आपके सामने है। और आगे का तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय करंट अफेयर्स (1) जातीय गणना आंकड़ा जारी करने वाला देश का पहला राज्य कौन सा है ? (a) उत्तर प्रदेश  (b) बिहार  (c) मध्यप्रदेश  (d) राजस्थान  व्याख्या :- 2 अक्टूबर 2023 को बिहार सरकार ने बिहार जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए । आंकड़ों के अनुसार बिहार की सीमा में रहने वाले लोगों की कुल संख्या 12,53,53,288 है। इनमें...

भारत के रामसर स्थल

भारत के रामसर स्थल  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 2 फरवरी 2024 में भारत में 5 आर्द्र भूमि को रामसर साइट के रूप में नामित किया। वर्तमान समय में इनकी संख्या 75 से बढ़कर 80 हो गई है। इनमें से तीन स्थल अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व, अघनाशिनी मुहाना और मगादी केरे संरक्षण रिजर्व कर्नाटक में स्थित है। जबकि दो कराईवेटी पक्षी अभयारण्य तथा लॉन्गवुड शोला रिज़र्व वन तमिलनाडु में स्थित है। रामसर सूची में जोड़े गए पांच आर्द्र भूमि स्थल हैं । मगदीकेरे संरक्षण रिजर्व (कर्नाटक) अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व (कर्नाटक) अघनाशिनी मुहाना (कर्नाटक) कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु) लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन (तमिलनाडु) मगदीकेरे संरक्षण रिजर्व (कर्नाटक) मगदीकेरे संरक्षण रिजर्व कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र वाली एक मानव निर्मित आर्द्र भूमि है जिसका निर्माण सिंचाई उद्देश्य के लिए वर्षा जल से संग्रहित करने हेतु किया गया था। मगदीकेरे दक्षिणी भारत में बार-हेडेड हंस (एंसर इंडिकस) के लिए सबसे बड़े शीतकालीन आश्रय स्थलों में से एक है। अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व (कर्नाटक)...

भारत रत्न पुरस्कार 2024

भारत रत्न पुरस्कार 2024 करेंट अफेयर्स 2024 हाल ही में 30 मार्च 2024 को भारत सरकार द्वारा भारत की पांच विभूतियों को भारत रत्न दिया गया है। यह देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है जैसे - कला, साहित्य, समाज सेवा, विज्ञान, बहादुरी, समर्पण खेल इत्यादि। भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा मिलता है। और इनकम टैक्स न भरने की छूट दी जाती है साथ ही संसद की बैठक में और सत्र में भाग ले सकते हैं । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में भारत रत्न का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। भारत रत्न सम्मान की शुरुआत - 1954 इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को 1954 में सम्मानित किया गया। ये वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। स्वतंत्र भारत के द्वितीय गवर्नर जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल भी रह चुके हैं । इनके साथ ही डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी.वी. रमन को...