उत्तराखंड का भू-कानून चर्चा में क्यों? हाल ही में प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी। क्या है उत्तराखंड का वर्तमान भू-कानून ? वर्तमान में लागू भू-कानून के तहत एक व्यक्ति को 250 वर्गमीटर जमीन ही खरीद सकता है। लेकिन व्यक्ति के अपने नाम से 250 वर्गमीटर जमीन खरीदने के बाद पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो ऐसे लोगों को मुश्किल आ सकती है। तय सीमा से ज्यादा खरीदी गई जमीन को सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगी। यह कानून केवल बाहरी राज्यों के लोगाें पर लागू है। उत्तराखंड के स्थायी निवासी कितनी भी जमीन खरीद सकते हैं। भू-कानून का इतिहास राज्य में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद सीमित करने के लिए वर्ष 2003 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन किया और राज्य का अपना भूमि कानून अस्तित्व में आया। इस संशोध
महात्मा गांधी (1869-1947) ऐसी कोई प्रतियोगी परीक्षा नहीं है जिसमें महात्मा गांधी से संबंधित प्रश्न ना आया हो? महात्मा गांधी की जीवनी से लेकर उनके समस्त आंदोलनों का हमें पूर्ण ज्ञान होना अति आवश्यक है। इसलिए आज के लेख में हम आपको महात्मा गांधी के सभी आंदोलनों के बारे में बताएंगे। अतः लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें प्रथम भाग में महात्मा गांधी की जीवनी तथा द्वितीय भाग में महात्मा गांधी आंदोलन और अंततः तृतीय भाग में महात्मा गांधी से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। महात्मा गांधी का राष्ट्रीय आंदोलन में क्या योगदान था? आधुनिक भारत के इतिहास में महात्मा गांधी सर्वाधिक लोकप्रिय महापुरुष है। जिनका अपना एक इतिहास है जिसे देश के प्रत्येक नागरिक को अवश्य ही पढ़ना चाहिए क्योंकि भारत को स्वतंत्र कराने में सबसे अधिक योगदान महात्मा गांधी का रहा है। महात्मा गांधी राजनीतिज्ञ संगठन करता एवं सुधारक थे आदर्शवादी राजनीतिज्ञ थे उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के बल पर देश की जनता को एकत्रित कर अंग्रेजी साम्राज्य से टक्कर ली और अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश किया। जीवन परिचय महात्मा गांधी के बचपन का नाम मोहनदास करमचंद