Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test 2025 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षा उत्तराखंड पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, फोरेस्ट गार्ड और RO/ARO हेतु टेस्ट सीरीज प्रारंभ की गई है। सभी टेस्ट अनुभवी टीम द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। टेस्ट सीरीज का लाभ उठाने के लिए संपर्क करें। 9568166280 Uksssc Mock Test - 212 (1) “अन्याला चोट कन्याला” इस लोकोक्ति का अर्थ क्या है ? (A) सर पर भारी चोट लगा (B) अंधे के हाथ बटेर लगना (C) अंधे पर चोट लगा (D) आने से जाने तक (2) “बाप पेट चय्ल बाजार” कुमाऊनी पहेली का क्या अर्थ है – (A) कददू (B) सेब (C) जीभ (D) पिनालू (3) मकर संक्रांति को स्थानीय भाषा में क्या कहा जाता है (A) घुघुती त्यौहार (B) उत्तरायण (C) चुनिया (D) उपरोक्त सभी (4) उत्तराखंड में ग्रामीण आवासो के निकट की भूमि क्या कहलाती है (A) घरया (B) बण्या (C) बिचौलि (D) जवाणा (5) निम्नलिखित स्वरों में कौन सा युग्म गलत है (A) मध्य स्वर - अ (B) विवृत स्वर - आ (C) अर्धविवृत्त स्वर - ई (D) पश्च स्वर - ऊ (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए...
पुरानी साइकिल
काव्य संग्रह
पुरानी साइकिल
होकर पुरानी साइकिल पर सवार,
मैं मिलने चला पुराने यार ,
याद आए वो लम्हे,
याद आई वो गलियां ,
जिन पर कई लम्हे गुजार ।
आज भी मेरे बचपन से,
मुझे बड़ा है प्यार।
वो संतरे की गोलियां
एक रुपए में आती थी चार ।
स्कूल जाते , बहाना बनाते
घर वाले कभी ना मनाते ।
अपनी हरकतों से थे लाचार ,
जान कर भी गलती करते बार-बार
वो कंचे की गोलियां ,
निशाने के थे सरताज,
वो बल्ले की फंटियों से
मारते थे सरहद पार ।
पैर नहीं थकते जब तक ,
हम खेलते बार-बार।
थकान क्या होती है ?
मुश्किलें क्या होती है ?
मालूम नहीं,
धुन के पक्के थे गबार ।
सोचते इन बातों को,
बात करते रातों को ,
पता ही नहीं चला ,
कब बड़े हो गए यार।।
नादानी
मुझमें मैं एक नादानी है।जानता है सब कुछ मन ।फिर भी यह कैसी मनमानी है?ऐसा नहीं है , समझ नहीं है ,ऐसा भी नहीं है, समझदारी नहीं हैशायद जिम्मेदारियों से डरता हूं।इसलिए एक बचपना छुपा कर रखता हूं।मालूम है एक दिन बड़ा हो ही जाना हैजिम्मेदारियों के तले दबी जाना है।फिर भी यह कैसी मनमानी है।चाहत बहुत है , कुछ कर गुजरने कीमालूम है ! यूं ही नहीं मिलती है मंजिले,हर कदम पर एक बड़ी कुर्बानी है ,देख रहा हूं दुनिया को ,समझ रहा हूं लोगों को ,गमों का पिटारा है सबके मन में ,एक नहीं , दो नहीं घर-घर की कहानी ।इससे अच्छी तो मेरी नादानी।
यदि आपको मेरी कविताएं पसंद आती हैं। तो अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें। उपयुक्त सभी कविताएं स्वरचित है। इसी तरह की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए नीचे में दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
धन्यवाद।
इन्हें भी देखें।
Awesome Bhai... beautiful lines
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंShandarr
जवाब देंहटाएं