उत्तराखंड का भू-कानून चर्चा में क्यों? हाल ही में प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी। क्या है उत्तराखंड का वर्तमान भू-कानून ? वर्तमान में लागू भू-कानून के तहत एक व्यक्ति को 250 वर्गमीटर जमीन ही खरीद सकता है। लेकिन व्यक्ति के अपने नाम से 250 वर्गमीटर जमीन खरीदने के बाद पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो ऐसे लोगों को मुश्किल आ सकती है। तय सीमा से ज्यादा खरीदी गई जमीन को सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगी। यह कानून केवल बाहरी राज्यों के लोगाें पर लागू है। उत्तराखंड के स्थायी निवासी कितनी भी जमीन खरीद सकते हैं। भू-कानून का इतिहास राज्य में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद सीमित करने के लिए वर्ष 2003 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन किया और राज्य का अपना भूमि कानून अस्तित्व में आया। इस संशोध
सर्वनाम और उसके भेद (भाग -05) देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु हिन्दी के सम्पूर्ण नोट्स प्रश्नोत्तरी सहित तैयार किए जा रहे हैं। सभी नोट्स प्राप्त करने के लिए संपर्क करें -9568166280 सर्वनाम क्या है? सर्वनाम :- सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना है। सर्व+नाम (सभी + नाम)। संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते है। अर्थात किसी वाक्य में एक ही शब्द की बार-बार पुनरावृति न हो, इसके लिए संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे - मैं, तुम, वह, यह, आप, कौन, कोई, इसका, उसका, तुम्हारा, हमारा और आपका आदि । उदाहरण :- अमित दिल्ली रहता है, वह नहाँ नौकरी करता है. पिताजी विदेश रहते हैं, वे वहाँ नौकरी करते है सर्वनाम के भेद 1. पुरुषवावक उत्तम पुरुष - मध्यम पुरुष अन्य पुरुष 2. निश्चयवाचक 3. अनिश्चयवाचक 4. सम्बधवाचक 5. प्रश्नवाचक 6. निजवाचक 1. पुरुषवाचक सर्वनाम :- वे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग बोलने वाला व्यक्ति अपने लिए, सुनने वाले के लिए या किसी अन्य के लिए प्रयोग करता है। जैसे - मैं, हम, तू, आप, ये, वे, वह, आदि जैसे - मैं भीम