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मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (बागेश्वर) कस्तूरी मृग - उत्तराखंड का राज्य पशु  कस्तूरी मृग के महत्व को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए 2001 में राज्य पशु घोषित किया। वर्ष 1972 में कस्तूरी मृग संरक्षण के लिए केदारनाथ वन्य जीव विहार के अंतर्गत कस्तूरी मृग विहार की स्थापना की गई । और वर्ष 1974 में बागेश्वर जनपद में महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान की स्थापना की।                    महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  यह केंद्र कस्तूरी मृग संरक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित है जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है, बागेश्वर जनपद गठन से पूर्व महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना वर्ष 1974 में पिथौरागढ़ जनपद में की गई थी। किन्तु 15 सितंबर 1997 में बागेश्वर जनपद के गठन के पश्चात् वर्तमान में यह केंद्र उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में महरूढ़ी धरमघर नामक स्थान पर स्थित है।                  महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  *कुछ पुस्तकों में इसकी स्थापना का समय 1977 दिया गया है। और आयोग ने परीक्षा में यह प्रश्न अनेक बार पूछा है और आयोग द्वारा स्थापना व

संज्ञा क्या है ? संज्ञा के प्रकार

शब्द विचार  रूप परिवर्तन प्रयोग के आधार पर  विकारी शब्द  संज्ञा सर्वनाम  विशेषण  क्रिया  अविकारी अव्यव  क्रिया विशेषण संबंधबोधक  समुच्चयबोधक विस्मयादिबोधक निपात  विकारी शब्द - वह शब्द जिनका रूप, लिंग, वचन, कारक, काल के अनुसार परिवर्तित हो जाता है। विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे - संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया संज्ञा क्या है ? संज्ञा का शाब्दिक अर्थ है - नाम। संज्ञा सम+ज्ञा से मिलकर बना है जिसका अर्थ समान जानना है । किसी व्यक्ति, वस्तु और स्थान आदि के नाम की जाति अथवा किसी भाव के अर्थ का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं। संज्ञा के भेद व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के तीन भेद हैं। रूढ़ संज्ञा - ऐसी संज्ञाऐं जिनके खंड निरर्थक होते हैं। जैसे - आम, घर, हाथ,  यौगिक संज्ञा - ऐसी संज्ञाऐं जिनके खंड निरर्थक होते हैं। जैसे - रसोईघर, पुस्तकालय, हिमालय  योगरूढ़ संज्ञा - ऐसी संज्ञाऐं जिनके खंड सार्थक हों, परंतु जिसका अर्थ खण्ड शब्दों से निकलने वाले अर्थ से भिन्न हो। जैसे - पंकज, लम्बोदर, दशानन  संज्ञा के प्रकार  व्यक्तिवाचक संज्ञा  जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा द्रव्यवाचक संज्ञा समूह वाचक स

Nobel prize 2023

Nobel prize 2023 नोबेल पुरस्कार हर वर्ष किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जिसने मानवता के कल्याण के लिए कोई बड़ा काम किया हो ये पुरस्कार स्वीडन के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा बनाए गए फंड से दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1901 में हुई थी। अब तक 621 पुरस्कार कुल 989 व्यक्तियों/संस्थाओं को दिए जा चुके हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार  2 अक्टूबर को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार 2023 की घोषणा की गई है। इस वर्ष चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार हंगरी में जन्मी अमेरिकी नागरिक कैटलिन कारिको और अमेरिकी विज्ञानी ड्रीव वीजमैन को संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार इन्हें MRNA तकनीक की खोज के लिए दिया गया है। इस तकनीक से कोरोना रोधी टीका बनाया गया है।  MRNA तकनीक क्या है? एमआरएनए (MRNA) तकनीक पारंपरिक टीकों से अलग है। जब हमारे शरीर में कोई वायरस या बैक्टरिया हमला करता है तो यह तकनीक उस वायरस से लड़ने के लिए हमारी कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने का संदेश भेजती है इससे हमारे प्रतिरोधक तंत्र को जो जरूरी प्रोटीन चाहिए वह मिल जाता है। वैज्ञानिकों ने एमआरएनए टीक

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 (106वां संविधान संशोधन अधिनियम)

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पुराने संसद भवन में कार्यवाही का अंतिम दिन 19 सितंबर था। नई संसद भवन में स्थानांतरित होने से पहले लोकसभा व राज्यसभा के पुराने संसद भवन में सामूहिक तस्वीर खिंचवाई। और पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' नाम दिया गया। 18 से 22 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति द्वारा विशेष सत्र आहूत किया गया। इस विशेष सत्र के शुरू होने से एक दिन पूर्व 17 सितंबर को उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने पुराने संसद भवन में तिरंगा फहराया। *विशेष सत्र क्या है? भारत में सामान्यतः प्रतिवर्ष संसद में तीन सत्र होते हैं - बजट सत्र, ग्रीष्मकालीन सत्र, मानसून सत्र। किसी विशेष परिस्थितियों या विशेष मुद्दों का आयोजन किया जाता है। स्वतंत्रता के पश्चात अब तक 8 बार विशेष सत्र का आयोजन किया जा चुका है। संविधान में 'विशेष सत्र' शब्द उल्लेख नहीं किया गया है। किंतु अनुच्छेद 87 (1) में राष्ट्रपति लोकसभा के साधारण निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र के आरंभ में एक साथ समवेत दोनों सदनों में अभिभाषण करेगा। इसके अलावा संसद के संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान अनुच्छेद 108 के तहत किया गया है। नारी शक्ति वंदन अधि

उत्तराखंड का 45वां राष्ट्रीय धरोहर : तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह

तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह (द्वाराहाट) उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023 12 मार्च 2023 को उत्तराखंड प्रभारी मनोज सक्सेना ने बताया है कि तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह को संरक्षण में लेने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से भी राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए आवेदन का आग्रह किया गया है। जल्दी ही तकुल्टी का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। क्षेत्र से संबंधित संपूर्ण ब्यौरा जुटाने के साथ ही वहां की भौगोलिक परिस्थितियों का भी अध्ययन किया जाएगा। तत्पश्चात केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाएगी। यदि सर्वेक्षण के दौरान मंदिर समूह राष्ट्रीय स्मारक के सभी मानकों को पूर्ण करता है तो संभावना है कि तकुल्टी द्विबाहु मंदिर को 45वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है। तकुल्टी द्विबाहु मंदिर  तकुल्टी द्विबाहु मंदिर अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट तहसील के तकुल्टी गांव (भिकियासैंण ब्लाक) में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं सदीं में कत्यूरी राजवंश के राजाओं द्वारा कराया गया । यह मंदिर त्रिरथ नागर शैली की पंचायतन उपशैली में निर्मित है। यह ऐतिहासिक मंदिर समूह कुमाऊं की चुनि

शब्दों का वर्गीकरण (Hindi Notes Part - 3)

शब्दों का वर्गीकरण (Hindi Notes Part -3) उत्तराखंड में लगभग आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में हिन्दी भाषा से प्रश्न पूछे जाते हैं। देवभूमि उत्तराखंड द्वारा हिन्दी के सम्पूर्ण नोट्स आसान भाषा में तैयार किए गए हैं। जो आगामी सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।  शब्द किसे कहते हैं  दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से बनने वाले सार्थक वर्ण समूह को शब्द कहते हैं। शब्दों का वर्गीकरण चार आधारों पर किया जा सकता है- शब्दों का वर्गीकरण  1. उत्पत्ति /स्रोत/ इतिहास के आधार पर तत्सम शब्द तद्भव देशज विदेशी संकर 2. रचना /व्युत्पत्ति /बनावट के आधार पर रूढ़ शब्द योगिक  योगरूढ़ 3. अर्थ के आधार पर एकार्थी  अनेकार्थी पर्यायवाची समानार्थी विलोम विपरीतार्थक युग्म समानोच्चरितशब्द  समूह वाक्यांश हेतु एक शब्द  समरूपी भिन्नार्थक शब्द समूहवाची शब्द 4. प्रयोग /रूप के आधार पर 1. विकारी शब्द संज्ञा  सर्वनाम विशेषण  क्रिया  2. अविकारी या अव्यव शब्द  क्रिया विशेषण  संबंध बोधक समुच्चयबोधक  विस्मयादिबोधक 1. उत्पत्ति के आधार पर - उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के पांच भेद होते हैं- तत्सम शब्द  तद्भव शब्द  देशज शब्द विदेशी शब

हिन्दी वर्णमाला (Hindi Notes part - 02)

हिन्दी वर्णमाला (देवनागरी लिपि) हिंदी शब्द फारसी ईरानी भाषा का शब्द है। भाषा - भाष् (संस्कृत) की धातु से उत्पन्न होकर बनी है, जिसका का अर्थ है. 'प्रकट करना' । हिंदी सहित सभी भाषाओं की जननी संस्कृत को माना जाता है. भाषा का विकास  1. वैदिक संस्कृत (1500 ई.पू. से 1000 ई. पू.) 2. लौकिक संस्कृत (1000 ई.पू. से 500 ई. पू.) 3. पाली (500 ई.पू. से 1 ई.पू. - बौद्ध ग्रंथ ) 4. प्राकृत (1 ई.पू. से 500 ई. - जैन ग्रंथ) 5. अपभ्रंश (शोरसैनी) (500 ई से 1000 ई.) 6. हिंदी (1000 ई. से वर्तमान समय में) *1100 ई. को हिंदी भाषा का मानक समय माना जाता है वर्णमाला वर्ण क्या है?  उच्चारित ध्वनियों को जब लिखकर बताना होता है तब उनके लिए कुछ लिखित चिन्ह बनाएं जाते हैं ध्वनियों को व्यक्त करने वाले ये लिपि - चिन्ह ही वर्ण कहलाते हैं। हिन्दी में इन वर्णों को 'अक्षर' कहा जाता है। वर्णमाला वर्णों की व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी की वर्णमाला में पहले 'स्वर वर्णों तथा बाद में व्यंजन वर्णों' की व्यवस्था है। हिंदी लिपि के चिन्ह अ आ इ ई उ ऊ ऋ  ए ऐ ओ औ अं अः क ख ग घ ङ  च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ