सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

दिसंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पंडित नैन सिंह रावत का जीवन परिचय

 पंडित नैन सिंह रावत  पंडित नैन सिंह रावत (1830-1895) एक महान खोजकर्ता थे। वे हिमालय और मध्य एशिया के क्षेत्र में अंग्रेज़ों के लिए सर्वे करने वाले पहले भारतीयों में से एक थे।  आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पिथौरागढ़ (डीडीहाट) में उनकी 194वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड के महान इतिहासकार व लेखक श्री शेखर पाठक जी के साथ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक श्रीमती वन्दना गर्ब्याल जी और पिथौरागढ़ जिले के जिलाधिकारी श्री विनोद गिरी गोस्वामी जी उपस्थित रहेंगे। जीवन परिचय  पंडित नैन सिंह रावत का जन्म 1830 में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मिलन गांव में हुआ था । उन्होंने अपने अनुभवों और अवलोकनों को डायरी में रिकॉर्ड किया और साथ ही उन्होंने अपनी पहली देसी अंदाज में सर्वेक्षण ज्ञान की पुस्तिका लिखी, जिसका नाम अक्षांश दर्पण (1871) था । अपने चचेरे भाई किशन सिंह और अन्य अनुवेषकों के साथ अनेक अभियान किए। उनके अभियानों से प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर उन्होंने बताया कि सांगपो नदी ही ब्रह्मपुत्र है।  पंडित नैन सिंह जी के

शब्दालय : काव्य संग्रह (Happy New Year)

Happy New Year 2023 देवभूमि उत्तराखंड की तरफ से सभी देशवासियों को वर्ष 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं। बीता वर्ष बीते साल आपके जैसे भी गए वो तो गए। अच्छे गए बुरे गए फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है आने वाला साल कैसा हो ? तो आशा करते हैं आपका आने वाला साल सभी वर्षों से बेहतर हो । आने वाले नये साल में बूढ़ों को बच्चों से की गयी उम्मीद से ज्यादा सुख मिले। देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा करने का सौभाग्य मिले। और युवाओं ने अभी तक जितनी भी मेहनत की है उसका फल मिले। साथ ही अविवाहितों को मनपसंद का वर मिले। नव वर्ष के उपलक्ष में देवभूमि उत्तराखंड आप सभी के सामने एक कविता प्रस्तुत करता है जिसका शीर्षक है - "अब के बरस" अल्फ़ाज़ अनकहे : शब्दालय शीर्षक : अब के बरस  इश्क मुकम्मल हो गर, हमको भी पता दीजिए, वो सोए हैं अरसों से,  जरा उनको भी जगा दीजिए। नया साल आया है, जरा उनको भी आगाह कीजिए। बैचैनी से भरा है आलम, शरमो हया के परदे गिरा दीजिए, रूत-ए-इश्क का आईना उनको भी दिखा दीजिए। गुज़ारिश है खुदा से अब के बरस हमको भी मिला दीजिए।  पहाड़ी बन्दे : देवभूमि उत्तराखंड  देवभूमि उत्तराखंड के हमा

Uttrakhand police solved paper 2022

Uttrakhand police solved paper 2022 (Paper set -D) मित्रों उत्तराखंड पुलिस पेपर 2022 का साल्वड प्रश्न पत्र व्याख्या सहित उपलब्ध कराया जा रहा है। 98% शुद्धता के साथ उत्तर कुंजी तैयार की गई। व्याख्या सहित देखने के लिए दो दिन का इंतजार करें। इसके अलावा जिनका भविष्य में उत्तराखंड का कोई भी एक्जाम है । वह पूरे प्रश्न पत्र को अंत तक जरूर देखें। उत्तराखंड पुलिस पेपर 2022 - एक नजर  उत्तराखंड पुलिस परीक्षा 2022 का पेपर बेहद शानदार था। उत्तराखंड पुलिस का पेपर जिस प्रकार होना चाहिए था पेपर उसी के अनुरूप है। जिसने ध्यानपूर्वक सभी टॉपिक का अध्ययन किया है। उनके लिए आसान था। जिसमें 15-16 प्रश्न ही कठिन थे। 20-25 के प्रश्न औसत दर्जे के थे। और 50-60 प्रश्न बहुत सरल थे। आमतौर पर सरल प्रश्नों की संख्या 40 ही रखी जाती है। लेकिन उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल को देखते हुए प्रश्नों की संख्या 60 रखी गई है। इसलिए यह मानकर चलिएगा। उत्तराखंड की लिखित परीक्षा में 60 मार्क्स तो लगभग 75% अभ्युर्थी के आएंगे। और कट ऑफ मार्क्स कुछ इस प्रकार रहने की संभावना है। संभावित उत्तराखंड पुलिस पेपर 2022 कट ऑफ मार्क्स  Cut off marks

उत्तराखंड करेंट अफेयर्स (नवंबर 2022)

Uttrakhand current affairs 2023 November month  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा अप्रैल से नवंबर तक के सभी महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स हिन्दी में तैयार किए गए हैं जो आगामी उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं के लिए अच्छे नंबर लाने में सहायक सिद्ध होंगे। लेख को पूरा अवश्य पढ़ें। उत्तराखंड करेंट अफेयर्स क्विज  (1) हाल ही में उत्तराखंड के प्रसून जोशी को बनाया गया है? (a) राज्यसभा का सांसद  (b) उत्तराखंड राज्य का ब्रांड एंबेसडर (c) उत्तराखंड का राज्यपाल (d) लोकसभा का सांसद व्याख्या :- संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित प्रसून जोशी को हाल ही में "उत्तराखंड का ब्रांड एंबेसडर" नियुक्त किया गया है। वर्ष 2007 में आई फिल्म तारे जमीन पर संगीत "मां..." गाने के लिए इन्हें यह पुरस्कार दिया गया था। प्रसून जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के दन्या गांव में 16 सितंबर 1968 को हुआ था। प्रसून जोशी हिंदी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के प्रमुख गीतकार है। हाल ही में 5 व्यक्तियों सहित इन्हें उत्तराखंड गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। वर्तमान समय में प्रसून जोशी भारतीय सेंसर बो

Uttrakhand test series (mock test -47)

Uttrakhand test series (Mock test-47) उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर - 47 उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं के लिए विशेष फ्री मॉक टेस्ट सीरीज प्रारंभ की गई है। आगामी परीक्षाओं को अच्छे नंबरों से पास करने के लिए उत्तराखंड की सभी मॉक टेस्ट जरूर दें । यहां सभी मॉक टेस्ट उत्तराखंड समूह-ग के पुराने सभी प्रश्न पत्रों का गहन विश्लेषण करने के बाद तैयार किए जाते हैं।  उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर - 47 (1) "भगवान तुम्हें लंबी उम्र दे" किस प्रकार का वाक्य है? (a) प्रश्नवाचक वाक्य (b) इच्छा वाचक वाक्य (c) संकेत वाचक वाक्य (d) विस्मयादिबोधक वाक्य (2) अल्पप्राण ध्वनियों का समूह कौन है? (a) क, ख, ग (b) च, ज, ञ (c) त, थ, न (d) ट, ठ, ण (3) विराम का अर्थ है? (a) चलना (b) बिछड़ना (c) ठहरना या रुकना (d) स्वर (4) 'समादर' व 'संरक्षण' में उपसर्ग है? (a) सम्  (b) प्रति (c) वि (d) उ (5) बनावट के आधार पर शब्दों के कितने भेद होते हैं? (a) 3 (b) 5 (c) 2 (d) 6 (6) आगत शब्द से संबंधित है? (a) विदेशी शब्द (b) देशी शब्द (c) तत्सम शब्द (d) तद्भव (7) निम्नलिखित ईकारांत शब्दों में एक पुल्लिंग है, उसे चयनित

उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानी

उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं हेतु उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानियों का वर्णन 2 भागों में विभाजित करके किया गया है । क्योंकि उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं में 3 से 5 मार्क्स का उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान अवश्य ही पूछा जाता है। अतः लेख को पूरा अवश्य पढ़ें। दोनों भागों का अध्ययन करने के पश्चात् शार्ट नोट्स पीडीएफ एवं प्रश्नोत्तरी पीडीएफ भी जरूर करें। भाग -01 उत्तराखंड के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी [1] कालू महरा (1831-1906 ई.) कुमाऊं का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) "उत्तराखंड का प्रथम स्वतंत्रा सेनानी" कालू महरा को कहा जाता है। इनका जन्म सन् 1831 में चंपावत के बिसुंग गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रतिभान सिंह था। कालू महरा ने अवध के नबाब वाजिद अली शाह के कहने पर 1857 की क्रांति के समय "क्रांतिवीर नामक गुप्त संगठन" बनाया था। इस संगठन ने लोहाघाट में अंग्रेजी सैनिक बैरकों पर आग लगा दी. जिससे कुमाऊं में अव्यवस्था व अशांति का माहौल बन गया।  प्रथम स्वतंत्रता संग्राम -1857 के समय कुमाऊं का कमिश्नर हेनरी रैम्