उत्तराखंड के लोकगीत और लोक नृत्य पहाड़ की अपनी ही बोली और संस्कृति है यहाँ के लोक गीतों का विस्तृत स्वरूप मुक्तको के रूप में मिलता है। विभिन्न अवसरों तथा विविध प्रसंगी में मुक्तकों का व्यवहार होता है, पहाड़ी समाज में अपनी विशिष्ट संस्कृति पौराणिक काल से रही है. न्यौली इसे न्यौली, न्यौल्या या वनगीत के नामों से पुकारा जाता है, न्यौली का अर्थ किसी नवीन स्त्री को नवीन रुप में सम्बोधन करना और स्वर बदल बदलकर प्रेम परक अनुभूतियों को व्यक्त करना है। न्यौली प्रेम परक संगीत प्रधान गीत है जिसमें दो-दो पंक्ति होती है। पहली पंक्ति प्रायः तुक मिलाने के लिए होती है। न्यौली में जीवन चिन्तन की प्रधानता का भाव होता है। ब्योली ब्योली रैना, मेरो मन बस्यो परदेश, कब आलो मेरो सैंया, मेरो मन लियो हदेश। (अर्थ: रात बीत रही है, मेरा मन परदेश में बसा है। कब आएगा मेरा प्रिय, जिसने मेरा मन ले लिया।) "सबै फूल फुली यौछ मैथा फुलौ ज्ञान, भैर जूँला भितर भूला माया भूलै जन, न्यौली मया भूलै जन", बैरा (नृत्य गीत) बैरा का शाब्दिक अर्थ संघर्ष है जो गीत युद्ध के रूप में गायकों के बीच होता है। अर्थात् यह कुमाऊं क्षे...
उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी 2021 भाग - 06 उत्तराखंड की आगामी परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण टॉप 10 प्रश्नोत्तरी तैयार किए गए है । जो समूह-ग, पटवारी एवं लेखपाल, बंदीरक्षक और फॉरेस्ट गार्ड के अनुरूप तैयार की गयी है। आने वाली परीक्षाओं में उत्तराखंड से संबंधित प्रश्नों की भूमिका बढ़ गई है । बता दें कि इन सभी परीक्षाओं में लगभग 100 में से 40 प्रश्न केवल उत्तराखंड से ही पूछे जाएंगे। कहीं ना कहीं उत्तराखंड की जानकारी होना अति आवश्यक है। अतः नीचे दिए गए प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अधिक से अधिक लाभ उठाएं। देवभूमि उत्तराखंड के द्वारा प्रतिदिन 10 महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाएंगे साथ ही व्याख्या सहित उत्तर दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रति सप्ताह 100 marks की मॉक टेस्ट सीरीज उपलब्ध जाएगी है। Top 10 most important MCQ (भाग - 06) (1) भिलंगना नदी का उद्गम स्रोत है ? (a) चोराबारी ग्लेशियर (b) सतोपंथ ग्लेशियर (c) मिलम ग्लेशियर (d) खतलिंग ग्लेशियर व्याख्या :- भिलंगना नदी का उद्गम स्रोत गोमुख से 50 किलोमीटर दक्षिण...