उत्तराखंड के लोकगीत और लोक नृत्य पहाड़ की अपनी ही बोली और संस्कृति है यहाँ के लोक गीतों का विस्तृत स्वरूप मुक्तको के रूप में मिलता है। विभिन्न अवसरों तथा विविध प्रसंगी में मुक्तकों का व्यवहार होता है, पहाड़ी समाज में अपनी विशिष्ट संस्कृति पौराणिक काल से रही है. न्यौली इसे न्यौली, न्यौल्या या वनगीत के नामों से पुकारा जाता है, न्यौली का अर्थ किसी नवीन स्त्री को नवीन रुप में सम्बोधन करना और स्वर बदल बदलकर प्रेम परक अनुभूतियों को व्यक्त करना है। न्यौली प्रेम परक संगीत प्रधान गीत है जिसमें दो-दो पंक्ति होती है। पहली पंक्ति प्रायः तुक मिलाने के लिए होती है। न्यौली में जीवन चिन्तन की प्रधानता का भाव होता है। ब्योली ब्योली रैना, मेरो मन बस्यो परदेश, कब आलो मेरो सैंया, मेरो मन लियो हदेश। (अर्थ: रात बीत रही है, मेरा मन परदेश में बसा है। कब आएगा मेरा प्रिय, जिसने मेरा मन ले लिया।) "सबै फूल फुली यौछ मैथा फुलौ ज्ञान, भैर जूँला भितर भूला माया भूलै जन, न्यौली मया भूलै जन", बैरा (नृत्य गीत) बैरा का शाब्दिक अर्थ संघर्ष है जो गीत युद्ध के रूप में गायकों के बीच होता है। अर्थात् यह कुमाऊं क्षे...
उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2025 उत्तराखंड की प्रमुख नियुक्तियां उत्तराखंड के नव नियुक्त मुख्य सचिव - आनंदवर्धन सिंह आनंद बर्द्धन (Anand Bardhan), उत्तराखंड के नव नियुक्त मुख्य सचिव, 1992 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 1 अप्रैल 2025 को उत्तराखंड के 19वें मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाला। इससे पहले वह अपर मुख्य सचिव (ACS) के पद पर कार्यरत थे और उत्तराखंड कैडर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। इनसे पूर्व राधा रतूड़ी इस पद पर कार्यरत थीं। आनंदवर्धन सिंह जन्म : 12 जून 1967, कटोरिया, बांका (बिहार)। शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से फिजिक्स में बीएससी ऑनर्स (विश्वविद्यालय में दूसरा स्थान) और मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (MCA)। उत्तराखंड के प्रथम मुख्य सचिव - अजय विक्रम सिंह थे। 18वीं राज्य मुख्य सचिव - राधा रतूड़ी 17वें राज्य मुख्य सचिव - एस.एस. संधु राज्य सूचना आयोग उत्तराखंड राज्य सूचना आयोग के वर्तमान अध्यक्ष राधा रतूड़ी हैं राधा रतूड़ी उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सूचना आयुक्त हैं। इन्हें 5 अप्रैल 2025 में इस पद पर नियुक्त किया गया साथ ही श्री कुश...