पंडित नैन सिंह रावत पंडित नैन सिंह रावत (1830-1895) एक महान खोजकर्ता थे। वे हिमालय और मध्य एशिया के क्षेत्र में अंग्रेज़ों के लिए सर्वे करने वाले पहले भारतीयों में से एक थे। आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पिथौरागढ़ (डीडीहाट) में उनकी 194वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड के महान इतिहासकार व लेखक श्री शेखर पाठक जी के साथ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक श्रीमती वन्दना गर्ब्याल जी और पिथौरागढ़ जिले के जिलाधिकारी श्री विनोद गिरी गोस्वामी जी उपस्थित रहेंगे। जीवन परिचय पंडित नैन सिंह रावत का जन्म 1830 में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मिलन गांव में हुआ था । उन्होंने अपने अनुभवों और अवलोकनों को डायरी में रिकॉर्ड किया और साथ ही उन्होंने अपनी पहली देसी अंदाज में सर्वेक्षण ज्ञान की पुस्तिका लिखी, जिसका नाम अक्षांश दर्पण (1871) था । अपने चचेरे भाई किशन सिंह और अन्य अनुवेषकों के साथ अनेक अभियान किए। उनके अभियानों से प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर उन्होंने बताया कि सांगपो नदी ही ब्रह्मपुत्र है। पंडित नैन सिंह जी के
हिन्दी प्रश्नोत्तरी (भाग -02) हिन्दी वर्णमाला से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न वर्तमान परिक्षा के पैटर्न को देखते हुए दिए गए लेख में हिंदी वर्णमाला (हिन्दी नोट्स भाग -02) से 40+ बहुविकल्पीय प्रश्नों को तैयार किया गया है। इस प्रश्नोत्तरी में तार्किक प्रश्न, सुमेलित, कथन-कारक वाले बहुविकल्पीय प्रश्नों को तैयार किया गया है। उम्मीद करते हैं इन प्रश्नों के हल करने से आपके हिन्दी वर्णमाला से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर सही करने में मदद मिलेगी। हिन्दी वर्णमाला से सम्बंधित 40+ बहुविकल्पीय प्रश्न (1) नीचे दिए गए कथनों में से कौन सा कथन सही है? 1. जिव्हा का अग्र भाग क्रियाशील रहता है अग्र स्वर के उच्चारण में। 2. जिव्हा का पिछला भाग क्रियाशील रहता है मध्य स्वर के उच्चारण में। (A) केवल कथन 1 सही है। (B) केवल कथन 2 सही है। (C) दोनों कथन सही हैं। (D) दोनों कथन गलत हैं। (2) निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है? 1. अ और आ को अर्धविवृत स्वर माना जाता है। 2. इ, ई, उ, ऊ संवृत स्वर हैं। (A) केवल कथन 1 सही है। (B) केवल कथन 2 सही है। (C) दोनों कथन सही हैं। (D) दोनों कथन गलत हैं। (3) इनमें से कौन सा कथन स