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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र

महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (बागेश्वर) कस्तूरी मृग - उत्तराखंड का राज्य पशु  कस्तूरी मृग के महत्व को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए 2001 में राज्य पशु घोषित किया। वर्ष 1972 में कस्तूरी मृग संरक्षण के लिए केदारनाथ वन्य जीव विहार के अंतर्गत कस्तूरी मृग विहार की स्थापना की गई । और वर्ष 1974 में बागेश्वर जनपद में महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान की स्थापना की।                    महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  यह केंद्र कस्तूरी मृग संरक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित है जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है, बागेश्वर जनपद गठन से पूर्व महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना वर्ष 1974 में पिथौरागढ़ जनपद में की गई थी। किन्तु 15 सितंबर 1997 में बागेश्वर जनपद के गठन के पश्चात् वर्तमान में यह केंद्र उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में महरूढ़ी धरमघर नामक स्थान पर स्थित है।                  महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र  *कुछ पुस्तकों में इसकी स्थापना का समय 1977 दिया गया है। और आयोग ने परीक्षा में यह प्रश्न अनेक बार पूछा है और आयोग द्वारा स्थापना व

मेरी पहली मोहब्बत : काव्य संग्रह

          काव्य संग्रह मेरी पहली मोहब्बत, Part -1 अक्सर यह रातों के आंसू , दिल में सैलाब लेकर आते हैं छूट रहा है वो पल मेरा , जहां खुशियों का सवेरा निकलता है।  जाने क्यों वक्त कम-सा लगता है।  कामयाबी मिलेगी यह तो यकीन है।  फिर भी कुछ अधूरा-सा लगता है । कहने को तो जिंदगी बहुत बड़ी है । करने को एक मुकाम बाकी है।  हौसलों में तो जान है,  बस एक उड़ान बाकी है।  हर पल बीत रहा है कुछ ऐसे।  मानो मुट्ठी में रेत भरी है जैसे  जाने क्यों वक्त कम-सा लगता है सब कुछ तो है जिंदगी में।  फिर भी कुछ कम-सा लगता है।  मस्ती की, मौज किया,  खूब खाया, खूब पिया , हर पल जिंदगी को,  एक नया मोड़ दिया। बहुत से राही ही मिले थे सफर में, सपनों का सागर था मन में, डर था टूट ना जाए , मेरा खुदा रूठ ना जाए। मैंने जो भी चाहा मिला था रब से, सब कुछ तो है जिंदगी में, फिर भी कुछ कम-सा लगता है। जाने यह कैसी चाहत है ? जाने यह कैसी नजाकत है? दुखों का साया कुछ यूं घबराया,  खुशी का पल जब ऐसे आया । हर लम्हों को जिया मैं ऐसे , फूलों से बाग भरा था जैसे। हर पल बीत रहे हैं कुछ ऐसे  जाने क्यों अजीब सा लगता है? सब कुछ तो है जिंदगी में । फिर

Weekly current affair in hindi by sunil

 7 days challenge Weekly current affairs.         ( week - 4) (25 January to 31 January) 7days challenge की सीरीज देवभूमिउत्तराखंड.com के द्वारा तैयार की गई है । जिसमें प्रति सप्ताह 10 से 11 प्रश्न तैयार किए जाएंगे। जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं । यदि मेरे द्वारा दी गई पोस्ट को प्रति सप्ताह पढ़ते हैं या फिर यूट्यूब चैनल imi में देखते हैं। तो आपको साल के अंत तक सफलता आसानी से मिल सकती है। (1) पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम भारत पर्व 2021 का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया है। वर्तमान समय में लोकसभा अध्यक्ष कौन है? (a) नरेंद्र मोदी (b) ओम बिरला (c) एम वेंकैया नायडू (d) राजीव कुमार व्याख्या = पर्यटन मंत्रालय द्वारा 2016 से प्रतिवर्ष 26 से 31 जनवरी तक गणतंत्र दिवस के अवसर भारत पर्व का  आयोजन किया जाता है, इसमें खान - पान के व्यंजकों, हस्तकला से निर्मित वस्तुएं और  कपड़ो का प्रदर्शन किया जाता है। (2)"सुभाष चंद्रबोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2021"के लिए 23 जनवरी सुभाष चंद्रबोस की जयंती पर किसको दिया गया? (a) राजेंद्र कुमा

वारेन हेस्टिंग्स - प्रथम गवर्नर जनरल (Upsc answer writing)

वारेन हेस्टिंग्स - प्रथम गवर्नर जनरल  2016 प्रश्न पत्र -2  (इतिहास) प्रश्न 2 (a) यह कहना कहां तक सही होगा कि भारत में क्लाइव यद्यपि अंग्रेजी साम्राज्य के संस्थापक थे । तो वारेन हेस्टिंग्स इसके प्रशासनिक आयोजक थे? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। भारत में  रॉबर्ट क्लाइव मद्रास के बंदरगाह पर क्लर्क बन कर आया था। प्लासी के युद्ध 1757 में रॉबर्ट क्लाइव ने अहम भूमिका निभाई । अपनी सूझबूझ और कूटनीति रणनीति से प्लासी की जंग जीत ली। इस तरह रॉबर्ट क्लाइव को कंपनी ने बंगाल का गवर्नर नियुक्त कर दिया। पहली बार भारत के प्रांत में ब्रिटिश राज स्थापित हो गया था। इसी कारण रॉबर्ट क्लाइव को अंग्रेजी साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है । रॉबर्ट क्लाइव बड़ा बुद्धिमान, राजनीतिक मामलों में चतुर और कूटनीतिक व्यक्ति था । वह कठिन परिस्थितियों को जल्दी समझ लेता था। वह एक बड़ा दूरदर्शी राजनीतिज्ञ भी था । बंगाल का गवर्नर बनने के बाद बंगाल पर खुद शासन ना करके एक कठपुतली राजा मीर जाफर को गद्दी पर बिठाया। 1760 के बाद इंग्लैंड वापस चला गया । लेकिन 1765 में पुनः क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाकर भेजा । बंगाल का संपूर्ण शासन ईस

मां का संदेश : काव्य संग्रह by sunil

          मां का संदेश सफर -ए- Upsc मां सब जानती है, अपने बच्चे को भलीभांति पहचानती है ।आपको लगता होगा - कि आप मां के बिना नहीं रह सकते हैं,‌ लेकिन सच तो यह है मां अपने बच्चों के बिना नहीं रह सकती है । लेकिन मां को भी मालूम है - ममता के आंचल में बच्चे को बड़ा करना मूर्खता है। क्योंकि दुनिया में जुल्मों से भरी पड़ी है। कदम-कदम पर बहरूपिये खड़े हैं , जो ठगने को तैयार खड़े हैं।  धोखा है , झूठ है, फरेब है, भ्रष्टाचार है।  मां बचपन में ही बहुत कुछ सिखा देती है। लेकिन सारा दिन घर पर रहकर बाहरी दुनिया की बदलती तस्वीर नहीं दिखा पाती है । इसलिए दिल पर पत्थर रखकर अपने बच्चे को शिक्षा प्राप्ति के लिए खुद से दूर करती है। ताकि वह दुनिया की व्यवस्था को समझ सके। असहाय और बेसहारों की मदद करें । ऐसे ही एक मां अपने बच्चे को पढ़ने के लिए घर से दूर भेजती है। 10 वर्ष से ही वह बच्चा दुनिया को समझने लगता है। आसपास का माहौल देखता है । और तरह-तरह के बच्चों से,  शिक्षकों से, व्यवसायियों से , खिलाड़ियों से , दोस्तों से मिलता है । वह देखता है , हर किसी में कुछ ना कुछ खूबी थी। इस तरह वह अपने आप में खूबी तलाशने लगत

Upsc answer writing in hindi by sunil

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रश्न संख्या - 11 (dhirsti Ias answer writing ) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 धारणीय विकास लक्ष्य -4 (2030) के साथ अनुरूपता में है । इसका ध्यान भारत में शिक्षा प्रणाली की पुनः संरचना और पुनः स्थापना है । इस कथन का नाम आलोचनात्मक निरीक्षण कीजिए। उत्तर:- संयुक्त राष्ट्रीय संघ ने 2015 से 2030 तक विश्व का परिदृश्य बदलने के उद्देश्य से धारणीय विकास के 17 लक्ष्य और 169 विशिष्ट लक्ष्यो को अपनाया है । धारणीय विकास का अर्थ है - विकास के नाम पर आने वाली योजनाओं और उसके परिणामों का लाभ सभी देशों को समान रूप से मिल सके। उन्हीं लक्ष्यों में शामिल है "अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा" जिसकी प्राप्ति के लिए भारत देश ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नई शिक्षा नीति का उद्देश्य देश के सभी विद्यालयों और उच्च शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तनकारी कार्य सुधार लाना है। भारत में आजादी के बाद 3 नई शिक्षा नीति  बनाई जा चुकी हैं। प्रथम- शिक्षा नीति आजादी के बाद 1968 में आई थी । उसके बाद अनेकों बदलावों के साथ 1986 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेत

तू देश की पुकार बन जा : काव्य संग्रह by sunil

 देश की पुकार  : काव्य संग्रह नमस्कार मित्रों 72 वें गणतंत्र दिवस पर देवभूमि उत्तराखंड की तरफ से सभी देशवासियों को हार्दिक बधाईयां। आज की  कविता देश के उन वीरों के लिए है । जो सरहद पर खड़े हैं जो हमारी देश की दीवार है । जो  वीर है,  जो शेर हैं । और उन वीरों की सभी मां को हमारा सलाम जिसने ऐसे वीरों को जन्म दिया है । जिसने देश की रक्षा के लिए इतना बड़ा त्याग किया है। और देश की उन माताओं को भी सलाम जो अपने बेटे को आर्मी में भेजने को तैयार है। अपने बेटे-बेटियों की तैयारी में उत्साह बढ़ाते हैं। कदम कदम पर साथ निभाती है सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहती है। मां के त्याग और स्नेह से प्रेरित मेरी कविता देश के वीरों के लिए "तू देश की पुकार बन जा" तू देश की पुकार बन जा तू पर्वत तू पहाड़ बन जा । तू शेर की दहाड़ बन जा ।। ना पैर रखे कोई फिरंगी, सरजमी पर । तू सरहद की दीवार बन जा।। अम्बर बरसे, धरती तरसे ।। अडिग सा तू खड़ा रहा।। गर उठे कोई सर सीमा पर।। लहू से लथपथ तलवार बन जा। तू फरिश्ता, तू शहंशाह। सरहद का सरताज बन जा। मुकम्मल है कई जिंदगी तेरी वजह से, तू देश की पुकार बन जा।। क्यों मनाया जाता ह

Weekly current affair in hindi ( 17 Jan to 24 jan)

 7 days challenge Weekly current affair -  17 January to 24 January  7days challenge की सीरीज देवभूमिउत्तराखंड.com के द्वारा तैयार की गई है । जिसमें प्रति सप्ताह 10 से 11 प्रश्न तैयार किए जाएंगे। जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं । यदि मेरे द्वारा दी गई पोस्ट को प्रति सप्ताह पढ़ते हैं या फिर यूट्यूब चैनल imi  में देखते हैं। तो आपको साल के अंत तक सफलता आसानी से मिल सकती है। (1) जनवरी 2021 में किस राज्य सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 दिन करने की घोषणा की है। (a) हिमाचल प्रदेश (b) उत्तराखंड (c) मध्य प्रदेश (d) ओडिशा व्याख्या : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अर्थात मनरेगा का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है । पहले इसका नाम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम था । इसकी शुरुआत 2005 में की गई थी। नरेगा से मनरेगा में परिवर्तित कर दिया गया। इस योजना के अंतर्गत वर्ष में 100 दिनों का रोजगार देने का प्रावधान था। यदि रोजगार नहीं मिल पाता है तो उसके बदले में मजदूरी मिलेगी हाल ही में  उत्तराखंड स

पुरानी साइकिल : काव्य संग्रह by sunil

        पुरानी साइकिल             काव्य संग्रह                       पुरानी साइकिल  होकर पुरानी साइकिल पर सवार,  मैं मिलने चला पुराने यार , याद आए वो लम्हे,  याद आई वो गलियां , जिन पर कई लम्हे गुजार । आज भी मेरे बचपन से,  मुझे बड़ा है प्यार।  वो संतरे की गोलियां  एक रुपए में आती थी चार । स्कूल जाते , बहाना बनाते  घर वाले कभी ना मनाते । अपनी हरकतों से थे लाचार , जान कर भी गलती करते बार-बार वो कंचे की गोलियां , निशाने के थे सरताज,  वो बल्ले की फंटियों से  मारते थे सरहद पार । पैर नहीं थकते जब तक , हम खेलते बार-बार। थकान क्या होती है ? मुश्किलें क्या होती है ? मालूम नहीं,  धुन के पक्के थे गबार । सोचते इन बातों को,  बात करते रातों को , पता ही नहीं चला , कब बड़े हो गए यार।। नादानी मुझमें मैं एक नादानी है।  जानता है सब कुछ मन । फिर भी यह कैसी मनमानी है?  ऐसा नहीं है ,  समझ नहीं है ,  ऐसा भी नहीं है, समझदारी नहीं है  शायद जिम्मेदारियों से डरता हूं।  इसलिए एक बचपना छुपा कर रखता हूं।  मालूम है एक दिन बड़ा हो ही जाना है  जिम्मेदारियों के तले दबी जाना है।  फिर भी यह कैसी मनमानी है। चाहत बहुत है ,

विश्व गुरु भारत : काव्य संग्रह by sunil

 विश्व गुरु : भारत 72वां गणतंत्र दिवस  26th Republic day 72वें गणतंत्र दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर मेरे द्वारा स्वरचित कविता "विश्व गुरु भारत"  लेकिन इससेेेे पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां 1966 के बाद ऐसा पहली बार होगा है कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी दूसरे देश का प्रमुख मुख्य अतिथि के रूप में नहीं होगा।  साथ ही पहले की अपेक्षा परेड में कम दस्त शामिल होंगी और 15 साल से कम के बच्चे की एंट्री नहीं होगी। खास बात यह है कि राफेल विमान गणतंत्र दिवस के उपलक्ष पर उड़ान भरेगा । और भारतीय वायु सेना की पहली महिला फाइट विमान उड़ाने वाली लेफ्टिनेंट भावना कांत परेड में शामिल होंगी।             प्रत्येक युवा केेे लिए मेरी कविता द्वारा एक संदेश - प्रत्येक भारतवासी को भारत को विश्व गुरुुुु बनाने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए  इन्हीं शब्दों से प्रेरित मेरी कविता। विश्व गुरु : भारत मालूम है मुझे सफर  लंबा तय करना है।।  फिर चलना तो प्रारंभ करना है,  मुझे नहीं पता मंजिल क्या होगी।  लेकिन पढ़ना तो है।  जिंदगी में जो मिलेगा,  वह हंसकर करूंगा। जिंदगी जो बनाए

उम्मीदें : काव्य संग्रह by sunil

       काव्य : संग्रह हेलो दोस्तों , कविताओं का सफर जारी है । कविताएं कब दिल पर उतर जाए जानें कब रूह में समा जाएं, जानें कब  संगीत बन जाए। यह तो लिखने वाला भी नहीं जानता बस वो दिल की सच्चाई , विचार , फीलिंग लिखते हैं और चंद शब्दों के सामने प्रस्तुत करते हैं। कोई गायक उन शब्दों को समझ लें तब एक संगीत निकलता है। पहला प्रयास मेरी डायरी से , अपनी कविता को गाने का रूप देने की पहली दफा कोशिश की है। वैसे तो यह एक गाना है। जिसे अगला भाग कह सकते हैं "हंसू जब मैं गाऊ तुझे " धुन तो वहीं से मिली है।  लेकिन रचना अलग है। शीर्षक है "मैं तेरा इंतजार करूं" मैं तेरा इंतजार करूं बात आधी  है अधूरी ,  कैसे तुझे मैं बताऊं।  बात-करते, बात-करते,   तुझ में ही खो जाऊं।। मिटा दे जो फासले है ये , बता दे कोई बात है अगर  दिला दे जो राहत मुझे,  मैं तेरा दीदार करूं,  मैं तेरा इंतजार करूं । रात आधी है अधूरी ,  चलने को है लंबी दूरी। बिन तेरे कदम कैसे बढ़ाऊ?  तुझे-देखते, तुझे देखते  सफर यूं ही कट जाए।  दे दे कोई साथ मेरा,   थाम ले जो हाथ मेरा । मोहब्बत आधी है अधूरी ,  कैसे मैं यह निभाऊं,  कहने को तो

Tipu sultan : upsc mains answer writing

 टीपू सुल्तान : शेर-ए-मैसूर 2019 प्रश्न पत्र -2 प्रश्न संख्या -1 (a) टीपू सुल्तान मैसूर में महत्वाकांक्षी विभागीय इरादे वाला एक शक्तिशाली केंद्रीकृत एवं सैन्यकृत राज्य के निर्माण का प्रयास प्राप्त कर रहा था । समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। टीपू सुल्तान जटिल चरित्र और नए विचारों वाला व्यक्ति था । समय के साथ बदलने की इच्छा रखता था । उसने एक शक्तिशाली केंद्रीकृत एवं संयुक्त राज्य के निर्माण के लिए नए निम्न कार्य किए :- टीपू सुल्तान के राज्य काल में मैसूर आर्थिक रूप से फला फूला क्योंकि टीपू ने पारंपरिक खेती में बदलाव किए। नए कैलेंडर को लागू किया । सिक्के ढलाई की नई प्रणाली  और माप तोल की नई प्रणाली को अपनाया। टीपू सुल्तान ने मैसूर में नई शैली की बंदूकों और तोपों का निर्माण किया । 1000 गज मारक क्षमता वाली मिसाइल का निर्माण 18वीं सदी में ही कर लिया था । एक राजनीतिक रूप से 18 वीं सदी के किसी भी शासक की तुलना में वह दक्षिण भारत के लिए या दूसरे भारतीय शासकों के लिए अंग्रेजी राज्य के खतरे को अधिक ठीक तरह से समझता था । टीपू सुल्तान बारे में एक ब्रिटिश पर्यवेक्षक ने लिखा था कि "यह  खेती बाड़ी मे

Weekly current affair in hindi ( 9 Jan to 16 jan)

    7 days challenge               Weekly current affair in hindi 7days challenge की सीरीज देवभूमिउत्तराखंड.com के द्वारा तैयार की गई है । जिसमें प्रति सप्ताह 10 से 11 प्रश्न तैयार किए जाएंगे। जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं । यदि मेरे द्वारा दी गई पोस्ट को प्रति सप्ताह पढ़ते हैं या फिर यूट्यूब चैनल  imi 2021 में देखते हैं। तो आपको साल के अंत तक सफलता आसानी से मिल सकती है। (1) हाल ही में भारत ने  लिथियम के भंडार की खोज किस राज्य में की है? (a) गुजरात (b) कर्नाटक (c) मध्य प्रदेश (d) तमिलनाडु (लिथियम एक क्षारीय धातु है। इसका प्रयोग बैटरी, लैपटॉप, और मोबाइल फोन में किया जाता है। इसके अलावा यह एक मिश्र धातु है तो इसके विभिन्न प्रयोग हैं। AMD के सर्वेक्षण के अनुसार मांड्या (कर्नाटक) में 16 हजार टन लिथियम भंडार पाया गया है) (2) हाल ही में "The population Myth : Islam planning and politics in India " नामक पुस्तक किसने लिखी है ? (a) चेतन भगत (b) एस वाई कुरैशी (c) शशि थरूर (d) सुब्रमण्यम स्वामी (3) हाल ही में CISF के नए प्रमुख के रूप में किसे निय

बक्सर का युद्ध -1764

 बक्सर का युद्ध -1764 बक्सर के युद्ध की पृष्ठभूमि 1757 की प्लासी की जंग के बाद बंगाल का नवाब मीर जाफर को बनाया गया । जो कि वह अंग्रेजों का एक कठपुतली था। कंपनी के अधिकारियों द्वारा उपहार और रिश्वत संबंधी मांगों ने जल्दी बंगाल का खजाना खाली कर दिया। कंपनी भारत के साथ व्यापार के स्थान पर नवाब पर नियंत्रण करके बंगाल को लूट रही थी। खजाना खाली हो जाने के कारण मीर जाफर ने जनता पर अधिक कर लगा दिए। इससे जनता परेशान हो गई। अंग्रेजों को डर था कि जनता विद्रोह ना कर दे । तो उन्होंने मीर जाफर को मजबूर किया कि वह अपने दामाद मीर कासिम को गद्दी दे दें। इस तरह 1760 में मीर कासिम बंगाल का नवाब बना। मीर  कासिम योग्य एवं कुशल शासक था। मीर कासिम के नवाब बनने पर अंग्रेजों ने कुछ मांगे रखी:- बर्दवान, मिदनापुर और चटगांव जिले की जमींदारी मांगी की।  बंगाल में प्रसिद्ध चूना व्यापार में 50% की दावेदारी मांग की।  मीर कासिम नवाब बनने की खुशी में कंपनी को सब कुछ दे दिया, साथ ही बड़े अंग्रेज अधिकारियों को अच्छे-अच्छे उपहार दिए । जिनकी कुल कीमत ₹29 लाख थी। लेकिन बदले में मीर कासिम ने अंग्रेजों से दो ही शर्त रखी  :- प

कर्नाटक युद्ध (आधुनिक इतिहास)

 कर्नाटक  युद्ध (1748-1754)  वर्ष - 2018  प्रश्नपत्र - 2 प्रश्न संख्या 2(c) (इतिहास) क्या आप इस बात से सहमत हैं कि कर्नाटक में आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष ने दक्षिण भारत के प्रांतीय छत्रपों की आंतरिक अवनति को प्रदर्शित किया ? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए । Do you subscribe to the view  that the Anglo French tussle is Carnatic demonstrated the internal decay of the provincivle chieftains of South India. यह कहा जा सकता है कि कर्नाटक में आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष ने दक्षिण भारत के प्रांतीय क्षत्रपों की  आंतरिक अवनति को  प्रदर्शित किया । क्योंकि भारतीय शासकों में राष्ट्रवादी भावना का अभाव था। लाभ कि संकुचित भावना से प्रेरित थे। सत्ता की लालच के लिए विदेशियों की सहायता मांगने में उन्हें कोई हिचक नहीं होती थी। इसी का फायदा अंग्रेजों और फ्रांसीसीयों ने कर्नाटक और हैदराबाद के प्रांतीय शासकों से उठाया । वह भी तब जब अंग्रेजों और फ्रांसीसीयों  का युद्ध चल रहा था। कर्नाटक की पृष्ठभूमि कर्नाटक कोरोमंडल तट से जुड़ा ऐसा क्षेत्र था जिस पर हैदराबाद के निजाम उल मुल्क आसफजाह और मराठों की नजर नियंत्रण करने पर थी। ज

प्लासी का युद्ध - 1757

 प्लासी का युद्ध - 1757 2018 प्रश्नपत्र-2  (इतिहास) प्रश्न 1 (a):- "प्लासी का युद्ध (1757) ने इस तरह से भारत में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनीतिक सर्वोच्चता की शुरुआत को चिन्हित किया था" समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। भारत में ब्रिटिश राजनीतिक सत्ता का आरंभ 1757 की प्लासी के युद्ध से माना जा सकता है। क्योंकि प्लासी की जंग के बाद ही ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल तथा पूरे भारत पर अधिकार करने का रास्ता मिला था । व्यापार करने की स्वतंत्रता मिली थी।  लेकिन 1757 से पहले भारत में ऐसी कुछ ऐसी घटनाएं घटी । जिससे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना का साहस सिराजुद्दौला से युद्ध करने का हुआ। अतः प्लासी के युद्ध से पहले और बाद की चर्चा के बाद ही निष्कर्ष  निकलाना उचित रहेगा। कि प्लासी के युद्ध (1757) ने इस तरह से भारत में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनीतिक सर्वोच्चता की शुरुआत को चिन्हित किया था। 1757 से पहले की स्थिति ईस्ट इंडिया कंपनी ने आरंभ से ही व्यापार और कूटनीति के साथ-साथ युद्धों का सहारा लेकर फैक्ट्रियां स्थापित की । और उन क्षेत्रों पर कब्जा भी किया । अंग्रेजों ने दक्षिण में अपनी पहली फ

मेहरबानी : काव्य संग्रह by sunil

मेहरबानी : काव्य संग्रह प्रिय मित्रोंमुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कड़ी मेहनत के बाद मेरी वेबसाइट  देवभूमिउत्तराखंड.com  में earning शुरू हो गई है। तो इस उपलक्ष्य में एक स्पेशल थैंक्स तो आप सबके लिए बनता है। आप सभी का  दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने मेरे द्वारा लिखी गई कविताएं ध्यानपूर्वक पढा और लोगों तक भी पहुंचाया। उम्मीद है यदि आप सभी का सहयोग रहा तो -3 महीनों में यूट्यूब चैनल से भी earning शुरू हो सकती हैै। तो  जिसने भी मेरा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है तो सब्सक्राइब कर लें। आप सभी के सहयोग के उपलक्ष्य में इन्हीं शब्दों से प्रेरित आप सभी दोस्तों के धन्यवाद  लिए मैंने एक कविता लिखी है। जरा गौर फरमाना........। मेहरबानी  दोस्तों, आप सभी की मेहरबानी है, आप लोगों से जुड़ी जिंदगानी है, आपके प्यार और सहयोग से , मेरे अरमानों में तूफानी है , थोड़े से शब्द है, थोड़ी-सी जुबानी है  थोड़ी हकीकत है , छोटी-सी कहानी है चुरा सकूं मैं ! वो लम्हे दुनिया से, जो बच्चों को सुनानी है , दिन भी गजब के है,  रातें भी सुहानी है। कोई इंतजार करें ना करें,  मेरे आंखों में रवानी है। मंजिल मुझे

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

 संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद Evergreen topic - 2015 प्रश्नपत्र-2 प्रश्न संख्या -18 दोस्तों जब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता मिल नहीं जाती है। तब तक यह प्रश्न किसी ना किसी रूप में आता रहेगा। इसलिए प्रयास करते रहिए और मेरे द्वारा दिए गए उत्तर का मूल्यांकन कीजिए। प्रश्न संख्या 18 - संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट की खोज में भारत के समक्ष आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने के लिए मूल ढांचे को समझना होगा । उसके बाद ही आने वाली बाधाओं को समझ सकते हैं । द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सभी राष्ट्रों ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थापना 51 सदस्य देशों के साथ की । जिसमें पांच स्थाई सदस्य  अमेरिका, रूस , ब्रिटेन , फ्रांस और चीन को बनाया गया । वहीं 10 अस्थाई सदस्यों का प्रावधान किया गया जो प्रत्येक 2 वर्षों में परिवर्तित होते रहेंगे। स्थाई सदस्य बनने की चुनाव प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने के लिए दो तिहाई सदस्य देशों का समर्थन