संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने के लिए मूल ढांचे को समझना होगा । उसके बाद ही आने वाली बाधाओं को समझ सकते हैं । द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सभी राष्ट्रों ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थापना 51 सदस्य देशों के साथ की । जिसमें पांच स्थाई सदस्य अमेरिका, रूस , ब्रिटेन , फ्रांस और चीन को बनाया गया । वहीं 10 अस्थाई सदस्यों का प्रावधान किया गया जो प्रत्येक 2 वर्षों में परिवर्तित होते रहेंगे।
स्थाई सदस्य बनने की चुनाव प्रक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने के लिए दो तिहाई सदस्य देशों का समर्थन चाहिए। इसके अलावा 5 स्थाई सदस्य देशों का समर्थन जरूरी है । वर्तमान स्थिति बताती है कि अमेरिका और रूस भारत के पक्ष में हैं, फ्रांस और ब्रिटेन ने तो साफ कह दिया है कि भारत को स्थाई सदस्य बनना चाहिए लेकिन चीन भारत को स्थाई सदस्य बनने से रोक रहा है।
स्थाई सदस्य बनने के लिए भारत की बाधा
- भारत के स्थाई सदस्य बनने की पहली शर्त आसानी से पूरी कर सकता है। क्योंकि भारत ने अस्थाई सदस्य के लिए दावा किया तो 192 देशों में भारत को 184 वोट मिले हैं। लेकिन दूसरी शर्त के अनुसार केवल चीन भारत को रोक रहा है । अन्य चारों स्थाई सदस्य देश समर्थन के लिए तैयार है ।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 75 वर्षों से कोई बदलाव नहीं आया है। जैसे - स्थाई सदस्यों की नियुक्ति और वीटो शक्ति में भारत सुधार की मांग कर रहा है। हालांकि 2015 में आश्वासन दिया गया था । सुधार करेंगे लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।
- स्थाई सदस्य के लिए भारत के अलावा भी अन्य देश दावेदार हैं , जैसे - जापान , ब्राजील , पाकिस्तान , अर्जेंटीना , इटली और कुछ दक्षिण अफ्रीकी देश। भारत की बड़ी समस्या यह है कि जर्मनी , जापान और ब्राजील भारत द्वारा गठित G-4 समूह के सदस्य हैं। जिनका भारत विरोध नहीं कर पा रहा है।
- स्थाई सदस्यों की दावेदारी टालने का एक और बड़ा कारण यह है । कि अभी तक स्थाई सदस्यों में अफ्रीकी कोई देश शामिल नहीं हुआ है। जिस कारण कुछ देशों का कहना है कि कोई अफ्रीकी देश सदस्य देश बने।
- स्थाई देशों की सदस्यता में पड़ोसी देश ज्यादा रुकावट डाल रहे हैं । जैसे - भारत का विरोध पाकिस्तान कर रहा है , ब्राजील का विरोध अर्जेंटीना और जर्मनी का विरोध इटली कर रहा है । उसी तरह जापान का विरोध चीन और कोरिया कर रहा है।
- भारत का विरोध मुख्य रूप से चीन ही कर रहा है क्योंकि चीन को लगता है कि भारत तेजी से विकास कर रहा है । और चीन की विस्तार वादी नीतियों का विरोध करता है ।
- इसके अलावा भारत में आंतरिक समस्याएं व्याप्त है। जैसे - गरीबी ,भुखमरी ,कुपोषण , भ्रष्टाचार आदि जिससे भारत को नीचा दिखाया जाता है। और भारत की स्थाई सदस्य की दावेदारी पर विराम लगाते है।
निष्कर्ष
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दुनिया को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा मंच है । अतः जरूरी है कि समय के साथ इसमें सुधार हो स्थाई देशों की यदि सीट बढ़ा दी जाए और चुनाव प्रक्रिया में सुधार किया जाए । जैसे 5 के स्थान पर 10 स्थाई सदस्यों देशों को जगह दी जाए । इससे जो वास्तविक कूटनीतिक कौशल वाले देश हैं । उन्हें जगह मिलेगी । इसके अलावा भारत को आंतरिक समस्याओं पर ध्यान देना होगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक वैधानिक निकाय है। यह संयुक्त राष्ट्र का एक अंग है। जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। इसी कारण इसे "विश्व का सिपाही" की संज्ञा दी जाती है । संयुक्त राष्ट्रीय संघ की स्थापना 1945 में की गई थी । इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर (अमेरिका) में है। इसमें 5 स्थाई सदस्य देश होते हैं। और 10 अस्थाई सदस्य देश होते हैं । अस्थाई सदस्य देशों का कार्यकाल 2 वर्ष का होता है। भारत 2021 में आठवीं बार अस्थाई सदस्य देश बना है। इसके अलावा 1950-1951 , 1967-1968, 1972-1973 , 1977-1978 1984-1985 ,1991-1992, 2011-2012, और 2021- 2022। भारत के साथ मेक्सिको, नॉर्वे और आयरलैंड का स्थाई सदस्य देश बने हैं।
पांच स्थाई सदस्य देश - संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, रूस , चीन
10 अस्थाई सदस्य देश - भारत, नॉर्वे , केन्या, आयरलैंड, मेक्सिकोो, एस्टोनिया, नाइजर , सेंट विंसेंट, ग्रैनेडाइंस ट्यूनीशिया और वियतनाम।
उपयुक्त प्रश्न का उत्तर यूपीएससी के अभ्यर्थी के द्वारा दिया गया है। अतः शिक्षाविदों और सीनियर से अनुरोध है कि मेरे उत्तर का मूल्यांकन करें। यदि कोई गलती या सुधार की आवश्यकता है तो सुझाव दें।
Sources : विकिपीडिया और दृष्टि आईएएस।
धन्यवाद।
इन्हें भी देखें
जनसंख्या और निर्धनता में संबंध यूपीएससी प्रश्न
मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट 2020
Nice information.......good answered..best of luck for upsc...
जवाब देंहटाएं