Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test 2025 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षा उत्तराखंड पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, फोरेस्ट गार्ड और RO/ARO हेतु टेस्ट सीरीज प्रारंभ की गई है। सभी टेस्ट अनुभवी टीम द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। टेस्ट सीरीज का लाभ उठाने के लिए संपर्क करें। 9568166280 Uksssc Mock Test - 212 (1) “अन्याला चोट कन्याला” इस लोकोक्ति का अर्थ क्या है ? (A) सर पर भारी चोट लगा (B) अंधे के हाथ बटेर लगना (C) अंधे पर चोट लगा (D) आने से जाने तक (2) “बाप पेट चय्ल बाजार” कुमाऊनी पहेली का क्या अर्थ है – (A) कददू (B) सेब (C) जीभ (D) पिनालू (3) मकर संक्रांति को स्थानीय भाषा में क्या कहा जाता है (A) घुघुती त्यौहार (B) उत्तरायण (C) चुनिया (D) उपरोक्त सभी (4) उत्तराखंड में ग्रामीण आवासो के निकट की भूमि क्या कहलाती है (A) घरया (B) बण्या (C) बिचौलि (D) जवाणा (5) निम्नलिखित स्वरों में कौन सा युग्म गलत है (A) मध्य स्वर - अ (B) विवृत स्वर - आ (C) अर्धविवृत्त स्वर - ई (D) पश्च स्वर - ऊ (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए...
महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (बागेश्वर)
कस्तूरी मृग - उत्तराखंड का राज्य पशु
कस्तूरी मृग के महत्व को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए 2001 में राज्य पशु घोषित किया। वर्ष 1972 में कस्तूरी मृग संरक्षण के लिए केदारनाथ वन्य जीव विहार के अंतर्गत कस्तूरी मृग विहार की स्थापना की गई । और वर्ष 1974 में बागेश्वर जनपद में महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान की स्थापना की।
महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र
यह केंद्र कस्तूरी मृग संरक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित है जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है, बागेश्वर जनपद गठन से पूर्व महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना वर्ष 1974 में पिथौरागढ़ जनपद में की गई थी। किन्तु 15 सितंबर 1997 में बागेश्वर जनपद के गठन के पश्चात् वर्तमान में यह केंद्र उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में महरूढ़ी धरमघर नामक स्थान पर स्थित है।
महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र
*कुछ पुस्तकों में इसकी स्थापना का समय 1977 दिया गया है। और आयोग ने परीक्षा में यह प्रश्न अनेक बार पूछा है और आयोग द्वारा स्थापना वर्ष 1977 को ही सही माना है। किन्तु जून 2023 में केन्द्र के गेट के सामने शिलान्यास पर स्थापना वर्ष 1974 दिया गया है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना 1974 में की गई थी।
महरुढ़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :-
- यह केंद्र कस्तूरी मृगों के प्रजनन, स्वास्थ्य, और व्यवहार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
- कस्तूरी मृग को "हिमालय का मस्क डियर" कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मास्कस काइसोगास्टर है इन्हें जुगाली करने वाला भी मृग कहा जाता है। कस्तूरी मृग को मुख्य भोजन केदारपाती होता है।
- इनकी सूघने की शक्ति कुत्तों से भी अधिक तेज होती है। कस्तूरी मृग मुख्यता हिमालय श्रेणी के 3600 मीटर से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं।
- कस्तूरी मृग अपनी कस्तूरी के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसका उपयोग इत्र और दवाओं में किया जाता है।
वर्तमान समय में 2024 में, इस अनुसंधान केंद्र में केवल 09 कस्तूरी मृग ही बचे हैं।
कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र - काँचुला खर्क (1982)
कस्तूरी मृग की औसत आयु लगभग 20 वर्ष होती है और कस्तूरी मृग गर्भधारण अवधि 6 माह होती.है। वर्ष 1982 में कस्तूरी मृग प्रजनन व संरक्षण केंद्र स्थापना चमोली जिले काँचुला खर्क में की गई। उत्तराखंड राज्य में सर्वाधिक मात्रा में कस्तूरी मृग अस्कोट वन्यजीव अभ्यारण्य पिथौरागढ़ में पाए जाते हैं ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts.
Please let me now.