सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Uksssc Mock Test - 132

Uksssc Mock Test -132 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षाओं हेतु फ्री टेस्ट सीरीज उपलब्ध हैं। पीडीएफ फाइल में प्राप्त करने के लिए संपर्क करें। और टेलीग्राम चैनल से अवश्य जुड़े। Join telegram channel - click here उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर  (1) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।              सूची-I.                  सूची-II  A. पूर्वी कुमाऊनी वर्ग          1. फल्दाकोटी B. पश्चिमी कुमाऊनी वर्ग       2. असकोटी  C. दक्षिणी कुमाऊनी वर्ग       3. जोहार D. उत्तरी कुमाऊनी वर्ग.        4.  रचभैसी कूट :        A.   B.  C.   D  (a)  1.    2.  3.   4 (b)  2.    1.  4.   3 (c)  3.    1.   2.  4 (d) 4.    2.   3.   1 (2) बांग्ला भाषा उत्तराखंड के किस भाग में बोली जाती है (a) दक्षिणी गढ़वाल (b) कुमाऊं (c) दक्षिणी कुमाऊं (d) इनमें से कोई नहीं (3) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 1. हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण है 2. हिंदी में लेखन के आधार पर 46 वर्ण है उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/ कौन से सही है? (a) केवल 1 (b) केवल 2  (c) 1 और 2 द

Weekly current affair in hindi by sunil

 7 days challenge

Weekly current affairs.         ( week - 4)

(25 January to 31 January)


7days challenge की सीरीज देवभूमिउत्तराखंड.com के द्वारा तैयार की गई है । जिसमें प्रति सप्ताह 10 से 11 प्रश्न तैयार किए जाएंगे। जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं । यदि मेरे द्वारा दी गई पोस्ट को प्रति सप्ताह पढ़ते हैं या फिर यूट्यूब चैनल imi में देखते हैं। तो आपको साल के अंत तक सफलता आसानी से मिल सकती है।

(1) पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम भारत पर्व 2021 का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया है। वर्तमान समय में लोकसभा अध्यक्ष कौन है?

(a) नरेंद्र मोदी

(b) ओम बिरला

(c) एम वेंकैया नायडू

(d) राजीव कुमार

व्याख्या = पर्यटन मंत्रालय द्वारा 2016 से प्रतिवर्ष 26 से 31 जनवरी तक गणतंत्र दिवस के अवसर भारत पर्व का  आयोजन किया जाता है, इसमें खान - पान के व्यंजकों, हस्तकला से निर्मित वस्तुएं और  कपड़ो का प्रदर्शन किया जाता है।

(2)"सुभाष चंद्रबोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2021"के लिए 23 जनवरी सुभाष चंद्रबोस की जयंती पर किसको दिया गया?

(a) राजेंद्र कुमार भंडारी

(b) भावना कंठ

(c) अंजुला जैन

(d) इनमें से कोई नहीं

व्याख्या : आपदा प्रबंधन पुरस्कार क्या है?
आपदा के दौरान सुरक्षा और सहायता में अमूल्य योगदान देने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को सम्मान देने के लिए हर साल सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर यह पुरस्कार दिया जाता है ।इसलिए इसे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार कहा जाता है। पुरस्कार में पूरी संस्था को 51लाख और व्यक्तिगत स्तर पर  प्रमाण पत्र के साथ ₹5 लाख दिए जाते हैं । इस साल 2021 में व्यक्तिगत स्तर पर डॉ राजेंद्र कुमारी भंडारी को भारत में सामान्य भू खतरों और विशेष रूप से भूस्खलन पर वैज्ञानिक अध्ययनों की नींव रखने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। वहीं संस्था की बात करें तो "सस्टेनेबल एनवायरमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी " को यह पुरस्कार दिया गया है।

(3) राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को किसे उत्तराखंड की एक दिन की मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला था।

(a) विजयलक्ष्मी

(b) सृष्टि गोस्वामी 

(c) प्रियादर्शनी 

(d) आयुषी जोशी

व्याख्या :-  हरिद्वार जिले के दौलतपुर गांव में रहने वाली सृष्टि गोस्वामी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उत्तराखंड का १ दिन का मुख्यमंत्री बनाया गया । इसका उद्देश्य लड़कियों में सशक्तिकरण को लेकर जागरूक करना है।

(3) जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को निम्न में से कौन से सम्मान देने की घोषणा की गई है ?

(a) भारत रत्न

(b) पदम विभूषण

(c) पदम भूषण

(d) पदम श्री

व्याख्या : प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर अनेकों पुरस्कारों के वितरण किए जाते हैं। (1)भारत रत्न (2) पदम विभूषण (3) पदम भूषण (4) पदम श्री , सहयोग और अमूल्य योगदान के लिए दिए जाते हैं। इस वर्ष 119 तक शख्सियतों को पदम अवार्ड देने की घोषणा की गई है । जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पब्लिक अफेयर्स (अच्छे कार्यों ) और भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने के उपरांत उन्हें पदम विभूषण दिया जाएग।

(4) विश्व का सबसे बड़ा सफेद मगरमच्छ पाक भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान भारत के किस राज्य में स्थित है?

(a) पश्चिम बंगाल

(b) मणिपुर

(c) उड़ीसा

(d) मध्य प्रदेश

दोस्तों यह पार्क निरंतर चर्चा में बना हुआ है। अतः इसे अच्छी तरह से याद कर लें । यह पार्क भितरकनिका उड़ीसा में स्थित है जो मगरमच्छ के लिए प्रसिद्ध है । इसमें मगरमच्छों की गिनती होने वाली है।

(5) निम्न में से किस संस्था द्वारा "वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक" की रिपोर्ट जारी की जाती है?

(a) संयुक्त राष्ट्र संघ

(b) विश्व बैंक

(c) विश्व व्यापार संगठन

(d) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)

व्याख्या :- आईएमएफ की स्थापना 1945 में की गई थी। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन (यूएसए ) में है। IMF द्वारा वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की जाती है जिसकी ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी वृद्धि 11.5% रहने का अनुमान जारी किया गया है।

(6) राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है?

(a) 26 जनवरी

(b) 24 जनवरी

(C) 28 जनवरी

(d) 30 जनवरी 

(7) "ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021" में भारत को 2019 में हुए जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों में कौन-सा स्थान मिला है?

(a) सातवां

(b) आठवां

(c) पहला

(d) चौथा

व्याख्या : वैश्विक जलवायु संकट इंडेक्स 2011 में Grcmanwatch  द्वारा जारी किया गया है। जो बोर्न (जर्मनी) स्थित है । यह इंडिया की प्राकृतिक आपदा और जलवायु परिवर्तन से किसी देश में कितना प्रभाव पड़ा है? कितनी हानि हुई है ? उसको बताता है । इस रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत तूफान , वर्षा और भूस्खलन से अत्यधिक प्रभावित हुआ था । लगभग 14 राज्यों में बाढ़ से संबंधित घटनाएं घटी थी । इसलिए भारत को सातवां स्थान दिया गया है।

(8) AFC महिला एशिया कप 2022 में कहां खेला जाएगा ?

(a) अफगानिस्तान

(b) पाकिस्तान

(C) भारत

(d) बांग्लादेश

(9) गिरनार वन्य जीव अभ्यारण किस राज्य में स्थित है

(a) राजस्थान

(b) महाराष्ट्र

(c) मध्य प्रदेश

(d) गुजरात

व्याख्या :- गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी द्वारा फरवरी के महीने से लायन सफारी की औपचारिक शुरुआत की घोषणा की गई है।

(10) हाल ही में अत्यधिक ठंड व कोहरे के कारण रेगिस्तानी इलाकों की सीमा में पाक की तरफ से घुसपैठ रोकने के लिए किस मिशन की शुरुआत की गई है?

(a) PANKH अभियान

(b) ऑपरेशन सर्द हवा

(c) करुणा अभियान

(d) इनमें से कोई नहीं

व्याख्या :-  राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार ने बालिकाओं के लिए पंख अभियान शुरू किया है। करुणा अभियान 2021 की शुरुआत गुजरात में की गई है ।इसका उद्देश्य पक्षियों को बचाना और उनके उपचार संबंधी विशेष सतर्कता का ध्यान रखना है। और ऑपरेशन सर्द हवा की शुरुआत राजस्थान की सीमा पर तैनात सैनिकों ने अत्यधिक ठंड और कोहरे से निपटने के लिए ऑपरेशन सर्द की शुरुआत की ताकि पाकिस्तानी सैनिक घुसपैठ ना कर सके।

(11) "सर्वश्रेष्ठ झांकी पुरस्कार" गणतंत्र दिवस परेड 2021 में किस राज्य को दिया गया है?

(a) उत्तर प्रदेश

(b) उत्तराखंड

(c) त्रिपुरा

(d) केरल

72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष परेड होती है,। जिसमें सेनाओं की टुकड़ियों सहित राज्य व केंद्र शासित प्रदेश प्रतिभाग करते हैं। नवनिर्मित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने पहली बार प्रतिभाग किया। इस बार परेड में कुल 32 झांकियां शामिल थी। जिसमें उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ झांकी पुरस्कार का सम्मान मिला । वहीं दूसरे स्थान पर त्रिपुरा और तीसरे स्थान पर देवभूमि उत्तराखंड  रहा

उपयुक्त सभी dhirsti Ias notes , edu teria test series , or indresh RC notes , के प्रतिदिन करंट अफेयर के प्रश्नों के गहन अध्ययन से तैयार किए गए हैं। इन प्रश्नों में अतिरिक्त जानकारी जोड़कर उपयोगी प्रश्न तैयार किए गए। यदि आपको प्रतिदिन के करंट अफेयर पढ़ने हो तो यूट्यूब में दृष्टि आईएएस यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं। 

इन्हें भी देखें।


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts.
Please let me now.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानी

उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं हेतु उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानियों का वर्णन 2 भागों में विभाजित करके किया गया है । क्योंकि उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं में 3 से 5 मार्क्स का उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान अवश्य ही पूछा जाता है। अतः लेख को पूरा अवश्य पढ़ें। दोनों भागों का अध्ययन करने के पश्चात् शार्ट नोट्स पीडीएफ एवं प्रश्नोत्तरी पीडीएफ भी जरूर करें। भाग -01 उत्तराखंड के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी [1] कालू महरा (1831-1906 ई.) कुमाऊं का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) "उत्तराखंड का प्रथम स्वतंत्रा सेनानी" कालू महरा को कहा जाता है। इनका जन्म सन् 1831 में चंपावत के बिसुंग गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रतिभान सिंह था। कालू महरा ने अवध के नबाब वाजिद अली शाह के कहने पर 1857 की क्रांति के समय "क्रांतिवीर नामक गुप्त संगठन" बनाया था। इस संगठन ने लोहाघाट में अंग्रेजी सैनिक बैरकों पर आग लगा दी. जिससे कुमाऊं में अव्यवस्था व अशांति का माहौल बन गया।  प्रथम स्वतंत्रता संग्राम -1857 के समय कुमाऊं का कमिश्नर हेनरी रैम्

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता है । उनक

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही हुआ। उत्

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ने कुमाऊं के भू-राजनैतिक महत्

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2

Uttrakhand current affairs in Hindi (May 2023)

Uttrakhand current affairs (MAY 2023) देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आपको प्रतिमाह के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराए जाते हैं। जो आगामी परीक्षाओं में शत् प्रतिशत आने की संभावना रखते हैं। विशेषतौर पर किसी भी प्रकार की जॉब करने वाले परीक्षार्थियों के लिए सभी करेंट अफेयर्स महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023 की पीडीएफ फाइल प्राप्त करने के लिए संपर्क करें।  उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023 ( मई ) (1) हाल ही में तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया है। तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के किस जनपद में स्थित है। (a) चमोली  (b) उत्तरकाशी  (c) रुद्रप्रयाग  (d) पिथौरागढ़  व्याख्या :- तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। तुंगनाथ मंदिर समुद्र तल से 3640 मीटर (12800 फीट) की ऊंचाई पर स्थित एशिया का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित शिवालय हैं। उत्तराखंड के पंच केदारों में से तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर का निर्माण कत्यूरी शासकों ने लगभग 8वीं सदी में करवाया था। हाल ही में इस मंदिर को राष्ट्रीय महत्त्व स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र सरकार ने 27 मार्च 2023

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु