सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

UKSSSC MOCK TEST - 166

  UKSSSC MOCK TEST - 166 उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड समूह ग परीक्षा हेतु टेस्ट सीरीज का संचालन किया जा रहा है। सभी टेस्ट पाने के लिए संपर्क करें -9568166280 Uksssc mock test -166 ( 1) निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण ह्रस्व स्वर नहीं है? (A) अ (B) इ (C) ऊ (D) उ (2) निम्नलिखित में से कौन-सा संयुक्त वाक्य है? (A) वह खेल रहा था क्योंकि बारिश हो रही थी। (B) वह बाजार गया और फल खरीद लाया। (C) वह इतना थका हुआ था कि तुरंत सो गया। (D) उसने कहा कि परीक्षा कठिन थी। (3) नीचे दिए गए समास और उनके प्रकार का सुमेलित करें।     कॉलम A 1. गुरुकुल 2. जलपान 3. देवालय 4. यथाशक्ति     कॉलम B A. तत्पुरुष B. कर्मधारय C. अव्ययीभाव D. द्वंद्व विकल्प: (A) 1-A, 2-B, 3-C, 4-D (B) 1-A, 2-C, 3-D, 4-B (C) 1-A, 2-B, 3-D, 4-C (D) 1-A, 2-B, 3-A, 4-C (4) वाक्य "राम ने सीता को फूल दिया।" में 'सीता को' किस कारक का उदाहरण है? (a) करण (b) अपादान (c) संप्रदान (d) अधिकरण (05) निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए है?       ...

Weekly current affair in hindi ( 9 Jan to 16 jan)

    7 days challenge

              Weekly current affair in hindi

7days challenge की सीरीज देवभूमिउत्तराखंड.com के द्वारा तैयार की गई है । जिसमें प्रति सप्ताह 10 से 11 प्रश्न तैयार किए जाएंगे। जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं । यदि मेरे द्वारा दी गई पोस्ट को प्रति सप्ताह पढ़ते हैं या फिर यूट्यूब चैनल imi 2021 में देखते हैं। तो आपको साल के अंत तक सफलता आसानी से मिल सकती है।

(1) हाल ही में भारत ने  लिथियम के भंडार की खोज किस राज्य में की है?

(a) गुजरात

(b) कर्नाटक

(c) मध्य प्रदेश

(d) तमिलनाडु

(लिथियम एक क्षारीय धातु है। इसका प्रयोग बैटरी, लैपटॉप, और मोबाइल फोन में किया जाता है। इसके अलावा यह एक मिश्र धातु है तो इसके विभिन्न प्रयोग हैं। AMD के सर्वेक्षण के अनुसार मांड्या (कर्नाटक) में 16 हजार टन लिथियम भंडार पाया गया है)

(2) हाल ही में "The population Myth : Islam planning and politics in India " नामक पुस्तक किसने लिखी है ?

(a) चेतन भगत

(b) एस वाई कुरैशी

(c) शशि थरूर

(d) सुब्रमण्यम स्वामी

(3) हाल ही में CISF के नए प्रमुख के रूप में किसे नियुक्त किया गया है ?

(a) सुबोध कुमार जयसवाल

(b) प्रदीप कुमार सक्सेना

(c) राजीव कुमार

(d) इनमें से कोई नहीं।

(4) हाल ही में दुनिया की सबसे पुरानी गुफा चित्रकला की खोज कहां की गई है । जिसमें सूअर का चित्र दिखाया गया है ?

(a) मॉरिशस

(b) इंडोनेशिया

(c) चीन

(d) भारत

(यह पेंटिंग लगभग 45,500 वर्ष पुरानी है जो इंडोनेशिया के Sulawesi पर पाई गई है )

(5) हाल ही में गूगल ने "एनिमेटेड डूडल" बनाकर डॉ. जेम्स नैस्मिथ को  याद किया है। वह किस खेल से संबंध रखते हैं ?

(a) क्रिकेट

(b) बास्केटबॉल

(c) टेनिस

(d) फुटबॉल

(डॉ.  नैस्मिथ 130 साल पहले बास्केटबॉल की खोज की थी)

(6) जनवरी 2021 में "प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना" का तीसरा चरण शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना कब लांच की गई थी ?

(a) 15 जनवरी 2014

(b) 15 जनवरी 2016

(c) 15 जनवरी 2015

(d) 12 जनवरी 2014

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का तीसरा चरण शुरू हो गया है । इसका पहला चरण 15 जनवरी 2015 को शुरू किया गया था। इसमें 8 लाख युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है । जिसे 600 जिलों में शुरू किया गया है । बजट में कुल 948.48 करोड़ खर्च का प्रावधान किया गया था।

(7) "Eco man of India" के नाम से प्रसिद्ध भारतीय पर्यावरणविद एवं बिजनेसमैन कौन हैं ?

(a) ज़ीशान खान

(b) सुंदरलाल बहुगुणा

(c) एहसान कुरैशी

(d) इनमें से कोई नहीं

भोपाल में रहने वाले ज़ीशान खान  मल्टीवेंचर
 ऑर्गनाइजेशन के CEO हैं ।

(8) "राष्ट्रीय युवा दिवस" कब मनाया जाता है?

(a) 12 जनवरी

(b) 9 जनवरी

(c) 15 जनवरी

(d) 10 जनवरी

12 जनवरी  को विवेकानंद जी का जन्म हुआ था उनके बचपन का नाम नरेंद्र था । बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे । 1893 में अमेरिका के शिकागो सम्मेलन में भारत का परचम लहराया और भारत को विश्व पहचान दिलाई । इन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

(9) खबरों में रहा  "तीर्थन वन्य जीव अभ्यारण" भारत के किस राज्य में स्थित है ?

(a) हिमाचल प्रदेश

(b) मध्य प्रदेश

(c) ओडिशा

(d) उत्तराखंड

(वर्तमान समय में तीर्थन वन्य जीव अभ्यारण का प्रबंध और प्रभाव सर्वोच्च रहा है MEE ( management effective evaluation ) ने   सर्वोच्च रैंकिंग दी है इसके साथ ही ग्रेट हिमालयन को भी सर्वोच्च रैंकिंग प्रदान की है।

(10) हाल ही में sadyr zhaparo   किर्गिस्तान के नए राष्ट्रपति बने हैं । किर्गिस्तान की राजधानी क्या है?

(a) ताशकंद

(b) विंश्केक

(c) अस्ताना

(d) इनमें से कोई नहीं

(11) हाल ही में "नेल्सन मंडेला वर्ल्ड मटेरियल अवार्ड " किसको दिया गया है ?

(a) नरेंद्र मोदी

(b) अमृता कपूर

(c) रवि गायकवाड

(d) रवीश कुमार

उपयुक्त सभी नोट्स dhirsti Ias notes , edu teria test series , or indresh RC notes , के प्रतिदिन करंट अफेयर के प्रश्नों के गहन अध्ययन से तैयार किए गए हैं। यदि आपको प्रतिदिन के करंट अफेयर पढ़ने हो,  तो यूट्यूब में दृष्टि आईएएस यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं। वहीं edu. Terra को telegram or you tube भी जुड़ सकते हैं। और यदि आप प्रतिदिन तैयार होने वाले प्रश्न याद नहीं कर सकते हैं या आपको समय नहीं मिल पाता है तो आप हमारे चैनल को भी ज्वाइन कर सकते हैं। जहां आपको 7 दिनों के टॉप 10 प्रश्न दिए जाएंगे जिनकी शत प्रतिशत संभावना है कि वह भावी परीक्षाओं में आएंगे । प्रश्न थोड़े कम होंगे लेकिन जितने भी होंगे बेस्ट होंगे। यदि आपने प्रथम सप्ताह के 10 प्रश्न तैयार नहीं किए हैं। तो नीचे दिए गए लिंक को को देख सकते हैं। और अपनी करंट अफेयर की तैयारी कर सकते हैं।
 दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो मेरी पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर कीजिए।

 धन्यवाद,

इन्हें भी जाने:-
You tube link : IMI 2021



टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts.
Please let me now.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु...

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही...

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ...

कुणिंद वंश का इतिहास (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)

कुणिंद वंश का इतिहास   History of Kunid dynasty   (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)  उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड मूलतः एक घने जंगल और ऊंची ऊंची चोटी वाले पहाड़ों का क्षेत्र था। इसका अधिकांश भाग बिहड़, विरान, जंगलों से भरा हुआ था। इसीलिए यहां किसी स्थाई राज्य के स्थापित होने की स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है। थोड़े बहुत सिक्कों, अभिलेखों व साहित्यक स्रोत के आधार पर इसके प्राचीन इतिहास के सूत्रों को जोड़ा गया है । अर्थात कुणिंद वंश के इतिहास में क्रमबद्धता का अभाव है।               सूत्रों के मुताबिक कुणिंद राजवंश उत्तराखंड में शासन करने वाला प्रथम प्राचीन राजवंश है । जिसका प्रारंभिक समय ॠग्वैदिक काल से माना जाता है। रामायण के किस्किंधा कांड में कुणिंदों की जानकारी मिलती है और विष्णु पुराण में कुणिंद को कुणिंद पल्यकस्य कहा गया है। कुणिंद राजवंश के साक्ष्य के रूप में अभी तक 5 अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें से एक मथुरा और 4 भरहूत से प्राप्त हुए हैं। वर्तमान समय में मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि भरहूत मध्यप्रदेश में है। कुणिंद वंश का ...

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2...

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता...

भारत की जनगणना 2011 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -01)

भारत की जनगणना 2011 मित्रों वर्तमान परीक्षाओं को पास करने के लिए रखने से बात नहीं बनेगी अब चाहे वह इतिहास भूगोल हो या हमारे भारत की जनगणना हो अगर हम रटते हैं तो बहुत सारे तथ्यों को रटना पड़ेगा जिनको याद रखना संभव नहीं है कोशिश कीजिए समझ लीजिए और एक दूसरे से रिलेट कीजिए। आज हम 2011 की जनगणना के सभी तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे। यहां प्रत्येक बिन्दु का भौगोलिक कारण उल्लेख करना संभव नहीं है। इसलिए जब आप भारत की जनगणना के नोट्स तैयार करें तो भौगोलिक कारणों पर विचार अवश्य करें जैसे अगर किसी की जनसंख्या अधिक है तो क्यों है ?, अगर किसी की साक्षरता दर अधिक है तो क्यों है? अगर आप इस तरह करेंगे तो शत-प्रतिशत है कि आप लंबे समय तक इन चीजों को याद रख पाएंगे साथ ही उनसे संबंधित अन्य तथ्य को भी आपको याद रख सकेंगे ।  भारत की जनगणना (भाग -01) वर्ष 2011 में भारत की 15वीं जनगणना की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर था तथा भारत की कुल आबादी 121,08,54,922 (121 करोड़) थी। जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 62.32 करोड़ एवं महिलाओं की 51.47 करोड़ थी। जनसंख्या की दृष...