महासागरों का अध्ययन देवभूमि उत्तराखंड द्वारा कक्षा 6 एनसीईआरटी भूगोल की पुस्तक से नोट्स तैयार किए जा रहे हैं। इस लेख में एनसीईआरटी पुस्तक और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों का समावेशन किया गया है। इस लेख में विश्व में कितने महासागर हैं और उनके सीमांत सागरों के साथ प्रमुख जलसंधियों का उल्लेख किया गया है। अतः लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। साथ ही विश्व का मानचित्र साथ रखें। पृष्ठभूमि अक्सर फिल्मों में, गानों में, कविताओं में और जिंदगी के उन तमाम पन्नों में "सात समुद्र" का जिक्र सुना होगा। और तो और इस शब्द प्रयोग मुहावरों भी करते हैं। तो क्या आप जानते हैं "सात समुद्र" ही क्यों? और यदि बात सात समुद्र की जाती है तो वे कौन-से सात समुद्र हैं? यूं तो अंक सात का अपना एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व हैं । क्योंकि दुनिया में इंद्रधनुष के रग सात हैं, सप्ताह के दिन सात हैं, सप्तर्षि हैं, सात चक्र हैं, इस्लामी परंपराओं में सात स्वर्ग हैं, यहां तक कि दुनिया के प्रसिद्ध 7 अजूबे हैं। संख्या सात इतिहास की किताबों में और कहानियों में बार-बार आती है और इस वजह से...
मेरा देश बदल रहा है।
जो-जो होना था,
वो वो हो रहा है ।
मानो पहले से,
लिख दिया हो ।
विधि के विद्वानों ने,
एक बयार चली है,
सपनों को सजाने में,
तुम स्वीकार नहीं करोगे ।
पर देश बदल रहा है ,
मोदी के दरमियानों,
बरसों की अटकलें ,
यूं ही हल हो गई है ,
मंदिर हो या मस्जिद,
या हो देश का बॉर्डर,
बिना झगड़े के खत्म हो गई है,
एक राही पथ दो पथ चला ,
रहा ना रोको परवाने की ,
सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत,
विश्व गुरु बनने चला ।
ज्यादा कुछ ना करो,
देश के होशियारों
सहयोग की भावना,
दिल में रखो ।
तुम स्वीकार तो ,
करो देश बदल रहा है।
प्रस्तुत कविता देश के बदलाव का संक्षिप्त विवरण करती है ।मित्रों आप यकीन तो नहीं करोगे "देश बदल रहा है"। क्यों बदल रहा है ? तो इतिहास गवाह है जब - जब किसी देश पर ताकतवर समूह या सम्राट ने शासन किया है तब तब देश ने स्वर्णिम काल की ऊंचाइयों को छुआ है । इतिहास उठाकर देख लीजिए जब देश में मौर्य वंश(322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक) का शासन था तो सम्राट अशोक के समय देश ने दुनिया में अपना परचम लहराया था। फिर मौर्य साम्राज्य के बाद देश में कुशल शासकों की कमी रही । लेकिन जैसे ही गुप्त वंश का शासन आया तो राजा समुद्रगुप्त ने देश को पुनः सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाया। चंद्रगुप्त वंश के काल(240 ईसवी से 550 ईसवी तक) को "स्वर्ण युग" का नाम दिया गया। ठीक इसी तरह मुगल बादशाह अकबर (1542-1605) के समय भी देश में सुख समृद्धि रही। और उसके बाद अंग्रेजो के द्वारा भारत देश में शासन किया गया । और उन्होंने भी बहुत महत्वपूर्ण बदलाव किए । शायद जो तकनीकी हम प्रयोग कर रहे हैं वह तकनीक प्रयोग ना करते होते। लेकिन जो भी रहा यह बात तो माननी पड़ेगी कि जब जब देश में कुशल शासकों का नेतृत्व रहा है। तब तक देश का विकास हुआ है तो इन सब बातों से क्या समझ आता है कि प्रत्येक देश, प्रत्येक परिवार, प्रत्येक व्यक्ति का एक निश्चित समय के बाद अच्छा समय जरूर आता है। जिससे वह सर्वोच्च स्थान पर पहुंच सकता है। यदि गौर किया जाए तो प्रत्येक 300 से 400 साल में एक महान राजा जरूर जन्म लेता है तो देश को वास्तविक ऊंचाई तक ले जाता है। ऐसे ही एक प्रधानमंत्री वर्तमान में है जो भारत देश की सरकार का संचालन कर रहे हैं।
एक बात मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं। कि ना तो मैं किसी पार्टी से संबंध रखता हूं और ना तो मैं किसी व्यक्तिगत पार्टी का प्रचार करता हूं। मेरा प्रथम उद्देश्य है। "वास्तविकता की ओर ले जाना " । क्योंकि मैं इतिहास का ज्ञान रखता हूं तो विश्लेषण भी कर सकता हूं जैसे कि आप सब जानते हैं। नरेंद्र मोदी जी को संपूर्ण विश्व लोहा मानता है। उन्होंने वर्तमान समय में जो ख्याति प्राप्त किया है। मोदी का कोई 5 वर्ष का कार्य तो है नहीं। जब भी कोई व्यक्ति सफल होता है तो उसके पीछे कड़ा संघर्ष छुपा होता है । उन्हीं संघर्षों से व्यक्तित्व की पहचान बनती है। जिससे मुझे लगता है एक कुशल शासक के संपूर्ण गुण मोदी जी में है। वर्तमान में मैं यह मानता हूं कि नरेंद्र मोदी जी के अलावा अन्य कोई व्यक्ति देश का सम्राट नहीं बन सकता। अतः जिनको लगता है या जो मोदी जी के बारे में बुरा भला सोचते हैं तो उनको मोदी जी के जीवन के बारे में आवश्यक पढ़ना चाहिए। यहां में संक्षेप में ही मोदी जी के मुख्य बातों पर ही चर्चा कर सकता हूं।
नरेंद्र मोदी जी - जीवन परिचय
नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। क्योंकि नरेंद्र मोदी जी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वडनगर गुजरात में हुआ है। मोदी जी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की और आर्थिक तंगी की वजह से अपना खुद का भी स्टॉल लगाया । अब यहां लोग यह बिल्कुल ना समझे कि मोदी जी ने सारी उम्र चाय बेचीं थी। और उसके बाद मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन गए । चाय केवल आर्थिक तंगी से निपटने के लिए बेचीं होगी। वह भी मात्र दो-तीन वर्ष बेची होगी । मोदी जी 8 साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे।किसी तरह अपनी स्नातक की परीक्षा पास की और ज्ञान की भूख ने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया । हालांकि 17 वर्ष की आयु में मोदी जी का विवाह 13 वर्ष की जसोदा बहन से शादी हो गई । शादी ज्यादा समय तक टिक न सकी । क्योंकि मोदी जी की रुचि इन सब में नहीं थी। और उनका मानना था कि अगर देश में भ्रष्टाचार से लड़ना है तो अकेले रहना ज्यादा उचित है । इस तरह 2 वर्ष तक भारत की यात्रा और वास्तविकता भी यही है यदि वास्तविक ज्ञान चाहिए। तो घर में रहकर प्राप्त नहीं किया जा सकता है अब जरा सोचिए । स्नातक करने के बाद मोदी जी का जीवन घर छोड़ने के बाद कैसा रहा होगा? अनेकों सारी परेशानियां आई होंगी और वह भारत दर्शन करने के लिए अनेकों पर्वतों के कठिन रास्तों से चढ़ कर गए होंगे। वह भी बिना पैसों और धन के यदि आप और मैं बिना पैसों के घर से निकल जाए तो 4 दिन भी जीना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने पूरे भारत के दर्शन कर लिए तो कोई तो बात रही होगी कि यूं ही प्रधानमंत्री बने । सफर यूं ही खत्म ना हुआ 1970 में गुजरात वापस लौटे और अहमदाबाद चले गए और उसके बाद राजनीति से परास्नातक की डिग्री प्राप्त की । साथ ही साथ आरएसएस के पूर्णकालिक सदस्य भी बन गया 1985 में बीजेपी के सदस्य बने और 15 वर्षों तक धैर्य पूर्वक कार्य करते रहें। धीरे-धीरे सभी कार्यों को सीखते हुए सचिव के पद पर पहुंच गए। 2001 में नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। 2002 में गुजरात के दंगे के चलते मोदी जी की सरकार की काफी आलोचना हुई। लेकिन कुशल प्रशासक आलोचनाओं से भी ना घबरा कर उचित निर्णय लेता है। 2001 से 2014 तक आते-आते गुजरात का मॉडल ही बदल दियादूसरी बार भी एक कुशल शासक होने का परिचय दिया।
कार्य कुशलता पर सवाल क्यों ?
अब जो लोग उनकी कुशलता पर सवाल उठाते हैं उन्हें जरूरत है पहले खुद की समीक्षा करें। उसके पश्चात मोदी के मोदी जी के बारे में पढ़ें और उनके कार्यों की समीक्षा करें। वास्तव में वास्तविकता यह है कि कुछ तो कट्टर और अंधविश्वासी लोग होते हैं । जिन्हें समझाना आसान नहीं क्योंकि वह कभी दूसरों को सामने झुकना ही नहीं चाहते। फिर चाहे वह गलत ही क्यों ना हो । ऐसे लोग देश की कुल आबादी के 25% लोग होते हैं। लेकिन के विपरीत 25% अत्यधिक समझदार और विचारशील होते हैं। शेष 50% लोग ऐसे होते हैं जिन पर कभी अच्छाई विजित कर लेती है। तो कभी बुराई अपने साथ कर लेती है। और बार-बार देश के प्रत्येक राज्यों पर भाजपा सरकार का जीत दर्ज करना ऐसा लगता है। मानो मौर्य वंश और गुप्त वंश के सम्राट अपनी विजय पताका फहरा रहे हैं।
यदि इसी प्रकार देश के विकास के लिए कुशलतापूर्वक प्रयास यह जाए तो एक बार पुनः "भारत विश्व गुरु" बन जाएगा । मोदी जी केे कान को "स्वर्ण युग " कहा जाएगा। देश "सोने की चिड़िया" के नाम से जाना जाएगा।क्योंकि यदि सभी नीतियों और संगठनों की गहराई में जाएं तो एक सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण हो रहा है जिसमें सबसे प्रमुख बात यह है कि .-
- विश्व में सबसे युवा वाला देश भारत ही है जिनकी औसत आयु 29 वर्ष है।
- चीन के कोरोनावायरस चलते अधिकतर देशों ने मुंह फेर लिया है। जिसके चलते भारत पर व्यापार के लिए उम्मीदें जताई जा रही है और भारत इस इसके लिए अनेकों योजनाओं के साथ तैयारी कर रहा है । ताकि सभी देशों की मांगे पूरी करने में सक्षम हो । इसके साथ ही भारत में निर्यात बढ़ने की भी संभावना है ।
- जीएसटी की वजह से व्यापार में सुगमता आई।तथा लघु और मध्यम उद्योगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
- विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में अत्यधिक निवेश कर रहे हैं । जिससे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश सर्वोच्च स्थान पर पहुंच गया है। भारत ने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिये हैं।
- भारत में जम्मू कश्मीर और राम मंदिर के जो बड़ी समस्या थी। उनका समाधान हो गया है देश में स्थिरता आई है । और भारत में आंतरिक शांति स्थापित हुई है।
- नई शिक्षा नीति और प्रधानमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम द्वारा मानव संसाधन का विकास संभव हुआ है यदि अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है तो स्वास्थ्य सुविधाएं स्वयं बेहतर हो जाएंगी।
- शंघाई और ब्रिक्स देशों की अध्यक्षता इस वर्ष भारत को ही मिली है । जिससे आतंकवाद पर शिकंजा कसा जाएगा तथा आर्सेप(RCEP) में दूरी के कारण भारत आत्मनिर्भर अभियान पर विशेष बल देगा ।
- किसानों के लिए तीन बिल महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं यदि सभी किसान सहयोग की भावना रखते हैं । और उनकी आय दुगनी करने में मदद मिलेगी। भारत का लक्ष्य 2025 तक 5 ट्रिलियन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था सभी योजनाओं के चलते जल्द ही पूरा होने की संभावना है।
निष्कर्ष
उपयुक्त सभी कथनों को देखते हुए निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भारत बदल रहा है । जरूरत है देश वासियों के सहयोग की । अभी तक की सभी योजनाएं प्रभावी रही है और जो लोगों को कष्ट मिल रहे हैं । यह पहली बार नहीं हुआ है क्योंकि जब बदलाव होते हैं तो कष्ट तो होता ही है। अब आप इसे कष्ट भी समझ सकते हैं या देश को बदलते भी देख सकते हैं। जितनी भी योजनाएं लागू की जाती हैं । एक विशेष बैठक द्वारा बनाई जाती हैं । जिसमें सभी प्रकार के व्यक्ति शामिल होते हैं, इसीलिए बेकार और खाली पड़े लोगों की आलोचना पूर्ण बातें सुनकर भ्रमित ना हो और देश के विकास में सहयोग करें ।
जय हिंद, जय भारत।
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धन्यवाद।
Awesome...
जवाब देंहटाएंNice information
जवाब देंहटाएंNice ranaji
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