बेसिक मैथ्स (Basic Maths)
जीरो लेवल से मैथ सीखने के लिए हमें चाहिए 1 से 100 तक गिनती और कम से कम शुरू में 10 तक पहाड़े । उम्मीद है आप सभी को इतना आता होगा यदि आपको पहाडे नहीं आते हैं तो उनको याद करें। मैं पहले ही बता दूं पहाड़े याद करने की कोई ट्रिक नहीं होती है । जिस प्रकार आप 100 तक गिनती याद करते हैं ठीक उसी प्रकार पहाड़े भी याद कर सकते हैं इतना जरूर है कि यदि पूरा पहाड़ा याद ना हो तो आधे आधे मतलब पंजे तक याद कर सकते हैं । जैसे 9 का पहाड़ा याद करना है तो 9, 18, 27,36 ,45 तक याद करें । फिर उसके बाद शेष बचा हुआ याद करें । 1 घंटे में ही सारे पहाड़ी याद हो जाएंगे । बेहद जरूरी है पहाड़ों को याद करना । वरना मैथ आए कल्पना भी नहीं की जा सकती ।
अब उसके बाद शुरू होता है - संख्याओं का सिलसिला पहले हम 100 तक की संख्याओं को ही विभिन्न प्रकार की संख्याओं में वर्गीकृत करेंगे। जैसे - प्राकृत संख्या, पूर्ण संख्या, सम संख्या , विषम संख्या, अभाज्य संख्या,..... आदि इन्हीं से मैथ सीखने का पहला चैप्टर बनता है । "संख्या पद्धति " इस चैप्टर को अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं । तो आपको मैथ मैं बनने वाले प्ररश्नन समझने में आसानी होगी। और यहीं से स्टार्ट होती है मैैथ की गणना। "संख्या पद्धति " क्या है इसके कौन-कौन से अंग है ? इसके बारे में सोचिए , विचार कीजिए जिससे आपको लंबे समय तक याद रहेगाा।
परिभाषाएं
संख्या पद्धति में विभिन्न प्रकार की संख्याओं का वर्गीकरण किया जाता है। जो मैथ को सरल बनाते हैं। जैसे - सम संख्या जो केवल 2 से विभाजित होती हैं । और विषम संख्या जो 2 से विभाजित नहीं होती है । ऐसे ही प्राकृत, पूर्ण संख्या, सम संख्या विषम , मिलकर संख्या पद्धति का निर्माण करती हैं।
प्राकृत संख्या
अब यदि आप रखने की कोशिश करोगे तो शायद भूल जाएं इसलिए तुलना करके समझने में जोड़ देना। पहले प्राकृत का अर्थ जानने की कोशिश करना। प्राकृत को इंग्लिश में natural कहते हैं। Natural अर्थात nature और nature का मतलब प्रकृति से है। तो कह सकते हैं कि जो संख्या प्रकृति से प्राप्त हुई है । जैसे 1,2,3,4 ...........आदि से जिनका प्रयोग हम गिनने में करते हैं।
संख्या का इतिहास
प्राचीन काल में जाएं तो प्राकृत संख्या का उद्भव प्रकृति से ही हुआ है । इसकी किसी ने खोज नहीं की है। क्योंकि इतिहास कुछ भी रहा हो । साधारण-सी बात है। जब आदिमानव शिकार करते होंगे । तो गिनती का प्रयोग जरूर करते होंगे क्योंकि जब भी शिकार करते होंगे। तो यह जरूरी नहीं कि एक ही जानवर का शिकार करते होंगे। एक से दो , दो से तीन भी हो सकते हैं । तो गिनने की जरूरत तो पड़ती ही होगी। या फिर शिकार करने जाते होंगे। तब खुद को गिन कर ही जाते होंगे। जबकि वह अनपढ़ थे। तो जाहिर है यहीं से प्राकृतिक संख्या का जन्म हुआ होगा । इसलिए 1,2,3,4 ..........आदि गिनने वाली संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं। तब इसे ही परिभाषा के रूप में लिख सकते हैं।
(1) प्राकृतिक संख्या (Natural Number)
जिन संख्याओं का प्रयोग गिनती के लिए किया जाता है । वह प्राकृतिक संख्या कहलाती है । जैसे- 1,2,3,4...... आदि या फिर हम कह सकते हैं । प्राकृतिक संख्या में वे संख्या होती हैं जो 1 से प्रारंभ होती है।
(2) पूर्ण संख्या (whole number)
पूर्ण संख्या को इंग्लिश में whole number कहते हैं। जिसका अर्थ है - "पूरा " पूरा का अर्थ - गोल से है। और गोल का मतलब शून्य है । अर्थात जो संख्या 0 से शुरू होती हैं वे संख्या पूर्ण संख्या कहलाती हैं। जैसे- 0,1,2,3,4...........~
(3) पूर्णांक (integer)
संख्या पद्धति का सबसे मुख्य भाग है। पूर्णांक परीक्षा में सबसे ज्यादा क्वेश्चन यहीं से बनते हैं । इंग्लिश में पूर्णांक को integers कहते हैं ।
जिन संख्याओं को धनात्मक और ऋणात्मक के रूप में लिखते हैं। वे संख्या पूर्णांक कहलाती हैं। जैसे -.......- 3 , - 2 , - 10, 0, 1,2,3 ,.............इन्हें संख्या रेखा में भी दर्शाया जाता है।
अब देखिए इन्हीं शब्दों से क्वेश्चन किस प्रकार आते हैं जिनको समझने में कठिनाई होती है।
(1) दो प्राकृतिक संख्याओं का योग 8 है तथा उनके विलोम का अंतर 2/15 है तो संख्याएं क्या होंगी,?
(2) 100 तथा 200 के बीच आने वाले उन पूर्णांकों जो 9 तथा 6 दोनों से विभाजित है तो कुल संख्या क्या होगी..?
(3) 1 से 200 के बीच कितने पूर्णांक हैं जो 2 तथा 3 दोनों से विभक्त है ?
अब जो परीक्षार्थी आर्टिकल को पढ़ते हुए यहां तक पहुंच गए हैं। उनके मन में एक प्रश्न उठना तो लाज़मी है कि हम यह सब क्यों पड़े ? यह सब तो किताबों में भी लिखा होता है? तो मैं बता दूं कि किताबों में कठिन भाषा में लिखा होता है और दूसरा किताब पढ़ना ही कौन चाहता है ? इसलिए हमारा बेसिक खराब हो जाता है इसलिए मैंने कोशिश की है बहुत साधारण सी भाषा में आपके सामने तीनों परिभाषाएं लिखी है। ताकि आपको बेसिक में समझने में अत्यधिक समय ना लगे यदि आप समय को भी देखोगे तो केवल 5 मिनट से कम समय में यह आर्टिकल पूरा हो जाता है।
उपयुक्त उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि प्रश्नों में प्राकृतिक और पूर्णांकों का प्रयोग किस प्रकार हुआ है । अब जिन्हें यह मालूम ही नहीं है। प्राकृतिक या प्राकृत संख्या क्या होती है तो मैं कैसे प्रश्नों को समझ सकता है ? अतः बेहद जरूरी है मैथ के इन शब्दों को समझना।
इसी तरह अगला टॉपिक है " परिमेय संख्या" , सम संख्या, विषम संख्या, भाज्य संख्या, आभाज्य संख्या।
परिमेय संख्या चैप्टर शायद ही किसी को याद होगा और बहुत सारे बच्चों को समझ में ना आया होगा. । क्योंकि यहां से ही भिन्न शुरू होती है । और साथ ही बीजगणित । इसके लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा।
तो उम्मीद है आपको तीनों परिभाषा समझ आई होंगी और यदि आप चाहते हैं कि जीरो लेवल मैथ्स का सिलसिला चलता रहे तो मेरी पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
यदि आप बेसिक मैथ हमारे साथ यूट्यूब चैनल में पढ़ना चाहते हैं । तो 1 जनवरी 2021 से जुड़ सकते हैं।
इन्हें भी जाने।
Youtube channel link : imi 2021
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts.
Please let me now.