उत्तराखंड का बजट
बजट शब्द का प्रयोग हम आम तौर पर तब करते हैं जब घर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन करते हैं कोई घूमने की योजना बनाते हैं या फिर किसी यात्रा पर जाते हैं इस दौरान हम आने वाले खर्चों का हिसाब लगाते हैं और जेब में रखे धन को सोचकर अनुमान लगाते हैं कि कहां कितना खर्चा होगा। ठीक उसी प्रकार सरकार भी आने वाले वर्ष के आय और व्यय का ब्यौरा तैयार करती है। जिसे बजट कहा जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो बजट एक प्रकार से धन से संबंधित योजना है जिसके तहत सरकार द्वारा यह अनुमान लगाया जाता है कि आने वाले एक वर्ष में विभिन्न स्रोतों से कुल कितनी कमाई होगी और कुल कितना खर्च होगा भारतीय संविधान में बजट शब्द के स्थान पर "वार्षिक वित्तीय विवरण" का उल्लेख मिलता है। केंद्र सरकार के लिए भारतीय संविधान में अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण का उल्लेख किया गया है। जबकि राज्यों के लिए वार्षिक वित्तीय विवरण की व्यवस्था अनुच्छेद 202 में की गई है। जिसको विधानमंडल में राज्यपाल की पूर्व सहमति के बाद ही प्रस्तुत किया जाता है। केंद्र और राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का होता है।
बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण) को तीन भागों में विभक्त किया जाता है।
- समेकित निधि - इस निधि के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्राप्त समस्त राजस्व, समस्त ऋण तथा ऋणों के प्रतिदान के रूप में राज्य सरकार द्वारा समस्त धनराशियां जमा होती हैं। इस विधि का प्रयोग संविधान में वर्णित विधियों के अनुसार निवेश किया जा सकता है।
- आकस्मिकता निधि - किसी वित्तीय वर्ष के दौरान कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि बजट में व्यय के लिए व्यवस्थित धनराशि का उल्लेख नहीं किया गया हो। या आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बजट की राशि का अपर्याप्त हो तो ऐसी स्थिति में राज्यपाल की अनुमति से आकस्मिकता निधि का प्रयोग किया जाता है। जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 267 में किया गया है। राज्य के विधानमंडल द्वारा पारित अधिनियम द्वारा 500 करोड़ रुपए की आकस्मिकता निधि स्थापित की गई है।
- लोक खाता - ऐसी धनराशि या जिनका संबंध समेकित निधि से नहीं होता है जैसे - किसी ठेकेदार द्वारा प्रतिभूति के रूप में जमा की गई धनराशियां या किसी स्थानीय निकाय द्वारा सरकारी अभिकरण के माध्यम से किसी योजना का निष्पादन करने के लिए जमा की गई धनराशियां और प्रोविडेंट फंड आदि लोक खाता में जमा किए जाते हैं।
समेकित निधि के दो भाग हैं।
राजस्व लेखा
राजस्व लेखा के अंतर्गत राजस्व आय और राजस्व व्यय को शामिल किया जाता है।
- राजस्व आय - इसमें मुख्यतः विभिन्न करों व शुल्कों, सेवाओं के लिए फीस, और जब्तियों से प्राप्त सरकार की आय आदि शामिल हैं। जैसे कर आय और गैर कर आय
- राजस्व व्यय - इसमें सैलरी, पेंशन, ब्याज अदायगी, रक्षा व्यय, स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का व्यय आदि शामिल है।
पूंजीगत लेखा
पूंजीगत लेखा के अंतर्गत पूंजीगत आय और पूंजीगत व्यय को शामिल किया जाता है।
- पूंजीगत आय - इसके अंतर्गत ऋणों की वसूली, अन्य प्राप्तियां और अन्य देयताऐं शामिल हैं ।
- पूंजीगत व्यय - मोटे तौर पर पूंजीगत वह व्यय होता है जो भौतिक और स्थाई प्रकार की ठोस परिसंपत्तियों जैसे - भवन निर्माण, रोड निर्माण, रेल निर्माण अथवा लिए गए ऋण की अदायगी सरकार द्वारा निवेश किया जाता है।
उत्तराखंड का बजट 2023-24
राजस्व अधिशेष क्या है
सकल राजकोषीय घाटा
प्राथमिक घाटा (प्रारंभिक घाटा)
बजटीय आय (कुल प्राप्तियां)
पूंजीगत प्राप्तियां - उत्तराखंड के बजट में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल पूंजीगत प्राप्तियां 75 करोड रुपए होने का अनुमान है यदि इसमें उधार एवं अन्य प्राप्तियां को शामिल किया जाए तो 75+19460 = 19535 करोड़ रुपए होगा।
(*उधार व अन्य देयताऐं = 16460 करोड़ रुपए)
बजटीय व्यय (कुल व्यय)
राज्य सरकार की प्राप्तियों में विभिन्न मदों की हिस्सेदारी (प्रतिशत में) - रूपया कहां से आता है।
- स्वयं का कर राजस्व - 25.89%
- करेत्तर राजस्व - 6.17%
- केंद्रीय करों में राज्य का अंश - 14.79%
- केंद्रीय सरकार से सहायता अनुदान - 27.07%
- लोक लेखा शूद्र - 0.78%
- ऋण एवं अग्रिम की वसूली - 25.21%
- लोक ऋण
उत्तराखंड बजट 2023-24 के अनुसार आय (प्राप्तियों) का सबसे बड़ा स्रोत केंद्र सरकार द्वारा अनुदान के रूप में सहायता है। केंद्र सरकार से सहायता अनुदान कुल 27.07% है। केन्द्र करों से राज्य को 2022-23 में 9130.16 करोड़ अनुमानित है।
राज्य सरकार के व्यय (प्रतिशत में) - रुपया कहां जाता है?
- वेतन, भत्ते, मजदूरी आदि अधिष्ठान - 24.98%
- निवेश ऋण - 15.23%
- सहायक अनुदान/अंशदान/राज सहायता - 6.24%
- ब्याज और लाभांश - 7.96%
- बृहत निर्माण कार्य /लघु निर्माण कार्य - 10.55
- अन्य व्यय - 25.23%
- पेंशन - 9.81%
प्रमुख विभागों का बजट
- शिक्षा, खेल और युवा कल्याण - 10 हजार 459 करोड़ (उत्तराखंड में 2023-24 में शिक्षा पर अपने व्यय का 16.6% आवंटित किया है यह 2022-23 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन 14.8% से अधिक है।)
- स्वास्थ्य - 4 हजार 217 करोड़ (उत्तराखंड ने अपने कुल व्यय का 6.7% स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन 6.3% से अधिक है)
- ग्रामीण विकास - 3 हजार 272 करोड़
- पेयजल आवास नगर विकास - 2 हजार 525 करोड़
- कृषि - 1 हजार 294 करोड़ (उत्तराखंड ने अपने कुल व्यय का 7.6% कृषि पर आवंटित किया है या अन्य राज्यों के द्वारा कृषि के लिए औसतन आवंटन 5.8% से अधिक है।)
- सिंचाई - 1 हजार 443 करोड़
- ऊर्जा - 1 हजार 251 करोड़
- पर्यटन - 302 करोड़
बजट की विशेषताएं
बजट का ध्यय वाक्य है - अग्रणी उत्तराखंड । बजट द्वारा राज्य सरकार के सभी कार्य निर्धारित किए जाते हैं राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था बजट के माध्यम से ही की जाती है। इस वर्ष बजट में रोजगार निवेश और पर्यटन पर फोकस किया गया है
1. मानव पूंजी में निवेश
2. क्षमताओं का विकास - (अन्तिम छोर तक पहुंच)
3. स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभता
4. पूंजीगत व्यय में वृद्धि (बुनियादी ढांचे का विकास)
5. निर्बाध कनेक्टिविटी
6. प्रौद्योगिकी आधारित विकास
7. इकोलॉजी और इकोनामी संतुलन (हरित विकास)
- पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के बीच संतुलन स्थापित किया जाएगा ।
- जलवायु परिवर्तन संबंध के लिए कुल पूंजीगत परिव्यय का 0.5 प्रतिशत का प्रावधान कर दिया गया है
- इकोलॉजी और इकोनॉमी संतुलन के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा ।
- सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प तैयार किए जाएंगे। सितारगंज क्षेत्र में प्लास्टिक पार्क स्थापित किया जाएगा।
- ईकोटूरिज्म और होमस्टे को प्रोत्साहित किया जाएगा ।
उत्तराखंड की प्रमुख योजनाओं के लिए प्रस्तावित धनराशि
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना
पीएम श्री
नंदा गौरा योजना
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना
मिशन एप्पल योजना
राज्य मिलेट मिशन
- लेमन ग्रास और मिंट वैली - हरिद्वार
- सिनामन वैली - नैनीताल व चंपावत
- डेमस्क गुलाब वैली - चमोली बा अल्मोड़ा
- मिंट वैली - ऊधम सिंह नगर
- तिमूर वैली - पिथौरागढ़
- लेमनग्रास वैली - पौड़ी गढ़वाल
उत्तराखंड बजट 2023-24 के महत्वपूर्ण तथ्य
- किसी भी राज्य का वार्षिक वित्तीय विवरण या बजट राज्य के वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है।
- उत्तराखंड के पहले वित्त मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक थे और उन्हीं के द्वारा राज्य गठन के बाद पहला आम बजट पेश किया गया था।
- वर्ष 2002 में उत्तराखंड के दूसरे वित्त मंत्री नारायण दत्त तिवारी बने थे।
- उत्तराखंड सरकार ने अपना पहला जेंडर बजट 2007-2008 वित्तीय वर्ष में पेश किया था।
- उत्तराखंड जीआईपी अर्थात सकल पर्यावरण उत्पाद आधारित व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
- वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बजट प्रस्तुत कर रहे हैं उन्होंने पहाड़ी बोली में बजट भाषण की शुरुआत की।
- राज्य सरकार द्वारा जी20 के आयोजन के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23
राज्य सकल घरेलू उत्पाद की गणना करने के लिए 2011-2012 को आधार पर लिया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार उत्तराखंड का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 3.02 लाख करोड़ है। इससे पूर्व 2021-22 में 2.65 लाख करोड़ था। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में उत्तराखंड राज्य की आर्थिक विकास दर 7.09 अनुमानित है जबकि 2021-22 में 7.05 थी
वित्तीय वर्ष 2021-22 ने अनंतिम अनुमानों के अनुसार उत्तराखंड का तीनों क्षेत्रों में योगदान निम्नलिखित हैै।इसमें द्वितीयक क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहा है। जबकि समग्र देश की अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक योगदान तृतीयक क्षेत्र का है।
- प्राथमिक क्षेत्र. - 12.36%
- द्वितीयक क्षेत्र. - 46.21%
- तृतीयक क्षेत्र. - 41.43%
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय रू2,33,000 अनुमानित है वहीं 2021-22 में ₹1,85,761 आंकी गई थी। पिछले वर्ष की तुलना में 10.05% की वृद्धि हुई है।
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