सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

लिंग, वचन और कारक (हिन्दी भाग - 04)

लिंग वचन और कारक (हिन्दी नोट्स भाग - 04) देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर हिन्दी के महत्वपूर्ण नोट्स तैयार किए गए हैं। साथ ही टॉपिक से सम्बन्धित टेस्ट सीरीज उपलब्ध है। सभी नोट्स पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए संपर्क करें। 9568166280 संज्ञा के विकार संज्ञा शब्द विकारी होते हैं यह विकार तीन कारणों से होता है  लिंग  वचन कारक लिंग  लिंग का अर्थ है - 'चिन्ह'। संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में यह बोध हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं। जैसे - पिता, पुत्र, घोड़ा, बैल, अध्यापक आदि में पुरुष जाति का बोध है। और माता, पुत्री, घोड़ी, गाय आदि में स्त्री जाति का बोध है। संस्कृत के नपुंसक लिंग का समाहार पुलिंग में हो जाने से हिंदी में दो ही लिंग हैं।  पुल्लिंग  स्त्रीलिंग  पुल्लिंग : वह संज्ञा या सर्वनाम जो नर (पुरुष) का बोध कराता है, उसे पुल्लिंग कहा जाता है। जैसे - लड़का, आदमी, घोड़ा, राजा, आदि। नियम   देशों, प्रदेशों, नगरों, वृक्षों, पर्वतों, धातुओं, द्रव पदार्थों के नाम पुलिंग होते हैं। जैसे - भारत, जापान

उत्तराखंड बजट 2023-24 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -2)

उत्तराखंड बजट 2023-24

भाग -02

उत्तराखंड बजट से महत्वपूर्ण संबंधित प्रश्न-

Top 30 mcq questions uttrakhand budget 

(1) भारतीय संविधान में राज्य बजट को किस अनुच्छेद के अंतर्गत परिभाषित किया गया है ?
(a) अनुच्छेद 110
(b) अनुच्छेद 112
(c) अनुच्छेद 202
(d) अनुच्छेद 267

Answer (c)

(2) किसी विशेष वित्तीय वर्ष में अनुमानित कुल व्यय से अनुमानित कुल प्राप्तियां अधिक है तो उसे............... कहते हैं।
(a) अधिशेष बजट 
(b) संतुलित बजट 
(c) घाटे का बजट 
(d) इनमें से कोई 

Answer (a)

(3) चालू वित्तीय वर्ष 2022 में उत्तराखंड अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास दर कितने प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है ?
(a) 6.1%
(b) 6.9%
(c) 7.2%
(d) 7.09%

Answer (d)

(4) निम्नलिखित में से राजस्व में शामिल किया जाता है ?
(a) पेंशन 
(b) रक्षा व्यय 
(c) वेतन
(d) उपर्युक्त सभी 

Answer (d)

(5) उत्तराखंड बजट 2023-24 निम्नलिखित में से किस वित्त मंत्री ने पेश किया ?
(a) श्रीमती निर्मला सीतारमण
(b) श्रीमती रितु खंडूरी
(c) श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल
(d) श्री पुष्कर सिंह धामी

Answer (c)

(6) वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उत्तराखंड का बजट कितना अनुमानित किया गया है ?
(a) ₹65571.49 करोड़ 
(b) ₹77407.08 करोड़ 
(c) ₹45588.35 करोड़ 
(d) ₹57835.47 करोड़ 

Answer (b)

(7) उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल उत्तराखंड बजट 2023-24 कहां पेश किया ?
(a) देहरादून 
(b) पौड़ी 
(c) नैनीताल 
(d) गैरसैंण 

Answer (d)

(8) राज्य गठन के बाद पहला आम बजट किस वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया ?
(a) श्री रमेश पोखरियाल निशंक 
(b) श्री नारायण दत्त तिवारी 
(c) श्री भगत सिंह कोश्यारी
(d) श्री नित्यानंद स्वामी 

Answer (a)

(9) आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय अनुमानित है ?
(a) 1.85 लाख रुपए 
(b) 1.97 लाख रुपए 
(c) 2.33 लाख रुपए 
(d) 2.45 लाख रुपए 

Answer (c)

(10) निम्नलिखित में से प्राथमिक क्षेत्र में शामिल नहीं है ?
(a) पशुपालन 
(b) कृषि 
(c) खनन
(d) विनिर्माण 

Answer (d)

(11) राज्य सरकार ने जी-20 के आयोजन के लिए कितने रुपए का प्रावधान किया गया है ?
(a) 100 करोड़ 
(b) 120 करोड़ 
(c) 150 करोड़ 
(d) 200 करोड़ 

Answer (a)

(12) उत्तराखंड बजट 2023-24 में उत्तराखंड राज्य सरकार की आय की सबसे बड़ी मद कौन सी है ?
(a) स्वयं का कर राजस्व
(b) लोक ऋण
(c) केंद्र सरकार से सहायता अनुदान के रूप में
(d) करेत्तर राजस्व

Answer - (c)

(13) राज्य अर्थव्यवस्था में द्वितीयक क्षेत्र का योगदान धीरे-धीरे -
(a) बढ़ रहा है
(b) घट रहा है
(c) स्थिर है
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer -  (a)

(14) जीईपी क्या है?
(a) good environment product
(b) growth energy product
(c) good energy product
(d) gross environment product

Answer - (d)

(15) उत्तराखंड जीईपी लागू करने वाला कौन सा राज्य बना ?
(a) पहला
(b) दूसरा
(c) तीसरा
(d) चौथा

Answer - (a)

(16) राज्य द्वारा सर्वाधिक व्यय किस मद पर किया जाता है ?
(a) निवेश ऋण
(b) वृहत निर्माण कार्य / लघु निर्माण कार्य
(c) वेतन भत्ते मजदूरी आदि अधिष्ठान व्यय
(d) पेंशन/अनुतोषित

Answer - (c)

(17) उत्तराखंड में 'मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना’ 2021 का संबंध है ?
(a) कृषि से
(b) शिक्षा से
(c) स्वास्थ्य से
(d) पशुपालन से

Answer - (d)

(18) उत्तराखंड में 'मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना' की शुरुआत कब की गयी ?
(a) 7 मार्च 2019
(b) 15 अगस्त 2019
(c) 2 जून 2017
(d) 7 जुलाई 2016  

Answer - (a)

(19) वित्तीय वर्ष 2023-24 में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है ?
(a) उत्तराखंड बजट 2023-24 के अनुसार राजस्व घाटा जीएसडीपी का 4.3% अनुमानित किया गया है।
(b) उत्तराखंड बजट 2023-24 के अनुसार राजकोषीय घाटा जीएसडीपी  का 2.7% अनुमानित किया गया है
(c) आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 3.02 लाख करोड़ है।
(d) उपरोक्त सभी सह

Answer (a)

(20) उत्तराखंड बजट 2023-24 किस प्रकार का बजट है?
(a) अधिशेष बजट 
(b) संतुलित बजट 
(c) घाटे का बजट 
(d) इनमें से कोई

Answer (a)

(21) उत्तराखंड बजट 2023-24 में राजकोषीय घाटे में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का कितने प्रतिशत अनुमानित किया गया है
(a) 1.3%
(b) 2.7%
(c) 3.5%
(d) 4.2%

Answer (b)

(22) बजट में केंद्र सरकार की सप्तऋषि प्राथमिकताओं के तर्ज पर उत्तराखंड बजट 2023-24 की 7 की प्राथमिकता में शामिल है ?
(a) मानव पूंजी में निवेश 
(b) इकोलॉजी और इकोनॉमी संतुलन
(c) प्रौद्योगिकी आधारित
(d) उपरोक्त सभी 

Answer (d)

(23) उत्तराखंड बजट 2023-24 में जलवायु परिवर्तन से संबंधित कुल कितने प्रतिशत व्यय का प्रावधान किया गया है ?
(a) 5%
(b) 3.5%
(c) 1.3%
(d) 0.5%

Answer (d)

(24) मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए बजट 2023-24 में 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना कब शुरू हुई -
(a) अगस्त 2020
(b) अगस्त 2021
(c) अक्टूबर 2020
(d) अक्टूबर 2021

Answer (b)

(25) पीएम श्री योजना की शुरुआत कब हुई ?
(a) 5 जून 2022
(b) 5 सितंबर 2022
(c) 5 फरवरी 2023
(d) 5 मार्च 2023

Answer (b)

(26) राज्य में बीपीएल परिवारों की बालिकाओं की वित्तीय सहायता के लिए नंदा गौरा योजना के तहत 282.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है? यह योजना कब शुरू हुई ?
(a) 2015
(b) 2017
(c) 2018
(d) 2022

Answer (b)

(27) राज्य के पारंपरिक अनाज को बढ़ावा देने के लिए "राज्य मिलेट मिशन" कब शुरू किया गया ?
(a) 2 अक्टूबर 2022 
(b) 1 दिसंबर 2022 
(c) 15 जनवरी 2023
(d) 16 फरवरी 2023 

Answer (d)

(28) बागवानी फसल को बढ़ावा देने के लिए अगले 3 वर्षों में कितनी एरोमा वैली विकसित की जाएंगी।  
(a) 4
(b) 5
(c) 6
(d) 8

Answer (c)

(29) वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उत्तराखंड राज्य का राजकोषीय घाटा कितना है ?
(a) 8503.70 करोड़ 
(b) 7560.08 करोड़ 
(c) 9046.91 करोड़ 
(d) 9000 करोड़ 

Answer (c)

(30) आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार उत्तराखंड राज्य का सकल घरेलू उत्पाद अनुमानित है 
(a) 3.02 लाख करोड़ 
(b) 2.65 लाख करोड़ 
(c) 2.57 लाख करोड़ 
(d) 2.45 लाख करोड़ 

Answer (a)

(31) आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 से प्राथमिक क्षेत्र के लिए कितने प्रतिशत का सकल घरेलू उत्पाद प्राप्त होता है
(a) 10.92%
(b) 12.36%
(c) 25.04%
(d) 29.12%

Answer (b)


Related posts :-





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही हुआ। उत्

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ने कुमाऊं के भू-राजनैतिक महत्

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता है । उनक

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2

भारत की जनगणना 2011 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -01)

भारत की जनगणना 2011 मित्रों वर्तमान परीक्षाओं को पास करने के लिए रखने से बात नहीं बनेगी अब चाहे वह इतिहास भूगोल हो या हमारे भारत की जनगणना हो अगर हम रटते हैं तो बहुत सारे तथ्यों को रटना पड़ेगा जिनको याद रखना संभव नहीं है कोशिश कीजिए समझ लीजिए और एक दूसरे से रिलेट कीजिए। आज हम 2011 की जनगणना के सभी तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे। यहां प्रत्येक बिन्दु का भौगोलिक कारण उल्लेख करना संभव नहीं है। इसलिए जब आप भारत की जनगणना के नोट्स तैयार करें तो भौगोलिक कारणों पर विचार अवश्य करें जैसे अगर किसी की जनसंख्या अधिक है तो क्यों है ?, अगर किसी की साक्षरता दर अधिक है तो क्यों है? अगर आप इस तरह करेंगे तो शत-प्रतिशत है कि आप लंबे समय तक इन चीजों को याद रख पाएंगे साथ ही उनसे संबंधित अन्य तथ्य को भी आपको याद रख सकेंगे ।  भारत की जनगणना (भाग -01) वर्ष 2011 में भारत की 15वीं जनगणना की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर था तथा भारत की कुल आबादी 121,08,54,922 (121 करोड़) थी। जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 62.32 करोड़ एवं महिलाओं की 51.47 करोड़ थी। जनसंख्या की दृष्टि

गोरखा शासन : उत्तराखंड का इतिहास

    उत्तराखंड का इतिहास           गोरखा शासन (भाग -1) पृष्ठभूमि मल्ल महाजनपद का इतिहास (आधुनिक नेपाल) 600 ईसा पूर्व जब 16 महाजनपदों का उदय हुआ। उन्हीं में से एक महाजनपद था - मल्ल (आधुनिक नेपाल का क्षेत्र)। प्राचीन समय में नेपाल भारत का ही हिस्सा था। मल्ल महाजनपद का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ के " अगुंत्तर निकाय " में किया गया है। और जैन ग्रंथ के भगवती सूत्र में इसका नाम " मौलि या मालि " नाम से जनपद का उल्लेख है। मल्ल महाजनपद की प्रथम राजधानी कुशीनगर थी । कुशीनगर में गौतम बुद्ध के निर्वाण (मृत्यु) प्राप्त करने के बाद उनकी अस्थि-अवशेषों का एक भाग मल्लो को मिला था । जिसके संस्मारणार्थ उन्होंने कुशीनगर में एक स्तूप या चैत्य का निर्माण किया था। मल्ल की वित्तीय राजधानी पावा थी । पावा में ही महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था ।                 322 ईसा पूर्व समस्त उत्तर भारत में मौर्य साम्राज्य ने अपना शासन स्थापित कर लिया था। मल्ल महाजनपद भी मौर्यों के अधीन आ गया था। गुप्त वंश के बाद उत्तर भारत की केंद्र शक्ति कमजोर हो गई । जिसके बाद  लगभग 5वीं सदीं में वैशाली से आए 'लिच्