वनबसा : शारदा नदी के तट पर बसा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर उत्तराखंड के चम्पावत जिले में वनबसा, एक ऐसा कस्बा है जो भारत-नेपाल सीमा पर बसा है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। टनकपुर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह ग्राम पंचायत, जनपद की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है, जहाँ लगभग 10,000+ लोग निवास करते हैं। यहाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण देखने को मिलता है, जो इस क्षेत्र को एक जीवंत सामाजिक ताने-बाने से जोड़ता है। प्रकृति और इतिहास का संगम शारदा नदी के तट पर बसा वनबसा, मैदानी और पर्वतीय संस्कृतियों का एक अनूठा मेल है। यह स्थान सदियों से पर्वतीय लोगों का प्रिय ठिकाना रहा है। पुराने समय में, जब लोग माल भावर की यात्रा करते थे, वनबसा उनका प्रमुख विश्राम स्थल था। सर्दियों में पहाड़ी लोग यहाँ अपनी गाय-भैंस चराने आते और दिनभर धूप में समय बिताकर लौट जाते। घने जंगलों के बीच बसे होने के कारण, संभवतः इस क्षेत्र का नाम "वनबसा" पड़ा। यहाँ की मूल निवासी थारू और बोक्सा जनजातियाँ इस क्ष...
उत्तराखंड ( देवभूमि) उत्तराखंड हमारे देश का 27 वां नवोदित राज्य है। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर इस राज्य का गठन किया गया था। इसे 27वें राज्य के रूप में 28 अगस्त 2000 को राष्ट्रपति के.आर. नारायण के हस्ताक्षर के बाद कानूनी मान्यता मिली। उत्तराखंड को राज्य बनाने के लिए सबसे पहले लोकसभा में 01 अगस्त 2000 को विधेयक लाया गया । लोकसभा की सहमति के बाद 10 अगस्त 2000 में राज्य सभा में पारित किया गया था। राज्य का गठन होने के बाद देहरादून को उत्तराखंड राज्य की अस्थाई राजधानी बनाया गया । वर्तमान समय में उत्तराखंड की दो राजधानी हैं- देहरादून - (शीतकालीन अस्थाई राजधानी) गैरसैंण - (ग्रीष्मकालीन राजधानी - 20 जून 2020) हिमालय की गोद में स्थित इस नवगठित प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता अनूठी है। ऊंची बर्फ से ढकी हिमालय पर्वत चोटियां, घने जंगल, नदी घाटियां, कल-कल करती नदियां, झरने, फूलों से सजी घाटियां, मनमोहक दृश्य राज्य की सुन्दरता प्रस्तुत करते है । ऐसा लगत...