महासागरों का अध्ययन देवभूमि उत्तराखंड द्वारा कक्षा 6 एनसीईआरटी भूगोल की पुस्तक से नोट्स तैयार किए जा रहे हैं। इस लेख में एनसीईआरटी पुस्तक और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों का समावेशन किया गया है। इस लेख में विश्व में कितने महासागर हैं और उनके सीमांत सागरों के साथ प्रमुख जलसंधियों का उल्लेख किया गया है। अतः लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। साथ ही विश्व का मानचित्र साथ रखें। पृष्ठभूमि अक्सर फिल्मों में, गानों में, कविताओं में और जिंदगी के उन तमाम पन्नों में "सात समुद्र" का जिक्र सुना होगा। और तो और इस शब्द प्रयोग मुहावरों भी करते हैं। तो क्या आप जानते हैं "सात समुद्र" ही क्यों? और यदि बात सात समुद्र की जाती है तो वे कौन-से सात समुद्र हैं? यूं तो अंक सात का अपना एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व हैं । क्योंकि दुनिया में इंद्रधनुष के रग सात हैं, सप्ताह के दिन सात हैं, सप्तर्षि हैं, सात चक्र हैं, इस्लामी परंपराओं में सात स्वर्ग हैं, यहां तक कि दुनिया के प्रसिद्ध 7 अजूबे हैं। संख्या सात इतिहास की किताबों में और कहानियों में बार-बार आती है और इस वजह से...
उत्तराखंड के जनपद
भाग -03
संक्षिप्त परिचय
यदि आप उत्तराखंड पुलिस की प्रथम बार तैयारी कर रहे हैं तो लेख को पूरा पढ़ें। आपको नीचे दिए गए नोट्स बेहद पसन्द आयेंगे। नोट्स विशेष तौर पर उत्तराखंड की तैयारी करने वाले नये परीक्षार्थियों को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। उपलब्ध सम्पूर्ण नोट्स की विडियो क्लास भी उपलब्ध हैं । जिसमें उत्तराखंड के सभी जनपदों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है। यदि आप उत्तराखंड के सभी परीक्षाओं की तैयारी देवभूमि उत्तराखंड के साथ करना चाहते हैं तो हमारे you tube channel को subscribe करें । जहां आपको उत्तराखंड के सम्पूर्ण नोट्स और mock test series बिना किसी फीस के दी जाएंगी।
गढ़वाल मंडल (07 जनपद)
मुख्यालय - पौड़ी (1969)
उत्तरकाशी जनपद
- उत्तरकाशी का प्राचीन नाम बाडाहाट है।
- पुराणों में उत्तरकाशी को सौम्य काशी कहा गया।
- उत्तरकाशी जनपद की स्थापना 24 फरवरी 1960 को हुई थी।
- उत्तरकाशी जिले का क्षेत्रफल 8016 वर्ग किलोमीटर है क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जनपद उत्तरकाशी है।
- उत्तरकाशी की प्रमुख नदी भागीरथी है जो गोमुख (गंगोत्री) से निकलती है।
चमोली जनपद
- चमोली का प्राचीन नाम लाल सांगा था।
- चमोली जनपद की स्थापना 24 फरवरी 1960 को पौड़ी से अलग करके हुई थी।
- वर्तमान समय में चमोली जनपद का मुख्यालय गोपेश्वर में है।
- चमोली जनपद का कुल क्षेत्रफल 7625 वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से चमोली दूसरा बड़ा जिला है।
- चमोली जनपद की प्रमुख नदी अलकनंदा है जिसका उद्गम स्थल संतोपथ शिखर (अल्कापुरी बांक) है।
देहरादून जनपद
- देहरादून का प्राचीन नाम पृथ्वीपुर था।
- देहरादून जनपद की स्थापना 1871 में की गयी थी। जबकि देहरादून शहर की स्थापना 1817 में हो गयी थी।
- वर्तमान समय में देहरादून उत्तराखंड की शीतकालीन अस्थाई राजधानी है।
- देहरादून जनपद साक्षरता की दृष्टि से उत्तराखंड के सभी जनपदों में प्रथम स्थान पर है।
- देहरादून जनपद के प्रमुख पर्यटक स्थल हैं - मसूरी, ऋषिकेश और चकराता
हरिद्वार जनपद
- हरिद्वार का प्राचीन नाम मयूरपुर है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार को मायापुरी, कुपिला, गंगाद्वार व तीर्थस्थलों का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
- हरिद्वार जनपद की स्थापना 28 दिसम्बर 1988 को हुई थी।
- हरिद्वार को उत्तर-भारत का केरल कहा जाता है।
- हरिद्वार जनपद की कुल जनसंख्या 18.90 लाख है। 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या की दृष्टि से हरिद्वार सर्वाधिक जनसंख्या वाला जनपद है।
- हरिद्वार जनपद गंगा के मैदानी क्षेत्र में पड़ता है।
पौड़ी गढ़वाल जनपद
- पौड़ी जनपद की स्थापना 1840 में हुई थी।
- सन् 1969 ई. में गढ़वाल मंडल का मुख्यालय पौडी में बनाया गया था।
- सन् 1840 में ही ब्रिटिश गढ़वाल की राजधानी श्रीनगर से पौड़ी स्थानांतरित की गयी थी।
- पौड़ी गढ़वाल राज्य का सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाला जनपद है।
- पौड़ी गढ़वाल में दुधातोली श्रृंखला का सर्वाधिक विस्तार है जिसे उत्तराखंड का पामीर भी कहा जाता है यहां से 5 नदियां निकलती हैं - रामगंगा, वूनों, आटागाड़, प. नयार और पूर्वी नयार।
- पौड़ी जनपद के प्रमुख पर्यटक स्थल हैं - श्रीनगर, कोटद्वार और लैंसडाउन।
टिहरी गढ़वाल जनपद
- टिहरी का प्राचीन नाम गणेश प्रयाग है। टिहरी को धनुष प्रयाग भी कहा जाता है।
- टिहरी जनपद का गठन 1 अगस्त 1949 को हुआ था जबकि टिहरी शहर की स्थापना 28 दिसम्बर 1815 में सुदर्शन शाह ने की थी।
- राज्य में सर्वाधिक वर्षा टिहरी के नरेंद्रनगर में होती है।
- टिहरी जनपद की प्रमुख नदी भिलंगना हैं जिसका उद्गम स्थल खतलिंग ग्लेशियर है।
रूद्रप्रयाग जनपद
- रूद्रप्रयाग का प्राचीन नाम पुनाड है। महाभारत काल में इसे रुद्रावर्त कहा जाता था।
- रूद्रप्रयाग जनपद का गठन 16 सितंबर 1997 में हुआ था।
- रुद्रप्रयाग जनपद को टिहरी, पौड़ी, व चमोली जिलों से काट कर बनाया गया है।
- रुद्रप्रयाग जनपद की कुल जनसंख्या 2.43 लाख है। जो जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जनपद है जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा सबसे छोटा जनपद है।
- रूद्रप्रयाग जनपद की प्रमुख नदी मंदाकिनी है। मंदाकिनी नदी का उद्गम स्थल चोराबारी ग्लेशियर है। इसी नदी के तट पर केदारनाथ मंदिर स्थित है।
कुमाऊं मंडल (06 जनपद)
मुख्यालय - नैनीताल (1854)
ऊधम सिंह नगर
- उधम सिंह नगर का नाम जनरल डायर को 1940 में गोली मारने वाले उधम सिंह के नाम पर रखा गया है। (जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला
- उधम सिंह नगर जनपद की स्थापना 30 सितंबर 1995 ई. हुई है। यह जनपद नैनीताल से अलग करके बनाया गया है।
- राज्य में न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला उधम सिंह नगर है
- जनसंख्या की दृष्टि से उधम सिंह नगर तीसरा बड़ा जनपद है, यहां सर्वाधिक दशकीय वृद्धि पाई गई है
- राज्य का सबसे कम वन क्षेत्र उधम सिंह नगर जिले में है
- उधम सिंह नगर के प्रमुख स्थल है - बाजपुर, रूदपुर, काशीपुर व पंतनगर
नैनीताल जनपद
- नैनीताल का प्राचीन नाम त्रि-ऋषि सरोवर है। इसे सरोवर नगरी व झीलों की नगरी भी कहा जाता है।
- नैनीताल की खोज 1841 में पी. बैरन ने की थी।
- 1854 ईसवी में नैनीताल को कुमाऊ का मुख्यालय बनाया गया।
- नैनीताल जनपद का गठन 1891 ईस्वी में हुआ था।
- नैनीताल की प्रमुख नदी गोला नदी है जो पहाड़पानी नामक स्थान से निकलती है
- साक्षरता की दृष्टि से नैनीताल दूसरे स्थान पर है (83.88%)
- नैनीताल के प्रमुख शहर भुवाली, काठगोदाम, रामगढ़ और रामनगर हैं।
अल्मोड़ा जनपद
- अल्मोड़ा जनपद का प्राचीन नाम आलमनगर है
- जनपद की स्थापना 1891 ईस्वी में हुई थी।
- अल्मोड़ा जनपद का मुख्य नगर कोसी व सुयाल नदी के मध्य स्थित है
- अल्मोड़ा को ताम्र नगरी कहा जाता है
- अल्मोड़ा राज्य में सर्वाधिक लिंगानुपात जिला वाला है
- अल्मोड़ा जनपद के प्रमुख शहर द्वाराहाट , जागेश्वर और रानीखेत है।
बागेश्वर जनपद
- बागेश्वर का प्राचीन नाम बागनाथ व व्याघ्रेश्वर है । इसे उत्तर का वाराणसी भी कहा जाता है। बागेश्वर की स्थापना 18 सितंबर 1997 ईस्वी को हुई थी।
- बागेश्वर जनसंख्या की दृष्टि से व क्षेत्रफल की दृष्टि से तीसरा छोटा जनपद है।
- बागेश्वर की प्रमुख नदी कोसी व सरयू है।
- बागेश्वर का प्रमुख पर्यटक स्थल कौसानी है
पिथौरागढ़ जनपद
- पिथौरागढ़ का प्राचीन नाम सोर है।
- पिथौरागढ़ जनपद की स्थापना 24 फरवरी 1960 को अल्मोड़ा से अलग होकर की गई थी।
- पिथौरागढ़ को राज्य का छोटा कश्मीर कहा जाता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से पिथौरागढ़ उत्तरकाशी एवं चमोली के बाद तीसरा बड़ा जनपद है जबकि कुमाऊं का सबसे बड़ा जनपद है।
- पिथौरागढ़ की प्रमुख नदी काली नदी है जिसका उद्गम स्थल जैक्सन श्रेणी के लिपुलेख के पास काला पानी नामक स्थान है से निकलती है।
- पिथौरागढ़ के प्रमुख शहर डीडीहाट , मुस्यारी और गंगोलीहाट है।
चम्पावत जनपद
- चंपावत जनपद का प्राचीन नाम कुंमु है।
- चंपावत जनपद की स्थापना 15 सितंबर 1997 ईस्वी को हुई थी।
- चंपावत की स्थापना प्रथम चंद्रवंशी राजा सोमचंद ने की थी।
- चंपावत की का क्षेत्रफल 1766 वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे छोटा जिला है।
- चंपावत की प्रमुख नदी लोहावती नदी है जो चंपावत में बहने वाली तीन धाराओं से मिलकर बनी है
- चंपावत के प्रमुख शहर टनकपुर लोहाघाट पूर्णागिरि आदि है ।
Watch this video - उत्तराखंड के जनपद
यदि आपको हमारे द्वारा तैयार किए गए नोट्स पसंद आते हैं तो मित्रों पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए । और कमेंट बॉक्स पर अपनी राय दें।
धन्यवाद।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts.
Please let me now.