सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test - 212

Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test 2025  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षा उत्तराखंड पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, फोरेस्ट गार्ड और RO/ARO हेतु टेस्ट सीरीज प्रारंभ की गई है। सभी टेस्ट अनुभवी टीम द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। टेस्ट सीरीज का लाभ उठाने के लिए संपर्क करें। 9568166280 Uksssc Mock Test - 212 (1) “अन्याला चोट कन्याला” इस लोकोक्ति का अर्थ क्या है ? (A) सर पर भारी चोट लगा (B) अंधे के हाथ  बटेर लगना (C) अंधे पर चोट लगा (D) आने से जाने तक (2) “बाप पेट चय्ल बाजार” कुमाऊनी पहेली का क्या अर्थ है – (A) कददू (B) सेब (C) जीभ (D) पिनालू (3) मकर संक्रांति को स्थानीय भाषा में क्या कहा जाता है (A) घुघुती त्यौहार (B) उत्तरायण (C) चुनिया (D) उपरोक्त सभी (4) उत्तराखंड में ग्रामीण आवासो के निकट की भूमि क्या कहलाती है (A) घरया  (B) बण्या (C) बिचौलि (D) जवाणा (5) निम्नलिखित स्वरों में कौन सा युग्म गलत है (A) मध्य स्वर  - अ (B) विवृत स्वर - आ (C) अर्धविवृत्त स्वर - ई (D) पश्च स्वर - ऊ (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए...

July current affair - devbhoomi uttrakhand

 Weekly current affair in hindi

1st - 7th july

 यहां देवभूमिउत्तराखंड के द्वारा सप्ताह के most important Top 10 weekly current affair हिंदी में तैयार किए जाते हैं। जिनकी 2021 में होने वाली आगामी परीक्षाओं ukpcs, uppcs , uksssc , upsssc , ssc chsl, CGL मेंशत-प्रतिशत आने की संभावना होती है। यहां से आप जनवरी 2021 से फरवरी तक के प्रत्येक सप्ताह के करंट अफेयर पढ़ सकते हैं। आज की प्रश्नोत्तरी में 1st -7th July के करंट अफेयर हैं। जिन का विस्तृत वर्णन भी किया गया है।

(1) "नेटबार मोरी जल विद्युत परियोजना" उत्तराखंड के किस जिले में विकसित की जा रही है ?

(a) चमोली

(b) उत्तरकाशी

(c) पिथौरागढ़

(d) टिहरी

व्याख्या : "नेटबार जल विद्युत परियोजना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की टोंस नदी पर विकसित की जा रही है। टोंस यमुना नदी की सहायक नदी है। यह नदी हिमालय पर्वत के बंदरपूंछ से निकलती है। 60 मेगावाट वाली इस योजना के लिए 4.3 किलोमीटर लंबी सुरंग का उत्खनन कार्य कर लिया गया है। Answer - (b)

(2) जुलाई 2021 में उत्तराखंड के नए मुख्यसचिव के रूप में किसे नियुक्त किया गया है ?

(a) एस.एस. संधू

(b) ओमप्रकाश 

(c) धन सिंह रावत

(d) नरेश बंसल

व्याख्या : हाल ही में एस.एस. संधू को उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। वे मुख्य सचिव ओमप्रकाश की जगह लेंगे। सुखबीर सिंह संधू 1988 बैच के आईएएस है । मैं मूल रूप से उत्तराखंड कैडर के अफसर है। इससे पहले भी मैं उत्तराखंड सरकार में कई अहम पदों में रह चुके हैं। उत्तराखंड सरकार द्वारा मांग किए जाने पर केंद्र सरकार ने एस.एस. संधू को राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन पद से हटाकर उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है।

Answer - (a)

(3) पंचमुली झील कहां स्थित है ?

(a) पंजाब

(b) कर्नाटक

(c) गुजरात

(d) मध्य प्रदेश

व्याख्या : पंचमुली झील गुजरात में स्थित है । इस झील में पर्यटकों को वोट राइडिंग की सुविधा देने के लिए पिछले 2 वर्षों में इस झील से 194 मगरमच्छों को निकालकर स्थानांतरित किया गया है । जिस कारण पंचमुखी झील चर्चा का विषय बनी हुयी है । यह झील स्टैचू ऑफ यूनिटी के पास नर्मदा जिले के केवरिया में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के पास स्थित है । जो कि पर्यटकों स्थलों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन चुका है।

Answer - (c)

(4) निपुण भारत मिशन किस क्षेत्र से संबंधित है ?

(a) स्वास्थ्य

(b) शिक्षा

(c) कृषि

(d) खेल

व्याख्या :- हाल ही में शिक्षा नीति 2020 को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए निपुण भारत मिशन शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा चलाया जा रहा है इसका उद्देश्य शिक्षा का ऐसा वातावरण तैयार करना है इसमें साक्षरता और शिक्षा की समझ विकसित हो। 

निपुण (NIPUR) की फुल फॉर्म है- National Initiative for Processing in Reading with Understanding and Numeracy

Answer - (b)

(5) किस योजना के तहत उड़ीसा राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण और भूजल रिचार्ज के लिए 10,000 से अधिक वर्षा जल संचयन रचनाओं का निर्माण किया गया है ?

(a) अटल जल योजना

(b) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना

(c) मुख्यमंत्री कर्म तत्पर अभियान योजना

(d) हर घर जल योजना

Answer - (c)

(6) उत्तराखंड पुलिस के वर्तमान महानिदेशक कौन हैं?

(a) अनिल रतूड़ी

(b) शत्रुघन सिंह

(c) राजेश टंडन

(d) अशोक कुमार

व्याख्या : उत्तराखंड के वर्तमान समय में 11वें पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार हैं। उन्होंनेे  पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी के कार्यकाल 30 नवंबर 2020 को समाप्त होने के पश्चात संभाला । अशोक कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

Answer -(d)

(7) हाल ही में जिंजी किला को केंद्र सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का जीर्णोद्धार करने और किले को नया रूप देने के लिए 9 करोड रुपए मंजूर किए हैं । यह किला किस राज्य में स्थित है ?

(a) मध्य प्रदेश

(b) आंध्र प्रदेश

(c) महाराष्ट्र

(d) तमिलनाडु

व्याख्या : जिंजी किला तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में स्थित है । हाल ही में तमिलनाडु के पर्यटन विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने जिंजी किले के ऐतिहासिक महत्व को समझते हुए मानचित्र पर लाने का प्रस्ताव किया है। केंद्र सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को जीर्णोद्धार करने और किले को नया रूप प्रदान करने के लिए 9 करोड रुपए मंजूर किए हैं । बता दें कि इस किले का मध्यकालीन युग से ही  महत्व रहा है। यह विजय नगर के नए को बीजापुर के सुल्तान मुगलों और अंग्रेजों के अधीन रहा है।

Answer - (d)

(8) एएफसी महिला एशियाई कप 2022 का आयोजन भारत के किन शहरों पर आयोजित किया जाएगा ?

(a) जयपुर और गांधीनगर

(b) मुंबई और पुणे

(c) बेंगलुरु और चेन्नई

(d) पटना और भुवनेश्वर

व्याख्या : एशियाई फुटबॉल परिसंघ द्वारा महिला एशियाई कप 2022 मुंबई और पुणे के स्टेडियम में 20 जनवरी से 2022 से 6 फरवरी 2022 के बीच खेला जाएगा। (AFC - Asian football coperation)

Answer - (b)

(9) जुलाई 2021 में केंद्र सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्रियों में भारी बदलाव के बाद शिक्षा मंत्री का पद किन्हें दिया गया है ?

(a) पीयूष गोयल

(b) नितिन गडकरी

(c) अश्विनी कुमार

(d) धर्मेन्द्र प्रधान

व्याख्या : 7 जुलाई को मोदी सरकार ने कैबिनेट मंत्रियों में एक बड़ा बदलाव किया जहां 12 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद कुछ नए चेहरों को केंद्रीय मंत्री पद के लिए नियुक्त किया असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल कांग्रेश से आए बीजेपी में ज्योति राव सिंधिया दिल्ली की सांसद मीनाक्षी ले उत्तराखंड की अजय भट्ट सहित 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई । जिसमें भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बनाया गया । उत्तराखंड के  रमेश पोखरियाल निशंक का स्थान लेंगे। इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम मंत्री के पद पर कार्यरत हैं।

Answer - (d)

(10) निम्नलिखित में से सही सुमेलित नहीं है ?

(a) नवेगांव टाइगर रिजर्व     -  महाराष्ट्र

(b) वाल्मीकि टाइगर रिजर्व  -  बिहार

(c) बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान    -  ओडिशा

(d) नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान -  कर्नाटक

व्याख्या : नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया और भंडारा जिले में स्थित है । इस टाइगर रिजर्व में विलुप्त होता हुआ तेंदुआ पाया गया है जिसके कारण यह चर्चा में बना हुआ है। यह महाराष्ट्र का 5वां टाइगर रिजर्व है इसे 2013 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।

नागरहोल और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक में स्थित है। हाल ही में कर्नाटक के दोनों राष्ट्रीय उद्यानों से हाथियों के सैंपल लिए गए और शोध के दौरान पाया गया कि एशियाई और अफ्रीकी हाथियों में सामाजिक संरचना भिन्न होती है माना जाता है कि एशियाई हाथी करिश्माई प्रजाति के होते हैं जिनका मनुष्य के साथ सह अस्तित्व का एक लंबा इतिहास है इस हाथी का वैज्ञानिक नाम एलीफेंट मैक्सिमस है उसके आधार पर एशियाई हाथी एंडेंजर्ड आते हैं

हाल ही में बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 150 गिद्ध देखे जाने के बाद उनके संरक्षण की योजना बनाई जा रही है। 150 गिद्धों में इजिप्शियन गिद्ध,  ग्रीफन गिद्ध,  व्हाइट एंड रेम्पड गिद्ध और हिमालय ग्रीफन सहित गिद्ध की विभिन्न प्रजातियां पाई गई हैं । बिहार सरकार ने घोषणा में कहा है कि गिद्धों का संरक्षण केंद्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गनौली रेंज में स्थापित किया जाएगा क्योंकि सर्वाधिक गिद्ध (लगभग 75-80)  की रेंज में देखे गए हैं । बता दें कि भारत में जानवरों को दी जाने वाली डाइक्लोफेनेक दवा के कारण गिद्धों की संख्या में गिरावट आई है जिसके कारण बिहार सरकार के संरक्षण के लिए नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों को  डाइक्लोफेनेक फ्री जोन बनाने की घोषणा की।

Answer -( c)


यदि आपको हमारे द्वारा तैयार की गई Top 10 weekly current affair की सीरीज उपयोगी लगती है तो अधिक से अधिक लोगों को शेयर कीजिए । और पिछले सप्ताह के top 10 current affair पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Sources : BBC news, the Hindu , Dainik Jagran

Related posts :



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ...

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु...

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही...

कुणिंद वंश का इतिहास (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)

कुणिंद वंश का इतिहास   History of Kunid dynasty   (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)  उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड मूलतः एक घने जंगल और ऊंची ऊंची चोटी वाले पहाड़ों का क्षेत्र था। इसका अधिकांश भाग बिहड़, विरान, जंगलों से भरा हुआ था। इसीलिए यहां किसी स्थाई राज्य के स्थापित होने की स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है। थोड़े बहुत सिक्कों, अभिलेखों व साहित्यक स्रोत के आधार पर इसके प्राचीन इतिहास के सूत्रों को जोड़ा गया है । अर्थात कुणिंद वंश के इतिहास में क्रमबद्धता का अभाव है।               सूत्रों के मुताबिक कुणिंद राजवंश उत्तराखंड में शासन करने वाला प्रथम प्राचीन राजवंश है । जिसका प्रारंभिक समय ॠग्वैदिक काल से माना जाता है। रामायण के किस्किंधा कांड में कुणिंदों की जानकारी मिलती है और विष्णु पुराण में कुणिंद को कुणिंद पल्यकस्य कहा गया है। कुणिंद राजवंश के साक्ष्य के रूप में अभी तक 5 अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें से एक मथुरा और 4 भरहूत से प्राप्त हुए हैं। वर्तमान समय में मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि भरहूत मध्यप्रदेश में है। कुणिंद वंश का ...

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2...

भारत की जनगणना 2011 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -01)

भारत की जनगणना 2011 मित्रों वर्तमान परीक्षाओं को पास करने के लिए रखने से बात नहीं बनेगी अब चाहे वह इतिहास भूगोल हो या हमारे भारत की जनगणना हो अगर हम रटते हैं तो बहुत सारे तथ्यों को रटना पड़ेगा जिनको याद रखना संभव नहीं है कोशिश कीजिए समझ लीजिए और एक दूसरे से रिलेट कीजिए। आज हम 2011 की जनगणना के सभी तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे। यहां प्रत्येक बिन्दु का भौगोलिक कारण उल्लेख करना संभव नहीं है। इसलिए जब आप भारत की जनगणना के नोट्स तैयार करें तो भौगोलिक कारणों पर विचार अवश्य करें जैसे अगर किसी की जनसंख्या अधिक है तो क्यों है ?, अगर किसी की साक्षरता दर अधिक है तो क्यों है? अगर आप इस तरह करेंगे तो शत-प्रतिशत है कि आप लंबे समय तक इन चीजों को याद रख पाएंगे साथ ही उनसे संबंधित अन्य तथ्य को भी आपको याद रख सकेंगे ।  भारत की जनगणना (भाग -01) वर्ष 2011 में भारत की 15वीं जनगणना की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर था तथा भारत की कुल आबादी 121,08,54,922 (121 करोड़) थी। जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 62.32 करोड़ एवं महिलाओं की 51.47 करोड़ थी। जनसंख्या की दृष...

पौरव वंश का इतिहास (उत्तराखंड का इतिहास)

 उत्तराखंड का इतिहास पौरव राजवंश अल्मोड़ा जनपद के तालेश्वर नामक (वर्तमान पिथौरागढ़) स्थान से तांबे एवं अष्टधातु के अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें यह उल्लेख मिलता है कि छठी शताब्दी में ब्रह्मपुर में पौरवों का शासन था। इस वंश के प्रमुख शासकों में विष्णुवर्मन प्रथम, वृषवर्मन, अग्निवर्मन, धुतिवर्मन तथा विष्णुवर्मन द्वितीय का नाम आता है। इसके अतिरिक्त मार्कंडेय पुराण में भी पौरवों का उल्लेख मिलता है। तालेश्वर ताम्रपत्रों में कत्यूरियों की राजधानी कार्तिकेयपुर का उल्लेख एक ग्राम के रूप में हुआ है। पौरव वंश की पृष्ठभूमि  उम्मीद है आपने उत्तराखंड के इतिहास की अध्ययन सीरीज में कुणिंद वंश का इतिहास विस्तार पूर्वक पढ़ लिया होगा। जैसा कि आप जानते हैं कि उत्तराखंड में शासन करने वाली पहली राजनीतिक शक्ति कुणिंद थी जिसका सबसे शक्तिशाली शासक  अमोघभूति था। अमोघभूति की मृत्यु के पश्चात कुणिंद शासकों का विघटन प्रारंभ हो गया। जहां एक तरफ कुणिंद शासकों का साम्राज्य सिकुड़ता जा रहा था। वहीं दूसरी तरफ बाहरी शक्तियों का आक्रमण बढ़ता जा रहा था। उत्तरवर्ती कुणिंदो के समकालीन कुणिंदों के आधे भाग पर ...