श्यामलाताल : विवेकानंद आश्रम की मनमोहक शांति हिमालय की गोद में बसा विवेकानंद आश्रम, श्यामलाताल, उत्तराखंड के चम्पावत जिले का एक ऐसा रत्न है, जो प्रकृति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। समुद्र तल से लगभग 5,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थल अपने आलौकिक सौंदर्य और शांति से हर किसी का मन मोह लेता है। यहाँ से टनकपुर-वनबसा और शारदा नदी घाटी के मनोरम दृश्यों के साथ-साथ नंदादेवी, पंचाचूली और नंदकोट जैसी बर्फीली चोटियों का लुभावना नजारा देखने को मिलता है, जो आत्मा को सुकून और आँखों को तृप्ति देता है। श्यामलाताल : एक झील का जादू आश्रम के ठीक निकट एक छोटी, परंतु अत्यंत आकर्षक झील है, जिसे श्यामलाताल के नाम से जाना जाता है। इस झील की लंबाई लगभग 500 मीटर और चौड़ाई 200 मीटर है। इसका गहरा श्याम वर्ण वाला जल इतना मनमोहक है कि स्वामी विवेकानंद ने स्वयं इसे 'श्यामलाताल' नाम दिया। झील के शांत जल में आसपास की हरी-भरी पहाड़ियों और नीले आकाश की छवि ऐसी दिखती है, मानो प्रकृति ने स्वयं एक कैनवास पर चित्र उकेरा हो। कैसे पहुँचें? विवेकानंद आश्रम, चम्पावत जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर ...
उत्तराखंड की प्रशासनिक व्यवस्था उत्तराखंड की प्रशासनिक व्यवस्था को भारत के संवैधानिक ढांचे के तहत संचालित किया जाता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन स्पष्ट रूप से परिभाषित है, उत्तराखंड जो 9 नवंबर 2000 को भारत का 27वां राज्य बना एक संसदीय लोकतंत्र के रूप में कार्य करता है । इसकी प्रशासनिक व्यवस्था को निम्नलिखित स्तरों पर समझा जा सकता है। प्रशासनिक ढांचा विभागीय संरचना : उत्तराखंड सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से प्रशासन संचालित करती है जैसे - गृह, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन, पर्यटन, लोक निर्माण और कृषि । प्रत्येक विभाग का एक नेतृत्व एक मंत्री करता है जबकि प्रशासनिक कार्यों का प्रबंध भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी करते हैं। सचिवालय : देहरादून में स्थित सचिवालय राज्य सरकार का प्रशासनिक केंद्र है जहां सभी प्रमुख नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं। मुख्य सचिव : यह राज्य राज्य का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है जो सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करता है और सरकार को नीतिगत सलाह देता है। उत्तराखंड राज्य प्रशासन...