हरिमोहन सिंह ऐठानी (गणितज्ञ) : जीवन परिचय
प्रस्तावना
हैलो दोस्तो ! आज हम उत्तराखंड के इतिहास और उत्तराखंड की परीक्षाओं से दूर उत्तराखंड की एक महान हस्ती को जानेंगे जो उत्तराखंड के पहाड़ों में शिक्षा के क्षेत्र में एक दशक से निरंतर उत्कृष्ट योगदान कर रहे हैं। यूं तो आप महान संगीतकार जुबिन नौटियाल और पवनदीप राज और वहीं क्रिकेट के खिलाड़ी ऋषभ पंत और आकाश मठपाल, लक्ष्यसेन (बैटमिंटन खिलाड़ी) आदि , को सभी जानते होंगे। क्या आप लिम्का नेशनल एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हरिमोहन सिंह ऐठानी को जानते हैं। जो गणित के विषय के अध्यापक और मैथ्स रिसर्चर हैं। उन्हें मैथ्स में नयी ट्रिक्स व कठिन सवालों को आसानी से हल करने के कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराएं हैं। साथ ही इनके कार्य के लिए अनेकों संस्थानों द्वारा पुरस्कृत किया गया है। ऐठानी जी बीते कुछ वर्षों उत्तराखंड का गौरव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 32 से अधिक पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
अक्सर पहाड़ों में बेहतर शिक्षक और कोचिंग क्लास का अभाव होने से पहाड़ी स्कूलों के छात्र मैथ्स से दूर भागते हैं। अधिकांश छात्रों का बेसिक ठीक न होने के कारण दसवीं कक्षा के बाद गणित विषय छोड़ने वालों की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में ऐठानी जी उन सभी पहाड़ों में पढ़ाई करने वाले सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा हैं । उन्होंने भी अपनी प्रारंभिक शिक्षा बागेश्वर जनपद में स्थित कपकोट के ऐठान गांव से की है।
जीवन परिचय
हरिमोहन सिंह ऐठानी का जन्म बागेश्वर जिले के ऐठान गांव (कपकोट) में हुआ था । उनके पिता गुमान सिंह ऐठानी व माता बसंती देवी थी। ऐठानी जी की प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय (दोफाड़) बागेश्वर से हुई तथा उच्ज शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा एडवांस डिप्लोमा इन कंप्यूटर सॉफ्टवेयर नॉएडा एवं अन्य इंस्टिट्यूट/कॉलेज से किया।
मैथ्स रिसर्च में योगदान
हमारे देश के अधिकांश लोग शिक्षक की नौकरी समझकर नौकरी लगने के बाद पढ़ाई करना छोड़ देते हैं। और शिक्षा में किसी भी प्रकार का बदलाव और सुधार करने की चेष्टा नहीं करते हैं ऐसे में स्वयं की शिक्षा का स्तर गिरने लगता है। एक वास्तविक शिक्षक वह होता है जो निरंतर अध्ययन करता है और स्वयं के विषय में रिसर्च करके आसान बनाता है। यह कार्य उत्तराखंड के प्रसिद्ध गणितज्ञ हरिमोहन सिंह ऐठानी भली-भांति कर रहे हैं। ऐठानी जी बागेश्वर के प्राथमिक स्कूल में शिक्षक के रूप में वर्ष 2009 से कार्यरत हैं। स्कूल के बाद यह गणित के सवालों और पजल को हल करने के आसान तरीके खोजते हैं 2009 में मात्र 1260 घंटे में 48000 मैजिक पजल लिखे। वो भी 450 चार्ट पेपर में बिना किसी कैल्कुलेटिंग डिवाइस के। इसके साथ ही मैथ्स में अनुप्रयोग का सिलसिला प्रारंभ हुआ और एक के बाद एक कई रिकॉर्ड और अवार्ड अपने नाम किए।भारत के महान गणितज्ञ श्रीधराचार्य जी का द्विघात समीकरण के मूल निकालने का सूत्र समीकरण विधि से सत्यापित किया हैविश्व प्रसिद्ध त्रिभुज का सूत्र ज्ञात करने वाला हीरोन का सूत्र अपने नए तरीके से प्रुव किया।
इंडिया स्टार आइकॉन अवार्ड - 1 मई 2023
हाल ही में इन्हें 1 मई 2023 को इंडिया स्टार आइकॉन अवार्ड शिक्षण और विभिन्न विश्व रिकॉर्ड (world record ) के क्षेत्र में सराहनीय उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया है । यह अवार्ड इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड/वर्ल्ड रिकॉर्ड अवार्ड्स संस्था ने प्रदान किया है। यह संस्था उत्तरप्रदेश की है और इसका मुख्यालय बरेली (उत्तर प्रदेश और गुरुग्राम (हरियाणा) में है। यह भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- एवेरेस्ट बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- मेगा स्टार इंटरनेशनल रिकॉर्ड
- एक्सक्लूसिव बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड।
- इन्फिनिटी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- नमो बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- वंडर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- असम बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्डइं
- इंटरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड
- इंडियन यंग एचीवर अवार्ड
- इंडिया स्टार प्राउड अवार्ड
- इंडिया स्टार पैसन अवार्ड
- कलांम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
उत्तराखण्ड में इतनी उपलब्धियां शायद और किसी की नहीं हैं। उत्तराखंड ही नहीं पूरा भारत और विश्व स्तर तक शायद ही कोई होगा जितनी उपलब्धियां गणित के क्षेत्र में अर्जित की गयी हैं। हालांकि देश की चाटुकारिता, टीआरपी पर निर्भर सोशल मीडिया और राजनीति के कारण ऐठानी जी को उस स्तर विशेष पहचान नहीं मिली है। किन्तु यह सत्य है प्रतिभा किसी की गुलाम नहीं होती है। वह अपना रास्ता स्वयं बना सकती है। ऐठानी जी उत्तराखंड के लाखों युवा की प्रेरणा हैं। ऐसे महान हस्ती को कोटि कोटि नमन करते हैं।
शिक्षा से जुड़े ऐठानी जी भांति नये युवा सामने आए। और जिस प्रकार सभी क्षेत्रों में जिस प्रकार का सम्मान प्रतिभावान कलाकारों को दिया जाता है ठीक उसी प्रकार शिक्षकों दिया जाए तो देश में तेजी से बदलाव होगा।
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