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महासागरों का अध्ययन

महासागरों का अध्ययन  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा कक्षा 6 एनसीईआरटी भूगोल की पुस्तक से नोट्स तैयार किए जा रहे हैं। इस लेख में एनसीईआरटी पुस्तक और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों का समावेशन किया गया है। इस लेख में विश्व में कितने महासागर हैं और उनके सीमांत सागरों के साथ प्रमुख जलसंधियों का उल्लेख किया गया है। अतः लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। साथ ही विश्व का मानचित्र साथ रखें।  पृष्ठभूमि  अक्सर फिल्मों में, गानों में, कविताओं में और जिंदगी के उन तमाम पन्नों में "सात समुद्र" का जिक्र सुना होगा। और तो और इस शब्द प्रयोग मुहावरों भी करते हैं। तो क्या आप जानते हैं "सात समुद्र" ही क्यों? और यदि बात सात समुद्र की जाती है तो वे कौन-से सात समुद्र हैं? यूं तो अंक सात का अपना एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व हैं । क्योंकि दुनिया में इंद्रधनुष के रग सात हैं, सप्ताह के दिन सात हैं, सप्तर्षि हैं, सात चक्र हैं, इस्लामी परंपराओं में सात स्वर्ग हैं, यहां तक कि दुनिया के प्रसिद्ध 7 अजूबे हैं। संख्या सात इतिहास की किताबों में और कहानियों में बार-बार आती है और इस वजह से...

मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना (उत्तराखंड)

मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना (उत्तराखंड)



राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन

भारत में केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर 2021 से राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन की शुरुआत की गई है। यह रसायन मुक्त कृषि प्रणाली है। जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत जो भी किसान प्राकृतिक खेती शुरू करने के इच्छुक होता है उन्हें क्लस्टर सदस्यों के रूप में पंजीकृत किया जाता है प्रत्येक प्लास्टर में 50 हेक्टेयर भूमि के साथ 50 या उससे अधिक किसान शामिल होते हैं इसके अलावा प्रत्येक क्लस्टर के रूप में एक गांव या दो तीन आस-पास के गांव शामिल हो सकते हैं।

राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि योजना के तहत भूमि की उत्पादन क्षमता एवं बुनियादी ढांचे के निर्माण हेतु 3 वर्ष तक ₹15000 प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि योजना के लाभ

  • प्राकृतिक कृषि से मृदा के स्वास्थ्य को बहाल करने में मदद मिलती है।
  • यह लागत प्रभावी कृषि पद्धति है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
  • प्राकृतिक संसाधनों का कुशलता में प्रयोग संभव है।
  • मृदा की जैविक गतिविधि को प्रोत्साहित करती है।

उत्तराखंड में प्राकृतिक कृषि मिशन

दिसंबर 2021 से 17 राज्यों में 4.78 हेक्टेयर से अधिक भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाया गया है। आंकड़ों के अनुसार 7.33 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती की पहल की है। प्राकृतिक खेती की योजना में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत गंगा किनारे के उन चार राज्यों के 42 गांव को भी शामिल किया गया है । जिन्हें पूर्व में प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत गंगा ग्राम घोषित किया गया था।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना की शुरुआत अप्रैल 2023 में की गई। इसके अन्तर्गत उत्तराखंड के 10 पर्वतीय जिलों में 12800 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती करने के लिए चिन्हित किया गया है। प्रारंभिक समय में उत्तराखंड में 6400 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की योजना का प्रस्ताव राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन को भेजा। जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद राज्य सरकार बजट आवंटित करेगी।

प्राकृतिक कृषि मिशन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न -:

(1) राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत उत्तराखंड के कितनों जिलों में प्राकृतिक खेती की जाएगी?

(a) 2
(b) 5
(c) 8
(d) 10

Answer - (d)

(2) केंद्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना के लिए कितने क्षेत्र के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है ?
(a) 4000 हेक्टेयर 
(b) 6400 हेक्टेयर 
(c) 9000 हेक्टेयर 
(d) 12800 हेक्टेयर 

Answer - (b)

(3) राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि योजना के तहत भूमि की उत्पादन क्षमता एवं बुनियादी ढांचे के निर्माण प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर के लिए वित्तीय सहायता के रूप में कितनी धनराशि का प्रावधान किया गया है।
(a) ₹2000
(b) ₹5000
(c) ₹12000
(d) ₹15000

Answer - (d)

(4) निम्नलिखित में से प्राकृतिक कृषि योजना के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(a) यह रसायन मुक्त कृषि योजना है।
(b) यह रसायन युक्त कृषि योजना है।
(c) यह लागत प्रभावी कृषि पद्धति है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
(d) मृदा की जैविक गतिविधि को प्रोत्साहित करती है।

Answer - (b)

(5) राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन की शुरुआत कब हुई?
(a) 2016
(b) 2018
(c) 2020
(d) 2021

Answer - (d)

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