उत्तराखंड बजट 2025-26
उत्तराखंड के वित्त मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल राज्य की रजत जयंती वर्ष में 20 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 2025-26 के लिए उत्तराखंड का राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 4,29,308 करोड रुपए (वर्तमान मूल्यों पर) होने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है।
उत्तराखंड बजट 2025-26
उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹1,01,175.33 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है, जो राज्य का अब तक सबसे बड़ा बजट होने के साथ साथ ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट है। यह बजट पिछले वर्ष (2024-25) के बजट (₹89,230.07 करोड़) की तुलना में 4% अधिक है।
बजट 2025-26 में महिला सशक्तिकरण के लिए जेंडर बजट में 16.66 प्रतिशत की वृद्धि जेंडर बजट के लिए ₹16,911 करोड़ का प्रावधान किया गया है । इस बजट में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन हेतु - ₹30 करोड़ का प्रावधान है।
राजस्व प्राप्तियां : 62,540.54 करोड़
पूंजीगत प्राप्तियां : 38,494.21 करोड़
कुल व्यय: ₹1,01,175.13 करोड़।
- राजस्व व्यय: ₹59,954.65 करोड़ (इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज भुगतान, और रखरखाव जैसे दैनिक खर्च शामिल हैं।)
- पूंजीगत व्यय : ₹41220.68 करोड़ (कुल व्यय का 41%)। (यह बुनियादी ढांचे, स्कूलों, अस्पतालों, और अन्य दीर्घकालिक परियोजनाओं पर खर्च को दर्शाता है।)
1. राजस्व आधिक्य घाटा = राजस्व प्राप्तियां - राजस्व व्यय (₹62540.54 - ₹59954.65 = 2585.89)
2. राजकोषीय घाटा: ₹12,604.92 करोड़, जो जीएसडीपी का 2.94% है,
3. प्राथमिक घाटा : ₹5614राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उधार पर निर्भरता को सीमित करने और राजस्व बढ़ाने पर ध्यान दिया है।
ज्ञान (GYAN)
इस बजट में सशक्त उत्तराखंड के निर्माण के लिए ज्ञान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास मंत्र ज्ञान (GYAN) के चार स्तम्भों पर कार्य किया जाएगा। GYAN अर्थात् गरीब, युवा, अन्नदाता (किसान), और नारी (महिलाएं) को प्राथमिकता दी गई है,
- गरीब
- युवा
- अन्नदाता (किसान),
- नारी (महिलाएं)
गरीब
- समाजिक सुरक्षा हेतु - ₹1811 करोड़
- अन्नापूर्ति योजना - ₹918 करोड़
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) - ₹207.18 करोड़
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) - ₹51.12 करोड़
- राज्य खाद्यान्न योजना - ₹10 करोड़
युवाओं का सशक्त बनाना
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत - ₹178.83 करोड़
- 9वीं से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु - ₹59.41 करोड़
- कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु नि:शुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु - ₹23 करोड़
- बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साइकिल) योजना हेतु - ₹15 करोड़
- साइंस सिटी एवं विज्ञान केंद्रों की स्थापना - ₹26.64 करोड़
- उत्तराखंड विज्ञान एवं शिक्षण अनुसंधान की स्थापना हेतु -₹5.40 करोड़
- विज्ञान केंद्र चम्पावत हेतु - ₹10 करोड़
- उदीयमान खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति हेतु - ₹10 करोड़
- खेल महाकुंभ के आयोजन हेतु -₹15 करोड़
- रुरल बिजनेस इनक्यूबेटर हेतु - ₹20करोड़
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना: ₹60 करोड़
- मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना - ₹10 करोड़
- पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना हेतु - ₹21.60 करोड़
अन्नदाता
- ट्राउट प्रोत्साहन योजना हेतु - ₹146 करोड़
- दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना -₹85 करोड़
- किसान पेंशन योजना - ₹42.18 करोड़
- हाउस ऑफ हिमालयन - ₹15 करोड़
- मिशन एप्पल योजना - ₹35 करोड़
- गंगा गाय महिला डेरी विकास योजना - ₹5 करोड़
- मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना - ₹25 करोड़
- मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना - ₹12 करोड़
- मिलेट मिशन योजना - ₹4 करोड़
- नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना - ₹3.22 करोड़
नारी कल्याण
- नंदा गौरा योजना - ₹157.84 करोड़
- प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना - ₹21.74 करोड़
- मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना - ₹29.91 करोड़
- मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना - ₹22.62 करोड़
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना - ₹18.88 करोड़
- मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना - ₹13.96 करोड़
- मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना - ₹14 करोड़
- मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना - ₹5 करोड़
बजट की थीम - NAMO
उत्तराखंड सरकार का बजट समावेशी विकास, सतत आर्थिक प्रगति, और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह बजट "NAMO" (नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत, और ओजस्वी मानव संसाधन) की थीम पर आधारित है। इस थीम को अपनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड को 2025 तक देश का एक अग्रणी और आत्मनिर्भर राज्य बनाना है, जो अपनी प्राकृतिक, सांस्कृतिक, और मानव संसाधन की ताकत का उपयोग करते हुए सतत और समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़े। नीचे इस थीम और इसके कारणों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
"NAMO" थीम चार प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है:
- नवाचार (Novelty): आधुनिक तकनीक, डिजिटल समाधान, और नवीन योजनाओं के माध्यम से विकास को गति देना।
- आत्मनिर्भर उत्तराखंड (Self-reliant Uttarakhand): स्थानीय संसाधनों का उपयोग, स्वरोजगार, और उद्यमिता को बढ़ावा देकर आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करना।
- महान विरासत (Magnificent Heritage): उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत (जैसे चारधाम, योग, और आयुर्वेद) को संरक्षित और प्रचारित करना।
- ओजस्वी मानव संसाधन (Vibrant Human Resources): युवाओं, महिलाओं, और अन्य वर्गों को कौशल विकास और शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना।
1. नवाचार (Novelty)
उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जहां भौगोलिक चुनौतियां जैसे दुर्गम क्षेत्र और सीमित कनेक्टिविटी विकास में बाधा डालती हैं। नवाचार, विशेष रूप से डिजिटल तकनीक और स्मार्ट समाधानों के माध्यम से, इन चुनौतियों को कम करने में मदद करता है।
- केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता।
- साइबर सुरक्षा और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की मांग, क्योंकि उत्तराखंड में पर्यटन और प्रशासनिक सेवाएं तेजी से डिजिटल हो रही हैं।
बजट में प्रावधान:
- साइबर सुरक्षा : साइबर क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान और क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर गाइडलाइन के लिए नई योजना प्रस्तावित।
- ई-ऑफिस प्रणाली : सभी सरकारी कार्यालयों में डिजिटल प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए ₹100 करोड़ का आवंटन।
- वेंचर फंड : स्टार्टअप्स और नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए नया वेंचर फंड स्थापित।
- यूआईआईडीबी को हरिद्वार ऋषिकेश विकास हेतु परामर्शी सेवा हेतु -₹168.33 करोड़
2. आत्मनिर्भर उत्तराखंड (Self-reliant Uttarakhand)
प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए सात बिंदुओं पर फोकस किया गया है। इन सात बिन्दुओं को सप्तऋषि कहा गया है। इससे पूर्व के बजट में भी इनकी चर्चा की गई है।
- कृषि
- उद्योग
- ऊर्जा
- अवसंरचना
- संयोजकता
- पर्यटन
- आयुष
- उत्तराखंड में बेरोजगारी और पलायन (विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों से) एक प्रमुख समस्या है। आत्मनिर्भरता पर जोर देकर, सरकार स्थानीय संसाधनों का उपयोग और स्वरोजगार को बढ़ावा देना चाहती है।
- केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के साथ तालमेल, जिसके तहत स्थानीय उत्पादों और उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- कृषि, पर्यटन, और आयुष जैसे क्षेत्रों में उत्तराखंड की प्राकृतिक संपदा का दोहन कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
- ग्रामीण रोजगार हेतु मत्स्य विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना - ₹146 करोड़
3. महान विरासत (Magnificent Heritage)
उत्तराखंड को "देवभूमि" के रूप में जाना जाता है, जहां चारधाम, योग, और आयुर्वेद जैसी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत है। इसे संरक्षित और प्रचारित करने से पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है, और आध्यात्मिक पर्यटन (जैसे हरिद्वार-ऋषिकेश) को बढ़ावा देना रोजगार और राजस्व बढ़ाने में सहायक है।
पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी उत्तराखंड की विरासत का हिस्सा है।
बजट में प्रावधान:
- आध्यात्मिक पर्यटन : हरिद्वार-ऋषिकेश के विकास के लिए उत्तराखंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट डेवलपमेंट बोर्ड को ₹168 करोड़।
- जलवायु परिवर्तन शमन : ₹60 करोड़ का आवंटन।
ओजस्वी मानव संसाधन (Vibrant Human Resources)
उत्तराखंड की युवा आबादी और महिलाएं राज्य की आर्थिक प्रगति का आधार हैं। उन्हें शिक्षा, कौशल विकास, और रोजगार के अवसर प्रदान करना आवश्यक है।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, और खेल जैसे क्षेत्रों में निवेश से मानव संसाधन की गुणवत्ता में सुधार होगा, जो दीर्घकालिक विकास के लिए जरूरी है।
- केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे स्किल इंडिया और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ तालमेल।
- प्रवासी उत्तराखंड परिषद - ₹1 करोड़
इकोलॉजी के साथ-साथ इकोनॉमी
- सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना
- पर्यावरणन्मुखी नीतियों का निर्धारण
- स्वच्छ पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर बल
- स्थिति-व्यापक पर्यावरण की सुनिश्चितीकरण
स्प्रिंग एंड रिवर रेजुबिनेशन प्राधिकरण (सारा) : नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जनन के लिए ₹125 करोड़।
जलवायु परिवर्तन शमन : ₹60 करोड़ का आवंटन।
सार्वजनिक वनों के सृजन हेतु -₹10 करोड़
बजट में प्रावधान:
- पेंशन हेतु - ₹9917.40 करोड़ का आवंटन
- ग्रामीण विकास हेतु - ₹3868.61 करोड़ रुपए का आवंटन
- कृषि एवं उद्यान हेतु - ₹2032.93 करोड़ रुपए
- मत्स्य, पशुपालन, डेरी - ₹993 का आवंटन
- पर्यटन - ₹486.76 करोड़
- शिक्षा, खेलकूद कला एवं संस्कृति : ₹12,465 करोड़ का आवंटन,
- चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य - ₹करोड़ 4747.54 का आवंटन किया गया है
- समाजिक सुरक्षा एवं कल्याण हेतु - 3653.78 करोड़
- जलापूर्ति हेतु -3131.14 का आवंटन
उत्तराखंड स्वतंत्रता के पश्चात देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला पहला राज्य है। समान नागरिक संहिता क्रियान्वयन के लिए भी ₹30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25
राज्य सकल घरेलू उत्पाद (State GSDP)
प्रचलित भागों पर राज्य सकल घरेलू उत्पाद वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹3,78,000 करोड रुपए रहा । इससे पूर्व वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹3,32,000 करोड रुपए था।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25
राज्य की प्रति व्यक्ति आय
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय ₹2,46,178 थी
- वित्तीय वर्ष 2024 25 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,74,064 अनुमानित की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में प्रति व्यक्ति आय में 11.33 प्रतिशत की वृद्धि है।
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