वनबसा : शारदा नदी के तट पर बसा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर उत्तराखंड के चम्पावत जिले में वनबसा, एक ऐसा कस्बा है जो भारत-नेपाल सीमा पर बसा है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। टनकपुर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह ग्राम पंचायत, जनपद की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है, जहाँ लगभग 10,000+ लोग निवास करते हैं। यहाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण देखने को मिलता है, जो इस क्षेत्र को एक जीवंत सामाजिक ताने-बाने से जोड़ता है। प्रकृति और इतिहास का संगम शारदा नदी के तट पर बसा वनबसा, मैदानी और पर्वतीय संस्कृतियों का एक अनूठा मेल है। यह स्थान सदियों से पर्वतीय लोगों का प्रिय ठिकाना रहा है। पुराने समय में, जब लोग माल भावर की यात्रा करते थे, वनबसा उनका प्रमुख विश्राम स्थल था। सर्दियों में पहाड़ी लोग यहाँ अपनी गाय-भैंस चराने आते और दिनभर धूप में समय बिताकर लौट जाते। घने जंगलों के बीच बसे होने के कारण, संभवतः इस क्षेत्र का नाम "वनबसा" पड़ा। यहाँ की मूल निवासी थारू और बोक्सा जनजातियाँ इस क्ष...
7 days challenge Top 10 weekly current affair in hindi 1 March to 7 March (top 10 quiz ) 7 days challenge के अंतर्गत यहां देवभूमिउत्तराखंड.com के द्वारा सप्ताह के most important Top 10 weekly current affair हिंदी में तैयार किए जाते हैं। जिनकी 2021 में होने वाली आगामी परीक्षाओं शत-प्रतिशत आने की संभावना होती है। यहां से आप जनवरी 2021 से फरवरी तक के प्रत्येक सप्ताह के करंट अफेयर पढ़ सकते हैं। (1) हाल ही में 30वां बिहारी पुरस्कार किसको प्रदान किया गया है ? (a) कुमार विश्वास (b) मोहन कृष्णा बोहरा (c) मृदुला भंडारी (d) अमिताभ बच्चन व्याख्या : मोहन कृष्णा बोहरा को तसलीम : संघर्ष और साहित्य की नामक रचना के उपलक्ष में के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया है । यह पुरस्कार प्रसिद्ध कवि बिहारी के नाम पर के के बिरला द्वारा 1991 में साहित्यिक रचनाओं के सम्मान के लिए बिहारी पुरस्कार की स्थापना की गई थी। इसमें अवार्ड के साथ 2.5 लाख नकद पुरस्कार एक पट्टीका और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है । मोहन कृष्ण बोहरा एक प्रसिद्ध साहित्यकार है । इनका जन्म 27 जुलाई 1939 को रा...