करेंट अफेयर्स 2025 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रदर्शन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship, WTC) 2023-2025, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा आयोजित टेस्ट क्रिकेट का तीसरा संस्करण था, जो टेस्ट फॉर्मेट की लोकप्रियता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया। यह चक्र जून 2023 में शुरू हुआ और 15 जून 2025 को लॉर्ड्स, लंदन में फाइनल के साथ समाप्त हुआ। साउथ अफ्रीका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर अपना पहला WTC खिताब और दूसरा ICC खिताब (1998 के बाद) जीता। मुख्य तथ्य अवधि : जून 2023 से 15 जून 2025 तक। फाइनल : 11-15 जून 2025, लॉर्ड्स, विजेता : साउथ अफ्रीका (ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया)। उपविजेता: ऑस्ट्रेलिया। भारत का प्रदर्शन भारत ने WTC 2023-2025 में शानदार शुरुआत की, लेकिन अंत में फाइनल में जगह नहीं बना सका : न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में 0-3 की हार और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में हार ने भारत को फाइनल की रेस से बाहर कर दिया। भारत पिछले दो संस्करणों (2019-21 और 2021-23) में फाइनल में पहुंचा था, ले...
भारत के प्रमुख साहित्य पुरस्कार 2025
आज हम इस लेख के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में बढ़ावा देने हेतु भारत में ज्ञानपीठ पुरस्कार, सरस्वती सम्मान, व्यास सम्मान, बिहारी पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि से सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2025 में इन सभी पुरूस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अतः लेख को अंत तक पढ़े।
ज्ञानपीठ पुरस्कार 2024
59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2024 हिंदी के प्रख्यात कवि, उपन्यासकार और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को प्रदान किया गया। इसकी घोषणा 22 मार्च 2025 को भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा की गई। यह पुरस्कार उन्हें हिंदी साहित्य में उनके असाधारण योगदान, सरल किंतु गहन लेखन शैली, और मानवीय संवेदनाओं को सूक्ष्मता से चित्रित करने के लिए दिया गया।
विनोद कुमार शुक्ल छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ, और वे हिंदी साहित्य के 12वें लेखक हैं, जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया।
विनोद कुमार शुक्ल का परिचय
- जन्म : 17 फरवरी 1937, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़।
- पेशा : लेखक, कवि, और शिक्षक। उन्होंने रायपुर के एक कॉलेज में लंबे समय तक अध्यापन किया।
- लेखन शैली : उनकी रचनाएँ सादगी, गहरी दार्शनिकता, और सामान्य जीवन की असाधारण व्याख्या के लिए जानी जाती हैं।
प्रमुख रचनाएँ
उपन्यास:
- नौकर की कमीज (1979):
- दीवार में एक खिड़की रहती थी (1996):
- खिलेगा तो देखेंगे (1996):
- कविता संग्रह:
- लगभग जय हिंद (1971)
- वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहनकर विचार की तरह (1981)
- आत्मा की किताब (1998)
- सब कुछ होना बचा रहेगा (1991)
कहानी संग्रह:
- पेड़ पर कमरा (1996)
- एक और जिंदगी (2004)
साहित्य अकादमी पुरस्कार – 1999 में 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' के लिए मिल चुका है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जो भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए दिया जाता है। इसे 1961 में स्थापित किया गया था। इसमें 11 लाख रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा से सम्मानित किया जाता है।
1. सरस्वती सम्मान 2024
के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 1991 में भारतीय साहित्यकारों और कवियों को सम्मानित करने हेतु 3 पुरस्कार प्रदान करने की शुरुआत की। यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं में पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कृति के लिए भारतीय नागरिक को दिया जाता है।
सरस्वती सम्मान 2024 का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रख्यात संस्कृत विद्वान महामहोपाध्याय साधु भद्रेशदास को उनकी साहित्यिक कृति ‘स्वामिनारायण सिद्धांत सुधा’ के लिए प्रदान किया गया है। यह घोषणा 26 मार्च 2025 को के.के. बिरला फाउंडेशन द्वारा की गई।
‘स्वामिनारायण सिद्धांत सुधा’ 2022 में प्रकाशित हुई और संस्कृत भाषा में लिखी गई है।
महामहोपाध्याय साधु भद्रेशदास के बारे में,
साधु भद्रेशदास का जन्म 1966 में नांदेड़, महाराष्ट्र में हुआ। वे बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS) के साधु और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त संस्कृत विद्वान हैं। वे वर्तमान में स्वामिनारायण शोध संस्थान के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
सरस्वती सम्मान के बारे में,
सरस्वती सम्मान की स्थापना 1991 में के.के. बिरला फाउंडेशन द्वारा की गई थी। यह पुरस्कार भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में लिखे गए उत्कृष्ट साहित्यिक कार्यों (गद्य या पद्य) के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है।
पुरस्कार के बारे में,
इसमें 15 लाख रुपये की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र और एक ताम्रपट्टिका शामिल है। पुरस्कार के लिए वह साहित्यिक कृति पात्र होती है, जो पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित हुई हो और किसी भारतीय नागरिक द्वारा लिखी गई हो।
पूर्व विजेता
- 33वां सरस्वती सम्मान 2023 - साहित्यकार प्रभा वर्मा (2023)
- 32वां सरस्वती सम्मान 2022 - तमिल लेखिका शिवशंकरी
- प्रथम सरस्वती सम्मान : हरिवंश राय बच्चन (1991)
2. व्यास सम्मान 2024
व्यास सम्मान 2024 प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यिक पुरस्कार है, जो 2024 में 34वां व्यास सम्मान प्रख्यात हिंदी लेखिका सूर्यबाला को उनके 2018 में प्रकाशित उपन्यास "कौन देश को वासी: वेणु की डायरी" के लिए प्रदान किया गया। पुरस्कार की घोषणा दिसंबर 2024 में की गई, और इसे 28 जनवरी 2025 को मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।
सूर्यबाला का परिचय
- जन्म: 1943, वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
- शिक्षा: काशी विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.) और पीएचडी।
पुरस्कार का विवरण
- पुरस्कार राशि: ₹4 लाख, एक प्रशस्ति पत्र, और एक प्रतीक चिह्न।
- चयन समिति: प्रख्यात साहित्यकार प्रो. रामजी तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने 2014 से 2023 के बीच प्रकाशित कृतियों का मूल्यांकन किया और सूर्यबाला की कृति को चुना।
व्यास सम्मान के बारे में,
1991 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा शुरू, यह पुरस्कार हिंदी साहित्य में दूसरा सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है, जो ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद आता है। इस पुरस्कार के लिए हिंदी में लिखी गई कोई भी साहित्यिक कृति (उपन्यास, कविता, निबंध, आत्मकथा, आलोचना, आदि) पात्र होती है, बशर्ते वह पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित हो। पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिया जाता, और एक लेखक को यह पुरस्कार केवल एक बार ही मिल सकता है।
पूर्व विजेता
- 2023 (33वां व्यास सम्मान): पुष्पा भारती
- 2022 (32वां व्यास सम्मान): ज्ञान चतुर्वेदी
- 2021 (31वां व्यास सम्मान): डॉ. असग़र
- 1991 (1st व्यास सम्मान) : राम विलास शर्मा
3. बिहारी पुरस्कार 2024
28 जनवरी 2025 को मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित समारोह में बिहारी पुरस्कार 2024 प्रदान किया गया। 33वां बिहारी पुरस्कार प्रख्यात हिंदी और मैथिली लेखिका डॉ. उषा किरण खान को उनके उपन्यास "सुनो राधिका" (2014) के लिए प्रदान किया गया।
बिहारी पुरस्कार के बारे में,
1991 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा रीतिकाल के कवि बिहारी लाल के नाम पर प्रदान किया जाता है। इसमें ₹2.5 लाख, एक प्रशस्ति पत्र, और एक प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया जाता है। पुरस्कार के लिए लेखक को राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए या कम से कम सात वर्षों तक राजस्थान में निवास करना चाहिए। कृति पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित होनी चाहिए।
पिछले विजेता:
- 32वां बिहारी पुरस्कार (2022): डॉ. माधव हाडा
- 31वां बिहारी पुरस्कार (2021): मधु कांकरिया
साहित्य अकादमी पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 भारत के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मानों में से एक है, जो साहित्य अकादमी (भारत की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी) द्वारा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेजी और राजस्थानी में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों के लिए प्रदान किया जाता है।
यह पुरस्कार 1954 में स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य भारतीय साहित्य की समृद्धि और विविधता को बढ़ावा देना है। 2024 के पुरस्कारों की घोषणा 18 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। पुरस्कार समारोह 8 मार्च 2025 को कमानी ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस वर्ष 21 भाषाओं के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें 8 कविता संग्रह, 3 उपन्यास, 2 लघु कथा संग्रह, 3 निबंध, 3 साहित्यिक आलोचना, 1 नाटक, और 1 शोध कार्य शामिल हैं। बंगाली, डोगरी, और उर्दू भाषाओं के लिए पुरस्कारों की घोषणा बाद में की गई।
पुरस्कार का विवरण
- पुरस्कार राशि: प्रत्येक विजेता को ₹1,00,000, एक उत्कीर्ण तांबे की पट्टिका, और एक शॉल प्रदान की गई।
- पात्रता: पुरस्कार 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के बीच प्रकाशित कृतियों के लिए दिया गया। प्रत्येक भाषा के लिए तीन सदस्यीय जूरी ने चयन किया, और साहित्य अकादमी के कार्यकारी बोर्ड ने अनुमोदन किया।
- अध्यक्ष: साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में पुरस्कारों की घोषणा हुई।
साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 प्राप्तकर्ता
- हिंदी भाषा : गगन गिल - कविता संग्रह: मैं जब तक आई बाहर (2018)
- अंग्रेजी: ईस्टरिन किरे - उपन्यास: स्पिरिट नाइट्स (2022)
- असमिया: समीर तांती - कविता संग्रह: मोई कोनो पोहोरर पोव (2022)
- बोडो: अरन राजा - उपन्यास: खामाइसु गोसोनि गुदि खोमसि (2022)
- गुजराती: दिलीप झावेरी - कविता संग्रह:
- कन्नड़: के.वी. नारायण -
- कश्मीरी: सोहन कौल - उपन्यास: क्याह गाव छु म्युल (2022)
- कोंकणी: मुकेश थली - निबंध: कविता आनी ती (2022)
- मैथिली: महेन्द्र मलंगिया - निबंध संग्रह: प्रबंध संग्रह (2022)
- मलयालम: के. जयकुमार - कविता संग्रह (2022)
- मणिपुरी: हाओबम सत्यबती देवी - कविता संग्रह: मणिपुरदा (2022)
- मराठी: सुधीर रसाल - साहित्यिक आलोचना: विंदांचे गुद्यरूप (2022)
- नेपाली: युवा बराल - कविता संग्रह: सहरको किनारमा (2022)
- ओड़िया: बैष्णब चरण सामल - लघु कथा संग्रह: कथा पांचक (2022)
- पंजाबी: पॉल कौर - कविता संग्रह: लमियां उमरां दी तलाश (2022)
- राजस्थानी: मुकुट मणिराज - कविता संग्रह: माटी री महक (2022)
- संस्कृत: दीपक कुमार शर्मा - कविता संग्रह: सर्वं विश्वेन संनादति (2022)
- सिंधी: हुंदराज बलवानी - नाटक: रात री रानी (2022)
- तमिल: के.वी. संपतराम
- तेलुगु: पेनुगोंडा लक्ष्मीनारायण - संताली: सुबुध राय - लघु कथा संग्रह: सारजोम बाहा (2022)
- डोगरी : चमन अरोड़ा - कविता संग्रह: इक होर अश्वत्थामा (2022)
- बंगाली और उर्दू - ?
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2024,
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 35 वर्ष से कम आयु के लेखकों को उनकी उत्कृष्ट कृतियों के लिए दिया जाता है। 2024 में 23 लेखकों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- हिंदी भाषा : गौरव पांडे (कविता संग्रह: स्मृतियों के चिराग)
साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2024
बाल साहित्य के लिए यह पुरस्कार बच्चों के लिए लिखी गई उत्कृष्ट कृतियों को सम्मानित करता है। 2024 में कुछ प्रमुख विजेता:
- हिंदी : देवेंद्र कुमार (बाल कहानी संग्रह : इक्यावन बाल कहानियाँ)
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