काव्य संग्रह
किसान ही भविष्य हैं।
काव्य संग्रह
जब ख्वाब पूरे होते हैं।
काव्य संग्रह
मोहब्बत कुर्बानी को चली है
भावार्थ
प्रस्तुत काव्य संग्रह के अंतर्गत सभी कविताएं स्वरचित हैं ।
प्रथम काव्य संग्रह
प्रथम काव्य संग्रह में देश के किसानों की स्थिति का वर्णन किया गया है । प्रस्तुत पंक्तियों में सरकार की असफल नीतियों से किसान अत्यधिक परेशान हो चुके हैं। सत्ता में बैठे हुए राजनेताओं की आलोचना करते हैं। आजादी के 70 वर्षों के बाद भी किसानों की स्थिति आज भी वैसे ही है । जैसे 70 वर्ष पहले थी । आज भी किसान भारत देश में सबसे अधिक मात्रा में आत्महत्या करते हैं। जबकि सभी जानते हैं किसान ही भविष्य है। हाल ही में कोरोनावायरस दोरान भारत की अर्थव्यवस्था बुरी तरह गिर गई थी । केवल कृषि क्षेत्र ही एक ऐसा क्षेत्र था जिसने भारत की आन, बान और शान को बनाए रखा। भारत में 50 करोड़ से भी अधिक लोग कृषि पर निर्भर है। कितनी सरकारें आई और गई लेकिन किसानों की स्थिति वैसी ही रही। कृषि से ही प्राप्त उत्पादन से उद्योग भली-भांति फल फूल रहे हैं। उद्योगों के मालिक जेब भर रहे हैं। और जो कड़ी धूप में बारिश में जाड़े में बेजोड़ मेहनत कर रहे हैं वह आज भी खेतों में पापड़ बेल रहें हैं। एक किसान की ही मेहनत का मूल्य कभी नहीं मिलता है। क्या किसान का काम इतना कम है। या फिर सत्ता पर बैठने वाले ही बेरहम हैं। किसानों के विकास के नाम पर राजनेता राजनीति कर रहे हैं। महलों में बैठकर इंसाफ की बातें कर रहे हैं। कवि के द्वारा आदि विभिन्न प्रकार की समस्याओं का उल्लेख करके किसानों को जागृत करने की कोशिश की जा रही है। और सत्ताधारी नेता को यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि किसान ही भविष्य है अतः उनके लिए समाधान करें। उन्हें परेशान करने की बजाय सहायता करें।
द्वितीय काव्य संग्रह
अक्सर दोस्तों क्या होता है जब कोई मेहनत करता है तो लोग सब उसका मजाक उड़ाते हैं। और जब वह सफल हो जाते हैं तो लोग उनसे जलने लग जाते हैं और विभिन्न प्रकार की अफवाहें भी फैलाते हैं । वहीं किस्मत के भरोसे बैठे रहने वाले लोग आधी उम्र तो सोने में गुजार देते हैं और किस्मत को कोसते रहते हैं लेकिन जिनका दिल बड़ा होता है वह सब से प्रेम से बात करते हैं और सबका सहयोग करते हैं।
तृतीय का काव्य संग्रह
तृतीय का काव्य संग्रह में आजादी की बात कही गई है। भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिल गई थी लेकिन भारत में महिलाओं की स्थिति अभी भी वैसे ही है। उनके जीवन में हजारों बंदीशे है। विभिन्न अटकलें हैं। जो महिलाओं की स्वतंत्रता पर विघ्न डालते हैं प्रस्तुत कविता के माध्यम से उनकी आजादी की बात कही गई है।
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