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राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रदर्शन (करेंट अफेयर्स 2025)

करेंट अफेयर्स 2025 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रदर्शन  विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship, WTC) 2023-2025, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा आयोजित टेस्ट क्रिकेट का तीसरा संस्करण था, जो टेस्ट फॉर्मेट की लोकप्रियता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया।  यह चक्र जून 2023 में शुरू हुआ और 15 जून 2025 को  लॉर्ड्स, लंदन  में फाइनल के साथ समाप्त हुआ। साउथ अफ्रीका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर अपना पहला WTC खिताब और दूसरा ICC खिताब (1998 के बाद) जीता।  मुख्य तथ्य अवधि : जून 2023 से 15 जून 2025 तक। फाइनल : 11-15 जून 2025, लॉर्ड्स,  विजेता : साउथ अफ्रीका (ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया)। उपविजेता: ऑस्ट्रेलिया। भारत का प्रदर्शन भारत ने WTC 2023-2025 में शानदार शुरुआत की, लेकिन अंत में फाइनल में जगह नहीं बना सका : न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में 0-3 की हार और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में हार ने भारत को फाइनल की रेस से बाहर कर दिया। भारत पिछले दो संस्करणों (2019-21 और 2021-23) में फाइनल में पहुंचा था, ले...

Current affairs 2025 (भारत के प्रमुख ऑपरेशन और युद्धाभ्यास)

करेंट अफेयर्स 2025

आज इस लेख में जून 2024 से जून 2025 तक के बीच आयोजित सभी महत्वपूर्ण ऑपरेशन और युद्धाभ्यास के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही लेस से संबंधित महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों को शामिल किया गया है अतः लेख को पढ़ने के बाद प्रश्नों को हल करें। आज के इस लेख में मुख्य चर्चा का विषय ऑपरेशन सिंदूर है। 


ऑपरेशन सिंदूर


पहलगाम आंतकवादी हमला 


पहलगाम की घटना, जिसमें आतंकवादी हमला हुआ था, 22 अप्रैल 2025 को घटित हुई। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे, जिसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (6-7 मई 2025) शुरू किया।


ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 


ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर शुरू किया गया एक सैन्य हवाई अभियान था। कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें से चार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (बहावलपुर, सियालकोट, शेखपुरा) में और पांच PoK (मुजफ्फराबाद, कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर) में थे। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर शामिल थे, जिनमें 26/11 मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब जैसे आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया था।


ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य


ऑपरेशन सिंदूर का प्राथमिक उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई और संचालित की जाती थी। भारत सरकार ने इसे एक "केन्द्रित, संतुलित और गैर-उत्तेजक" कार्रवाई के रूप में वर्णित किया, जिसका लक्ष्य केवल आतंकी ठिकाने थे, न कि पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक सुविधाएं।


भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए गए हथियार 


भारतीय वायुसेना ने SCALP क्रूज मिसाइलों, AASM हैमर प्रिसिजन-गाइडेड बमों और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का उपयोग किया। राफेल विमानों ने इन हमलों को अंजाम दिया, जिसमें उच्च परिशुद्धता और न्यूनतम सहायक क्षति सुनिश्चित की गई


ऑपरेशन सिंदूर का नामकरण 


ऑपरेशन का नाम "सिंदूर" भारतीय संस्कृति में गहरा प्रतीकात्मक अर्थ रखता है। सिंदूर हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी है। पहलगाम हमले में आतंकियों ने पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं और उनका सिंदूर मिट गया। ऑपरेशन का नाम इस हमले में मारे गए लोगों, विशेष रूप से महिलाओं के दुख को प्रतिबिंबित करता है और इसे उनके लिए न्याय के प्रतीक के रूप में देखा गया।


S- 400 (सुदर्शन चक्र) की भूमिका 


ऑपरेशन सिंदूर के बाद, 7-8 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में 15 सैन्य ठिकानों (जैसे अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना, भुज आदि) पर ड्रोन और मिसाइलों के साथ समन्वित हवाई हमला किया। भारतीय वायुसेना ने इन हमलों का जवाब देने के लिए रूसी निर्मित S-400 त्रिउम्फ (भारत में 'सुदर्शन चक्र' के नाम से जाना जाता है) वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग किया, जिसने इन खतरों को सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया। 


रूस के अल्माज़-अंतेई द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली है। जो 2007 में रूसी सेना में शामिल हुई। यह प्रणाली विमानों, ड्रोनों, क्रूज मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों और स्टील्थ विमानों सहित विभिन्न हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर (लगभग 35,000 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत पांच S-400 स्क्वाड्रन खरीदे, जिनमें से तीन 2025 तक तैनात हो चुके हैं, और शेष दो 2026 तक डिलीवर होने की उम्मीद है।


S- 400 की विशेषताएं 


  • अधिकतम रेंज 400 किमी है 

  • 10 मीटर से 30 किमी तक लक्ष्य को भेद सकती है।

  • यह प्रणाली तेज गति से चलने वाले लक्ष्यों (4.8 किमी/सेकंड या लगभग माक 14) को रोक सकती है।

भारतीय सेना के प्रमुख नेतृत्वकर्ता 

  • रक्षा मंत्री: श्री राजनाथ सिंह

  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार: श्री अजीत डोभाल

  • वायु सेनाध्यक्ष: एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (30 सितंबर 2024 से पदभार ग्रहण)

  • थल सेनाध्यक्ष: जनरल उपेंद्र द्विवेदी (30 जून 2024 से पदभार ग्रहण)

  • जल सेनाध्यक्ष: एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी (30 अप्रैल 2024 से पदभार ग्रहण)

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS): जनरल अनिल चौहान (30 सितंबर 2022 से पदभार ग्रहण)


भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ समय-समय पर विभिन्न सैन्य और सामरिक कार्रवाइयों को अंजाम दिया है, जो मुख्य रूप से सीमा पार आतंकवाद, घुसपैठ और युद्ध जैसी चुनौतियों के जवाब में थीं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख सैन्य ऑपरेशन हैं,
  1. ऑपरेशन गुलमर्ग (1947-48) के खिलाफ भारतीय जवाबी कार्रवाई (प्रथम भारत-पाक युद्ध)
  2. ऑपरेशन रिडल और ऑपरेशन अब्लेज़ (1965, द्वितीय भारत-पाक युद्ध)
  3. ऑपरेशन ट्राइडेंट और ऑपरेशन पायथन (1971, तृतीय भारत-पाक युद्ध)
  4. ऑपरेशन मेघदूत (1984, सियाचिन संघर्ष)
  5. ऑपरेशन विजय (1999, कारगिल युद्ध)
  6. ऑपरेशन पराक्रम (2001-2002, संसद हमले के बाद)
  7. सर्जिकल स्ट्राइक (2016, उरी हमले के बाद)
  8. ऑपरेशन बंदर (2019, बालाकोट हवाई हमला)

भारत के प्रमुख संयुक्त सैन्य अभ्यास 


धर्म गार्जियन 2025 (भारत-जापान)


भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास "धर्म गार्जियन" का छठा संस्करण जापान के पूर्वी फ़ूजी में  24 फरवरी से 9 मार्च 2025‌को किया गया था। 

  • धर्म गार्जियन संयुक्त सैन्य अभ्यास उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के तहत शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अंतर-संचालन को बढ़ाना, संयुक्त योजना, सामरिक रणनीतियों, उच्च शारीरिक फिटनेस, और आपदा प्रबंधन पर जोर।

इंद्र-2025 (भारत-रूस)


भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास "इंद्र-2025" का 14वाँ संस्करण चेन्नई में अप्रैल 2025 को आयोजित किया गया है। 

  • इसका उद्देश्य‌ सामरिक युद्धाभ्यास, वायुरोधी संचालन, और हेलीकॉप्टर लैंडिंग जैसे उन्नत अभ्यासों के माध्यम से नौसैनिक सहयोग को बढ़ाना।  यह अभ्यास 2003 से नियमित रूप से आयोजित हो रहा है।

शक्ति 2025 (भारत-फ्रांस)


भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास "शक्ति" का 8वाँ संस्करण ला कैवेलरी (फ्रांस) में 18 जून से 1 जुलाई 2025 आयोजित किया गया।


एक्सरसाइज एकुवेरिन 2025 (भारत-मालदीव)

भारत और मालदीव के बीच 13वाँ संयुक्त सैन्य अभ्यास "एक्सरसाइज एकुवेरिन" माफिलाफुशी, मालदीव (मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स के ऑफिशियल कम्पोजिट ट्रेनिंग सेंटर) में आयोजित किया गया। इसका आयोजन  2 फरवरी से 15 फरवरी 2025‌ तक किया गया।‌


  • इसका उद्देश्य आतंकवाद विरोधी समन्वय को बढ़ाना, संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों का अभ्यास करना।

  • एक्सरसाइज एकुवेरिन 2009 से शुरू हुआ। यह अभ्यास भारत और मालदीव के बीच मजबूत रक्षा संबंधों को दर्शाता है।


नोमैडिक एलिफेंट 2025 (भारत-मंगोलिया)


भारत और मंगोलिया के बीच वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास "नोमैडिक एलिफेंट" उलानबटार, मंगोलिया। में आयोजित किया गया। इसका आयोजन  31 मई से 13 जून 2025 तक किया गया। 


इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के तहत अर्ध-शहरी और पर्वतीय इलाकों में अर्ध-पारंपरिक परिदृश्यों में संयुक्त टास्क फोर्स संचालन के दौरान अंतर-संचालन को बढ़ाना।


साइक्लोन 2025 (भारत-मिस्र)


भारत और मिस्र के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास "साइक्लोन 2025"‌ महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (राजस्थान) में आयोजित किया गया।

  • यह साइक्लोन का तीसरा संस्करण 10-23 फरवरी 2025 में किया गया। यह एक वार्षिक अभ्यास है। इससे पूर्व जनवरी 2024 में आयोजित किया गया था।


सी ड्रैगन 2025 (भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया)


सी ड्रैगन एक बहुपक्षीय पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका की 7वीं फ्लीट द्वारा फरवरी 2025 में होस्ट किया गया। 


डेजर्ट हंट 2025 (भारत - त्रि-सेवा विशेष बल अभ्यास)

भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित एक एकीकृत त्रि-सेवा विशेष बल अभ्यास। हैं जिसका आयोजन 24 फरवरी से 28 फरवरी 2025 वायुसेना स्टेशन जोधपुर, (राजस्थान) द्वारा किया गया।
  • इसका उद्देश्य भारतीय सेना के पैरा (विशेष बल), नौसेना के मरीन कमांडो (मार्कोस), और वायुसेना के गरुड़ (विशेष बल) के बीच समन्वय और युद्ध क्षमता को बढ़ाना।

काजिंद 2024 द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास


काजिंद 2024 भारत और कजाकिस्तान के बीच 8वां संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जो 30 सितंबर से 13 अक्टूबर 2024 तक उत्तराखंड के औली में सूर्या फॉरेन ट्रेनिंग नोड पर आयोजित किया गया। यह अभ्यास 2016 में शुरू हुआ और तब से प्रतिवर्ष भारत और कजाकिस्तान में बारी-बारी से आयोजित होता है।


भारत द्वारा चलाए गए प्रमुख ऑपरेशन


ऑपरेशन अजय

  • इजरायल-हमास युद्ध के दौरान भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय (Operation Ajay) शुरू किया था। यह ऑपरेशन 11 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जब हमास के 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर किए गए अभूतपूर्व हमले के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था।

ऑपरेशन वंदे भारत (Operation Vande Bharat)

  • 2020 से अब तक का भारत का सबसे बड़ा निकासी अभियान है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू हुआ और बाद में अन्य संकटों में भी जारी रहा। 

ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri)

  • सूडान में सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच अप्रैल 2023 में शुरू हुए सशस्त्र संघर्ष के कारण भारतीय नागरिक वहां फंस गए थे। ऑपरेशन कावेरी के तहत 4,097 लोगों को निकाला गया, जिनमें 3,961 भारतीय और 136 विदेशी नागरिक शामिल थे। 

ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga)

  • रूस-यूक्रेन युद्ध (24 फरवरी 2022) के दौरान, भारत ने यूक्रेन में फंसे 22,500 से अधिक भारतीयों, मुख्य रूप से छात्रों, को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया। ये नागरिक रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा, और स्लोवाकिया के रास्ते भारत लाए गए।

ऑपरेशन देवी शक्ति (Operation Devi Shakti)

  • अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद (अगस्त 2021), भारत ने 565 लोगों को निकाला,

लेख से संबंधित महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न 

1. ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू किया गया था?

(a) 22 अप्रैल 2025

(b) 6-7 मई 2025

(c) 30 अप्रैल 2025

(d) 7-8 मई 2025


(2) ऑपरेशन सिंदूर का प्राथमिक उद्देश्य क्या था?

(a) पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नष्ट करना

(b) आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना

(c) भारत-पाकिस्तान सीमा पर सैन्य उपस्थिति बढ़ाना

(d) भारत में ड्रोन हमलों को रोकना


3. निम्नलिखित में से कौन सा स्थान ऑपरेशन सिंदूर में निशाना बनाए गए आतंकी ठिकानों में शामिल नहीं था?

(a) मुजफ्फराबाद

(b) बहावलपुर

(c) कराची

(d) कोटली


4. ऑपरेशन सिंदूर का नामकरण निम्नलिखित में से किसके लिए प्रतीकात्मक नहीं था?

(a) पहलगाम हमले में विधवा हुई महिलाओं के दुख

(b) हिंदू संस्कृति में सिंदूर का महत्व

(c) आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय

(d) उपर्युक्त सभी 


5. निम्न कथनों पर विचार करें 

कथन (A): ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था।

कारण (R): पहलगाम हमले में 26 लोगों की मृत्यु हुई, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।

(a) A और R दोनों सही हैं, और R, A का सही कारण है।

(b) A और R दोनों सही हैं, लेकिन R, A का कारण नहीं है।

(c) A सही है, लेकिन R गलत है।

d) A और R दोनों गलत हैं।


6. निम्न कथनों पर विचार करें 

कथन (A): ऑपरेशन सिंदूर में राफेल विमानों का उपयोग किया गया।

कारण (R): S-400 त्रिउम्फ प्रणाली का उपयोग आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया।


(a) A और R दोनों सही हैं, और R, A का सही कारण है।

(b) A और R दोनों सही हैं, लेकिन R, A का कारण नहीं है।

(c) A सही है, लेकिन R गलत है।

(d) A और R दोनों गलत हैं।


7. तीन कथनीय प्रश्न (Three Statement MCQs)

प्रश्न 9: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:


  1. ऑपरेशन सिंदूर में कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

  2. ऑपरेशन का नाम पहलगाम हमले में विधवा हुई महिलाओं के दुख को दर्शाता है।

  3. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने SCALP क्रूज मिसाइल और AASM हैमर बम हथियारों का उपयोग किया?


निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प सही है?


(a) केवल 1 और 2 सही हैं।

(b) केवल 2 और 3 सही हैं।

(c) केवल 1 और 3 सही हैं।

(d) 1, 2 और 3 सभी सही हैं।


8. निम्न कथनों पर विचार करें।

कथन: S-400 त्रिउम्फ प्रणाली का उपयोग ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को रोकने के लिए किया गया।

कारण: S-400 प्रणाली 400 किमी की रेंज में हवाई खतरों को बेअसर करने में सक्षम है।

a) कथन और कारण दोनों सही हैं, और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।

b) कथन और कारण दोनों सही हैं, लेकिन कारण कथन की व्याख्या नहीं करता।

c) कथन सही है, लेकिन कारण गलत है।

d) कथन और कारण दोनों गलत हैं।


9. "धर्म गार्जियन 2025" किस देश के साथ आयोजित हुआ?

a) रूस

b) जापान

c) फ्रांस

d) मालदीव


10. "इंद्र-2025" अभ्यास किस प्रकार का था?

a) नौसैनिक अभ्यास

b) वायुसेना अभ्यास

c) थल सेना अभ्यास

d) विशेष बल अभ्यास


11. "शक्ति 2025" अभ्यास किस देश के साथ हुआ?

a) मिस्र

b) मंगोलिया

c) फ्रांस

d) ऑस्ट्रेलिया


12. "एक्सरसाइज एकुवेरिन 2025" किस पड़ोसी देश के साथ हुआ?

a) श्रीलंका

b) मालदीव

c) भूटान

d) म्यांमार


13. "नोमैडिक एलिफेंट 2025" किस देश के साथ आयोजित हुआ?

a) मंगोलिया

b) जापान

c) दक्षिण कोरिया

d) मिस्र


14. "साइक्लोन 2025" अभ्यास किस देश के साथ हुआ?

a) रूस

b) मिस्र

c) संयुक्त राज्य अमेरिका

d) फ्रांस


15. "डेजर्ट हंट 2025" कहाँ आयोजित हुआ?

a) चेन्नई

b) जोधपुर

c) दिल्ली

d) मुम्बई


16. "इंद्र-2025" कहाँ हुआ?

a) चेन्नई

b) जापान

c) फ्रांस

d) मंगोलिया


17. "एक्सरसाइज एकुवेरिन 2025" का मुख्य उद्देश्य क्या था?

a) समुद्री युद्ध

b) आतंकवाद विरोधी सहयोग

c) हवाई युद्ध

d) रक्षा उपकरण प्रदर्शन


18. "सी ड्रैगन 2025" में कितने देश शामिल थे?

a) दो

b) तीन

c) पाँच

d) सात


19. "एक्सरसाइज एकुवेरिन 2025" का आयोजन किस स्थान पर हुआ?

a) माफिलाफुशी, मालदीव

b) महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, भारत

c) पूर्वी फ़ूजी, जापान

d) गुआम तट, प्रशांत महासागर


20. "साइक्लोन 2025" अभ्यास का मुख्य ध्यान किस पर था?

a) समुद्री युद्ध रणनीति

b) रेगिस्तानी इलाकों में विशेष बलों की अंतर-संचालन

c) हवाई युद्ध प्रशिक्षण

d) जंगल युद्ध रणनीति


21. निम्नलिखित में से कौन सा देश "सी ड्रैगन 2025" में शामिल नहीं था?

a) मंगोलिया

b) जापान

c) ऑस्ट्रेलिया

d) दक्षिण कोरिया


22. निम्नलिखित में से कौन सा अभ्यास भारत का घरेलू त्रि-सेवा अभ्यास था?

a) धर्म गार्डियन

b) डेजर्ट हंट

c) साइक्लोन

d) ला पेरोस


23. "शक्ति 2025" अभ्यास कहाँ आयोजित हुआ?

a) जोधपुर, राजस्थान, भारत

b) ला कैवेलरी, फ्रांस

c) चेन्नई, भारत

d) उलानबटार, मंगोलिया


(1) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
             सूची-I सूची-II 
A. ऑपरेशन मेघदूत -   1. 1999
B. ऑपरेशन बंदर        2. 1984
C. ऑपरेशन पराक्रम    3. 2019
D. ऑपरेशन विजय     4. 2002

कूट :
       A    B    C    D 
(a)  1     2    3    4
(b)  2     3    4    1
(c)  3     1    2    4
(d) 4     2     3    1


(25) भारत के वायु सेनाध्यक्ष कौन हैं 
(a) अनिल चौहान  
(b) उपेंद्र द्विवेदी 
(c) दिनेश कुमार त्रिपाठी
(d) अमर प्रीत सिंह

उत्तर कुंजी (Answer key)

1

B

11

C

21

A

2

B

12

B

22

B

3

C

13

A

23

B

4

D

14

B

24B

5

A

15

B

25d

6

C

16

A



7

D

17

B



8

A

18

C



9

B

19

A



10

A

20

B





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उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही...

कुणिंद वंश का इतिहास (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)

कुणिंद वंश का इतिहास   History of Kunid dynasty   (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)  उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड मूलतः एक घने जंगल और ऊंची ऊंची चोटी वाले पहाड़ों का क्षेत्र था। इसका अधिकांश भाग बिहड़, विरान, जंगलों से भरा हुआ था। इसीलिए यहां किसी स्थाई राज्य के स्थापित होने की स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है। थोड़े बहुत सिक्कों, अभिलेखों व साहित्यक स्रोत के आधार पर इसके प्राचीन इतिहास के सूत्रों को जोड़ा गया है । अर्थात कुणिंद वंश के इतिहास में क्रमबद्धता का अभाव है।               सूत्रों के मुताबिक कुणिंद राजवंश उत्तराखंड में शासन करने वाला प्रथम प्राचीन राजवंश है । जिसका प्रारंभिक समय ॠग्वैदिक काल से माना जाता है। रामायण के किस्किंधा कांड में कुणिंदों की जानकारी मिलती है और विष्णु पुराण में कुणिंद को कुणिंद पल्यकस्य कहा गया है। कुणिंद राजवंश के साक्ष्य के रूप में अभी तक 5 अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें से एक मथुरा और 4 भरहूत से प्राप्त हुए हैं। वर्तमान समय में मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि भरहूत मध्यप्रदेश में है। कुणिंद वंश का ...

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2...

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता...

भारत की जनगणना 2011 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -01)

भारत की जनगणना 2011 मित्रों वर्तमान परीक्षाओं को पास करने के लिए रखने से बात नहीं बनेगी अब चाहे वह इतिहास भूगोल हो या हमारे भारत की जनगणना हो अगर हम रटते हैं तो बहुत सारे तथ्यों को रटना पड़ेगा जिनको याद रखना संभव नहीं है कोशिश कीजिए समझ लीजिए और एक दूसरे से रिलेट कीजिए। आज हम 2011 की जनगणना के सभी तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे। यहां प्रत्येक बिन्दु का भौगोलिक कारण उल्लेख करना संभव नहीं है। इसलिए जब आप भारत की जनगणना के नोट्स तैयार करें तो भौगोलिक कारणों पर विचार अवश्य करें जैसे अगर किसी की जनसंख्या अधिक है तो क्यों है ?, अगर किसी की साक्षरता दर अधिक है तो क्यों है? अगर आप इस तरह करेंगे तो शत-प्रतिशत है कि आप लंबे समय तक इन चीजों को याद रख पाएंगे साथ ही उनसे संबंधित अन्य तथ्य को भी आपको याद रख सकेंगे ।  भारत की जनगणना (भाग -01) वर्ष 2011 में भारत की 15वीं जनगणना की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर था तथा भारत की कुल आबादी 121,08,54,922 (121 करोड़) थी। जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 62.32 करोड़ एवं महिलाओं की 51.47 करोड़ थी। जनसंख्या की दृष...