उत्तराखंड स्थापना दिवस पर स्लोगन उत्तराखंड, देवभूमि की यह पावन धरती, 9 नवंबर 2000 को अपने स्वतंत्र अस्तित्व में आई। इस अवसर पर, उत्तराखंड के समृद्ध विकास और जीवंत संस्कृति को समर्पित 30 स्लोगन और कविताएं प्रस्तुत हैं। ये रचनाएं राज्य की प्रगति, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की आशाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। 30 स्लोगन (उत्तराखंड के विकास और संस्कृति पर) “जहाँ हर पर्वत बोल उठे — पहाड़ हमारी पहचान, संस्कृति हमारा अभियान” 🌿 देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति से प्रेरित स्लोगन उत्तराखंड स्थापना दिवस (रजत जयंती – 25 वर्ष) विशेष स्लोगन “25 वर्षों की गौरवगाथा – देवभूमि की अद्भुत परिभाषा!” (राज्य की उपलब्धियों और पहचान का गौरव) “पर्वतों से ऊँचा हमारा मान – यही है उत्तराखंड की पहचान!” (गौरव और आत्मसम्मान का संदेश) “संघर्ष से सफलता तक का सफर – जय जय उत्तराखंड अमर!” (संघर्षशील भावना का सम्मान) “रजत जयंती का ये उत्सव महान – आओ मिलकर करें देवभूमि का सम्मान!” (सामूहिक उत्सव का आह्वान) “हर घाटी, हर गाँव में गूँजे स्वर – उत्तराखंड जिंदाबाद सदा अमर!” (लोकएकता और प्रद...
उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -15 लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड के हिन्दी साहित्य से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 20 प्रश्नों में से 3-4 प्रश्न उत्तराखंड की समूह-ग परीक्षण में हिन्दी साहित्य से पूछे जाते हैं। प्रत्येक वर्ष सिलेबस में कुछ बदलाव किए जाते हैं और यह लेख समूह-ग 2021 सिलेबस के अनुसार बनाया गया है। अतः लेख को ध्यानपूर्वक पढ़े। Uksssc 2021 syllabus - देखने के लिए यहां click करें हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक व उनकी रचनाएं (According to syllabus) उत्तराखंड के हिन्दी साहित्य से संबंधित 25+ (1) उत्तराखंड का आंचलिक कथाकार किसे माना जाता है ? (a) शैलेश मटियानी (b) मंगलेश डबराल (c) सुमित्रानंदन पंत (d) राहुल सांकृत्यायन व्याख्या :- उत्तराखंड का कथाकार शैलेश मटियानी को माना जाता है। शैलेश मटियानी का जन्म 14 अक्टूबर 1931 को बाढछीना (अल्मोड़ा) में हुआ था। ये प्रसिद्ध हिंदी रचनाकार, कवि ...