UKSSSC MOCK TEST - 166 उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड समूह ग परीक्षा हेतु टेस्ट सीरीज का संचालन किया जा रहा है। सभी टेस्ट पाने के लिए संपर्क करें -9568166280 Uksssc mock test -166 ( 1) निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण ह्रस्व स्वर नहीं है? (A) अ (B) इ (C) ऊ (D) उ (2) निम्नलिखित में से कौन-सा संयुक्त वाक्य है? (A) वह खेल रहा था क्योंकि बारिश हो रही थी। (B) वह बाजार गया और फल खरीद लाया। (C) वह इतना थका हुआ था कि तुरंत सो गया। (D) उसने कहा कि परीक्षा कठिन थी। (3) नीचे दिए गए समास और उनके प्रकार का सुमेलित करें। कॉलम A 1. गुरुकुल 2. जलपान 3. देवालय 4. यथाशक्ति कॉलम B A. तत्पुरुष B. कर्मधारय C. अव्ययीभाव D. द्वंद्व विकल्प: (A) 1-A, 2-B, 3-C, 4-D (B) 1-A, 2-C, 3-D, 4-B (C) 1-A, 2-B, 3-D, 4-C (D) 1-A, 2-B, 3-A, 4-C (4) वाक्य "राम ने सीता को फूल दिया।" में 'सीता को' किस कारक का उदाहरण है? (a) करण (b) अपादान (c) संप्रदान (d) अधिकरण (05) निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए है? ...
हर कदम पर शराब है
काव्य संग्रह
पहले देश गरीब था,
लेकिन अब शराबी है,
अब कोई गरीब नहीं है,
जो अमीर है वो शराबी है ।
गरीब तो उससे भी बड़ा शराबी है
ज़मीर बेच दिया बोतल के आगे
वोट दे दिया बेईमानों को
ना ज्ञान पूछा, ना चरित्र देखा,
अनपढ़ का तो फिर भी क्या कहे
शिक्षित तो उससे भी बड़े शराबी है।
कहते हैं वो सेवक है
सेवक है सेवा करें ,
मैं पूछता हूं उन सेवकों से
इतने धनी कैसे बने ?
जब धनी बनना था ,
तो सेवक पद क्यों चुने ?
बिजनेस करते , दलाल बनते
यूं भोले भाले इंसानों को ना ढगते ,
खैर छोड़ो ! गलती शराब की है ।
सवाल तो यह है,
जब लोकतांत्रिक देश है , सब राजा है।
चंद लोग ही राजा कैसे बने।
आपने चुना या मैंने
या चुना है शराबियों ने ,
कहते थे, पहले लोगों को ज्ञान नहीं था
पहले लोग अनपढ़ थे ,
पढ़ लिख कर क्या उखाड़ लिया,
पढ़ें-लिखे ही तो बड़े शराबी है ।
लड़को को छोड़ो ,
यहां तो लड़कियां भी शराबी है।
ये देश के नौजवान है।
सुना है मैंने लड़कियां ,
कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
क्या होगा देश का ?
यहां हर कदम पर शराब है ,
दोस्त भी शराबी है , साथी भी शराबी है।
मालूम है सबको,
शराब के आगे दुनिया हारी है,
फिर भी शराब सबसे प्यारी है।
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियां स्वरचित इन पंक्तियों के माध्यम से कवि द्वारा यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि शराब ही गरीबी का मुख्य कारण है । शराब से गरीबी उत्पन्न हुई है। शराब के द्वारा गरीबी की एक चैन बन गई है। देश आज़ादी के दशकों के कुछ समय तक गरीब था, लोगों के पास रोजगार नहीं था, साधन नहीं थे , निवेश करने के लिए पैसा नहीं था । तब अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर थी । लेकिन समय बदल चुका है अब देश आत्मनिर्भर बन चुका है। वास्तविकता पर जाएं तो देश में केवल अब गरीब वही रह गए हैं । जो शराब का सेवन करते हैं ।दिन-रात शराब पीते हैं। जिस परिवार में एक शराबी मुखिया है। या सदस्य हैं। वह परिवार कभी विकास नहीं कर सकता है ।परिवार में किसी एक सदस्य के शराबी होने के कारण क्लेष, दुख , लड़ाई जैसी बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। आय स्तर गिर जाता है । वही बात करें उनके बच्चों की तो बच्चों को पोषित भोजन नहीं मिल पाता है । इससे कुपोषण की दर में वृद्धि होती है। ऐसे में बच्चों के पास एक अच्छी शिक्षा तक पहुंच कोसों दूर होती है। केवल परिवार में 1 सदस्य शराबी की वजह से और यदि वह सदस्य परिवार का मुखिया हो तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकार में हो जाता है।
गरीबी का प्रमुख कारण : राजनीति
एक विकासशील देश में जिस देश की औसत आयु 27 वर्ष है अर्थात सभी युवा है। उस देश में गरीबी का मुख्य कारण भ्रष्ट राजनीति के अलावा कुछ हो ही नहीं सकता । एक गलत राजनेता का चुनाव कैसे होता है। वह करती है शराब। गरीब हो या अमीर सबकी कमजोरी है शराब । अज्ञान और कुछ पढ़े- लिखे अनपढ़ लोग ऐसे इंसान को ही वोट देते हैं जो शराब बांटता है । जो भ्रष्ट है। और उम्मीद करते हैं वह देश का विकास करेगा । अर्थात 1 बोतल शराब के आगे अपना ज़मीर बेच देते हैं और एक गलत नेता चुनने के बाद सेवक कहलाने वाला नेता को राजा बन जाता है । अगर चरित्र और गुण देखकर नेता चुनते तो देश का विकास संभव होता।
पहले कहा जाता था लोग अनपढ़ हैं उन्हें राजनीति का ज्ञान नहीं है। इसलिए गलत नेता चुन लेते हैं। लेकिन अब तो पढ़े लिखे हैं । अब क्यों नहीं करते गलतियों में सुधार ? सुधार की बात तो छोड़िए - लड़के तो लड़के लड़कियों को भी चाहिए शराब। यह पड़ा है महिला सशक्तिकरण का प्रभाव। सोचा था देश बदलेंगे । यकीनन देश तो बदल रहा है लेकिन - "शराब की ओर" और बदले भी क्यों ना जब हर कदम पर है शराब।
"हर कदम शराब है" शीर्षक थोड़ा अजीब जरूर है लेकिन यह सच है । हमारा देश शराब पर चलता है । उत्तराखंड में तो सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति शराब से ही होती है। और इसी शराब का फायदा नेता उठाते हैं। जो शायद गरीबों की एक बड़ी कमजोरी है। इसी के चलते एक गलत नेता का चुनाव करते हैं और वर्षों तक गाली गलौच करते हैं। शायद ही अब शराबियों की संख्या कम होगी। क्योंकि शराब अब नस नस में भर चुकी है
एक जमाना था लोग गम भुलाने के लिए शराब पिया करते थे ।आज तो फैशन बन चुका है। और यही फैशन जब लत बन जाता है । तब उभर कर आते हैं भ्रष्ट नेता । यही प्रक्रिया फिर चालू हो जाती है और देश उन्नति की जगह अवनति करने लगता है। जरूरत है देश का शिक्षित समाज कुछ सुधार करें। जिनके पास संपत्ति अधिक हो गई है । वह एक गरीब बच्चे की शिक्षा में मदद करें । व्यर्थ में पैसा शराब में ना गवाएं। वरना वह दिन दूर नहीं होगा या तो देश अंबानी के हाथों में होगा या चीन के हाथों में फैसला हमारे देश के युवाओं पर निर्भर करता है।
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