Uksssc Mock Test -214 Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test -214 1) स्थानीय भाषा में अदरक को क्या कहा जाता है (A) आद् (B) अदरक (C) अदरख (D) सभी (2) 'बाँधो न नाव इस ठाँव' के लेखक हैं- (a) मुक्तिबोध (b) जयशंकर प्रसाद (c) निराला (d) महादेवी वर्मा (3) सरसों मुस्काई खेतों में, आमों ने पहने बौर।’ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? a) रूपक b) उपमा c) मानवीकरण d) अनुप्रास (4) सही पर्यायवाची शब्द युग्म चुनिए: a) पुस्तक – पुस्तकालय b) बालक – बालिका c) वन – जंगल d) सर्दी – गर्म (5) “लंबा आदमी' वाक्य में 'लंबा' कौन-सा पद है? a) क्रिया b) विशेषण c) संज्ञा d) सर्वनाम (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। सूची-I। सूची-II अलंकार। उदाहरण a. उपमा 1. वह फूल-सी कोमल है। b. रूपक 2. वह तो शेर है। c. अनुप्रास 3. चंचल चपल चारु चितवन चुराए मन d. यमक 4. राम...
पंडित नैन सिंह रावत
पंडित नैन सिंह रावत (1830-1895) एक महान खोजकर्ता थे। वे हिमालय और मध्य एशिया के क्षेत्र में अंग्रेज़ों के लिए सर्वे करने वाले पहले भारतीयों में से एक थे।
आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पिथौरागढ़ (डीडीहाट) में उनकी 194वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड के महान इतिहासकार व लेखक श्री शेखर पाठक जी के साथ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक श्रीमती वन्दना गर्ब्याल जी और पिथौरागढ़ जिले के जिलाधिकारी श्री विनोद गिरी गोस्वामी जी उपस्थित रहेंगे।
जीवन परिचय
पंडित नैन सिंह रावत का जन्म 1830 में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मिलन गांव में हुआ था । उन्होंने अपने अनुभवों और अवलोकनों को डायरी में रिकॉर्ड किया और साथ ही उन्होंने अपनी पहली देसी अंदाज में सर्वेक्षण ज्ञान की पुस्तिका लिखी, जिसका नाम अक्षांश दर्पण (1871) था ।
अपने चचेरे भाई किशन सिंह और अन्य अनुवेषकों के साथ अनेक अभियान किए। उनके अभियानों से प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर उन्होंने बताया कि सांगपो नदी ही ब्रह्मपुत्र है।
पंडित नैन सिंह जी के मुख्य अभियान
अपने जीवन काल में उन्होंने 1865 से 1875 तक चार मुख्य अभियानों में हिस्सा लिया गया :
- 1865-66 : लहासा-मानसरोवर झील (1200 मील )
- 1867 सतलज और सिंधु नदी का उद्गम तथा थोक जलांग ( तिब्बत) (850 मील)
- 1873- डगलस फॉरसिथ का द्वितीय यारकंद-काशगर मिशन
- 1874-75 - लेह - ल्हासा तवांग (असम) (1319 मील)
इन अभियानों के दौरान उन्होंने तिब्बती भिक्षु का भेष धारण किया था और बौद्ध प्रार्थना गुनगुनाते हुए, वह नापातुला कदम चलाते थे । उन कदमों को मनके की माला में गिनते थे। उन्होंने प्रार्थना चक्र में कंपास छुपा कर रखा था। सभी लिए गए माप को कूट भाषा में प्रार्थना में लिखकर रिकॉर्ड करते थे। तब प्रार्थना चक्र के बेलनाकार पहिए के अंदर एक सूची पत्र छुपा कर रखते थे।
बिना उपकरण के तिब्बत का नक्शा बनाया
पंडित नैन सिंह जी ऐसे भारतीय हैं जिसने माला जपते हुए पूरा तिब्बत नाप डाला। पंडित नैन सिंह रावत ने 19वीं शताब्दी में बिना किसी आधुनिक उपकरण की मदद के पूरे तिब्बत का नक्शा तैयार कर लिया था. उन्होंने यह कार्य एक माला की सहायता से किया। दरअसल पंडित नैन सिंह के हाथों में एक माला रहती थी। यूं तो माला में 108 मनके होते हैं लेकिन इस माला में 100 मनके थे। और 100 वां मनका बाकी मनकों से कुछ बढ़ा था। हर 100 कदम चलने पर एक मनका खिसका दिया जाता था। और इस तरह 100 मनकों पर 10 हजार क़दमों की दूरी तय हो जाती थी। 10 हजार कदम यानी ठीक पांच मील। अब हर कदम बराबर हो ये जरूरी तो नहीं, इसलिए पंडित नैन सिंह कुछ इस तरह चलते थे कि एक कदम ठीक 31.5 इंच का हो। और ऐसा करते हुए उन्हें सिर्फ सपाट रास्तों पर ही नहीं बल्कि तिब्बत के पठारों और उबड़ खाबड़ दर्रों पर भी चलना था. ऐसा करते हुए पंडित नैन सिंह 31 लाख 60 हजार कदम चले और एक-एक कदम का हिसाब रखा।
उनके इस काम के लिए अंग्रेजी हुकुमत से उन्हें बहुत सम्मान मिला। सर्वेक्षण के क्षेत्र में दिया जाने वाले सबसे ऊंचा सम्मान 'पेट्रोन गोल्ड मैडल' पाने वाले नैन सिंह इकलौते भारतीय हैं।
उपलब्धियां
पंडित नैन सिंह रावत ने तिब्बत, मध्य एशिया, और टार्टरी क्षेत्र में अन्वेषण किया उनके योगदानों के लिए उन्हें कई सम्मान मिले :
- रॉयल ज्योग्राफ़िकल सोसाइटी ने पेट्रोन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था। यह सर्वेक्षण के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है।
- अंग्रेज़ों ने उन्हें कोलकाता में कम्पेनियन ऑफ़ द इंडियन एम्पायर (सीआईएस) से सम्मानित किया था।
- भारत सरकार ने उनके नाम पर साल 2004 में एक डाक टिकट जारी किया था।
- उनके नाम पर थल-मुनस्यारी मार्ग बनाया गया है।
- तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2014 में मुनस्यारी (पिथौरागढ़) नैन सिंह रावत पर्वतारोहण संस्थान स्थापित की।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts.
Please let me now.