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शब्दों का वर्गीकरण (Hindi Notes Part -3)
उत्तराखंड में लगभग आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में हिन्दी भाषा से प्रश्न पूछे जाते हैं। देवभूमि उत्तराखंड द्वारा हिन्दी के सम्पूर्ण नोट्स आसान भाषा में तैयार किए गए हैं। जो आगामी सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
शब्द किसे कहते हैं
दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से बनने वाले सार्थक वर्ण समूह को शब्द कहते हैं।
शब्दों का वर्गीकरण चार आधारों पर किया जा सकता है-
शब्दों का वर्गीकरण
1. उत्पत्ति /स्रोत/ इतिहास के आधार पर
- तत्सम शब्द
- तद्भव
- देशज
- विदेशी
- संकर
2. रचना /व्युत्पत्ति /बनावट के आधार पर
- रूढ़ शब्द
- योगिक
- योगरूढ़
3. अर्थ के आधार पर
- एकार्थी
- अनेकार्थी
- पर्यायवाची समानार्थी
- विलोम विपरीतार्थक
- युग्म समानोच्चरितशब्द
- समूह वाक्यांश हेतु एक शब्द
- समरूपी भिन्नार्थक शब्द
- समूहवाची शब्द
4. प्रयोग /रूप के आधार पर
1. विकारी शब्द
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
2. अविकारी या अव्यव शब्द
- क्रिया विशेषण
- संबंध बोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
1. उत्पत्ति के आधार पर - उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के पांच भेद होते हैं-
- तत्सम शब्द
- तद्भव शब्द
- देशज शब्द
- विदेशी शब्द
- संकर
(क) तत्सम शब्द - संस्कृत के जो शब्द अपने मूल रूप में हिंदी भाषा में प्रयोग किए जाते है, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे - भिक्षा, कृषक, कोकिल, भल्लुक आदि ।
(ख) तद्भव शब्द - संस्कृत के जो शब्द बदले हुए रूप में हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं तद्भव शब्द कहलाते हैं । जैसे भीख, किसान, कोयल, भालू आदि ।
तत्सम - तद्भव तत्सम - तद्भव
स्वर - सुर अनार्य - अनाड़ी
काक - कौआ अज्ञान - अजान
सूर्य - सूरज एकत्र - इकट्ठा
इक्षु - ईख आमलक - आंवला
उष्ट्र - ऊँट कर्पूर - कपूर
अग्र - आगे क्लेश - कलेश
कार्य - काम कार्य - काज
हस्त - हाथ कपास - कर्पास
चैत्र - चैत ग्रंथि - गॉंठ
मूर्ख - मूरख गोधूम - गेहूॅं
प्रस्तर - पत्थर गोमय - गोबर
घृत - घी चणक - चना
दुग्ध - दूध चित्रक - चीता
गृह - घर चक्र - चाक
कर्ण - कान तिक्त - तीता
भ्राता - भाई तृण - तिनका
स्तंभ - खंभा दुर्लभ - दूल्हा
अग्नि - आग धत्तूर - धतूरा
मयूर - मोर निम्ब - नीम
पुत्र - पूत पुष्प - पुहुप
घट - घड़ा परीक्षा - परख पक्ष - पंख स्फटिक - फटकारी
पाशिका - फॉंसी भगिनी - बहन
वार्ताक - बैंगन म्रक्षण - माखन
मसान - श्मशान लवंग - लौंग
भृकुटी, भ्रू - भॅंवरा/भौंरा सूचिका - सूई
सर्सप - सरसों श्रृंगार - सिंगार
तत्सम और तद्भव की पहचान के विशेष नियम
- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र युक्त शब्द तत्सम होते हैं तद्भव होने पर यह ख, त, ज और स हो जाते हैं जैसे क्षेत्र - खेत, अक्षि - आंख, [त्र - त] मित्र - मित, पुत्र - पुत, [ज्ञ - ज] ज्ञानी - जानी, श्रम - सेवा, श्रमिक - सेवक
- अनुस्वार युक्त शब्द तत्सम होते हैं और चंद्रबिंदु युक्त शब्द तद्भव होते हैं । जैसे पंच - पॉंच, कंच - कॉंच, दंत - दॉंत
- ण युक्त शब्द तत्सम होते हैं तद्भव होने में ण का न हो जाता है। जैसे पाषाण - पाहन, प्रस्तर - पत्थर
- य से युक्त शब्द तत्सम होते हैं तद्भव में यह ज हो जाते हैं । जैसे यम - जम, यश - जश
- र् ॠ युक्त शब्द तत्सम होते हैं तद्भव होने पर इनका लोप हो जाता है अथवा र बन जाता है। जैसे घृत - घी, मृत - मरा, कपूर कर्पूर - कपूर
- ट ठ ड ढ दो युक्त शब्द तत्सम होते हैं तद्भव होने पर इनका ड़ ढ़ हो जाता है। जैसे
- घट - घड़ा, घटिका - घड़ी
- र् स् श् युक्त शब्द तत्सम होते हैं तद्भव होने पर इनका लोप हो जाता है या स हो जाता है। जैसे श्मशान - मसान, श्याली - साली
(ग) देशज शब्द - वे शब्द जो भारत की अन्य भाषाओं के प्रभाव के कारण हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं, देशज शब्द कहलाते हैं: जैसे - घोंसला, खिचड़ी, पगड़ी, झोला, चिड़िया, कटोरा, खिड़की, जूता, खिचड़ी, डिबिया, खर्राटा, खचाखच, लोटा, धड़ाम, लथपथ, खखरा आदि ।
(घ) विदेशी शब्द - वे शब्द जो अन्य देशों की भाषाओं में हिंदी में आए हैं, विदेशी शब्द कहलाते हैं; जैसे -
- अंग्रेजी शब्द - टेलीविजन, पेंसिल, टीचर, ऑपरेशन, कंप्यूटर, फ्रॉक, टैक्स, स्टेशन, सिनेमा, पिक्चर, बैंक, स्कूल, डायरी, रजिस्टर, डॉक्टर आदि ।
- अरबी शब्द - वकील, त़ुफान, मरीज़, अखबार, इंतज़ाम, मुकदमा, कायदा, तमाशा, कानून, किताब, गरीब, खुफिया, तबीयत, कुरान वकील, मुहावरा, आदमी, औरत, औलाद, जुलूस, तकिया, तारीफ, तकदीर आदि।
- फ़ारसी शब्द - कारोबार, आसमान, बीमार, खुशामद, खून, शादी, तनख्वाह, अफसोस, तनख्वाह, सरकार, पैमाना, आमदनी, उम्मीद, कबूतर, किशमिस, सौदागर, सरकस, गलीचा, खामोश, चादर, जिंदगी, चेहरा, चिराग मलाई, कुश्ती, जादू, आवाज, आज़ाद, आतिशबाजी, हफ्ता, शोर, चूंकि चश्मा आदि।
- पुर्तगाली शब्द - इस्पात, संतरा, बाल्टी, अलमारी, आलपीन, गिरजा, साबुन, बिस्कुट, कमरा, गोदाम, आलू, तम्बाकू, मेज, पिस्तौल, पतलून, अंग्रेज, अलकतरा, पादरी, काजू, कनस्तर आदि।
- तुर्की शब्द - कुर्ता, चाक, तोप, उर्दू, कुली, तमंचा, कैंची , दारोगा, बहादुर, लाश, तलाश, मुगल, चेचक, सौगात, बंदूक आदि
5. संकर शब्द - संकर का अर्थ होता है मिश्रण दो अलग-अलग भाषाओं के शब्द मिलकर जब एक हो जाते हैं तो उन्हें संकर शब्द कहा जाता है
जैसे -
- रेलगाड़ी = रेल (अंग्रेजी) + गाड़ी (हिंदी)
- टिकट घर = टिकट (अंग्रेजी) + घर (हिंदी)
- जांच कर्ता = जांच (फारसी) + कर्ता (संस्कृत)
- उड़नतश्तरी = उड़न (हिन्दी) + तश्तरी (फारसी)
- उद्योगपति = उद्योग (संस्कृत) + पति (हिन्दी)
- बेढ़गा = बे (फारसी) + ढ़गा (देशी)
- बमवर्षा = बम (डच) + वर्षा (हिन्दी)
- छायादार = छाया (संस्कृत) + दार (फारसी)
- जांचकर्ता = जांच (हिन्दी) + कर्ता (संस्कृत)
- सीलबंद = सील (अंग्रेजी) + बंद (फारसी)
2. रचना के आधार पर - रचना व्युत्पत्ति/(बनावट) के आधार पर शब्दों के तीन भेद होते हैं -
- (क) रूढ़ शब्द
- (ख) यौगिक शब्द
- (ग) योगरूढ़ शब्द
(क) रूढ़ शब्द - वे शब्द जिनके टुकड़े नहीं किया जा सकते और यदि टुकड़े कर भी दिए जाएं, तो उनका कोई निश्चित अर्थ नहीं मिलता है, रूढ़ शब्द कहलाते हैं; जैसे - बुद्धि, रात, शिक्षा, पुत्र आदि ।
(ख) यौगिक शब्द - वे शब्द जो दो अलग-अलग अर्थ रखने वाले शब्दों के मेल से बनते हैं, यौगिक शब्द कहलाते हैं। यौगिक शब्द संधि, समास, उपसर्ग, और प्रत्यय द्वारा बनाए जाते हैं। जैसे -
गौमुख = गौ + मुख
हरिद्वार = हरि + द्वार
देवदूत = देव + दूत
हिमालय = हिम + आलय
(ग) योगरूढ़ शब्द - वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बनते हैं और अपने साधारण अर्थ को छोड़कर एक विशेष अर्थ प्रकट करते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं; जैसे - पीतांबर (पीले हैं अंबर जिसके अर्थात श्री कृष्ण)
लंबोदर (लंबा है उदर जिसका अर्थात गणेश) ।
3. प्रयोग के आधार पर - प्रयोग के आधार पर शब्दों के दो भेद होते हैं - विकारी और अविकारी शब्द । विकार के आधार पर शब्द आठ प्रकार के होते हैं जिन्हें दो भागों में विकारी और अविकारी में बताकर अध्ययन किया जाता है।
(क) विकारी शब्द - वे शब्द जिनका रूप, लिंग, वचन, कारक और काल के कारण बदल जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं । यह चार प्रकार के होते हैं - संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रिया ।
विकारी शब्द परिवर्तित रूप
- नदी (संज्ञा) - नदियाँ, नदियों
- मैं (सर्वनाम) - मेरा, हम, हमारा
- अच्छा (विशेषण) - अच्छी, अच्छे
- खाएगा (क्रिया) - खाएगी, खाएँगी, खाएँगे
(ख) अविकारी शब्द - वे शब्द जिनका रूप लिंग, वचन, कारक और काल के कारण नहीं बदलता है, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं । यह भी चार प्रकार के होते हैं - क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक।
- क्रिया-विशेषण - कम, उधर, दिन, भर, प्रातः, शायद, बिलकुल आदि।
- संबंधबोधक - के निकट, के सामने, की अपेक्षा, के साथ, के ख़िलाफ़ आदि ।
- समुच्चयबोधक - क्योंकि, ताकि, और, इसलिए, अथवा, अर्थात आदि ।
- विस्मयादिबोधक - हाय! अरे! शाबाश! छि:! सावधान! दीर्घायु हो! आदि
4. अर्थ के आधार पर - अर्थ के आधार पर शब्दों के दो भेद होते हैं -
- (क) सार्थक शब्द
- (ख) निरर्थक शब्द
निरर्थक शब्द - जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है, उन्हें निरर्थकशब्द कहते हैं; जैसे - मकल, वाना, खट आदि ।
सार्थक शब्द - जिन शब्दों का कोई निश्चित अर्थ होता है, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं; जैसे - चित्र, ताजमहल, पुस्तक, शेर आदि ।
सार्थक शब्दों के आठ भेद होते हैं -
- एकार्थी शब्द
- अनेकार्थी शब्द
- पर्यायवाची समानार्थी
- विलोम विपरीतार्थक शब्द
- श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द
- अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
- युग्म समान उच्चारित शब्द
- समूहवाची शब्द
1. एकार्थी शब्द - वे शब्द जिनका एक ही अर्थ है, एकार्थी शब्द कहलाते हैं, जैसे -
आभूषण : गहना,
कथा : कहानी,
चंद्रमा : चांद आदि
2. अनेकार्थी शब्द - वे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं, जैसे -
दल : सेना, समूह, पत्ता,
कनक : धतूरा, सोना, गेहूंँ
3. पर्यायवाची शब्द - वे शब्द जो एक दूसरे का समान अर्थ प्रकट करते हैं, पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं । इन्हें समानार्थी शब्द भी कहते हैं; जैसे -
कमल : पंकज, जलज, अरविंद,
जंगल : कानन, विपिन, अरण्य
4. विलोम शब्द - वे शब्द जो एक-दूसरे का विपरीत अथवा उल्टा अर्थ प्रकट करते हैं, विलोम शब्द कहलाते हैं इन्हें विपरीतार्थक शब्द कहते हैं जैसे -
सुबह : शाम,
सज्जन : दुर्जन,
काला : गोरा
5. श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द - वे शब्द जो सुनने में तो लगभग समान लगते हैं किंतु उनके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं; जैसे - कल : वंश, किनारा; दिन : दिवस, दीन : गरीब आदि ।
6. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द - वे शब्द जो अनेक शब्दों के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द कहलाते हैं; जैसे - दूर की सोचने वाला : दूरदर्शी; मधुर भाषा बोलने वाला : मृदुभाषी आदि।
7. युग्म समानोच्चरित शब्द - उच्चारण में समान लेकिन अर्थ अलग-अलग होता है
- अनल - आग
अनिल - हवा
- आमरण - मरने तक
आभरण- आभूषण
- अंश - भाग
अंस - कंधा
8. समूहवाची शब्द - किसी समुदाय या समूह का बोध कराते हैं
व्यक्तियों का समूह -सभा , पुलिस ,सम्मेलन
वस्तुओं का समूह- गुच्छा, ढेर, कुंज, इत्यादि
सार्थक शब्दों के आठ भेदों हेतु प्रत्येक के लिए अलग-अलग 50-50 शब्दों के साथ विलोम, पर्यायवाची, समानार्थी आदि सभी शब्दों के लिए तैयार किए गए हैं। यदि आपको हमारे द्वारा तैयार किए गए नोट्स पसंद आते हैं और आप चाहते हैं कि हिन्दी भाषा के सभी नोट्स आपको समय समय पर मिलते रहे तो अधिक से अधिक शेयर करें। बहुत जल्द हिन्दी की प्रश्नोत्तरी शुरू की जाएगी और पीडीएफ फाइल उपलब्ध करायी जाएगी।
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