महासागरों का अध्ययन देवभूमि उत्तराखंड द्वारा कक्षा 6 एनसीईआरटी भूगोल की पुस्तक से नोट्स तैयार किए जा रहे हैं। इस लेख में एनसीईआरटी पुस्तक और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों का समावेशन किया गया है। इस लेख में विश्व में कितने महासागर हैं और उनके सीमांत सागरों के साथ प्रमुख जलसंधियों का उल्लेख किया गया है। अतः लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। साथ ही विश्व का मानचित्र साथ रखें। पृष्ठभूमि अक्सर फिल्मों में, गानों में, कविताओं में और जिंदगी के उन तमाम पन्नों में "सात समुद्र" का जिक्र सुना होगा। और तो और इस शब्द प्रयोग मुहावरों भी करते हैं। तो क्या आप जानते हैं "सात समुद्र" ही क्यों? और यदि बात सात समुद्र की जाती है तो वे कौन-से सात समुद्र हैं? यूं तो अंक सात का अपना एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व हैं । क्योंकि दुनिया में इंद्रधनुष के रग सात हैं, सप्ताह के दिन सात हैं, सप्तर्षि हैं, सात चक्र हैं, इस्लामी परंपराओं में सात स्वर्ग हैं, यहां तक कि दुनिया के प्रसिद्ध 7 अजूबे हैं। संख्या सात इतिहास की किताबों में और कहानियों में बार-बार आती है और इस वजह से...
तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह (द्वाराहाट)
उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023
12 मार्च 2023 को उत्तराखंड प्रभारी मनोज सक्सेना ने बताया है कि तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह को संरक्षण में लेने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से भी राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए आवेदन का आग्रह किया गया है। जल्दी ही तकुल्टी का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। क्षेत्र से संबंधित संपूर्ण ब्यौरा जुटाने के साथ ही वहां की भौगोलिक परिस्थितियों का भी अध्ययन किया जाएगा। तत्पश्चात केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
यदि सर्वेक्षण के दौरान मंदिर समूह राष्ट्रीय स्मारक के सभी मानकों को पूर्ण करता है तो संभावना है कि तकुल्टी द्विबाहु मंदिर को 45वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है।
तकुल्टी द्विबाहु मंदिर
तकुल्टी द्विबाहु मंदिर अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट तहसील के तकुल्टी गांव (भिकियासैंण ब्लाक) में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं सदीं में कत्यूरी राजवंश के राजाओं द्वारा कराया गया । यह मंदिर त्रिरथ नागर शैली की पंचायतन उपशैली में निर्मित है। यह ऐतिहासिक मंदिर समूह कुमाऊं की चुनिंदा धरोहर में से एक है। इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा आज भी विवादित है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्वर्गीय डॉ मोहन चंद तिवारी ने अपने अध्ययन के आधार पर इस प्रतिमा को लकुलीश अर्थात् शिव अवतार की प्रतिमा बतायी है। जबकि पुरातत्वविद चंद्र सिंह चौहान के अनुसार यह प्रतिमा वनमाला धारण किए विष्णु का स्वरूप है।
कत्यूरी राजवंश को कार्तिकेयपुर वंश के नाम से भी जाना जाता है इसकी राजधानी कार्तिकेयपुर (जोशीमठ) में थी। जिसके संस्थापक बसंतदेव थे। उत्तराखंड में कार्तिकेयपुर वंश का उदय सातवीं सदी के आसपास हो गया था।
भारत में राष्ट्रीय स्मारक स्थल
भारत में अभी तक 3650 से अधिक राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जा चुके हैं। जिनकी संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ती जा रही है। जिसमें उत्तराखंड के 44 प्राचीन स्मारक और मंदिर भारतीय राष्ट्रीय स्मारक की सूची में शामिल है। उत्तराखंड का 44वां राष्ट्रीय स्मारक स्यूनराकोट का नौला धारा है ।
उत्तराखंड का 44वां राष्ट्रीय स्मारक : स्यूनराकोट का नौला धारा
23 जनवरी 2023 में कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्मस्थली स्यूनराकोट के नौला धारा को उत्तराखंड का 44वां प्राचीन राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था। जिसका निर्माण 14वीं और 15वीं शताब्दी में चंद राजाओं द्वारा कराया गया था।
इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के दो स्थलों को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है।
- नंदा देवी बायोस्फीयर (1988),
- फूलों की घाटी (2005),
मार्च 2024 तक भारत के कुल विश्व धरोहर स्थलों की संख्या 42 है। होयसल मंदिर को 42वां विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
लेख से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न :-
(1) चर्चा में रहा तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह कहां स्थित है?
(a) जोशीमठ
(b) द्वाराहाट
(c) लोहाघाट
(d) हरिद्वार
(2) तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह का निर्माण किस शैली में किया गया है?
(a) नागर शैली
(b) द्रविड़ शैली
(c) मथुरा शैली
(d) इनमें से कोई नहीं
(3) तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह का निर्माण किस वंश के राजाओं द्वारा करवाया गया?
(a) चंद राजाओं द्वारा
(b) पौरव वंश
(c) कत्यूरी राजवंश
(d) कुणिंद वंश
(4) उत्तराखंड के मार्च 2024 तक कितने स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक स्थल की सूची में शामिल किया गया है ?
(a) 41
(b) 42
(c) 44
(d) 45
(5) उत्तराखंड के 44वां राष्ट्रीय स्मारक स्थल कौन-सा है?
(a) धारा देवी मंदिर
(b) गिरिजा मंदिर
(c) स्यूनराकोट नौला धारा
(d) इनमें से कोई नहीं
(6) खबरों में रहा तकुल्टी द्विबाहु मंदिर समूह के बारे में कौन-सा/से कथन सही हैं?
1. इस मंदिर का निर्माण चंद राजवंश के शासकों द्वारा कराया गया।
2. यह मंदिर त्रिरथ नागर शैली की पंचायतन उपशैली में निर्मित है।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों सही है
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer
(1)b, (2)a, (3)c, (4)c, (5)c, (6)b
स्रोत : दैनिक जागरण
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