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Uksssc Mock Test - 132

Uksssc Mock Test -132 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षाओं हेतु फ्री टेस्ट सीरीज उपलब्ध हैं। पीडीएफ फाइल में प्राप्त करने के लिए संपर्क करें। और टेलीग्राम चैनल से अवश्य जुड़े। Join telegram channel - click here उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर  (1) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।              सूची-I.                  सूची-II  A. पूर्वी कुमाऊनी वर्ग          1. फल्दाकोटी B. पश्चिमी कुमाऊनी वर्ग       2. असकोटी  C. दक्षिणी कुमाऊनी वर्ग       3. जोहार D. उत्तरी कुमाऊनी वर्ग.        4.  रचभैसी कूट :        A.   B.  C.   D  (a)  1.    2.  3.   4 (b)  2.    1.  4.   3 (c)  3.    1.   2.  4 (d) 4.    2.   3.   1 (2) बांग्ला भाषा उत्तराखंड के किस भाग में बोली जाती है (a) दक्षिणी गढ़वाल (b) कुमाऊं (c) दक्षिणी कुमाऊं (d) इनमें से कोई नहीं (3) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 1. हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण है 2. हिंदी में लेखन के आधार पर 46 वर्ण है उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/ कौन से सही है? (a) केवल 1 (b) केवल 2  (c) 1 और 2 द

पंचायती राज व्यवस्था

  पंचायती राज व्यवस्था

                 पंचायत दिवस 

24 अप्रैल 1992 को संविधान में 73वां संशोधन संशोधन हुआ जिसके तहत देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई । जिसके बाद प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल 1993 से पंचायती राज  दिवस मनाने की शुरुआत हुई। प्रस्तुत लेख प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक सदाबहार टॉपिक है । चाहे UPSC हो या राज्य सरकार का कोई भी एग्जाम जैसे- ukpcs, uppcs, mppcs और bppcs  यहां से प्रत्येक वर्ष प्रश्न पूछे जाते हैं अतः दिए गए आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

पंचायती राज व्यवस्था क्या है? 

जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करने को ही पंचायती राज व्यवस्था कहते हैं। अर्थात ग्रामीण क्षेत्रों से ही एक समझदार और विचारशील व्यक्ति को नेता (सभापति) चुना जाता है । जिसका कार्य होता है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का कार्यान्वयन करें। और इसके अतिरिक्त गांव की समस्या का चयन करके विकास के लिए सुझाव दें। यदि हम किताबी भाषा की बात करें तो लोकतांत्रिक सरकार का विकेंद्रीकरण ही पंचायती राज व्यवस्था कहलाता है । अर्थात लोकतंत्र सरकार की शक्तियों का विभाजन। जिसके द्वारा जमीनी स्तर तक पहुंच कर देश का विकास किया जा सके ।

                   अब जाहिर है कि पंचायती राज व्यवस्था जिसके 5 वर्ष बाद चुनाव आते हैं। जिसके लिए ग्रामीण जनता अत्यधिक रुचि दिखाती हैं। और लाखों पैसा छोटे से चुनाव को जीतने के लिए बहा देते हैं। दुर्भाग्य है देश का,   कि चुनाव जीतने के लिए व्यक्तित्व की पहचान करने की बजाय पैसों से पहचान की करते हैं तो आप को जरूर जाना चाहिए कि यह व्यवस्था कैसे प्रारंभ हुई? किसने प्रारंभ की?  और कब प्रारंभ हुई? 

पंचायती राज व्यवस्था का इतिहास

पंचायती राज व्यवस्था के मुख्य पक्षधर थे - महात्मा गांधी ।उनका मानना था कि किसी भी देश की सुख-समृद्धि गांव पर निर्भर करती है । वे चाहते थे कि गांव के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। लेकिन गांधी जी से भी पहले पंचायती राज व्यवस्था का जिक्र 1773 के चार्टर एक्ट में किया जा चुका था। उसके 1870 में लॉर्ड मेयो  द्वारा ग्राम पंचायतों के लिए वित्त की व्यवस्था की गई ।  बाद में लॉर्ड रिपन ने 1882 ई.  में व्यापक स्तर पर पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया ।  लॉर्ड रिपन को ही "स्थानीय स्वशासन का जनक" माना जाता है । । लेकिन हो सकता है कि यह  प्रेरणा लॉर्ड रिपन को चोल साम्राज्य से मिली हो । क्योंकि चोल साम्राज्य ने सत्ता का विकेंद्रीकरण करके शासन किया था । पंचायत राज व्यवस्था को  विकास का "मैग्नाकार्टाा" भी कहा जाता है।

                    सन् 1935 में भारत सरकार अधिनियम के तहत स्थानीय स्वशासन पूर्णतया राज्य का विषय बन गया। आजादी के बाद ग्रामीण विकास के उद्देश्य से  2 अक्टूबर 1952 में सामुदायिक विकास मंत्रालय की स्थापना की गई । लेकिन सही ढंग से ना चलने के कारण 1 वर्ष पश्चात बंद कर दिया गया।  उसी के बदले में 2 अक्टूबर 1953 में राष्ट्रीय प्रचार सेवा सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रारंभ किया गया।

 पंचायती स्तरीय व्यवस्था

                 स्थानीय स्वशासन के संबंध में सबसे प्रमुख दो समितियां लाई गई । जिनका व्यापक स्तर पर विश्लेषण किया और रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।  उसके बाद ग्रामीण विकास के उद्देश्य से सबसे पहले  बलवंत राय मेहता समिति 1957 में लागू की गई। जिसके आधार पर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था सामने लाई आयी।

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था :1957

 त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत स्थानीय स्वशासन को तीन स्तरों पर विभाजित किया गया। (1) ग्राम पंचायत (2)पंचायत समिति (3) जिला परिषद । यह समिति उत्तराखंड,  उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान,  महाराष्ट्र,  आंध्र प्रदेश, पंजाब,  तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश,  गुजरात और गोवा आदि बड़े स्तर पर राज्यों  में प्रचलित की है। सबसे पहले 1957 में राजस्थान के नागौर जिले से पंचायती शासन व्यवस्था को प्रारंभ किया गया।

अशोक मेहता समिति : 1977

दूसरी मुख्य समिति डॉ अशोक मेहता द्वारा 1977 ई.  में लाई गई। इनके अनुसार पंचायती राज व्यवस्था के केवल दो स्तर होने चाहिए । जिस पर बेहतर ढंग से समन्वय स्थापित किया जा सकता था। अतः (1) जिला पंचायत और (2) मंडल पंचायत का सुझाव दिया । लेकिन केंद्र सरकार ने डॉ बलवंत राय मेहता  के द्वारा लाई गई समिति पर जोर दिया। और राज्य को अपनी इच्छा अनुसार पंचायती व्यवस्था लागू करने की छूट दी । यह समिति असम,  कर्नाटक, उड़ीसा,  हरियाणा,  दिल्ली और पुडुचेरी में प्रचलित है। 

इसके अलावा पश्चिम बंगाल में योजना आयोग की सिफारिश पर डॉ. पी वी राव द्वारा चार स्तरीय पंचायती व्यवस्था सन् 1885  में लागू की गई।

संवैधानिक दृष्टिकोण

संविधान की दृष्टि से ग्राम पंचायतों का गठन अनुच्छेद 40  में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत में शामिल किया गया है । सरकार के अथक प्रयासों से 1992 में 73 वा संविधान संशोधन अधिनियम लागू किया गयाजिसके अंतर्गत 11वीं अनुसूची जोड़ी गई । इसमे  16 नए अनुच्छेदों का वर्णन अनुच्छेद 243 में किया गया । अनुच्छेद 243 में पंचायती राज व्यवस्था की परिभाषा दी गई है।  तथा 243(a) से 243(o)  तक पंचायती राज व्यवस्था के सभी प्रारूप और नियमों विवरण किया गया। जिसमें मुख्य अनुच्छेद 243 (c) जिसमें पंचायतों के गठन की बात कही गई है । अनुच्छेद 243 (d) में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय केेेेे लिए आरक्षण व्यवस्था का प्रावधान है। इसके अलावा  अनुच्छेद 243(i)  में वित्तीय व्यवस्था का उल्लेख है जो   वित्तीय की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी समिति के लिए वित्त की आवश्यकता होती है। अतः यह महत्वपूर्ण है।

स्थानीय स्वशासन के उद्देश्य

               स्थानीय स्वशासन व्यवस्था के जरिए जनता अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझा सकती है। छोटे-छोटे वाद विवाद अदालत पहुंचने के स्थान पर सभापति के द्वारा न्याय कराए जा सकते हैं। साथ ही साथ सबसे महत्वपूर्ण केंद्र और राज्य की सरकारों का बोझ को कम करना है। इसके साथ ही लोग राजनीति के प्रति जागरूक होंगे और देश के विकास के लिए यह समझ पाएंगे कि एक अच्छा नेता कैसा होना चाहिए। वर्ष 2020 में राष्ट्रीय पंचायत दिवस 24 अप्रैल के मौके पर यह मोदी ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की शुरूआत की। इसका उद्देश्य गांव में स्वामित्व योजना को ठीक कर संपत्ति को लेकर कलह की स्थिति को खत्म करना है । इसके माध्यम से ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना व भूमि मैपिंग आदि कार्य किए जाएंगे। जिससे पंचायतों में पारदर्शिता आएगी साथ ही साथ  सभी गाांवों रिकॉर्ड एक ही स्थान पर उपलब्ध हो जाएंगे। प्राप्त रिकार्डों से एक प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा और इस प्रमाण पत्र के जरिए ग्रामवासी चाहेे तो लोन ले सकते हैं।

पंचायत के प्रमुख कार्य

पंचायती राज व्यवस्था का प्रमुख कार्य है कि छोटी-छोटी समस्याओं का निपटारा करना और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का जमीनी स्तर पर लागू करना । जिसके अंतर्गत पीने के पानी की व्यवस्था कराना,  सड़कों का निर्माण कराना,  जल निकासी के लिए व्यवस्थित नालियां  बनवाना,  स्वास्थ्य के प्रति अस्पताल बनवाना  । साथ ही साथ पंचायतों का पर्यावरण के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाना जिसके तहत पौधारोपण करना,  कृषि और भूमि के विकास में सहायता प्रदान करना । शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय एवं वाचनालय आदि की स्थापना करना। वर्ष  2020 से  पंचायत दिवस के अवसर पर किसी भी पंचायत के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर  प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रीय  पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

महत्वपूर्ण अनुच्छेद - पंचायती राज व्यवस्था


 पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित प्रश्न :-

(1) पंचायत दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई ?

(a) 24 अप्रैल 1972

(b) 24 अप्रैल 1973

(c) 24 अप्रैल 1992

(d) 24 अप्रैल 1993

(2) निम्नलिखित में से स्थानीय स्वशासन के जनक किन्हें कहा जाता है ?

(a) लॉर्ड रिपन

(b) लॉर्ड वेलीजली

(c) लॉर्ड डलहौजी

(d) लॉर्ड कर्जन

(3) पंचायत व्यवस्था का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?

(a) अनुच्छेद 243

(b) अनुच्छेद 240

(c) अनुच्छेद 40

(d) अनुच्छेद 343

(4) ग्राम पंचायतों के सभापति के लिए संविधान के किस अनुच्छेद में  के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का प्रावधान किया गया है ?

(a) अनुच्छेद 243 (a)

(b) अनुच्छेद 243 (b)

(c) अनुच्छेद 243 (c)

(d) अनुच्छेद 243(d)

(5) ई पंचायत पोर्टल की शुरुआत कब की गई ?

(a) 2016

(b) 2015

(c) 2018

(d) 2020

(6) संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है।

(a) भाग - 4

(b) भाग - 5

(c) भाग -8

(d) भाग -9

(7) किस संविधान संशोधन के तहत देश में पंचायती व्यवस्था लागू की गई है ?

(a) 101 वहां संविधान संशोधन

(b) 73 वां संविधान संशोधन

(c) 93 वां संविधान संशोधन

(d) 42 वां संविधान संशोधन

(8) स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात सबसे पहले किस राज्य में पंचायती व्यवस्था लागू की गई ?

(a) उत्तर प्रदेश

(b) मध्य प्रदेश

(c) राजस्थान

(d) केरल

(9) निम्नलिखित में से किसके आश्वासन से त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था प्रयोग में लाई गई ?

(a) अशोक मेहता

(b) बलवंत राय मेहता

(c) डॉ. पी वी राव

(d) इनमें से कोई नहीं

 (10) अशोक मेहता समिति का संबंध निम्नलिखित में से  किससे है ?

(a) नगर पालिका व्यवस्था

(b) GST 

(c) भ-सुधार से

(d) पंचायती राज व्यवस्था

(11) निम्नलिखित में से  पंचायती राज व्यवस्था 73वें संविधान संशोधन के बाद  किस अनुसूची में शामिल किया गया है ?

(a) अनुसूची 9 वी

(b) अनुसूची 10वीं

(c) अनुसूची 11वीं

(d) अनुसूची 12वीं

Answer - (1)d , (2)b, (3)c, (4)d, (5)d, (6)d,  (7)b, (8)c, (9)b, (10)d, (11)c

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Sources : भारतीय अर्थशास्त्र (रमेश सिंह)

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