श्यामलाताल : विवेकानंद आश्रम की मनमोहक शांति हिमालय की गोद में बसा विवेकानंद आश्रम, श्यामलाताल, उत्तराखंड के चम्पावत जिले का एक ऐसा रत्न है, जो प्रकृति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। समुद्र तल से लगभग 5,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थल अपने आलौकिक सौंदर्य और शांति से हर किसी का मन मोह लेता है। यहाँ से टनकपुर-वनबसा और शारदा नदी घाटी के मनोरम दृश्यों के साथ-साथ नंदादेवी, पंचाचूली और नंदकोट जैसी बर्फीली चोटियों का लुभावना नजारा देखने को मिलता है, जो आत्मा को सुकून और आँखों को तृप्ति देता है। श्यामलाताल : एक झील का जादू आश्रम के ठीक निकट एक छोटी, परंतु अत्यंत आकर्षक झील है, जिसे श्यामलाताल के नाम से जाना जाता है। इस झील की लंबाई लगभग 500 मीटर और चौड़ाई 200 मीटर है। इसका गहरा श्याम वर्ण वाला जल इतना मनमोहक है कि स्वामी विवेकानंद ने स्वयं इसे 'श्यामलाताल' नाम दिया। झील के शांत जल में आसपास की हरी-भरी पहाड़ियों और नीले आकाश की छवि ऐसी दिखती है, मानो प्रकृति ने स्वयं एक कैनवास पर चित्र उकेरा हो। कैसे पहुँचें? विवेकानंद आश्रम, चम्पावत जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर ...
भारत का इतिहास संक्षिप्त परिचय भारत का सम्पूर्ण इतिहास -(प्राचीन इतिहास से लेकर आधुनिक इतिहास तक) जैसा कि आप सभी को पता है कि उत्तराखंड के आगामी सभी परीक्षाओं का पैटर्न एक समान हो गया है। जिसमें उत्तराखंड सामान्य ज्ञान से 40 प्रश्न , हिन्दी से 20 प्रश्न, रिजनिंग से 10 प्रश्न, और सामान्य विज्ञान से 30 प्रश्न (इतिहास, भूगोल, संविधान, अर्थशास्त्र) पूछे जाएंगे। इसलिए उत्तराखंड का अध्ययन सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि उत्तराखंड से 40 प्रश्न पूछे जाएंगे। अब वो उत्तराखंड पुलिस भर्ती हो या पटवारी एवं लेखपाल चाहे हो फोरेस्ट गार्ड और बंदीरक्षक। उत्तराखंड का अध्ययन बेहतर ढंग से करने के लिए आपको भारत का सम्पूर्ण इतिहास का ज्ञान होना अति आवश्यक है। यदि आपको भारत के इतिहास के बारे में कुछ भी पता नहीं होगा तो आप सभी उत्तराखंड का इतिहास रटने की कोशिश करेंगें। और जहां रटने की बात आ जाए । तो मात्र तीन महीने में ही रटा हुआ भूल जाते हैं। इसलिए देवभूमि उत...