सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Uksssc Mock Test - 132

Uksssc Mock Test -132 देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आगामी परीक्षाओं हेतु फ्री टेस्ट सीरीज उपलब्ध हैं। पीडीएफ फाइल में प्राप्त करने के लिए संपर्क करें। और टेलीग्राम चैनल से अवश्य जुड़े। Join telegram channel - click here उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर  (1) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।              सूची-I.                  सूची-II  A. पूर्वी कुमाऊनी वर्ग          1. फल्दाकोटी B. पश्चिमी कुमाऊनी वर्ग       2. असकोटी  C. दक्षिणी कुमाऊनी वर्ग       3. जोहार D. उत्तरी कुमाऊनी वर्ग.        4.  रचभैसी कूट :        A.   B.  C.   D  (a)  1.    2.  3.   4 (b)  2.    1.  4.   3 (c)  3.    1.   2.  4 (d) 4.    2.   3.   1 (2) बांग्ला भाषा उत्तराखंड के किस भाग में बोली जाती है (a) दक्षिणी गढ़वाल (b) कुमाऊं (c) दक्षिणी कुमाऊं (d) इनमें से कोई नहीं (3) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 1. हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण है 2. हिंदी में लेखन के आधार पर 46 वर्ण है उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/ कौन से सही है? (a) केवल 1 (b) केवल 2  (c) 1 और 2 द

कुणिंद वंश से संबंधित प्रश्न

कुणिंद वंश से संबंधित प्रश्न

मित्रों यदि आप उत्तराखंड की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो सभी प्रश्नों को एक बार जरूर पढ़ें। देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड पुलिस की तैयारी you tube channel - imi2021 में उत्तराखंड सिलेबस के अनुसार करायी जा रही है। जहां आपको उत्तराखंड उत्तराखंड का इतिहास और हिन्दी के सम्पूर्ण नोट्स उपलब्ध कराया जा रहें हैं। साथ ही प्रत्येक वंश से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और साप्ताहिक मॉक टेस्ट सीरीज उपलब्ध उपलब्ध करायी जा रही है।

आज इस लेख में हम उत्तराखंड के प्रथम राजनीतिक वंश कुणिंद से संबंध प्रश्नों को देखेंगे । जिसकी you tube channel imi2021 में उपलब्ध है। 

कुणिंद वंश से संबंधित प्रश्न - (most important )


(1) निम्न में से किस वंश का संबंध कालसी अभिलेख से है ?
(a) कत्यूरी वंश
(b) परमार वंश
(c) कुषाण वंश
(d) मौर्य वंश

(2) कालसी शिलालेख निम्न में से किससे संबंधित है?
(a) पुष्यमित्र शुंग
(b) स्वामी विवेकानंद
(c) महात्मा गांधी
(d) सम्राट अशोक

(3) कालसी स्थित अशोक कालीन शिलालेख की भाषा है ?
(a) गढ़वाली
(b) प्राकृत
(c) संस्कृत
(d) कुमाऊंनी

(4) अशोक कालीन शिलालेख राज्य के किस स्थान से मिला है?
(a) श्रीनगर
(b) केदारनाथ
(c) कालसी
(d) देहरादून

(5) उत्तराखंड पर शासन करने वाला कुणिंद वंश निम्न में से किसके समकालीन थे ?
(a) गुप्तों के
(b) मौर्यो के
(c) कुषाणों के
(d) शकों 

(6) कुणिंद वंश के शासकों में सर्वाधिक मुद्रा/सिक्के किस शासक की प्राप्त हुई है?
(a) कनकपाल
(b) विषदेव
(c) अमोघभूति
(d) नरसिंह देव

(7) निम्न में से किस प्रकार के सिक्के रजत व ताम्बे की धातु के थे?
(a) अल्मोड़ा प्रकार
(b) अमोघभूति प्रकार
(c) छत्रेश्वर प्रकार
(d) इनमें से कोई नहीं

(8) छत्रेश्वर प्रकार की मुद्रा पर किस शैली का प्रभाव देखने को मिलता है ?
(a) यूनानी शैली
(b) मौर्य शैली
(c) कुषाण शैली
(d) इनमें से कोई नहीं

(9) मानव मूर्ति व कुबड़ वाले बैल की छाप के किन सिक्कों से प्राप्त हुई है?
(a) अमोघभूति प्रकार
(b) अल्मोड़ा प्रकार
(c) छत्रेश्वर
(d) इनमें से कोई नहीं

(10) कुणिंदों की प्रथम वास्तविक राजधानी कहां थी ?
(a) जोशीमठ
(b) बैजनाथ (बागेश्वर)
(c) कालकूट
(d) अल्मोड़ा


(11) उत्तराखंड का पहला राजनैतिक वंश किसे कहा जाता है ?
(a) कत्यूरी वंश
(b) चंद वंश
(c) कुणिंद वंश
(d) नाग वंश

(12) निम्न में से किस पौराणिक ग्रंथ में कुणिंद शासित राज्य को 'उत्तर कुरु महाजनपद' का है ?
(a) स्कंदपुराण
(b) ऐतरेव ब्राह्मण
(c) बौद्ध साहित्य
(d) भगवती सूत्र

(13) उत्तराखंड का पहला ऐतिहासिक वंश किसे कहा जाता है
(a) परमार वंश
(b) चंद वंश
(c) कत्यूरी वंश
(d) कुणिंद वंश

(14) 'अष्टाध्यायी' किसकी रचना है?
(a) चाणक्य
(b) पाणिनि
(c) सुश्रुत
(d) बाणभट्ट

(15) निम्न में से किस साहित्यिक स्रोत से कुणिंदो के बारे में जानकारी नहीं मिलती है ?
(a) महाभारत
(b) अष्टाध्यायी
(c) बौद्ध साहित्य
(d) अभिज्ञान शाकुन्तलम

(16) अमोघभूति प्रकार की मुद्राओं में किस शैली का प्रभाव देखने को मिलता है ?
(a) मथुरा शैली
(b) कुषाण शैली
(c) यूनानी शैली
(d) इनमें से कोई नहीं

(17) सिक्कों की प्राप्त जानकारी के अनुसार कुणिंदो के आराध्य देव किन्हे कहा गया है ?
(a) भगवान शिव
(b) भगवान विष्णु
(c) इन्द्र देव
(d) इनमें से कोई नहीं

(18) कुणिंद वंश के अभी तक कितने अभिलेख मिले हैं ?
(a) 2
(b) 4
(c) 5
(d) 6

(19) किस अभिलेख से ज्ञात होता है कि कुणिंद वंश के कुछ शासक मौर्य के अधीन थे ?
(a) जूनागढ अभिलेख
(b) रुम्मिनदेई अभिलेख
(c) कालसी अभिलेख
(d) हाथी गुम्बा अभिलेख

(20) सिक्कों में अंकित नाम के आधार पर कुणिंद वंश का प्रथम शासक किन्हें माना जाता है ?
(a) अमोघभूति
(b) अग्रराज
(c) विषदेव
(d) शिवदत्त




Answer - 

(01)d. (02)d. (03)b. (04)d. (05)b. (06)c. (07)a.
(08)c. (09)b. (10)c. (11)c. (12)b. (13)c. (14)b. (15)d. (16)c. (17)a. (18)c. (19)c. (20)c.

उपरोक्त सभी प्रश्न विभिन्न पुस्तकों का गहन अध्ययन करने के बाद उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं पैटर्न और सिलेबस को देखते हुए तैयार किए गए हैं । क्योंकि हिल ही के समूह-ग की परीक्षाओं में प्रश्न घुमा कर पूछे जा रहे हैं। इसलिए प्रश्नों को उन्हीं के अनुरूप तैयार किए गए हैं। यदि आपको हमारे द्वारा तैयार किए गए प्रश्न पसंद आते हैं तो पोस्ट को शेयर करें।

दिए गए लेख की pdf प्राप्त करने एवं हमसे जुड़ने के लिए टेलीग्राम चैनल फॉलो करें।

इन्हें भी देखें -





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानी

उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं हेतु उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानियों का वर्णन 2 भागों में विभाजित करके किया गया है । क्योंकि उत्तराखंड की सभी परीक्षाओं में 3 से 5 मार्क्स का उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान अवश्य ही पूछा जाता है। अतः लेख को पूरा अवश्य पढ़ें। दोनों भागों का अध्ययन करने के पश्चात् शार्ट नोट्स पीडीएफ एवं प्रश्नोत्तरी पीडीएफ भी जरूर करें। भाग -01 उत्तराखंड के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी [1] कालू महरा (1831-1906 ई.) कुमाऊं का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) "उत्तराखंड का प्रथम स्वतंत्रा सेनानी" कालू महरा को कहा जाता है। इनका जन्म सन् 1831 में चंपावत के बिसुंग गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रतिभान सिंह था। कालू महरा ने अवध के नबाब वाजिद अली शाह के कहने पर 1857 की क्रांति के समय "क्रांतिवीर नामक गुप्त संगठन" बनाया था। इस संगठन ने लोहाघाट में अंग्रेजी सैनिक बैरकों पर आग लगा दी. जिससे कुमाऊं में अव्यवस्था व अशांति का माहौल बन गया।  प्रथम स्वतंत्रता संग्राम -1857 के समय कुमाऊं का कमिश्नर हेनरी रैम्

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता है । उनक

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही हुआ। उत्

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ने कुमाऊं के भू-राजनैतिक महत्

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2

Uttrakhand current affairs in Hindi (May 2023)

Uttrakhand current affairs (MAY 2023) देवभूमि उत्तराखंड द्वारा आपको प्रतिमाह के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराए जाते हैं। जो आगामी परीक्षाओं में शत् प्रतिशत आने की संभावना रखते हैं। विशेषतौर पर किसी भी प्रकार की जॉब करने वाले परीक्षार्थियों के लिए सभी करेंट अफेयर्स महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023 की पीडीएफ फाइल प्राप्त करने के लिए संपर्क करें।  उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2023 ( मई ) (1) हाल ही में तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया है। तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के किस जनपद में स्थित है। (a) चमोली  (b) उत्तरकाशी  (c) रुद्रप्रयाग  (d) पिथौरागढ़  व्याख्या :- तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। तुंगनाथ मंदिर समुद्र तल से 3640 मीटर (12800 फीट) की ऊंचाई पर स्थित एशिया का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित शिवालय हैं। उत्तराखंड के पंच केदारों में से तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर का निर्माण कत्यूरी शासकों ने लगभग 8वीं सदी में करवाया था। हाल ही में इस मंदिर को राष्ट्रीय महत्त्व स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र सरकार ने 27 मार्च 2023

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु