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उत्तराखंड का तीसरा धाम - केदारनाथ धाम (रूद्रप्रयाग)
केदारनाथ धाम रुदप्रयाग जनपद में अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों के मध्य स्थित है। यह धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ धाम समुद्र तल से लगभग 3584 मीटर ऊंचाई पर खर्चाखंड और भरतखण्ड नामक दो पर्वतों के बीच उच्च हिमालय की गोद में विराजमान है। केदारनाथ धाम के वाम भाग में केदारनाथ पर्वत है। संस्कृत में 'केदार' शब्द का अर्थ "सेम या दलदली भूमि" है या दूसरे शब्दों में कहें तो "धान की रोपाई वाला खेत"। इतिहासकार राहुल सांकृत्यायन के अनुसार केदारनाथ मंदिर का निर्माण 12- 13 वीं शताब्दी में हुआ।
केदारनाथ मंदिर का इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में नर नारायण नामक दो ऋषि थे। उन्होंने इस स्थल पर भगवान शिव की घोर तपस्या की थी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए तथा इस स्थल पर ज्योतिर्लिंग के रूप में निवास करने का वचन दिया। मान्यता है कि द्वापर युग में महाभारत के युद्ध के बाद पांडव द्रोपदी के साथ हिमालय दर्शन के लिए गए थे तब उन्होंने केदारनाथ में भगवान शिव के मंदिर का निर्माण किया और भैया दूज के दिन अपने पित्रों का तर्पण दिया और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी । मुख्य रूप से केदारनाथ धाम में केदारनाथ मंदिर का निर्माण महाराजा जन्मेजय ने कराया था। आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने पांडवों द्वारा बनवाया गया । केदार मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। 18 वीं सदी के अन्तिम वर्षों में मराठा राजवंश की अहिल्याबाई ने केदारनाथ मंदिर का पुनः निर्माण करवाया। केदारनाथ मंदिर का निर्माण "कत्यूरी शैली" में हुआ है। इस मंदिर के निर्माण में भूरे रंग के पत्थरों का प्रयोग हुआ है और मंदिर के गर्भ गृह में त्रिकोण आकृति की ग्रेनाइट शिला है। जिसकी पूजा भक्तगण करते हैं। केदारनाथ में भगवान शिव की "पांच मुख वाली प्रतिमा" है। मंदिर के गर्भ ग्रह में अन्य देवी-देवताओं के अतिरिक्त पांडवों की भी मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर के बाहर प्रांगण में "नंदी बैल की मूर्ति" स्थापित है और मंदिर के पास ही आदि शंकराचार्य की समाधि स्थल स्थित है। केदारनाथ के रक्षक देवता 'भैरवनाथ' को कहा जाता है। यहां अमृत कुंड, पूर्व कुंड, शिव कुंड, गौरी कुंड, रुधिर कुंड, हंस कुंड, जैसे अनेक जलकुंड हैं । मंदिर के पृष्ठ भाग में अमृत कुंड है, पूर्वी भाग में रेतस व हंस कुंड है और मंदिर के सामने छोटे मंदिरों में उदक कुंड है। लाल पानी वाला कुंड 'रुधिर कुंड' है। और केदारनाथ में मिलने वाले कुण्डों में सबसे प्रमुख 'शिव कुंड' है। मंदिर के पास कुछ दूरी पर महाशिला है जिसे वहां के स्थानीय लोग भैरो झाप कहते हैं और इसी के निकट गांधी सरोवर तथा बासुकीताल है।
केदारनाथ मंदिर केदार समूह के अर्थात पंच केदार मंदिरों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। केदारनाथ के अतिरिक्त केदार समूह के मंदिर मध्यमहेश्वर, कल्पेश्वर, रुद्रनाथ तथा तुंगनाथ हैं। तुंगनाथ सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित है। यहां स्थित शिवलिंग को स्वयंभू लिंग माना जाता है। इस मंदिर में पूजा पाठ मक्कानाथ गांव स्थानीय ब्राह्मण मैथाणी पुजारी द्वारा की जाती है। जबकि अन्य चार केदार समूह के मंदिरों की पूजा दक्षिण के पूजारियों द्वारा की जाती है। तुंगनाथ केदार की पूजा शीतकाल में 'मक्कूमठ' या 'मार्कंडेय मंदिर' में की जाती है।
पंच केदार समूह में भगवान शिव के विभिन्न अंगों की पूजा की जाती है -
- केदारनाथ - भगवान शिव के पृष्ठ भाग की पूजा
- मध्यमहेश्वर - भगवान शिव के मध्यम भाग अर्थात नाभि की
- कल्पेश्वर - भगवान शिव की जटाओं की
- रूद्रनाथ - स्वयंभुमुखार बिंदु
- तुंगनाथ - भगवान शिव की भुजाओं (हाथों) की
केदारनाथ को महाभारत में 'भृंगतुंग' कहा गया है। क्योंकि केदारनाथ मंदिर के निकट भृंगुपंथ शिखर है जिसे भृंगतुंग/ महापंत के नाम से भी जाना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार केदारखण्ड नाम का सर्वप्रथम उल्लेख अशोक चंल्ल के गोपेश्वर लेख में 1193 में मिलता है। केदारनाथ मंदिर के पुजारियों को 'रावल' कहा जाता है जो मैसूर के जंगम ब्राह्मण होते हैं और जिनका निवास स्थान 'ऊखीमठ' है। 1939 एक्ट के तहत 1948 में ऊखीमठ को केदारनाथ मंदिर का समिति का मुख्यालय बनाया गया था। केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर घोषित की जाती है। और 'भैया दूज' के दिन अर्थात केदारनाथ मंदिर के कपाट अक्टूबर-नवंबर माह में बंद होते हैं। मान्यता है कि भैया दूज दिवाली का अंतिम पर्व है इसके बाद ठंड भी बढ़ जाती है। जिससे हिमालय क्षेत्र में रहना संभव नहीं है इसलिए भैया दूज पर केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। शरद ऋतु में भगवान केदारनाथ नाथ की पूजा ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होती है यह चार धामों में से तीसरा धाम है यहां कपाट बंद होने के दिन में 'भतूज उत्सव' का आयोजन किया जाता है। इसे अन्नकूट मेला भी कहा जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य :-
- ओंकारेश्वर मंदिर (ऊखीमठ) - इस मंदिर का निर्माण शंकराचार्य ने किया था। यह स्थल बाणासुर की पुत्री उषा एवं अनिरुद्ध का विवाह स्थल माना जाता है। केदारनाथ व मध्यमहेश्वर का शीतकालीन पूजा स्थल है।
- मक्कूमठ - यहां स्थापित तुंगनाथ मंदिर पांडवकालीन माना जाता है। प्रदुम्न शाह के शासनकाल में सन् 1803 में आए भूकंप के कारण यह ध्वस्त हो गया। इसका पुनर्निर्माण कत्यूरी शैली में किया गया । यहां मार्कंडेय ऋषि ने तपस्या की थी यह उत्तराखंड राज्य का सबसे बड़ा मठ है।
- केदारनाथ आपदा - केदारनाथ में सबसे बड़ी आपदा 16-17 जून 2013 में घटित हुई थी। केदारनाथ के निकट चोराबाड़ी ग्लेशियर का कुछ हिस्सा टूटकर गांधी सरोवर में गिरा जिसके कारण काली सरोवर का एक कोना कूद गया और मंदाकिनी नदी में जल का स्तर बढ़ गया। केदारनाथ में आपदा राहत के लिए सेना में 'ऑपरेशन सूर्य होप' चलाया गया। केदारनाथ आपदा के कारण केदारनाथ में 86 दिनों तक पूजा बाधित रही।
केदारनाथ धाम : झांकी 2021
गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष प्रतिवर्ष राजपथ पर झांकियां प्रदर्शित की जाती है जिसमें वर्ष 2021 में उत्तराखंड की झांकी केदारखंड के मॉडल पर आधारित थी। झांकी में बाबा केदारनाथ का भव्य मंदिर दर्शाया गया था। और राजपथ पर निकली झांकियों में उत्तराखंड की झांकी को देश तीसरा स्थान मिला था। केदारनाथ मॉडल पर आधारित झांकी ने उत्तराखंड को पहली बार झांकी को लेकर पुरस्कार मिला था
इससे पूर्व वर्ष 2015 की झांकी में केदारनाथ आपदा को शामिल किया गया था।
केदारनाथ धाम से संबंधित प्रश्न
( उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल एवं दरोगा परीक्षा स्पेशल)
(1) केदारनाथ मंदिर को महाभारत में क्या कहा गया है–
(a) भैरोझाप
(b) भृंगतुंग
(c) महाशिला
(d) चन्द्र शिला
उत्तर - (b)
(2) केदारनाथ मंदिर में शिव के किस भाग की पूजा होती हैं–
(a) मध्य भाग
(b) पृष्ठ भाग की
(c) शिव की भुजाओं की
(d) शिव की जटाओं की
उत्तर - (b)
(3) केदारनाथ के रक्षक देवता कौन हैं–
(a) गोरखनाथ
(b) तुंगनाथ
(c) भैरवनाथ
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
(4) केदारनाथ की समुद्र तट से ऊंचाई कितनी हैं–
(a) 2584 मीटर
(b) 3584 मीटर
(c) 3981 मीटर
(d) 4585 मीटर
उत्तर - (b)
(5) केदारनाथ पर्वत किन पर्वतों के मध्य में स्थित है–
(a) चन्द्रशिला और महाशिला
(b) खर्चाखंड और भरतखण्ड
(c) क्रौच पर्वत और खर्चाखंड
(d) चन्द्रशिला और भरतखण्ड
उत्तर - (b)
(6) केदारनाथ के वाम भाग में कौन सा पर्वत है–
(a) चन्द्रशिला पर्वत
(b) क्रौंच पर्वत
(c) भृंगतुंग पर्वत
(d) केदारनाथ पर्वत
उत्तर - (d)
(7) केदारनाथ मन्दिर का मुख्य रूप से किस शैली निर्माण कराया गया हैं –
(a) नागर शैली
(b) द्रविड़ शैली
(c) कत्यूरी शैली
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
(8) केदारनाथ मन्दिर के पुजारी कहां से आते है–
(a) मैसूर के जंगम ब्राह्मण
(b) केरल के जंगम ब्राह्मण
(c) मक्कानाथ के ब्राह्मण मैथाणी पुजारी
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर - (a)
(9) केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कब होती है–
(a) श्रावण माह की पूर्णिमा को
(b) फाल्गुन माह की पूर्णिमा को
(c) अक्षय तृतीया
(d) मकर संक्रांति को
उत्तर - (c)
(10) केदारनाथ धाम के कपाट बंद कब होते हैं–
(a) दीपावली
(b) भाईदूज
(c) राम नवमी
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (b)
(11) केदारनाथ मन्दिर में कौन सा उत्सव मनाते हैं–
(a) सेल्कू उत्सव
(b) गबला देव उत्सव
(c) कंडाली उत्सव
(d) भतूज़ या अन्नकूट महोत्सव
उत्तर - (d)
(12) केदारनाथ मंदिर का शीतकालीन आवास कहा हैं –
(a) जोशीमठ (चमोली)
(b) जखोली (रूद्रप्रयाग)
(c) ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)
(d) अगस्त मुनि (रूद्रप्रयाग)
उत्तर - (c)
(13) केदारनाथ मन्दिर का पुनर्निर्माण किसने कराया था–
(a) कनकपाल ने
(b) आदि शंकराचार्य
(c) नरसिंह देव
(d) अजयपाल
उत्तर - (b)
(14) निम्न में से केदारनाथ मन्दिर के सबसे निकट कौन सा कुंड हैं–
(a) सूर्य कुंड
(b) रेतसकुंड
(c) सरस्वती कुंड
(d) सूर्य कुंड
उत्तर - (b)
(15) केदारनाथ मंदिर के पास कौन सी महाशिला है–
(a) चन्द्र शिला
(b) चित्राशाला
(c) भैरोछाप
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
(16) केदारनाथ आपदा कब आई थी–
(a) 16-17 जून 2013
(b) 23-24 जून 2013
(c) 16-17 जुलाई 2013
(d) 23-24 जुलाई 2013
उत्तर - (a)
(17) केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने कराया था–
(a) आदि गुरु शंकराचार्य
(b) अमर सिंह थापा
(c) महाराजा जन्मेजय
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
(18) केदारनाथ मंदिर में किसकी पूजा होती हैं–
(a) भगवान विष्णु
(b) भगवान शिव
(c) सूर्य देव
(d) नंदा देवी
(19) राहुल सांकृत्यायन के अनुसार केदारनाथ मंदिर का निर्माण कब हुआ–
(a) 8-9वीं सदी
(b) 12-13वीं सदी
(c) 5-6 वीं सदी
(d) 15-16 वीं सदी
(20) केदारनाथ मंदिर किस भाग में केदारेश्वर की मूर्ति स्थापित है–
(a) मध्य मंडल
(b) गर्भद्वार
(c) सभामंडल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (b)
(21) केदारनाथ में भगवान शिव की पूजा की जाती है–
(a) कमल के फूलों से
(b) बुरांश के फूलों से
(c) ब्रह्मकमल के फूलों से
(d) गेंदा के फूलों से
(22) केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्यालय कहां है–
(a) जखोली
(b) ऊखीमठ
(c) अगस्त मुनि
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (b)
(23) केदारनाथ मंदिर समिति का गठन कब हुआ था–
(a) 1948
(b) 1952
(c) 1972
(d) 1976
उत्तर - (a)
(24) केदारनाथ में भगवान शिव के कितने मुख वाले प्रतिमा स्थापित है–
(a) चार मुख
(b) पांच मुख
(c) त्रिमुख
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (b)
(25) केदारनाथ मंदिर के कपाट किस माह में बंद होते हैं–
(a) मार्च-अप्रैल
(b) जून-जुलाई
(c) अक्टूबर-नवंबर
(d) जनवरी-फरवरी
उत्तर - (c)
(26) 18 वीं सदी में केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराने का श्रेय किसे दिया जाता है।
(a) रानी कर्णावती
(b) रानी कमलेंदुमति शाह
(c) रानी अहिल्याबाई होलकर
(d) राजमाता गुलेरिया
उत्तर - (c)
(27) केदारनाथ मंदिर के समीप में किसकी समाधि स्थित है–
(a) गांधी जी की
(b) आदिगुरु शंकराचार्य जी
(c) कबीरदास जी
(d) विवेकानंद जी
उत्तर - (b)
(28) केदारनाथ मंदिर किस नदी के किनारे स्थित है–
(a) भागीरथी
(b) मंदाकिनी
(c) कोसी
(d) यमुना
उत्तर - (b)
(29) केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में किसकी मूर्ति स्थापित है–
(a) आदि गुरु शंकराचार्य
(b) शेर की
(c) कामधेनु गाय
(d) नंदी बैल
उत्तर - (d)
(30) केदारनाथ मंदिर के रावल पुजारी का निवास स्थान कहां पर है–
(a) केदारनाथ
(b) ऊखीमठ
(c) जखोली
(d) जोशीमठ
उत्तर - (b)
(31) शीतऋतु में भगवान केदार का निवास स्थान ऊखीमठ का कौन सा मंदिर है–
(a) कोटेश्वर महादेव
(b) त्रियुगीनारायण
(c) ओंकारेश्वर शिव मंदिर
(d) अर्द्धनारेश्वर मंदिर
उत्तर - (c)
(32) किस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में केदारनाथ धाम को झांकी में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था
(a) 2020
(b) 2021
(c) 2022
(d) 2015
उत्तर - (b)
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