उत्तराखंड भर्ती घोटाले पर कविता
उत्तराखंड भर्ती घोटाला 2022
सुना है पुलिस जांच पूरी होने वाली है। जिसमें 41 गिरफ्तारियां हो चुकी है। और इन सभी 41 गिरफ्तारियां में न किसी अधिकारी का नाम आया है और न ही विधायकों का । यह कैसे संभव हो सकता किसी भी विधायक ने घोटाला न किया हो । ये तो बच्चा बच्चा जानता है प्रत्येक विधायक कम से कम दो से तीन सीट पर अपने रिश्तेदारों या परिवार वालों को लगवाता है। और भर्ती के घोटाले को देखते हुए यह तो कहा ही नहीं जा सकता एक विधायक ने कितने लगवाए होंगे। और पुलिस वाले कहते हैं। घोटाले की जांच पूर्ण होने वाली है। ऐसे में क्या होगा देश का। अधिकारियों ने नेताओं को बचाया नेताओं ने अधिकारियों को। और पुलिस वालों ने अपनी नौकरी को बचाया। बस यही चल रहा है हमारे देश में। खाने के लिए तो यह ईमानदारी की कसम खाते हैं शपथ लेते हैं। इससे अच्छा तो शपथ और ईमानदारी का सिस्टम ही खत्म कर देना चाहिए जब करना ही है घोषखोरी। और हमारे मुख्यमंत्री जो राज्य को न्याय पूर्ण चलाने की बात करते हैं क्या इनको नहीं दिखता है कि देश में क्या हुआ है और नेता हमारे कैसे होते हैं सबको अपनी सत्ता प्यारी है?
और तो और उत्तराखंड भर्ती घोटाले को एक फिल्म की कहानी बना दी गई है। जिससे जिससे मंत्रियों से ध्यान केंद्रित ना होकर किसी तीसरे पक्ष की ओर जाए जिसमें एक मूसे वाला नाम का गुंडा नाम उभरकर आया है। वह भी अचानक से।
जिस हिसाब से राज्य सरकार के निर्णय रहे हैं इस हिसाब से तो भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। दोषियों को कोई अभी तक सजा का प्रावधान नहीं किया गया। ना नाम का उल्लेख किया गया है। गलती की है उन्होंने सजा तो मिलनी चाहिए। और एक समाज को संदेश देना चाहिए। कि इस तरह की गलती में कोई माफी नहीं होगी अन्यथा आगे भी ऐसे ही घोटाले होते रहेंगे। और जो एक ईमानदार और मेहनत अभ्यर्थी होगा वह कभी भी सरकारी पदों पर नहीं आ पाएगा। इससे ना तो देश का विकास होगा और जो हमारी सत्ता पक्ष की सरकारें देश के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं वह एक सपना ही बना रहे जाएगा।
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