सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

UKSSSC MOCK TEST - 166

  UKSSSC MOCK TEST - 166 उत्तराखंड समूह ग मॉडल पेपर  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड समूह ग परीक्षा हेतु टेस्ट सीरीज का संचालन किया जा रहा है। सभी टेस्ट पाने के लिए संपर्क करें -9568166280 Uksssc mock test -166 ( 1) निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण ह्रस्व स्वर नहीं है? (A) अ (B) इ (C) ऊ (D) उ (2) निम्नलिखित में से कौन-सा संयुक्त वाक्य है? (A) वह खेल रहा था क्योंकि बारिश हो रही थी। (B) वह बाजार गया और फल खरीद लाया। (C) वह इतना थका हुआ था कि तुरंत सो गया। (D) उसने कहा कि परीक्षा कठिन थी। (3) नीचे दिए गए समास और उनके प्रकार का सुमेलित करें।     कॉलम A 1. गुरुकुल 2. जलपान 3. देवालय 4. यथाशक्ति     कॉलम B A. तत्पुरुष B. कर्मधारय C. अव्ययीभाव D. द्वंद्व विकल्प: (A) 1-A, 2-B, 3-C, 4-D (B) 1-A, 2-C, 3-D, 4-B (C) 1-A, 2-B, 3-D, 4-C (D) 1-A, 2-B, 3-A, 4-C (4) वाक्य "राम ने सीता को फूल दिया।" में 'सीता को' किस कारक का उदाहरण है? (a) करण (b) अपादान (c) संप्रदान (d) अधिकरण (05) निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए है?       ...

उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2022 (August Month)

उत्तराखंड करंट अफेयर्स 2022 (अगस्त)

Most important current affairs

देवभूमि उत्तराखंड द्वारा प्रत्येक महीने उत्तराखंड की परीक्षाओं की दृष्टि से 15 से 20 अति महत्वपूर्ण प्रश्न तैयार किए जाते हैं। जिनकी शत-प्रतिशत परीक्षाओं में पूछे जाने की संभावना होती है। अतः सभी प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। 

Uttrakhand current affairs 2022 (August Month)


(1) हाल ही में श्री उदय उमेश ललित (यूयू ललित) को किस पद पर नियुक्त किया गया है?
(a) सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(b) नीति आयोग के उपाध्यक्ष
(c) अखिल भारतीय संघ सेवा के अध्यक्ष
(d) सेबी के अध्यक्ष

व्याख्या :- हाल ही में जस्टिस उदय उमेश ललित को देश का 49वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। 48 वें मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना थे जिनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 को समाप्त हुआ। यूयू ललित ऐसे दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं, जिन्हें सीधे मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया है। यू यू ललित का मुख्य न्यायाधीश के लिए सुझाव पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना द्वारा दिया गया था। संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश उदय उमेश ललित को भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

Answer - (a)

(2) भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत को किस राज्य का ब्रांड अंबेसडर बनाया गया है?
(a) महाराष्ट्र
(b) उत्तर प्रदेश
(c) उत्तराखंड
(d) मध्य प्रदेश

व्याख्या :- हाल ही में ऋषभ पंत को उत्तराखंड का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है। ऋषभ पंत भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर और विस्फोटक बल्लेबाज हैं। ऋषभ पंत का जन्म रुड़की (हरिद्वार) में हुआ था। इनका पैतृक निवास पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट तहसील के पाली नामक गांव में है। ऋषभ पंत को भारत का गिलक्रिस्ट भी कहा जाता है। पंत सबसे कम पारियों में 1000 रन बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं।

Answer - (c)

(3) हाल ही में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में किस नियुक्त किया गया है ?
(a) मार्गेट अल्वा
(b) जगदीप धनखड़
(c) हामिद अंसारी
(d) द्रौपदी मुर्मू

व्याख्या :- हाल ही में श्री जगदीप धनखड़ को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया है। धनकड़ ने चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को हराकर भारी मतों से जीत प्राप्त की है। जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को जाट परिवार में राजस्थान के झुंझुनू जिले के ठिकाना गांव में हुआ था । ये उच्च न्यायालय के जाने-माने वकील और राजनेता रह चुके हैं। उपराष्ट्रपति बनने से पूर्व जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।

Answer - (b)

(4) किस राज्य द्वारा "स्कूल स्वच्छता कार्यक्रम पहल" शुरू की गई है?
(a) राजस्थान
(b) हिमाचल प्रदेश
(c) सिक्किम
(d) उत्तराखंड

व्याख्या :- उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू करने के बाद प्राथमिक स्कूलों में बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने "स्कूल स्वच्छता कार्य" की शुरुआत की । यह स्वच्छता शिक्षा कार्यक्रम प्रदेश के सभी 13 जिलों में 13000 प्राथमिक स्कूलों में चलाया जाएगा।

Answer - (d)

(5) वर्तमान समय 2022 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कौन हैं?
(a) डॉ मनोज सोनी
(b) राजीव कुमार
(c) गिरीश चंद्र मुर्मू
(d) उर्जित पटेल

व्याख्या :- वर्तमान समय 2022 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक श्री गिरीश चंद्र मुर्मू हैं। इन्होंने 8 अगस्त 2020 को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। श्री मुर्मू जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में पहले उपराज्यपाल के रूप में कार्य कर चुके हैं। श्री मुर्मू का जन्म 21 नवंबर 1959 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले में हुआ था।

Answer - (c)

(6) "द जर्नी ऑफ ए : नेशंस 75 ऑफ इंडियन इकोनामी" के लेखक हैं-
(a) नितिन गडकरी
(b) शशि थरूर
(c) डॉ मनमोहन सिंह
(d) संजय बारू

व्याख्या :- "द जर्नी ऑफ ए : नेशंस 75 ऑफ इंडियन इकोनामी" के लेखक संजय बारू हैं। संजय बारू एक राजनीतिक टिप्पणी कार और नीति विश्लेषक हैं। उन्होंने अप्रैल 2018 में अपने इस्तीफे तक फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव (फिक्की) के रूप में कार्य किया था। इन की प्रसिद्ध पुस्तक "द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर" अत्यधिक विवाद में रहने के कारण काफी लोकप्रिय रही। इसके अलावा 2016 में इन्होंने "1991 : कैसे पी. वी. नरसिंह राव ने बनाया इतिहास ?" पुस्तक को प्रकाशित किया

Answer - (d)

(7) 13-15 अगस्त पूरे भारत में "हर घर तिरंगा" अभियान चलाया गया । तिरंगे को कब राष्ट्रीय ध्वज आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था
(a) 22 जुलाई 1947
(b) 15 अगस्त 1947
(c) 24 जनवरी 1949
(d) 25 जनवरी 1949

व्याख्या :- 2022 में भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर क्षेत्र व स्वतंत्रता दिवस मनाया जिसमें 13 पंद्रह अगस्त के दौरान हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया। यूं तो हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अगस्त से हो चुकी थी जिसमें सर्वप्रथम भारत के प्रधानमंत्री द्वारा अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की फोटो को तिरंगे से बदलने की गुजारिश की गई थी। लेकिन आजादी के अमृत का वास्तविक उत्सव 13-15 अगस्त के बीच मनाया गया। तिरंगे को 22 जुलाई 1947 राष्ट्रीय ध्वज आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था

Answer - (a)

(8) किस राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में एक संस्कृत भाषी गांव विकसित करने का निर्णय लिया है ?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) उत्तराखंड
(c) जम्मू कश्मीर
(d) हिमाचल प्रदेश

व्याख्या :- जैसा कि आप सभी जानते हैं कि उत्तराखंड एक सांस्कृतिक प्रदेश है। उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसमें संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया है। प्राचीन समय से ही उत्तराखंड में संस्कृत भाषा अधिक महत्व दिया है। सातवीं शताब्दी में संस्कृत कत्यूरी वंश की राजभाषा थी। और वर्ष 2010 में हिंदी के बाद दूसरी संस्कृत को राजभाषा का दर्जा दिया गया। क्योंकि देवभूमि एक पौराणिक स्थलों से जुड़ा राज्य है जिस कारण उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी 13 जिलों में एक-एक संस्कृत ग्राम विकसित करने का निर्णय लिया है अर्थात प्रत्येक जिले में एक ऐसा गांव होगा जहां के लोग संस्कृत भाषा में ही बातचीत किया करेंगे।

Answer - (b)

(9) अगस्त 2022 तक भारत में रामसर स्थलों की सूची में भारतीय आर्द्र भूमि की संख्या कितनी हो गई है?
(a) 49
(b) 54
(c) 64
(d) 75

व्याख्या :- अगस्त 2022 तक भारत में रामसर स्थलों की सूची में भारतीय आर्द्र भूमि की संख्या 75 हो गई है जैसा कि आप जानते हैं। भारत में 49 रामसर स्थल के बाद वर्ष 2022 के पहले क्रम में 5 फिर दूसरे क्रम में 10 और तीसरे क्रम में अगस्त माह में 11 आर्द्र भूमि क्षेत्रों को रामसर स्थलों के रूप में नामित किया है। हाल ही में शामिल की गई 11 वैटलैंड में शामिल है -
  1. तम्पारा झील (ओडिशा)
  2. हीराकुंड जलाशय  (ओडिशा)
  3. अंशुपा झील  (ओडिशा)
  4. यशवंत सागर  (मध्य प्रदेश)
  5. चित्रगुंडी पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
  6. सुचिंद्रम थैरूर वेटलैंड कंपलेक्स (तमिलनाडु)
  7. वडुबुर पक्षी अभ्यारण (तमिलनाडु)
  8. कांजीरामकुलम पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
  9. थाणे क्रीक (महाराष्ट्र)
  10. हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व (जम्मू कश्मीर)
  11. सालबुग बैटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व (जम्मू कश्मीर)

वर्तमान समय में सबसे अधिक रामसर वाला देश अमेरिका (175) तथा दूसरे स्थान पर कनाडा (142) है । यदि बात करें भारत देश में सर्वाधिक रामसर स्थल की। तो प्रथम स्थान पर तमिलनाडु (14) है व दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश (10) है।

Answer - (d)

(10) निम्नलिखित में से उत्तराखंड एन. आई. एम. (NIM) द्वारा किस स्पोर्ट्स की मेजबानी की कर रहा है?
(a) नेशनल स्पोर्ट्स फुटबॉल चैंपियनशिप 2022
(b) नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग चैंपियनशिप 2022
(c) नेशनल स्पोर्ट्स स्कीइंग चैंपियनशिप 2022
(d) नेशनल आइस हॉकी चैंपियनशिप 2022

व्याख्या :- उत्तराखंड में पहली बार नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग चैंपियनशिप 2022 का आयोजन उत्तराखंड के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ( उत्तरकाशी ) में किया जा रहा है। यहां से एशियन और ओलंपिक के लिए टीम का चुनाव किया जाएग
 इस चैंपियनशिप के दौरान स्पीड क्लाइंबिंग, लीड क्लाइंबिंग और गोल्ड रिंग क्लाइंबिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का प्रारंभ 12 अगस्त को किया गया है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना उत्तरकाशी में 1965 में की गई थी।

Answer - (b)

(11) कॉमन वेल्थ गेम खेल 2022 में लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल बैडमिंटन में कौन सा पदक जीता है?
(a) स्वर्ण पदक
(b) रजत पदक
(c) कांस्य पदक
(d) इनमें से कोई नहीं

व्याख्या :- इंग्लैंड के बर्मिंघम में 11 दिनों के रोमांचक खेल के बाद 7 अगस्त को 22वें राष्ट्रीय मंडल खेल का समापन हुआ। इन खेलों में आस्ट्रेलिया कुल 178 के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान पर रहा। और इंग्लैंड कुल 176 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। 22वें राष्ट्रीय मंडल खेल में भारत चौथे स्थान पर रहा। भारत में कुल 61 पदक जीते, जिनमें 22 स्वर्ण, 16 रजत, व 23 कांस्य पदक शामिल हैं भारत से 215 भारतीय एथलीटों ने भाग लिया। जिसमें मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ 2022 के खेल में प्रथम स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। जबकि संकेत सरगर बर्मिंघम खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे।

प्रमुख स्वर्ण पदक विजेता
  • मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग)
  • शरथ कमल (वेटलिफ्टिंग)
  • पीवी सिंधु (बैडमिंटन)
  • लक्ष्य सेन (बैडमिंटन)
  • निखहत जरीन (बॉक्सिंग)
  • नीतू घंगास (बॉक्सिंग)

प्रमुख रजत पदक विजेता
  • विंध्या रानी देवी (वेटलिफ्टिंग)
  • विकास ठाकुर (वेटलिफ्टिंग)
  • तुलिका मान (जूडो)
  • मुरली श्री शंकर (एथलेटिक्स)
  • अंशु मलिक (रेसलिंग)
  • सागर अहलावत (बॉक्सिंग)

कॉमनवेल्थ 2022 के खेल में भारत के राष्ट्रीय खेल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रजत पदक व महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। इसके अलावा
  • महिला टी20 क्रिकेट - रजत पदक
  • बैडमिंटन मिश्रित टीम - रजत पदक
  • पुरुष टेबल टेनिस टीम - स्वर्ण पदक
  • लॉन बॉल्स (भारतीय महिला टीम) - स्वर्ण पदक
  • लॉन बॉल्स (भारतीय पुरुष टीम) - रजत पदक

Answer - (a)

(12) किस देश ने अंडर-20 साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन (SAFF) चैंपियनशिप 2022 का खिताब जीता है
(a) मलेशिया
(b) श्रीलंका
(c) भारत
(d) बांग्लादेश

व्याख्या :- भारत ने अंडर-20 साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन यानी SAFF चैंपियनशिप 2022 का खिताब फाइनल में बांग्लादेश को हराकर जीत लिया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन ओडिशा के कलिंगा स्टेडियम में किया गया था। बता दें कि दक्षिण एशियाई फुटबाल महासंघ की स्थापना 1997 में की गई थी जिसका मुख्यालय ढाका (बांग्लादेश) में स्थित है।

Answer - (c)

यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी उपयोगी साबित होती है तो उसे अधिक से अधिक शेयर कीजिए

 Related posts :-







टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर : उत्तराखंड

ब्रिटिश कुमाऊं कमिश्नर उत्तराखंड 1815 में गोरखों को पराजित करने के पश्चात उत्तराखंड में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड में अंग्रेजों की विजय के बाद कुमाऊं पर ब्रिटिश सरकार का शासन स्थापित हो गया और गढ़वाल मंडल को दो भागों में विभाजित किया गया। ब्रिटिश गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल। अंग्रेजों ने अलकनंदा नदी का पश्चिमी भू-भाग पर परमार वंश के 55वें शासक सुदर्शन शाह को दे दिया। जहां सुदर्शन शाह ने टिहरी को नई राजधानी बनाकर टिहरी वंश की स्थापना की । वहीं दूसरी तरफ अलकनंदा नदी के पूर्वी भू-भाग पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। जिसे अंग्रेजों ने ब्रिटिश गढ़वाल नाम दिया। उत्तराखंड में ब्रिटिश शासन - 1815 ब्रिटिश सरकार कुमाऊं के भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए 1815 में कुमाऊं पर गैर-विनियमित क्षेत्र के रूप में शासन स्थापित किया अर्थात इस क्षेत्र में बंगाल प्रेसिडेंसी के अधिनियम पूर्ण रुप से लागू नहीं किए गए। कुछ को आंशिक रूप से प्रभावी किया गया तथा लेकिन अधिकांश नियम स्थानीय अधिकारियों को अपनी सुविधानुसार प्रभावी करने की अनुमति दी गई। गैर-विनियमित प्रांतों के जिला प्रमु...

परमार वंश - उत्तराखंड का इतिहास (भाग -1)

उत्तराखंड का इतिहास History of Uttarakhand भाग -1 परमार वंश का इतिहास उत्तराखंड में सर्वाधिक विवादित और मतभेद पूर्ण रहा है। जो परमार वंश के इतिहास को कठिन बनाता है परंतु विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का गहन विश्लेषण करके तथा पुस्तक उत्तराखंड का राजनैतिक इतिहास (अजय रावत) को मुख्य आधार मानकर परमार वंश के संपूर्ण नोट्स प्रस्तुत लेख में तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में 688 ईसवी से 1947 ईसवी तक शासकों ने शासन किया है (बैकेट के अनुसार)।  गढ़वाल में परमार वंश का शासन सबसे अधिक रहा।   जिसमें लगभग 12 शासकों का अध्ययन विस्तारपूर्वक दो भागों में विभाजित करके करेंगे और अंत में लेख से संबंधित प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगे। परमार वंश (गढ़वाल मंडल) (भाग -1) छठी सदी में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात संपूर्ण उत्तर भारत में भारी उथल-पुथल हुई । देश में कहीं भी कोई बड़ी महाशक्ति नहीं बची थी । जो सभी प्रांतों पर नियंत्रण स्थापित कर सके। बड़े-बड़े जनपदों के साथ छोटे-छोटे प्रांत भी स्वतंत्रता की घोषणा करने लगे। कन्नौज से सुदूर उत्तर में स्थित उत्तराखंड की पहाड़ियों में भी कुछ ऐसा ही...

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त का इतिहास

  भूमि बंदोबस्त व्यवस्था         उत्तराखंड का इतिहास भूमि बंदोबस्त आवश्यकता क्यों ? जब देश में उद्योगों का विकास नहीं हुआ था तो समस्त अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। उस समय राजा को सर्वाधिक कर की प्राप्ति कृषि से होती थी। अतः भू राजस्व आय प्राप्त करने के लिए भूमि बंदोबस्त व्यवस्था लागू की जाती थी । दरअसल जब भी कोई राजवंश का अंत होता है तब एक नया राजवंश नयी बंदोबस्ती लाता है।  हालांकि ब्रिटिश शासन से पहले सभी शासकों ने मनुस्मृति में उल्लेखित भूमि बंदोबस्त व्यवस्था का प्रयोग किया था । ब्रिटिश काल के प्रारंभिक समय में पहला भूमि बंदोबस्त 1815 में लाया गया। तब से लेकर अब तक कुल 12 भूमि बंदोबस्त उत्तराखंड में हो चुके हैं। हालांकि गोरखाओ द्वारा सन 1812 में भी भूमि बंदोबस्त का कार्य किया गया था। लेकिन गोरखाओं द्वारा लागू बन्दोबस्त को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया। ब्रिटिश काल में भूमि को कुमाऊं में थात कहा जाता था। और कृषक को थातवान कहा जाता था। जहां पूरे भारत में स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी बंदोबस्त और महालवाड़ी बंदोबस्त व्यवस्था लागू थी। वही ब्रिटिश अधिकारियों ...

कुणिंद वंश का इतिहास (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)

कुणिंद वंश का इतिहास   History of Kunid dynasty   (1500 ईसा पूर्व - 300 ईसवी)  उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड मूलतः एक घने जंगल और ऊंची ऊंची चोटी वाले पहाड़ों का क्षेत्र था। इसका अधिकांश भाग बिहड़, विरान, जंगलों से भरा हुआ था। इसीलिए यहां किसी स्थाई राज्य के स्थापित होने की स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है। थोड़े बहुत सिक्कों, अभिलेखों व साहित्यक स्रोत के आधार पर इसके प्राचीन इतिहास के सूत्रों को जोड़ा गया है । अर्थात कुणिंद वंश के इतिहास में क्रमबद्धता का अभाव है।               सूत्रों के मुताबिक कुणिंद राजवंश उत्तराखंड में शासन करने वाला प्रथम प्राचीन राजवंश है । जिसका प्रारंभिक समय ॠग्वैदिक काल से माना जाता है। रामायण के किस्किंधा कांड में कुणिंदों की जानकारी मिलती है और विष्णु पुराण में कुणिंद को कुणिंद पल्यकस्य कहा गया है। कुणिंद राजवंश के साक्ष्य के रूप में अभी तक 5 अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिसमें से एक मथुरा और 4 भरहूत से प्राप्त हुए हैं। वर्तमान समय में मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि भरहूत मध्यप्रदेश में है। कुणिंद वंश का ...

उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न (उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14)

उत्तराखंड प्रश्नोत्तरी -14 उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां वर्ष 1965 में केंद्र सरकार ने जनजातियों की पहचान के लिए लोकर समिति का गठन किया। लोकर समिति की सिफारिश पर 1967 में उत्तराखंड की 5 जनजातियों थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, और राजी को एसटी (ST) का दर्जा मिला । राज्य की मात्र 2 जनजातियों को आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त है । सर्वप्रथम राज्य की राजी जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा मिला। बोक्सा जनजाति को 1981 में आदिम जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ था । राज्य में सर्वाधिक आबादी थारू जनजाति तथा सबसे कम आबादी राज्यों की रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल एसटी आबादी 2,91,903 है। जुलाई 2001 से राज्य सेवाओं में अनुसूचित जन जातियों को 4% आरक्षण प्राप्त है। उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित प्रश्न विशेष सूचना :- लेख में दिए गए अधिकांश प्रश्न समूह-ग की पुरानी परीक्षाओं में पूछे गए हैं। और कुछ प्रश्न वर्तमान परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित 25+ प्रश्न तैयार किए गए हैं। जो आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें की उत्तराखंड के 40 प्रश्नों में से 2...

चंद राजवंश : उत्तराखंड का इतिहास

चंद राजवंश का इतिहास पृष्ठभूमि उत्तराखंड में कुणिंद और परमार वंश के बाद सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला राजवंश है।  चंद वंश की स्थापना सोमचंद ने 1025 ईसवी के आसपास की थी। वैसे तो तिथियां अभी तक विवादित हैं। लेकिन कत्यूरी वंश के समय आदि गुरु शंकराचार्य  का उत्तराखंड में आगमन हुआ और उसके बाद कन्नौज में महमूद गजनवी के आक्रमण से ज्ञात होता है कि तो लगभग 1025 ईसवी में सोमचंद ने चंपावत में चंद वंश की स्थापना की है। विभिन्न इतिहासकारों ने विभिन्न मत दिए हैं। सवाल यह है कि किसे सच माना जाए ? उत्तराखंड के इतिहास में अजय रावत जी के द्वारा उत्तराखंड की सभी पुस्तकों का विश्लेषण किया गया है। उनके द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर यह कहा जा सकता है । उपयुक्त दिए गए सभी नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से सर्वोत्तम उचित है। चंद राजवंश का इतिहास चंद्रवंशी सोमचंद ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में लगभग 900 वर्षों तक शासन किया है । जिसमें 60 से अधिक राजाओं का वर्णन है । अब यदि आप सभी राजाओं का अध्ययन करते हैं तो मुमकिन नहीं है कि सभी को याद कर सकें । और अधिकांश राजा ऐसे हैं । जिनका केवल नाम पता...

भारत की जनगणना 2011 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (भाग -01)

भारत की जनगणना 2011 मित्रों वर्तमान परीक्षाओं को पास करने के लिए रखने से बात नहीं बनेगी अब चाहे वह इतिहास भूगोल हो या हमारे भारत की जनगणना हो अगर हम रटते हैं तो बहुत सारे तथ्यों को रटना पड़ेगा जिनको याद रखना संभव नहीं है कोशिश कीजिए समझ लीजिए और एक दूसरे से रिलेट कीजिए। आज हम 2011 की जनगणना के सभी तथ्यों को समझाने की कोशिश करेंगे। यहां प्रत्येक बिन्दु का भौगोलिक कारण उल्लेख करना संभव नहीं है। इसलिए जब आप भारत की जनगणना के नोट्स तैयार करें तो भौगोलिक कारणों पर विचार अवश्य करें जैसे अगर किसी की जनसंख्या अधिक है तो क्यों है ?, अगर किसी की साक्षरता दर अधिक है तो क्यों है? अगर आप इस तरह करेंगे तो शत-प्रतिशत है कि आप लंबे समय तक इन चीजों को याद रख पाएंगे साथ ही उनसे संबंधित अन्य तथ्य को भी आपको याद रख सकेंगे ।  भारत की जनगणना (भाग -01) वर्ष 2011 में भारत की 15वीं जनगणना की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर था तथा भारत की कुल आबादी 121,08,54,922 (121 करोड़) थी। जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 62.32 करोड़ एवं महिलाओं की 51.47 करोड़ थी। जनसंख्या की दृष...