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Uksssc Mock Test - 217

Uksssc Mock Test - 217 हमारे द्वारा पिछले 5 वर्षों से  निरंतर फ्री टेस्ट और करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही विषयवार टेस्ट और नोट्स। हमारे साथ अनुभवी शिक्षक और अलग अलग विषयों के विषेषज्ञ जुड़े हैं। हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करें। 9568166280 Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test - 17 (1) निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण घोष, अल्पप्राण, स्पर्श और तालव्य है? (A) च (B) ज (C) ट (D) ग (2) कुमाऊँ के किस लोकनाट्य में हास्य-व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक विषयों को प्रस्तुत किया जाता है? (A) रासलीला (B) जागर (C) चौंफला (D) स्वांग (3) क' व्यंजन के विषय में निम्न में से कौन-सा सही है ? (a) महाप्राण, अघोष, संघर्षी, कण्ठ्य ध्वनि (b) अल्पप्राण, घोष, संघर्षी, तालव्य ध्वनि (c) महाप्राण, घोष, स्पर्शी, कण्ठ्य श्वनि (d) अल्पप्राण, अघोष, स्पर्शी, कण्ठ्य ध्वनि (4) कुमाऊँनी – "भूख्याली का बटुवा" का मतलब क्या है? (A) अमीर व्यक्ति (B) भूखा दिखने वाला लेकिन चालाक (C) भूखा मगर दिखावे में अमीर (D) प्यासा इंसान (5). निम्न में से कौन-सा सर्वनाम नपुंसक  लिंग का नहीं है? (a) यह (b) वह (c) कोई (d) तुम (6) सूच...

मेरे सपनों का भारत

       मेरे सपनों का भारत सकारात्मक सोच का नजरिया "भारत की खोज पुस्तक" सबने पड़ी होगी। उस पुस्तक के लेखक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी हैं। उन्होंने आजादी के बाद मेरे सपनों का भारत की कल्पना की थी और अपनी इच्छा अनुसार रखने की कोशिश भी की थी , इसलिए तो  और पाकिस्तान दो भागों में बंट गए । उस समय की परिस्थितियों के अनुसार उनको जैसा ठीक लगा  ।  उन्होंने किए जिनके कुछ परिणाम काफी महत्वपूर्ण साबित हुए। वहीं कुछ कदमों के चलते जम्मू-कश्मीर हाथों से आधा निकल गया। लेकिन फिर भी सब कुछ ठीक रहा उसके बाद मिसाइल मैन के नाम से कुख्यात डॉ एपीजे अब्दुल कलाम । उन्होंने भी अपनी खुली आंखों से भारत को सजाया । अब्दुल कलाम जी 2002 से 2007 के बीच भारत के राष्ट्रपति रहे और उन्होंने 2020 तक एक सक्षम भारत होने की कल्पना की थी। यूं तो सभी आज़ादी के परवानोंं- क्या महात्मा गांधी, क्या वल्लभभई पटेल और क्या विवेकानंद जी सभी ने एक महान भारत की कल्पना की और अनेकों कदम उठाएं। भारत की विकास प्रक्रिया भारत को विदेशी शक्तियों ने इतना अधिक कमजोर कर दिया था। कि 70 साल लग गए भ...

RCEP : मेगा मुक्त व्यापार समझौता

  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी(RCEP)  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी से भारत के बाहर रहने के कारण और निहितार्थ का विश्लेषण कीजिए.  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी वैश्विक स्तर पर मेगा मुक्त व्यापार समझौता है। जिसका प्रारंभ 21 वें आसियान शिखर सम्मेलन में कंबोडिया की राजधानी नोमपेन्ह   में 2012 में हुआ था। वैश्विक स्तर में कुल जीडीपी का 30 % का योगदान करता है। एक प्रकार से यह कहा जा सकता है कि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार समझौता है। अगर इसके सदस्य देशों की बात करें तो 10 आसियान देशों तथा 5 देशों का समूह है। आस्ट्रेलिया, चीन, जापान,दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड इन सभी देशों का मानना था कि वस्तुओं एवं सेवाओं बौद्धिक संपदा ई-कॉमर्स और कम्युनिकेशन के साथ-साथ छोटे और मध्य व्यापार को बढ़ावा मिले। जिससे सभी देश आपस में एक दूसरे के बाजार में सरलता से प्रवेश कर सकें। इसीलिए प्रत्येक वर्ष सभी सदस्य दे  देश और आरसीएपी में हस्ताक्षर करते हैं।  वर्तमान समय में 15 नवंबर को 15 देशों ने वियतनाम के हनोई शहर में RCEP में हस्ताक्षर किए हैं । लेकिन भारत ने इस समझ...

What is inflation in hindi?

 मुद्रा स्फीति (Inflation)  मुद्रा स्फीति या मंहगाई क्या है? सरकार कैसे महंगाई को नियंत्रण करती है ?   What is inflation in hindi ? मंहगाई अर्थात मुद्रा स्फीति  का आशय कीमतों में वृद्धि होने के कारण मुद्रा के मूल्य में होने वाली गिरावट से है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वस्तुओं व सेवाओं के स्टॉक या उत्पादन में कमी के कारण महंगी हो जाना । मुद्रा स्फीति या महंगाई कहलाता है। जैसे - वर्तमान समय में पेट्रोल व डीजल के दाम निरंतर बढ़ते जा रहे हैं, पेट्रोल ने भारत में ₹100 का आंकड़ा छू लिया है। इससे आशा की जा रही है कि समस्त क्षेत्रों में महंगाई बढ़ने की आशंका है। यदि जल्दी से  पेट्रोल के दाम को नियंत्रण करने के लिए उपाय नहीं किये जाते है। तो देश में दौड़ती हुई मुद्रा स्थिति   आ जाएगी। जिसमें गरीबी और महंगाई को ठीक करने में एक लंबा समय लग सकता है। तो आइए जानते हैं । सरकार बढ़ते पेट्रोल के दाम को कम करने के लिए किस प्रकार कदम उठा सकती है। लेकिन उससे पहले हमें यह जानना अति आवश्यक है कि महंगाई या मुद्रास्फीति क्या है? और उसके प्रकार क्या है। प्रोफेसर हिक्स के अ...

वित्तीय बाजार और भारतीय रिजर्व बैंक

वित्तीय बाजार क्या है?  What is financial Market? वैसे तो यह सब सामान्य बातें हैं । जिनका दैनिक जीवन में प्रयोग होता है । प्रत्येक माह आप एक या दो बार बैंक तो जरूर जाते हैं लेकिन क्या आपने सोचा है? बैंक कैसे काम करते हैं?  और बैंक को कौन संचालित करता है?  जब अर्थशास्त्र के अंदर यह सब पढ़ते हैं। तो परीक्षार्थी परेशान हो जाते हैं, इसलिए आसान शब्दों में बात करें। तो जहां पैसों की खरीद-बिक्री होती है। वह वित्तीय बाजार कहलाता है । पैसों की खरीद बिक्री  ऑनलाइन भी हो सकती है,  ऑफलाइन भी हो सकती है और कॉल पर भी हो सकती है । लेकिन पैसा कुछ ही देशों में ही मान्य है । जहां डॉलर अधिकांश देशों में प्रचलित है इसलिए वित्तीय बाजार में पैसों के स्थान पर मुद्रा का प्रयोग करते हैं।                          जैसे-जैसे समय बीता पैसों की खरीद-बिक्री का कार्य चलने लगा  । तो एक नई समस्या उत्पन्न हुई- समय की। कोई व्यक्ति तुरंत पैसा दे देता थाा। तो कोई उधार चुकाने में लंबा समय लगा देता था  । पैसे तो आप भी उधा...

निजीकरण का महत्व

  निजीकरण  का महत्व वर्तमान सरकार द्वारा सरकारी कंपनियों को बेचने का अर्थात निजी करण का क्या उद्देश्य है?  वर्तमान में सर्वाधिक चर्चित मुद्दा है । "निजीकरण" बहुत सारे युवा काफी परेशान है। सरकार के इस फैसले की वजह से लंबे समय से बनाई अच्छी छवि धूमिल की होती नजर आ रही है ।भारतीय युवाओं द्वारा जगह-जगह विरोध किया जा रहा है। धरना-प्रदर्शन, हड़ताल और आंदोलन होने की भी संभावना हो सकती है । सोशल मीडिया पर भी यूजर्स कड़ी आलोचना कर रहे हैं तो वहीं बहुत सारे सपोर्ट भी कर रहे है। निजीकरण क्या है?   वैसे तो निजीकरण के बारे में सभी लोग जानते हैं। लेकिन साधारण शब्दों में इतना समझ लीजिए। आजादी के समय में बहुत सारी कंपनी सरकार के हाथों में थी । अर्थात सरकार का स्वामित्व था। सरकार की कंपनी होने से सरकारी कर्मचारियों की भर्ती समय-समय पर की जाती थी ।  लाखों युवा इन कंपनियों में भर्ती होकर रोजगार पाते थे । 1991 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव  और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा LPG (उदारीकरण,  निजीकरण और वैश्वीकरण) की नीति लाई गई ।जिसमें बहुत सारी कंपनियों का निजीकर...

कोरोना के चलते: शिक्षा बेहाल

कोरोना के चलते : शिक्षा  बेहाल विश्वविद्यालयों की उलझन जब देश के पास कश्मीर का,  धर्म का,  नेपाल का और पाकिस्तान का कोई मुद्दा नहीं बचा। तो देश के नेता उलझ गए हैं कोरोना  में । सब अपनी अपनी राय दे रहे हैं। सभी को मालूम है आज तक सर्दी जुखाम की कोई दवाई नहीं बनी है। बीमारी से बचना है तो एक ही उपाय है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करो जिसका रहस्य भारत देश में शुरुआत मे ही जान लिया था। बाबा रामदेव ने कोरोना  का समाप्त करने के लिए व इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए आयुर्वेद से निर्मित दवा तैयार कर ली थी। लेकिन हमें तो आदत है- ना विदेशी दवाइयों का उपयोग करने की । अब हम इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए फिर से अमेरिका,  फ्रांस और चीन से वैक्सीन  खरीदेंगे । चीन ने तो वैक्सीन बनाकर पेटेंट का अधिकार भी ले लिया है । और हमारा देश यही सोच में डूबा है कि विश्वविद्यालय की परीक्षा कराई जाए या नहीं। विभिन्न प्रकार के सरकारी विभागों पर भर्ती कराई जाए या नहीं । वही स्कूल खोलें या बंद रखें। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट कहता है कि कोरोना   के कारण विद्यार्थियों के भविष्य के साथ नह...

पैसे छापने वाली मशीन

           मुद्रा पूर्ति                    Money supply महंगाई और पैसो में संबंध!  पैसे छापने वाली मशीन भारत में मुद्रा आपूर्ति के दो माध्यम हैं। (1) भारत सरकार व रिजर्व बैंक (C+R) (2) जनता के पास व बैंक जमाएं(M1+M2+M3+M4)                अगर आप देश की गरीबी के बारे में सोचते हैं या फिर आप अमीर बनने के बारे में सोचते हैं । एक बात जहन में जरूर आती होगी कि जब भारत के पास पैसा छापने वाली मशीन है। तो अधिक पैसा छाप कर सभी समस्याएं खत्म क्यों नहीं कर देता है?  विदेशों से लिया गया कर्ज क्यों नहीं चुका  देता है? आइए ऐसे ही सवालों की पूर्ण जानकारी आसान शब्दों में जाने।                  अगर आप सोचते हैं कि पैसा छापने से गरीबी कम होगी । तो बिल्कुल गलत सोचते हो । अगर पैसे छाप कर सरकार मुफ्त में पैसे बांटने लग जाए तो लोग मेहनत करना छोड़ देंगे । जब मेहनत कम होगी तो उत्पादन में गिरावट आएगी और फिर वस्तुएं महंगी होंग...