Uttarakhand Current Affairs 2025 उत्तराखंड करेंट अफेयर्स जनवरी 2025 से जून 2025 तक प्रश्न 1 : राष्ट्रीय शिक्षा रत्न पुरस्कार 2025 किस संगठन द्वारा आयोजित किया गया? A) उत्तराखंड शिक्षा विभाग B) पृथ्वी अभुदय एजुकेटर एसोसिएशन इंडिया (PAEI) C) एमटी यूनिवर्सिटी D) संस्कृत अकादमी व्याख्या: यह पुरस्कार देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, रचनात्मकता, संस्कृति और भाषा के संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को दिया गया। यह सम्मान समारोह पृथ्वी अभुदय एजुकेटर एसोसिएशन इंडिया (PAEI) द्वारा एमटी यूनिवर्सिटी, मोहाली, पंजाब में आयोजित किया गया। उत्तराखंड के नौ शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसमें पौड़ी गढ़वाल की तीन शिक्षिकाएं शामिल हैं: रश्मि उनियाल (सहायक अध्यापक विज्ञान, कोटद्वार), कविता असवाल (सहायक अध्यापक अंग्रेजी, दुगड्डा) सरिका कैस्टवाल (प्रवक्ता, रसायन विज्ञान, रिकनी खाल)। इन्हें शैक्षिक नवाचार, विद्यार्थियों में वैज्ञानिक व रचनात्मक दृष्टिकोण के विकास, विद्यालय के भौतिक व बौद्धिक स्तर को ऊँचाई तक पहुँचाने, और स्थानीय संस्कृति, भाषा व परंपराओं के संरक्षण हेतु ...
वीर भड़ लोदी रिखोला: गढ़वाल की धरती पर जन्मी अमर वीरता की ज्वाला जन्म की धूल में सनी चिंगारी: एक योद्धा का उदय गढ़वाल की हरी-भरी पहाड़ियों में, जहाँ नदियाँ गाती हैं और हवा वीरों की कहानियाँ फुसफुसाती है, सोलहवीं शताब्दी के अंत में (1590 ई.) एक बच्चे का जन्म हुआ। नाम था – लोदी रिखोला । पौड़ी जनपद के ग्राम बटोला में, उसके पिता एक प्रतिष्ठित थोकदार थे, जिनकी आँखों में गढ़वाल की मिट्टी का गर्व झलकता था। लोदी का बचपन उन पहाड़ों की गोद में बीता, जहाँ हर साँस में स्वतंत्रता की खुशबू थी। लेकिन भाग्य ने जल्दी ही उसे आजमाया। मात्र 13-14 वर्ष की उम्र में, जब पड़ोसी गाँव ईड़ा से एक बारात बटोला पहुँची, तो स्वागत की धूम मच गई। गाँव के नीचे नौले के पास पानी से भरा एक विशाल गैड़ा (गेडू) खड़ा था – इतना भारी कि कई मजबूत कंधे भी उसे हिला न सके। तभी, कौतूहल से भरा बालक लोदी वहाँ पहुँचा। बिना एक पल की झिझक, बिना किसी डर के, उसने अकेले ही उस गैड़ा को सिर पर उठा लिया। जैसे पहाड़ खुद उसके कंधों पर चढ़ गया हो! बारात के स्थान तक पहुँचते ही, सबकी साँसें थम गईं। आश्चर्य की लहर दौड़ पड़ी – "यह तो भड़ है! गढ...