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Uttarakhand Current Affairs in hindi 2025 (September)

सितम्बर माह के सभी उत्तराखंड स्पेशल करेंट अफेयर्स 2025 Uttrakhand special current affairs 2025 सभी करेंट अफेयर्स पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए संपर्क करें। 9568166280 हमारे द्वारा पूरे एक वर्ष के करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। नीचे सभी माह के लिंक दिए गये हैं। उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2025 प्रश्न 1 :  भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) का विशिष्ट फेलो के लिए चुना गया है? a) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  b) डॉ. अनिल प्रकाश जोशी को c) आईएस दीपक रावत d) शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत व्याख्या : डॉ. अनिल प्रकाश जोशी को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) का विशिष्ट फेलो चुना गया है। डॉ. जोशी 'हैस्को' (HESCO) के संस्थापक हैं और इन्हें 'माउंटेन मैन' और 'अशोका फेलो' के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें पूर्व में पद्म श्री (2006) और पद्म भूषण (2020) से सम्मानित किया जा चुका है। उत्तर: b) डॉ. अनिल प्रकाश जोशी को प्रश्न 2 : देहरादून में आयोजित वैली ऑफ वर्ड्स (VOW) लिटरेसी फेस्टिवल 2025 के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है? a) यह देहरादून में आयोजित हुआ b...

Uttarakhand October Current Affairs 2025

Uttarakhand October Current Affairs 2025  देवभूमि उत्तराखंड द्वारा बेवसाइट पर जनवरी से दिसंबर तक के पिछले 2 वर्ष के करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जो आगामी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सभी करेंट अफेयर्स को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा उत्तराखंड लोवर पीसीएस परीक्षा 2026 में भी 20-22 प्रश्न पूछे जाते हैं। अतः सभी प्रश्नों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें। उत्तराखंड स्पेशल करेंट अफेयर्स 2025 प्रश्न 1 : देवलेश्वर महादेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी मेले की अनूठी विशेषता क्या है? a) रामलीला का मंचन b) 'चक्रव्यूह' नाटक का मंचन c) कृष्ण लीला का प्रदर्शन d) दुर्गा पूजा व्याख्या: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित गगवाडस घाटी में सिद्धपीठ श्री देवलेश्वर महादेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी मेले का आयोजन किया जाता है। हालांकि, प्रसिद्ध बैकुंठ चतुर्दशी मेला मुख्य रूप से श्रीनगर स्थित कमलेश्वर महादेव मंदिर में लगता है, लेकिन इस मंदिर में भी इसका आयोजन होता है। इस मेले की शुरुआत डांग गांव से आने वाली शिव ध्वजा यात्रा से होती है। इस धार्मिक उत्सव की एक अनूठी विशेषता यह है कि यहाँ महाभा...

Uttarakhand Current Affairs (Part -2)

उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 2025  नवंबर माह के सभी महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स  (भाग -2) प्रश्न 11 : डब्ल्यूएचओ कोलाबोरेटिंग सेंटर फॉर इमरजेंसी एंड ट्रोमा केयर, एम्स दिल्ली द्वारा नैनीताल में किस सम्मेलन का आयोजन किया गया? a) विज्ञान कांग्रेस 2025 b) बौद्धा सम्मेलन 2025 c) पीजी आइकॉन 2025 d) अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन 2025 व्याख्या: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के काया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, भुजियाघाट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 'पीजी आइकॉन 2025' का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन का आयोजन पाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, हल्द्वानी द्वारा डब्ल्यूएचओ कोलाबोरेटिंग सेंटर फॉर इमरजेंसी एंड ट्रोमा केयर, एम्स दिल्ली के सहयोग से किया गया।  राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को वेलनेस टूरिज्म और प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनाना है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए गढ़वाल और कुमाऊं में एक-एक इकोनॉमिक स्पिरिचुअल जोन स्थापित किए जाएँगे। c) पीजी आइकॉन 2025 प्रश्न 12 : 'आदर्श चंपावत' लोगो के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है? a)...

Uttarakhand current affairs 2025 (November)

उत्तराखंड नवंबर माह करेंट अफेयर्स 2025  वर्तमान परीक्षाओं में पिछले दो वर्षों के बीच घटित घटनाओं से प्रश्न पूछे गये हैं। इसलिए देवभूमि उत्तराखंड ने यह निर्णय लिया है कि बीते दो वर्ष के सभी उत्तराखंड स्पेशल करेंट अफेयर्स उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी करेंट अफेयर्स वर्तमान पैटर्न पर आधारित होंगे किंतु साथ में व्याख्या भी की जाएगी। तथा अभ्यास हेतु आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं। Uttarakhand Current Affairs 2025 जनवरी से दिसम्बर तक........ कुल 2000 + बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ प्रश्न 1. भूभौतिकीय वेधशाला (MPGO) का मुख्य उद्देश्य क्या है? a) मौसम पूर्वानुमान b) भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं के लिए अग्रिम चेतावनी c) कृषि उत्पादन बढ़ाना d) पर्यटन विकास व्याख्या : नवंबर 2025 में (MPGO) उत्तराखंड के मसूरी में भारतीय भूचुंबकता संस्थान द्वारा बहुआयामी भूभौतिकीय वेधशाला (MPGO) की स्थापना का शिलान्यास किया गया है। यह हाईटेक वेधशाला सर्वे ऑफ इंडिया कैंपस, लैंडौर रोड पर स्थापित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य हिमालयी क्षेत्रों (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम) में आने वाले भूकंप, भू...

Current affairs 2026 (Part -01)

करेंट अफेयर्स 2026  नवंबर माह के राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स  बहुआयामी निर्धनता सूचकांक (MPI) 2025  सूचकांक का परिचय जारीकर्ता: यह सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (OPHI) द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया जाता है। मापदंड: यह निर्धनता को तीन आयामों (स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर) तथा 10 संकेतकों के आधार पर मापता है।  निर्धनता की परिभाषा: यदि कोई व्यक्ति इन 10 संकेतकों में से एक तिहाई (1/3) या अधिक में वंचना (Deprivation) का सामना करता है, तो उसे बहुआयामी निर्धन माना जाता है। वैश्विक निष्कर्ष निर्धन आबादी: अध्ययन की गई 6.3 बिलियन आबादी में से लगभग 1.1 बिलियन लोग बहुआयामी निर्धनता में जीवन यापन कर रहे हैं। क्षेत्रीय संकेंद्रण: बहुआयामी निर्धनता में रहने वाले लोगों में से 83.2% आबादी केवल दो क्षेत्रों में केंद्रित है: उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र दक्षिण एशिया क्षेत्र भारत की स्थिति एवं प्रगति निर्धनता में कमी (उपलब्धि): भारत में बहुआयामी निर्धनता दर 55.1% (2005-06) से घटकर 16.4% (2019-21) हो गई है। गरीबी से बाहर:...

राजी जनजाति का संपूर्ण परिचय (Raaji Janjaati)

राजी जनजाति का संपूर्ण  परिचय  उत्तराखंड की जनजातियां (भाग - 5) राजी जनजाति उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में निवास करने वाली एक अत्यंत छोटी और लुप्तप्राय अनुसूचित जनजाति है। इसे "बनरौत" या "जंगल का राजा" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ये लोग मुख्यतः जंगलों में रहते हैं और प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव रखते हैं। राजी जनजाति की आबादी बहुत कम है, और यह विलुप्त होने के कगार पर है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसकी स्थिति पर चिंता जताई है।  राजी जनजाति उत्तराखंड की सबसे प्राचीन और आदिम जनजातियों में से एक है। यह माना जाता है कि ये लोग प्राचीन काल से पिथौरागढ़ और चंपावत के जंगलों में निवास करते आए हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि राजी जनजाति का संबंध प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड या ऑस्ट्रो-एशियाटिक समूहों से हो सकता है, जो प्राचीन भारत में बसे थे। उनकी बोली, जिसे "मुण्डा" कहा जाता है, में तिब्बती और संस्कृत शब्दों की अधिकता देखी जाती है, जो उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों को दर्शाती है। राजी जनजाति के लोग काष्ठ कला में निपुण होते हैं और उनके आवासों क...

टनकपुर हिल स्टेशन : कुमाऊं का पूर्वी द्वार

कुमाऊं का पूर्वी द्वार : टनकपुर  उत्तराखंड की धरती का एक अनमोल रत्न — टनकपुर,  चंपावत जिले का सबसे घनी आबादी वाला नगर और एक प्रमुख रेलवे स्टेशन। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी यह इलाका सिर्फ घने वनों का घर था?  आइए, चलें एक ऐसे सफर पर जहाँ ब्रह्मा का यज्ञ, अंग्रेजों की बसाहट, और हिमालय की हवाओं की खुशबू मिलकर एक बनी है अनोखी कहानी  वन से नगर तक : टनकपुर का जन्म उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध तक, यह इलाका पूर्णतः वनों से आच्छादित था। नेपाल की सीमा से सटा टनकपुर उस समय एक छोटा-सा गाँव था। यहाँ से तीन मील दूर कत्यूरी वंश के अंतिम राजा द्वारा ब्रह्मदेव मंडी स्थापित की गई थी। किन्तु प्रकृति की लीला देखिए, एक दिन भूस्खलन ने पूरी मंडी को जमीन में समा दिया। आज उस नगर के सिर्फ नाम और कथाएँ ही शेष हैं। ब्रह्मा का यज्ञ और रहस्यमयी कांकर घाट लोककथाओं के अनुसार, कभी सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने शारदा नदी के तट पर, कांकर घाट में एक विशाल यज्ञ किया था। आज भी वहाँ प्राचीन यज्ञस्थली, हवनकुंड और नगर के भग्नावशेष बिखरे हैं मानो अतीत की कहानियाँ हवा में तैर रही हों। यही नहीं, कहा जाता है कि गढ़...