Uksssc Mock Test -214 Uksssc Vdo/Vpdo Mock Test -214 1) स्थानीय भाषा में अदरक को क्या कहा जाता है (A) आद् (B) अदरक (C) अदरख (D) सभी (2) 'बाँधो न नाव इस ठाँव' के लेखक हैं- (a) मुक्तिबोध (b) जयशंकर प्रसाद (c) निराला (d) महादेवी वर्मा (3) सरसों मुस्काई खेतों में, आमों ने पहने बौर।’ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? a) रूपक b) उपमा c) मानवीकरण d) अनुप्रास (4) सही पर्यायवाची शब्द युग्म चुनिए: a) पुस्तक – पुस्तकालय b) बालक – बालिका c) वन – जंगल d) सर्दी – गर्म (5) “लंबा आदमी' वाक्य में 'लंबा' कौन-सा पद है? a) क्रिया b) विशेषण c) संज्ञा d) सर्वनाम (6) सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियां के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। सूची-I। सूची-II अलंकार। उदाहरण a. उपमा 1. वह फूल-सी कोमल है। b. रूपक 2. वह तो शेर है। c. अनुप्रास 3. चंचल चपल चारु चितवन चुराए मन d. यमक 4. राम...
उत्तराखंड का भू-कानून
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी।
क्या है उत्तराखंड का वर्तमान भू-कानून ?
वर्तमान में लागू भू-कानून के तहत एक व्यक्ति को 250 वर्गमीटर जमीन ही खरीद सकता है। लेकिन व्यक्ति के अपने नाम से 250 वर्गमीटर जमीन खरीदने के बाद पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो ऐसे लोगों को मुश्किल आ सकती है। तय सीमा से ज्यादा खरीदी गई जमीन को सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगी।
यह कानून केवल बाहरी राज्यों के लोगाें पर लागू है। उत्तराखंड के स्थायी निवासी कितनी भी जमीन खरीद सकते हैं।
भू-कानून का इतिहास
राज्य में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद सीमित करने के लिए वर्ष 2003 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन किया और राज्य का अपना भूमि कानून अस्तित्व में आया। इस संशोधन में बाहरी लोगों को कृषि भूमि की खरीद 500 वर्ग मीटर तक सीमित की गई। वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी ने संशोधन कर भूमि खरीद की सीमा घटाकर 250 वर्ग मीटर की।
2018 में भाजपा के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जेडएएलआर एक्ट में संशोधन कर, उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से पहाड़ में जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा और किसान होने की बाध्यता खत्म कर दी। साथ ही, कृषि भूमि का भू उपयोग बदलना आसान कर दिया। पहले पर्वतीय फिर मैदानी क्षेत्र भी इसमें शामिल किए गए।
जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक हिमालयी राज्यों ने अपनी जमीनें सुरक्षित की हैं, सिर्फ उत्तराखंड ही एकमात्र राज्य है जहां कोई भी आकर जमीन खरीद सकता है।
भू-कानून में बदलाव की सिफारिश
- 2018 के संशोधन में व्यवस्था की गई थी कि खरीदी गई भूमि का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया जाता या किसी अन्य को बेचा जाता है तो वह राज्य सरकार में निहित हो जाएगी।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने सिंगल विंडो एक्ट लागू किया। इसके तहत खरीदी गई कृषि भूमि को गैर कृषि घोषित करने के बाद वह राज्य सरकार में निहित नहीं की जा सकती।
- धामी सरकार ने भू-सुधार के लिए एक समिति भी गठित की। इस समिति ने वर्ष 2022 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसमें सख्त भू कानून लाने के लिए सुझाव दिए गए।
- धामी सरकार उत्तराखंड में भू-कानून 1952 लागू करने की सिफारिश की है।
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